-गरमाया अधिकारियों पर एफआईआर वापस न लेने का मामला,
-शहर में हुई कनिष्ठ प्रशासनिक संघ (तहसीलदार) ने बैठक
भोपाल।
राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों पर सीधे एफआईआर दर्ज करने का मामला गरमाता दिखाई देने लगा है। राजधानी में रविवार को हुई कनिष्ठ प्रशासनिक संघ (तहसीलदार) की बैठक में निर्णय लिया गया कि यादि शहडोल तहसीलदार धर्मेंद्र मिश्रा और एसडीएम श्री पाण्डे के खिलाफ दर्ज एफआईआर वापस नहीं ली जाती है तो प्रदेश भर के तहसीलदार सामूहिम अवकाश ले हड़ताल पर जाएंगे।
संघ की बैठक प्रदेशाध्यक्ष बीए त्रिपाठी के नेतृत्व में हुई। उल्लेखनीय है न्यायालयीन प्रकरण में अपील करने के बजाय एएसआई ने एक व्यक्ति के आवेदन पर सीधे शहडोल तहसीलदार और एसडीएम पर एफआईआर दर्ज कर ली है।
संघ के प्रवक्ता अतुल सिंह ने कहा, इस संबंध में मुख्यमंत्री को संघ का प्रतिनिधि मंडल सोमवार को मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव को एक ज्ञापन सौंपेगा। इसमें एफआईआर वापस लेने को कहा जाएगा। ज्ञापन में एफआईआर वापस लेने के लिए 27 सितंबर तक का समय संघ द्वारा दिया जाएगा। साथ ही कमिश्नर व कलेक्टार्स को भी तहसीलदार ज्ञापन सौंपेंगे।
इस ज्ञापन के बाद 27 सितंबर तक एफआईआर वापस नहीं ली जाती है तो प्रदेश के तहसीलदार लामबंद होने को मजबूर होंगे। इसके साथ वह पूरी तरह से कार्यालयीन कलमबंदी करेंगे।
-अब तक जो आया सामने
बताया जाता है कि बीते दिनों जमीन के नामांतरण के मामले में शहडोल तहसीलदार व एसडीएम न्यायालय द्वारा एक आदेश दिया गया था। इसमें बताया गया था, जो पक्ष हार गया था, उसने तहसीलदार व एसडीएम पर जमीन के फर्जी नामांतरण का आरोप लगाते हुए शहडोल एएसआई को एक शिकायत दी। इस पर उसने एफआईआर दर्ज करने की मांग की। शिकायत को आधार मान एएसआई ने एफआईआर दर्ज भी कर ली। इस पर संघ और श्री सिंह का कहना है कि यदि किसी पक्ष को न्यायलयीन आदेश न्यायोचित नहीं लगता है तो वह उसकी ऊपरी अदालत में कर सकता है। ऐसे में सीधे एफआईआर दर्ज करना और शिकायत को एएसआई द्वारा आधार मानना गलत है। इससे पहले एएसआई को कोर्ट द्वारा दिए गए आदेश का अवलोकन करना चाहिए था।
-शहर में हुई कनिष्ठ प्रशासनिक संघ (तहसीलदार) ने बैठक
भोपाल।
राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों पर सीधे एफआईआर दर्ज करने का मामला गरमाता दिखाई देने लगा है। राजधानी में रविवार को हुई कनिष्ठ प्रशासनिक संघ (तहसीलदार) की बैठक में निर्णय लिया गया कि यादि शहडोल तहसीलदार धर्मेंद्र मिश्रा और एसडीएम श्री पाण्डे के खिलाफ दर्ज एफआईआर वापस नहीं ली जाती है तो प्रदेश भर के तहसीलदार सामूहिम अवकाश ले हड़ताल पर जाएंगे।
संघ की बैठक प्रदेशाध्यक्ष बीए त्रिपाठी के नेतृत्व में हुई। उल्लेखनीय है न्यायालयीन प्रकरण में अपील करने के बजाय एएसआई ने एक व्यक्ति के आवेदन पर सीधे शहडोल तहसीलदार और एसडीएम पर एफआईआर दर्ज कर ली है।
संघ के प्रवक्ता अतुल सिंह ने कहा, इस संबंध में मुख्यमंत्री को संघ का प्रतिनिधि मंडल सोमवार को मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव को एक ज्ञापन सौंपेगा। इसमें एफआईआर वापस लेने को कहा जाएगा। ज्ञापन में एफआईआर वापस लेने के लिए 27 सितंबर तक का समय संघ द्वारा दिया जाएगा। साथ ही कमिश्नर व कलेक्टार्स को भी तहसीलदार ज्ञापन सौंपेंगे।
इस ज्ञापन के बाद 27 सितंबर तक एफआईआर वापस नहीं ली जाती है तो प्रदेश के तहसीलदार लामबंद होने को मजबूर होंगे। इसके साथ वह पूरी तरह से कार्यालयीन कलमबंदी करेंगे।
-अब तक जो आया सामने
बताया जाता है कि बीते दिनों जमीन के नामांतरण के मामले में शहडोल तहसीलदार व एसडीएम न्यायालय द्वारा एक आदेश दिया गया था। इसमें बताया गया था, जो पक्ष हार गया था, उसने तहसीलदार व एसडीएम पर जमीन के फर्जी नामांतरण का आरोप लगाते हुए शहडोल एएसआई को एक शिकायत दी। इस पर उसने एफआईआर दर्ज करने की मांग की। शिकायत को आधार मान एएसआई ने एफआईआर दर्ज भी कर ली। इस पर संघ और श्री सिंह का कहना है कि यदि किसी पक्ष को न्यायलयीन आदेश न्यायोचित नहीं लगता है तो वह उसकी ऊपरी अदालत में कर सकता है। ऐसे में सीधे एफआईआर दर्ज करना और शिकायत को एएसआई द्वारा आधार मानना गलत है। इससे पहले एएसआई को कोर्ट द्वारा दिए गए आदेश का अवलोकन करना चाहिए था।
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