भोपाल।
राजधानी में ऐसे चार स्थान हैं, जहां के पोलिंग बूथ पर मोबाइल नेटवर्क नहीं है। जिला प्रशासन ने सूचनातंत्र मजबूत करने यहां पुलिस के वायरलेस के जरिए कनेक्टिविटी रखने की तैयारी की है।
इस चुनावी कार्य के लिए आयोग ने भी मंजूरी दे दी है। यह बात कलेक्टर निशांत वरवड़े ने सोमवार को कलेक्टर कार्यालय में पत्रकारों चर्चा में कही। उन्होंने बताया, नेटवर्किंग प्रोब्लम तहसील बैरसिया में भी लिहाजा, ऐसे स्थानों को चिन्हित कर लिया गया है। इन स्थानों को ध्यान में रखते हुए पुलिस नेटवर्क की सहायता लेकर कम्युनिकेशन किया जाएगा। क्या इस बार से ही ‘राइट-टू-रिजेक्ट’ का बटन ईवीएम मशीन में शामिल करने जा रहे हैं, इस पर वह बोले अभी चुनाव आयोग से किसी प्रकार के निर्देश प्राप्त नहीं हुए हैं।
निर्देश मिलते हैं तो उसका पालन किया जाएगा। कलेक्टर ने कहा कि सोशल वेबसाइटों के संबंध में भी अभी तक कोई निर्देश आदेश नहीं मिले हैं। कलेक्टर वरवड़े के मुताबिक चुनाव की अधिसूचना के बाद वोट पड़ने के सात दिनों तक वोटर आईडी कार्ड बनाए जाएंगे। वहीं कलेक्टर ने मीडिया के माध्यम से लोगों से अपील की है कि अधिक से अधिक संख्या में अपने मताधिकार का प्रयोग करें। कलेक्टर का कहना था कि मतदाताओं को जागरूक करने में मीडिया की महत्वपूर्ण भूमिका है। मीडिया को इसे मिशन की तरह करना चाहिए।
शिकायत कक्ष शुरू
कलेक्टर कार्यालय के कक्ष क्रमांक-146 में शिकायत निवारण प्रकोष्ठ का गठन किया गया है। इसमें दूरभाष क्रमांक 27330557, 2730567 पर हंटिंग लाईन के माध्यम से मतदाताओं की शिकायतों का निवारण किया जाएगा। वहीं एक टोल फ्री नंबर भी स्थापित किया जा रहा है। जहां पर लोग शिकायत कर सकते हैं।
सिर्फ कांग्रेस से बीएलए
कलेक्टर ने बताया, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने विधानसभा क्षेत्र क्रमांक 150 और 153 में बीएलए के नियुक्ति के लिए आवेदन दिया था। प्रशासन ने बीएलए के परिचय-पत्र बना कांग्रेस को दिए हैं। किसी अन्य दल के कार्यकर्ता-पदाधिकारियों ने जिला प्रशासन को बीएलए बनाने के लिए आवेदन नहीं दिया है। अगर वह देते हैं तो इस पर विचार किया जाएगा।
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