-बैरसिया विकासखंड का मामला, कलेक्टर ने बैठक में लगाई फटकार
भोपाल।
बैरसिया विकासखंड के ग्रामों में उल्टी दस्त के चलते जो मौतें हुई, उसकी प्रमुख वजह यहां का अशुद्ध जल है। लेकिन तत्काल कार्रवाई करने व जल की वैकल्पिक व्यवस्था करने में पीएचई विभाग का अमला फेल रहा। पदस्थ ऐसे निष्क्रिय अधिकारी-कमर्चारियों पर अब तक क्यों कार्रवाई नहीं की गई। यह निर्देश सोमवार को कलेक्टर कार्यालय में आयोजित टाईम लिमिट (टीएल) बैठक में कलेक्टर निशांत वरवड़े ने पीएचई के कायर्पालन यंत्री को दिए।
उन्होंने कहा, स्वास्थ्य विभाग को देखिए निचले क्रम के कर्मचारियों ने सहयोग दिया, जिन्होंने निष्क्रियता दिखाई उन पर कारर्वाई हो चुकी है, तो आप क्यों चुप बैठी हैं और क्यों अधिकारी-कमर्चारियों को बचा रहीं है। उन पर स त कारर्वाई की जाए।
इस दौरान उन्होंने पीएचई के विभागीय कमर्चारियों व ईई के पिछली बैठक में उपस्थित न होने पर कायर्पालन यंत्री को खासी फटकार भी लगाई। उन्होंने साफ कहा कि दो दिन के भीतर ऐसे निष्क्रिय कमर्चारियों पर कारर्वाई कर रिपोर्ट प्रस्तुत करें नहीं तो उनके खिलाफ कारर्वाई की तैयारी की जाएगी। उन्होंने कहा कि अधिकारियों से कहा कि वे अपनी जि मेदारी को समझें, केवल कार्यालय के अधीनस्थ कमर्चारियों द्वारा की गई कारर्वाई पर ही निर्भर नहीं रहें बल्कि खुद भी मौका मुआयना करें। कार्य को समझें और जरूरत के मुताबिक निर्णय लें। उन्होंने टाईम लिमिट में रखे गए मामलों को लेकर भी सभी अधिकारी हिदायत दी कि जिन पत्रों को टाइम लिमिट के तहत लिया जाता है उनका जवाब उन्हें तयशुदा समय में ही देना है और प्रकरणों का निराकरण भी करना है। बैठक में मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत राकेश श्रीवास्तव, एडीएम बसंत कुर्रे, बीएस जामोद और अन्य अधिकारी मौजूद थे।
-...और जताई नाराजगी
कलेक्टर श्री वरवड़े ने निर्वाचन के लिए तैयार किए जा रहे डाटाबेस में कार्यालय प्रमुखों द्वारा अपने अधीनस्थ अधिकारियों-कमर्चारियों की ईपीक नंबर सहित सूची नहीं भेजने पर नाराजगी जाहिर की। उन्होंने कहा कि यह स्थिति ठीक नहीं है। बार-बार निर्देश देने के बावजूद कार्यालय प्रमुखों द्वारा इस ओर ध्यान नहीं दिया जाना अनुशासनहीनता की स्थिति में आता है। उनके खिलाफ जल्द ही कारर्वाई की जाएगी।
-सूचना देना जरूरी
कलेक्टर ने सभी को निर्देश दिया कि बैठक में नहीं आ पा रहे हैं तो इसकी सूचना दें, बिना सूचना दिए अनुपस्थित न हों। मार्केटिंग फेडरेशन के डिस्ट्रिक्ट प्रोजेक्ट मैनेजर के अनुपतिस्थत होने पर वे नाराजगी व्यक्त कर रहे थे। कलेक्टर ने कहा, ऐसा करने वाले अधिकारियों को खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। जो अधिकारी बैठक में उपस्थित नहीं हो पा रहा है, वह अपनी जगह अन्य प्रतिनिधि को भेजे।
भोपाल।
बैरसिया विकासखंड के ग्रामों में उल्टी दस्त के चलते जो मौतें हुई, उसकी प्रमुख वजह यहां का अशुद्ध जल है। लेकिन तत्काल कार्रवाई करने व जल की वैकल्पिक व्यवस्था करने में पीएचई विभाग का अमला फेल रहा। पदस्थ ऐसे निष्क्रिय अधिकारी-कमर्चारियों पर अब तक क्यों कार्रवाई नहीं की गई। यह निर्देश सोमवार को कलेक्टर कार्यालय में आयोजित टाईम लिमिट (टीएल) बैठक में कलेक्टर निशांत वरवड़े ने पीएचई के कायर्पालन यंत्री को दिए।
उन्होंने कहा, स्वास्थ्य विभाग को देखिए निचले क्रम के कर्मचारियों ने सहयोग दिया, जिन्होंने निष्क्रियता दिखाई उन पर कारर्वाई हो चुकी है, तो आप क्यों चुप बैठी हैं और क्यों अधिकारी-कमर्चारियों को बचा रहीं है। उन पर स त कारर्वाई की जाए।
इस दौरान उन्होंने पीएचई के विभागीय कमर्चारियों व ईई के पिछली बैठक में उपस्थित न होने पर कायर्पालन यंत्री को खासी फटकार भी लगाई। उन्होंने साफ कहा कि दो दिन के भीतर ऐसे निष्क्रिय कमर्चारियों पर कारर्वाई कर रिपोर्ट प्रस्तुत करें नहीं तो उनके खिलाफ कारर्वाई की तैयारी की जाएगी। उन्होंने कहा कि अधिकारियों से कहा कि वे अपनी जि मेदारी को समझें, केवल कार्यालय के अधीनस्थ कमर्चारियों द्वारा की गई कारर्वाई पर ही निर्भर नहीं रहें बल्कि खुद भी मौका मुआयना करें। कार्य को समझें और जरूरत के मुताबिक निर्णय लें। उन्होंने टाईम लिमिट में रखे गए मामलों को लेकर भी सभी अधिकारी हिदायत दी कि जिन पत्रों को टाइम लिमिट के तहत लिया जाता है उनका जवाब उन्हें तयशुदा समय में ही देना है और प्रकरणों का निराकरण भी करना है। बैठक में मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत राकेश श्रीवास्तव, एडीएम बसंत कुर्रे, बीएस जामोद और अन्य अधिकारी मौजूद थे।
-...और जताई नाराजगी
कलेक्टर श्री वरवड़े ने निर्वाचन के लिए तैयार किए जा रहे डाटाबेस में कार्यालय प्रमुखों द्वारा अपने अधीनस्थ अधिकारियों-कमर्चारियों की ईपीक नंबर सहित सूची नहीं भेजने पर नाराजगी जाहिर की। उन्होंने कहा कि यह स्थिति ठीक नहीं है। बार-बार निर्देश देने के बावजूद कार्यालय प्रमुखों द्वारा इस ओर ध्यान नहीं दिया जाना अनुशासनहीनता की स्थिति में आता है। उनके खिलाफ जल्द ही कारर्वाई की जाएगी।
-सूचना देना जरूरी
कलेक्टर ने सभी को निर्देश दिया कि बैठक में नहीं आ पा रहे हैं तो इसकी सूचना दें, बिना सूचना दिए अनुपस्थित न हों। मार्केटिंग फेडरेशन के डिस्ट्रिक्ट प्रोजेक्ट मैनेजर के अनुपतिस्थत होने पर वे नाराजगी व्यक्त कर रहे थे। कलेक्टर ने कहा, ऐसा करने वाले अधिकारियों को खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। जो अधिकारी बैठक में उपस्थित नहीं हो पा रहा है, वह अपनी जगह अन्य प्रतिनिधि को भेजे।
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