-लिंक रोड की तर्ज पर होगा काम, सड़क सुरक्षा समिति की बैठक मे हुआ निर्णय
भोपाल।
नए शहर के लिंक रोड नम्बर-1,2 और 3 की तरह अन्य प्रमुख सड़कों की नंबरिंग होगी। अन्य सड़कों को भी नम्बर दिए जाएंगे, जिससे टेक्निकली परेशानी न हो। नंबरिंग का काम सीपीए, बीडीएम , नगर निगम, पीडब्ल्यूडी और हाउसिंग बोर्ड करेंगी।
कलेक्टर कार्यालय में गुरुवार को हुई सड़क सुरक्षा समिति की बैठक में यह निर्णय लिया गया। बैठक में कलेक्टर निशांत वरवड़े ने बताया, शहर की 60 सड़कों की नम्बरिंग की जाएगी। जिन सड़कों को नम्बर दिए जाएंगे, उन्हीं सड़कों के किनारे इसको नंबर दर्शाते हुए साईनेज बोर्ड भी लगवाएंगे। जिन सड़कों की नंबरिंग होगी, इसे गूगल मेप पर की गई है। यह नंबरिंग एक कंसल्टेंट एजेंसी के माध्यम से की गई है। इस नंबरिंग के माध्यम से नागरिकों को यातायात की सुविधा बेहतर तरीके से मुहैया कराई जा सकती है। यहीं नहीं अधिकारियों ने इस नंबरिंग के कई फायदें भी गिनाए। सड़कों को नम्बर दिए जाने के फायदे गिनाते हुए श्री वरवड़े ने बताया, इसका प्रत्यक्ष फायदा शहर घूमने आने वाले पर्यटकों को होगा। वह मैप के आधार पर सड़कों की लोकेशन ढूंड सकेंगे। बैठक में सभी पांचों विभागों के अधिकारियों को गूगल मैप में सड़कों पर की गई नंबरिंग के आधार पर नंबरिंग करने के निर्देश दिए। बैठक में पार्किंग सहित अन्य मुद्दों को लेकर भी चर्चा की गई। बैठक में क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी सहित नगर निगम, सीपीए, लोक निर्माण विभाग और यातायात पुलिस के अधिकारी भी मौजूद थे।
भोपाल।
नए शहर के लिंक रोड नम्बर-1,2 और 3 की तरह अन्य प्रमुख सड़कों की नंबरिंग होगी। अन्य सड़कों को भी नम्बर दिए जाएंगे, जिससे टेक्निकली परेशानी न हो। नंबरिंग का काम सीपीए, बीडीएम , नगर निगम, पीडब्ल्यूडी और हाउसिंग बोर्ड करेंगी।
कलेक्टर कार्यालय में गुरुवार को हुई सड़क सुरक्षा समिति की बैठक में यह निर्णय लिया गया। बैठक में कलेक्टर निशांत वरवड़े ने बताया, शहर की 60 सड़कों की नम्बरिंग की जाएगी। जिन सड़कों को नम्बर दिए जाएंगे, उन्हीं सड़कों के किनारे इसको नंबर दर्शाते हुए साईनेज बोर्ड भी लगवाएंगे। जिन सड़कों की नंबरिंग होगी, इसे गूगल मेप पर की गई है। यह नंबरिंग एक कंसल्टेंट एजेंसी के माध्यम से की गई है। इस नंबरिंग के माध्यम से नागरिकों को यातायात की सुविधा बेहतर तरीके से मुहैया कराई जा सकती है। यहीं नहीं अधिकारियों ने इस नंबरिंग के कई फायदें भी गिनाए। सड़कों को नम्बर दिए जाने के फायदे गिनाते हुए श्री वरवड़े ने बताया, इसका प्रत्यक्ष फायदा शहर घूमने आने वाले पर्यटकों को होगा। वह मैप के आधार पर सड़कों की लोकेशन ढूंड सकेंगे। बैठक में सभी पांचों विभागों के अधिकारियों को गूगल मैप में सड़कों पर की गई नंबरिंग के आधार पर नंबरिंग करने के निर्देश दिए। बैठक में पार्किंग सहित अन्य मुद्दों को लेकर भी चर्चा की गई। बैठक में क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी सहित नगर निगम, सीपीए, लोक निर्माण विभाग और यातायात पुलिस के अधिकारी भी मौजूद थे।
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