रविवार, 31 मार्च 2013

अध्यक्ष जस्टिस मार्कण्डेय काटजू ने-दावा किया कि भारत की जनता भेड़-बकरियों की तरह मतदान करती है

भारतीय प्रेस परिषद (पीसीआई) के अध्यक्ष जस्टिस मार्कण्डेय काटजू ने शनिवार को दावा किया कि भारत की जनता भेड़-बकरियों की तरह मतदान करती है। काटजू ने यह भी कहा कि वह चुनावों में मतदान नहीं करेंगे क्योंकि ऐसी स्थिति में यह ''अर्थहीन'' है जब लोकतंत्र को सामंतों ने अगवा कर लिया हो।'हेडलाइंस टुडे' न्यूज चैनल से बातचीत में काटजू ने कहा, ''90 फीसदी भारतीय भेड़-बकरियों की तरह झुंड में मतदान करते हैं। वे भेड़ों के झुंड की तरह हैं जो जाति और धर्म के आधार पर मतदान करते हैं। यह एक कड़वी सच्चाई है। और चूंकि भारत की जनता पशुधन की तरह मतदान करती है, लिहाजा संसद में इतने अपराधी हैं।''बीते एक पखवाड़े से अपने बयानों से सुर्खियों में रहे काटजू ने कहा, ''मैं मतदान नहीं करूंगा क्योंकि मेरा मत अर्थहीन है। हमारा लोकतंत्र अब भी संक्रमण काल से गुजर रहा है और सामंतों ने उसे अगवा कर लिया है। जाट, मुसलमान, यादव या हरिजन के नाम देखकर मतदान किए जाते हैं। लोकतंत्र इस तरह चलने के लिए नहीं है। मेरे एक वोट से कोई फर्क नहीं पड़ेगा। जानवरों की झुंड में शामिल होकर मैं अपना वक्त भला क्यों बर्बाद करूं ?''
सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश काटजू ने कहा कि यहां तक कि वकील और प्रोफेसर जैसे समाज के संभ्रात लोग भी जाति आधार पर वोट डालते हैं और उन्होंने इलाहाबाद बार और विश्वविद्यालय में ऐसा होते देखा है। उन्होंने कहा, ''मैं पूर्णरूपेण धर्मनिरपेक्ष व्यक्ति हूं और धर्मनिरपेक्ष होने पर यदि मुझे कांग्रेसजन करार दिया जाता है तो आप ऐसा दृष्टिकोण रखने के लिए स्वतंत्र हैं। मैं सांप्रदायिक ताकतों के खिलाफ हूं। यह विविधता का देश है और यदि हम सभी को साथ लेकर नहीं चलेंगे तो हम एक दिन भी नहीं जिंदा रह सकते।''गौरतलब है कि काटजू हाल ही में संजय दत्त को माफी दिए जाने की वकालत कर चुके हैं। इससे पहले वो गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रधानमंत्री पद को लेकर हो रही दावेदारी पर भी सवाल खड़े कर चुके हैं। इसके साथ ही काटजू ने बिहार में प्रेस की स्वतंत्रता को लेकर नीतीश सरकार पर भी हमला बोला था।

लक्ष्य ५२० का ५५० करोड़ का मिला राजस्व-रजिस्ट्री कराने वालों की लग रही भीड़


-जिला पंजीयन कार्यालय में आज भी होंगी रजिस्ट्रियां 
भोपाल। 
जिला पंजीयक कार्यालय का इस वित्तीय वर्ष में रजिस्ट्रियों से ५२० निर्धारित लक्ष्य से ५५० करोड़ रुपए का राजस्व प्राप्त किया है। हालांकि रविवार को छुटी और रंगपंचमी होने के बाद भी रजिस्ट्रियां होंगी। वहीं ट्रेजरी दफ्तर भी खुला रखा जाएगा। 
१ अप्रैल से लागू होने वाले नई कलेक्टर गाइडलाइन में जमीनों के दामों में इजाफा हो रहा है। इसी को देखते हुए शहर में प्लाट, भूखंड, मकान, दुकान और जमीनों की रजिस्ट्री होने में तेजी दिखाई दे रही है। अवकाश होने के बाद भी वित्तीय वर्ष के अंतिम दिन जिला पंजीयन और उप पंजीयन कार्यालय, जिला कोषालय, बैंक और नगर निगम के राजस्व वसूली कार्यालय खुले रहेंगे। रजिस्ट्री कार्यालय से जुड़े अधिकारियों की माने तो रविवार को ही चार गुना से अधिक के राजस्व में इजाफा होने के संकेत मिल रहे हैं। 

-उमड़ी भीड़ 
बीते ११ दिनों से उपपंजीयक कार्यालयों में रजिस्ट्री कराने वालों की भीड़ देखी जा रही है। प्रति दिन ३०० से ४०० रजिस्ट्रियां हो रही हैं। हालांकि भीड़ पहले भी भीड़ उमड़ी है, लेकिन राजस्व में इस बार की अपैक्षा इतना बढ़ोत्तरी दर्ज नहीं की गई। शनिवार को सुबह १० बजे से ही पंजीयन कार्यालय में रजिस्ट्री कराने वालों की भीड़ बढऩे लगी थी, यह रात 11 बजे तक रही। शनिवार को करीब 3 हजार रजिस्ट्रियां हुईं। उल्लेखनीय है कि नवीन गाइड लाइन में प्रॉपर्टी के दामों में 20 से 150 प्रतिशत तक बढऩे और बजट में 50 लाख से ऊपर की खरीद-फरोख्त पर टैक्स अधिरोपित होने के कारण 1 अप्रैल से रजिस्ट्रियां महंगी होगी। वहीं पेन कार्ड भी अनिवार्य होगा। इसी के चलते बिल्डर्स व डेवलपर्स और साधार व्यक्ति 31 मार्च के पहले रजिस्ट्री कराने पर जोर दे रहा है। 

-लक्ष्य से अधिक पहुंचा राजस्व 
जिला पंजीयन कार्यालय ने वित्तीय वर्ष 2012-13 के लिए निर्धारित 520 करोड के राजस्व लक्ष्य को वित्तीय वर्ष की समाप्ति के एक दिन पहले ही पार कर लिया। शनिवार रात 11 बजे तक  करीब 550 करोड़ रुपए का राजस्व प्राप्त हो चुका था। ऐसे में रविवार को आखिरी दिन उमडऩे वाली भीड़ के मद्देनजर करीब पौने छह सौ करोड़ तक राजस्व मिलने की उम्मीद है। 

छुट्टी के दिन भी सभी पंजीयन कार्यालय खुलेंगे। रजिस्ट्री करवाने में स्टॉम्प की कमी नहीं न इसके लिए जिला कोषालय और अन्य दफ्तर भी खुलेंगे। अब तक करीब 550 करोड़ की राजस्व प्राप्त हो चुका है। लक्ष्य 520 करोड़ रखा गया था। 
नरसिहं तोमर, वरिष्ठ जिला पंजीयक

देर रात तक खुले रहेंगे निगम कार्यालय
नगर निगम ने रंगपंचमी पर्व को देखते हुए निगम मुख्यालय एवं समस्त जोनल कार्यालयों पर करदाताओं की सुविधा के लिये केश काउंटर देर रात तक खुले रखने का निर्णय लिया है। महापौर कृष्णा गौर और कमिश्नर विशेष गढपाले ने करदाताओं से अपील की है कि सम्पतिकर, जलकर व लायसेंस शुल्क का बकाया 31 मार्च, 2013 तक जमा करें। 

स्वरोजगार के जरिए ज्यादा से ज्यादा दें लाभ: कलेक्टर,भोपाल


कलेक्टोरे सभागार में आयोजित जिला स्तरीय निवेश संवद्र्धन साधिकार समिति की बैठक में विभिन्न कार्यक्रमों की समीक्षा करते हुए कलेक्टर निकुंज कुमार श्रीवास्तव ने कहा, उन्होंने कहा कि योजनाओं का लाभ पात्र स्वरोजगारियों को दिलाना और हर पात्र लाभांवित हो इसका प्रयास लगातार जारी रखा जाए। 
इस इस दौरान उन्होंने जिले में व्यापार एवं उद्योग केन्द्र द्वारा संचालित स्वरोजगार योजनाओं में इस वित्तीय वर्ष के दौरान लक्ष्य से अधिक उपलब्धि हासिल करने पर शासकीय अमले की सराहना की। बैठक में सदस्य सचिव और महाप्रबंधक जिला व्यापार एवं उद्योग केंद्र मोहन चतुर्वेदी ने बताया कि रानी दुर्गावती स्वरोजगार योजना में 104 प्रतिशत, दीनदयाल रोजगार योजना में 103 प्रतिशत, प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम में लक्ष्य से 25 प्रतिशत अधिक, मुख्यमंत्री पिछड़ा वर्ग स्वरोजगार योजना में 105 प्रतिशत और मुख्यमंत्री अल्पसंख्यक स्वरोजगार योजना में निर्धारितज लक्ष्य से 28 प्रतिशत अधिक् उपलब्धि हासिल की है। श्री श्रीवास्तव ने कहा, विभागीय अमला लगातार स्वरोजगारियों से संपर्क में रहता है, यह इसी का नतीजा है। बैठक में दो प्रकरणों को प्रवेश कर मुक्ति देने और अन्य दो प्रकरणों में 32 लाख रुपए अनुदान का अनुमोदन भी किया गया। बैठक में लीड बैंक से अशोक पाराशर, एकेवीएन एनएस यादव और सहायक आयुक्त वाणिज्य कर नीरज श्रीवास्तव मौजूद थे। 

 

पर्यावरण का महत्व बताने विद्यार्थियों ने रोपे पौधे,भोपाल


केरियर कॉलेज ऑफ मैनेजमेंट के प्रांगण में विद्यार्थियों ने पर्यावरण का महत्व बताने पौधों का रोपण किया। कॉलेज के एनएसएस (राष्ट्रीय सेवा योजना) यूनिट के छात्रों ने यह पौधे लगाए। इस दौरान कई अलग-अलग गतिविधियों में विद्यार्थियों ने भाग लिया। 
विद्यजनों के नेतृत्व में छात्र-छात्राओं के बीच ग्लोबल वार्मिंग और समाज को पर्यावरण का महत्व बतानें चर्चा भी आयोजित की गई। इसमें विद्यार्थियों ने अपने विचार एक दूसरे से सांझा किए। विद्यार्थियों में हुई चर्चा में पृथ्वी के पर्यावरण में बदलाव, जल का संकट और जीवों के खतरे जैसे गंभीर विषय थे। इस दौरान छात्र-छात्राओं ने संकल्प भी लिया कि समय के साथ वे और अधिक से अधिक पौधे लगाएंगे। वहीं पौधे जब तलक पेड़ नहीं बनते तब तक देखभाल करने का वादा किया। इस अवसर पर डायरेक्टर, डॉ. अजय खरे ने कहा, आजकल हम हर जगह नेचुरल रिसोर्सेज के डिस्ट्रक्शन की बात सुन रहे हैं। सिर्फ पौधारोपण करके हम बहुत ही सरलता से मदद कर सकते हैं। यह एक बहुत ही सरल और बुनियादी कार्य है और सच यह है कि हर एक पेड़ वातावरण को सुधारने में सहायता करता है। 

खबर संशोधित...


नहीं कटेगा केबल, हाईकोर्ट ने जारी किया नोटिस 
-केन्द्र सरकार को १५ अप्रैल तक कोर्ट में देना है जवाब 
दबंग रिपोर्टर, भोपाल
केबल के जरिए चैनल का लुत्फ उठाने वाले उपभोक्ताओं के लिए राहत भरी खबर है। अब उनका केबल आज रात यानी ३१ मार्च को कट नहीं होगा। एक याचिका पर जलबपुर हाईकोर्ट ने केन्द्र सरकार को नोटिस जारी किया है। प्रथम दृष्ट्या सीधे तौर पर उपभोक्ताओं को इसका फायदा मिला है। 
याचिका जबलपुर के लिए लगाई गई है, जिसमें भोपाल-इंदौर को भी शामिल किया है। इस राहत को फिलहाल फौरी तौर पर ही देखा जा रहा है। कारण, न्यायालय ने केन्द्र के सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय को १५ अप्रैल तक कोर्ट में अपने पक्ष में जवाब प्रस्तुत करने को कहा है। इसके बाद निर्णय आगे की सुनवाई में होगा। जबलपुर के अधिवक्ता नरेन्द्र जैन ने याचिका दायर की थी। इस पर न्यायालय की डबल बैंच ने केन्द्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय, टेलीकॉम रेग्यूलेरटी ऑथारिटी ऑफ इंडिया (ट्राई), भास्कर के हेथवे, डीजी केबल और संबंधित अन्य को पार्टी बनाया है। बताया जा रहा है तब तक केबल सेवाओं को बंद या बाधित करने पर पूर्णत: रोक मानी जा सकती है। हालांकि इसका निर्णय सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय को लेना है। इस केस की पेरवी कर रहे अधिवक्ता ग्रीष्म जैन ने बताया कि अभी न्यायालय ने केवल नोटिस जारी किया है, किसी प्रकार का कोई स्टे नहीं दिया है। १५ अप्रैल को सुनवाई की तारीख दी गई है। संभवत: तब किसी प्रकार का निर्णय न्यायालय द्वारा दिया जाएगा। ग्रीष्म ने बताया इसमें जिले के कलेक्टर जोकि नोडल अधिकारी हैं उन्हें भी न्यायालय ने तामिल किया है। उल्लेखनीय है कि केन्द्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने सेट टॉप बाक्स लगाने की अंतिम तिथि ३१ मार्च रखी है। जहां केवल सेवाएं बंद की जा रही हैं उसमें भारत के १५ राज्यों के ३८ शहर शामिल हैं। इसमें मप्र के भोपाल, इंदौर और जबलपुर भी शामिल है। 

-शहर की स्थिति 
राजधानी में वर्तमान में ५ लाख केबल कनेक्शन है। स्थिति पर गौर करें तो अभी सिर्फ २ लाख घरों में ही सेट टॉप बॉक्स लगे हैं। ३ लाख कनेक्शन बाकी हैं। डीजी केबल से जुड़े आदित्य दीक्षित कहते हैं, सेट टॉप बाक्स को लेकर उपभोक्ताओं में जागरुकता की जरूरत है। क्या सेट टॉप बाक्स की आपूर्ति को लेकर दिक्कते हैं? इस सवाल के जवाब में वे बोले ऐसा नहीं है मांग अनुसार बाक्स मगाए जा रहे हैं। हम भी चाहते है डिजीटलाइजेशन हो। इससे सरकार को ही सीधा फायदा होगा। सरकार ने सेट टॉप बाक्स लगाए जाने की घोषणा एक वर्ष पहले की थी। हालांकि केबल बंद होने के डर से कईयों ने आनन-फानन में सेट टॉप बाक्स लगवा लिए हैं। 

-कीमत में हुआ इजाफा 
सेट टॉप बाक्स की डिमांड को देखते हुए इसकी कीमत भी दोगुनी कर दी है। सेट टॉप बॉक्स पहले मार्केट में आया था तब केबल आपरेटर इसे मुफ्त में अपने उपभोक्ता के यहां लगा रहे थे, फिर इसके लिए ५०० रुपए शुल्क लिया जाने लगा। जब से सुचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने सेट टॉप बॉक्स की अनिवार्यता के निर्देश निकलने के बाद बॉक्स १००० से १२०० में लगाए जा रहे हैं। केबल आपरेटरों को उनकी मांग के अनुसार सेट टॉप बॉक्स नहीं मिल पा रहे हैं जिसके लिए उपभोक्तओं को सेट टॉप बाक्स लगवानें के लिए काफी जद्दोजहद करना पड़ रही है। 

-तीन सेवा प्रदाता 
राजधानी में डीजी केबल, सीटी न्यूज और हेथवे केबल तीन सर्विस प्रोवाईडर हैं। यही सेट टॉप बॉक्स लगा रहे हैं। इनके साथ ३५० केबल ऑपरेटर है जो प्रतिदिन अनुमानित १० से १२ हजार सेट टॉप बॉक्स लगा रहे हैं। प्राप्त जानकारी के हिसाब से अभी तक दो लाख घरों में सेट टॉप बाक्स लग चुके हैं। केबल आपरेटरों को एक सेट टॉप बॉक्स लगाने में आधा घंटे का समय लगता है। कोई मनोरंजन से वंचित ना हो और काम्पिटिशन के चलते कोई केबल कनेक्शन ना कटवा ले इसके लिए दिन-रात काम चल रहा है। 

...और स्पष्ट दिखेंगे दृश्य 
बिना सेट टॉप बॉक्स के केबल एनालॉग सिग्नल पर कार्य करता है। सेट टॉप बॉक्स लगने से एनालॉग सिग्नल को डिजिटल सिग्नल में बदल कर पिक्चर क्वलिटी को और बेहतर कर प्रसारित करता है। इसके लिए केबल का वायर पहले सेट टॉप बॉक्स में लगाया जाता है, और वायर सेट टॉप बाक्स में से होता हुआ सीधे टीवी से कनेक्ट होता है जिससे एनालॉग सिग्नल डिजिटल में बदल जाता है।

वर्जन 
कोर्ट ने किसी प्रकार का नोटिस जारी किया है। इसकी जानकारी मुझे नहीं है। चूकिं मामला केंद्र से जुड़ा है हम केवल जिले के केबल आपरेटर्स की बात रखते हैं। जो भी निर्णय मिलेगा वह सर्वमान्य होगा। 
उमाशंकर भार्गव, एडीएम एवं नोडल अधिकारी

अब तक वस्तु स्थिति स्पष्ट नहीं हो पाई है कि केबल सेवाएं बंद होगी या सुचारू रहेंगी। डिजीटलाइजेशन होना चाहिए। इसमें उपभोक्ताओं का जागरुक और वक्त होना जरूरी है। 
राजेश सोनी, हैड, सिटी केबल 

शनिवार, 30 मार्च 2013

आप पत्रकार हैं. ..........


आप को जो सुविधाएं मिल रही हैं उससे आप भली प्रकार से वाकिफ हैं. जमीनी हकीकत एक पत्रकार से बेहतर कोई नहीं जान सकता. अगर कुछ प्रतिशत पत्रकारों को छोड़ दिया जाए तो ज्‍यादातर संघर्षमय जीवन ही जी रहे हैं. उन्‍हें सरकार से एक भी सुविधाएं नहीं मिल रही हैं, लेकिन आपको जानकर आश्‍चर्य होगा कि प्रेस परिषद की एक रिपोर्ट के अनुसार देश भर के पत्रकारों को तमाम राज्‍य सरकारें तीस प्रकार की सुविधाएं उपलब्‍ध करा रही हैं.
अब आप आसानी से समझ सकते हैं कि किस तरह की मानसिकता के साथ पत्रकारों के हित में काम कर रहा है प्रेस परिषद.
1. आवास सरकारी आवास / फ्लैट / भूमि
2. कंपनियों के शेयरों का आबंटन.
3. बस / यात्रा / रेल यात्रा परिवहन
4. विदेश यात्रा
5. फ्री एयर टिकट
6. मुख्य मंत्रियों के विवेकाधीन कोष से नकद संवितरण
7. वित्तीय सहायता
8. मीडिया सेंटर के लिए फंड और इस तरह
9. पत्रकारों संघों को अनुदान
10. उनके ग्राहकों के प्रेस नोट के प्रकाशन के लिए विज्ञापन एजेंसियों द्वारा उपहार चेक.
11. अन्य उपहार
12. नि: शुल्क पार्किंग
13. अतिथि आतिथ्य
14. शुल्क मुक्त कैमरों और कंप्यूटर का आयात
15. बीमा प्रीमियम
16. रिश्तेदारों को नौकरियां
17. ऋण
18. समितियों पर नामांकन
19. पीसीओ / फैक्स / फोन
20. पेंशन लाभ
21. धन का दान करने के लिए प्रेस क्लब
22. पुरस्कार
23. दुकानें
24. मान्यता
25. सरकार और लोक प्राधिकरण के विज्ञापनों
26. चुनाव सुविधाओं
27. ‘पत्रकारों के सम्मेलनों, सेमिनार, आदि के लिए खर्च बैठक
28. निमंत्रित किया जा रहा प्रेस पार्टियों
29. प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान प्रकाशन सामग्री (जारी किए गए)
30. प्रशिक्षण (AINEF द्वारा एक परिपत्र के आधार पर)

जे.पी हास्पिटल को आदर्श अस्पताल बनाने के लिए सुविधाएं बढ़ाएंगे - जिला प्रभारी मंत्री श्री मलैया

भोपाल : 29 मार्च  2013
    जल संसाधन, आवास, पर्यावरण और भोपाल जिला प्रभारी मंत्री श्री जयंत मलैया ने आज जिला स्वास्थ्य समिति की बैठक में कहा कि जयप्रकाश चिकित्सालय में आइसोलेशन वार्ड और बर्न यूनिट जैसी जरूरी सुविधाओं को मुहैया कराया जायेगा । उन्होंने कहा कि आदर्श अस्पताल बनाने के लिए हम प्रतिबद्ध है इसके लिए जिला चिकित्सालय में सुविधाओं का विस्तार किया जायेगा । विधायक श्री ध्रुवनारायण सिंह द्वारा अस्पताल परिसर को विस्तारित करने के लिए परिसर से लगी शासकीय भूमि जयप्रकाश चिकित्सालय को देने की ओर ध्यान दिलाया ।  प्रभारी मंत्री श्री मलैया ने इस दिशा में जरूरी कदम उठाने के लिए जिला कलेक्टर को निर्देश दिए ।
 जिला स्वास्थ्य समिति की बैठक आज अपरान्ह जिला चिकित्सालय जयप्रकाश अस्पताल में आयोजित की गई । जिला प्रभारी मंत्री श्री जयंत मलैया की अध्यक्षता में आयोजित की गई । बैठक में विधायक श्री ध्रुव नारायण सिंह, कलेक्टर श्री निकुंज कुमार श्रीवास्तव, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ0 पकंज शुक्ला, सिविल सर्जन डॉ0 श्रीमती वीणा सिन्हा, जिला स्वास्थ्य समिति के सदस्य और अधिकारीगण मौजूद थे । 
बैठक की शुरूआत में मंत्री श्री मलैया ने जिला चिकित्सालय में चल रहे निर्माण कार्यों की प्रगति की समीक्षा की । उन्होंने नवीन ओपीडी भवन निर्माण के संबंध में कार्यपालन यंत्री पीडब्ल्यूडी से कहा कि इसे मई तक पूरा किया जाना है । निर्माण एजेंसी तय समय में कार्य पूरा करायें । चिकित्सालय में ब्लड बैंक और आईसीयू के निर्माण के संबंध में चर्चा की गई । चिकित्सालय परिसर में मरम्मत कार्यों के संबंध में भी निर्माण एजेंसियों को निर्देश दिए गए । 
    बैठक में मंत्री श्री मलैया ने अस्पताल परिसर की सफाई पर संतोष व्यक्त किया । उन्होंने बताया कि उनके द्वारा कर्इं बार आकस्मिक निरीक्षण किया गया है । परिसर में सफाई तो ठीक मिली लेकिन शौचालयो में सफाई की और जरूरत है । इस पर ध्यान दिया जाना चाहिए । उन्होंने कहा कि शौचालयों की सफाई की स्थिति बताती है कि अस्पताल की सफाई पर कितना ध्यान दिया जा रहा है । अस्पताल की सुरक्षा के संबंध में भी सिविल सर्जन डॉ0 सिन्हा को निर्देश दिए कि वे निजी एजेंसी से सुरक्षा सेवाएं प्राप्त करें । 
    बैठक में स्वास्थ्य विभाग के विभिन्न कार्यक्रमों जिनमें परिवार कल्याण कार्यक्रम, अंधत्व निवारण कार्यक्रम, कुष्ठ निवारण कार्यक्रम, क्षय रोग नियंत्रण कार्यक्रम आदि कार्यक्रम के संबंध में चर्चा की गई । बैठक में मंत्री श्री मलैया ने कहा कि जयप्रकाश चिकित्सालय में डायलेसिसल जैसी सुविधाओं का विस्तार कर उल्लेखनीय कार्य किया गया है । उन्होंने कहा कि अस्पताल की व्यवस्था में पर्याप्त सुधार हुआ है । इसमें चिकित्सकों की उल्लेखनीय भूमिका रही है । मंत्री श्री मलैया ने अस्पताल में चल रहे विकास कार्यों को और अधिक विस्तार देने की बात कही । 

गुरुवार, 28 मार्च 2013

फ्लेट सस्ता, जमीन महंगी मॉल और मल्टी में नहीं तो सस्ती होगी रजिस्ट्री


-गाइडलाइन में थोड़ा बदलाव फिर पूरी मंजूरी
-सुपर बिल्टअप एरिया में भी संशोधन
-20 प्रतिशत ही बढ़ें शहर में दाम
भोपाल।
१ अप्रैल से लागू होने वाली जमीन की गाइडलाइन पर केन्द्रीय मूल्यांकन समिति ने मोहर लगा दी है। खबरियों पर की मानें तो जमीनी दरों में 5 से 20
प्रतिशत बढ़ोत्तरी की गई है। रजिस्ट्री के वक्त फ्लेट की गणना जमीन के निर्धारित बाजार मूल्य के अधिकतम 65 फीसदी भाव से की जाएगी। मतलब सीधा है, फ्लेट सस्ता और जमीन महंगी रहेगी। हालांकि गाइडलाइन में ऐसे क्षेत्र जहां फ्लेटों का निर्माण चल रहा है, वहां के रेट अलग से तय किए गए हैं।
वहीं ऐसे मॉल और आवासीय फ्लेट जहां लिफ्ट सुविधा होगी वहां के्रताओं को रजिस्ट्री में छूट नहीं मिलेगी। केन्द्रीय मूल्यांकन समिति ने शुक्रवार को जिला भोपाल सहित अन्य जिलों की नई कलेक्टर गाइडलाइन को मंजूरी दी। सूत्रों के अनुसार एम्स, होशंगाबाद रोड, कोलार के आसपास और कुछ ऐसे ग्रामीण इलाके जहां प्रोजेक्टों पर कार्य चल रहा है वहां दरों वृद्धि की गई है। कुछ बदलाव के साथ ही जिला मूल्यांकन समिति द्वारा भेजी गई गाइडलाइन को केन्द्रीय समिति ने पारित कर दिया। अच्छी बात यह है कि कुछ जगहों को छोड़ जमीन की दरों में 5 से 20 प्रतिशत तक की ही वृद्धि की गई है। उल्लेखनीय है कि बेतहाशा वृद्धि के विरोध में ग्रामीण, के्रडाई (बिल्डर्स सदस्य) और आम लोगों ने अपनी अपत्तियां दी थीं। वहीं समिति के सदस्य विधायक ध्रुवनारायण ने भी दरों में वृद्धि का औचित्य बताने को कहा था। इसके बाद दरों में संशोधन हुआ।

-साफ नहीं गाइडलाइन
केन्द्रीय मूल्यांकन समिति को भेजी गई कलेक्टर गाइडलाइन में कई त्रुटियां सामने आईं हैं। यह आंकड़ों व शब्दों की गड़बडिय़ां, कंपोजिंग मिस्टेक्स, रेट लिखने में गलती और शब्दों का धुंधला होना है। गाइडलाइन स्पष्ट न होने से बोर्ड ने इसे सुधार के लिए फिर जिला मूल्यांकन समिति को भेजी है। साथ ही केन्द्रीय समिति ने कुछ क्षेत्रों में रेट भी बढ़ाने को मंजूरी दी है। इसमें जिसमें एम्स के आसपास की कालोनियां, चूनाभट्टी, कोलार, होशंगाबाद की आसपास की कालोनियां आदि शामिल हैं। इन क्षेत्रों में जमीनों के रेट 30 से 70 प्रतिशत रखे गए हैं। वहीं अन्य क्षेत्रों में जमीनों की कीमतें 5 से 20 प्रतिशत तक बढ़ाई गई हैं। उच्च पदस्थ सूत्रों की मानें तो एम्स के आसपास की कालोनियों की जमीन के रेट वर्तमान में 18 हजार प्रतिवर्गमीटर हैं। इसे 25 से 30 हजार के बीच कर दिया गया है।

१ से दिखेंगे ये परिवर्तन
-उपबंधों में परिवर्तन को मिली मंजूरी। मसलन सुपर बिल्टअप एरिया को बिल्टअप एरिया में परिवर्तित किया है।
-फ्लेट के रेट गाइडलाइन में अलग रखे गए हैं। ये कालोनी, विकसीत हो रहे क्षेत्र व वार्ड के अनुसार रहेंगे।
-मॉल व आवासीय मल्टी में लिफ्ट होने पर रजिस्ट्री में छूट नहीं होगी।
-जहां लिफ्ट नहीं होगी, वहां छूट मिलेगी।
-मॉल में अब माले दर माले रजिस्ट्री की दरों में बदलाव। छूट उन्हीं मॉल में जहां, लिफ्ट नहीं है।
-फ्लेट के ६५ प्रतिशत कीमत पर होगी रजिस्ट्री। ताकी फ्लेट का दाम जमीन से अधिक न हो जाए।
-निर्माणाधीन क्षेत्र और निर्माण सामग्री की गुणवत्ता पर तय होंगे फ्लेट के दाम, मिली मंजूरी।

कांग्रेस ने सौंपी पदाधिकारियों को जिले की जिम्मेदारी


-लोक सभा व विधानसभा क्षेत्र भारी की व्यवस्था समाप्त
भोपाल।
कांग्रेस ने प्रदेश में जिला स्तर पर पदाधिकारियों को सीधी जिम्मेदारी सौंप दी है। इसी के साथ अब लोक सभा व विधानसभा क्षेत्र भारी की व्यवस्था समाप्त हो गई है। कांग्रेस इसे जिला स्तर पर कांग्रेस में कसावट और पदाधिकारी व कार्यकर्ताओं के बीच समन्वय स्थापित करना बता रही है।
प्रदेश कांगे्रस के संगठन प्रभारी महामंत्री रवि जोशी ने बताया कि यह जिम्मेदारी मिशन-२०१३ के लिए प्रदेश कांगे्रस अध्यक्ष कांतिलाल भूरिया ने की है। वर्तमान में प्रदेश में कांगे्रस के ६३ सांगठनिक जिले हैं। यह व्यवस्था तत्काल प्रभाव से लागू मानी जाएगी, इसकी के साथ अब सभी जिलों के लिए जिला प्रभारी की नई व्यवस्था लागू हो गई है।
अब शहर/ग्रामीण जिला कांगे्रस कमेटी और ब्लॉक कांगे्रस कमेटियों की मदद से ये जिला प्रभारी कांगे्रस संगठन और चुनाव की तैयारियों संबंधी सभी काम देखेंगे और वे प्रदेश कांगे्रस कमेटी के प्रति सीधे तौर पर जवाबदेह होंगे।
श्री जोशी ने कहा, जिला, विधान सभा क्षेत्र, ब्लॉक, सेक्टर तथा बूथ स्तर पर कांगे्रस की गतिविधियों में तेजी लाने के लिए ये प्रभारी पार्टी के सभी मोर्चा संगठनों का सहयोग एवं समन्वय करेंगे।
प्रदेश कांगे्रस अध्यक्ष ने सभी जिला प्रभारियों को विधानसभा चुनाव को ध्यान में रख सेक्टर कमेटियां गठित करने को कहा है। ये प्रभारी अपने जिले के विधानसभा क्षेत्रों में परिवर्तन यात्रा, जवाब दो अभियान, केंद्र की ध्वजवाहिनी योजनाओं संबंधी जन जागरण अभियान, अनुसूचित जाति/जनजाति विधान सभा क्षेत्रों में सम्मेलन का आयोजन, पार्टी का सदस्यता अभियान को सफल बनाने और जिले में बूथ कमेटियां बनाने तथा उनके प्रशिक्षण की व्यवस्था कराने का दायित्व निभाएंगे। इनकी जिम्मेदारी होगी वे अपने कामकाज की एक विस्तृत रिपोर्ट हर माह के अंत में प्रदेशाध्यक्ष को सौंपेंगे। इसी के साथ नव नियुक्त जिला प्रभारी शहर-जिला (ग्रामीण) कांगे्रस अध्यक्षों के साथ समन्वय करके १ से १५ अप्रैल के बीच ब्लॉक कांगे्रस कमेटियों की बैठक एवं १५ से २५ अप्रैल के बीच जिला/शहर कांगे्रस की बैठक आयोजित करना होगी।

किस को कहां की जिम्मेदारी
अशोक सिंह (मुरैना), हफीज कुरैशी (श्योपुर), सुरेन्द्र शर्मा (भिण्ड), सत्यदेव कटारे (ग्वालियर शहर), राजेन्द्र ठाकुर (ग्वालियर ग्रामीण), तुलसी सिलावट (शिवपुरी), श्रीमती दीप्तिसिंह (गुना), नासिर इस्लाम (अशोकनगर), श्रीमती इमरती देवी (दतिया), श्रीमती मनीषा दुबे (सागर शहर), प्रभुराम चौधरी (सागर ग्रामीण), अरूणोदय चौबे (दमोह), स्वदेश जैन (पन्ना), हरीश अरोरा (छतरपुर), धीरज तिवारी (टीकमगढ़), निषिथ पटेल (रीवा शहर), सईद अहमद, पूर्व मंत्री (रीवा ग्रामीण), राजेन्द्र मिश्रा (शहडोल), कमलेश्वर पटेल (अनूपपुर), संजय पाठक (नरसिंहपुर), श्रीमती अंजू बघेल (सीधी), रज्जी जॉन (सतना शहर), जैरीपाल (सतना ग्रामीण), सुंदरलाल तिवारी (जबलपुर शहर), विकल्प डेरिया (जबलपुर ग्रामीण), सौरभ शर्मा (कटनी शहर), जी.एम. राईन (कटनी ग्रामीण), श्रीमती नूतन पांडे (उमरिया), श्रीमती पुष्पा बिसेन (छिंदवाड़ा), सुरेश राय (सिवनी), सुश्री कौशल्या गोटिया (मंडला), जगदीश सैनी (डिण्डौरी), संजय यादव (बालाघाट), बिसाहूलाल सिंह (भोपाल शहर), शशांक भार्गव (भोपाल ग्रामीण), राजीव ंिसंह (सीहोर), श्रीमती आभासिंह (रायसेन), आरिफ अकील (राजगढ़), श्रीमती शशि राजपूत (विदिशा), प्रकाश वशिष्ठ गुरू (बैतूल), सुनील सूद (होशंगाबाद), सुखदेव पांसे (हरदा), अरविंद जोशी (देवास शहर), सोहराब पटेल (देवास ग्रामीण), अनिल संचेती (रतलाम शहर), सुश्री कलावती भूरिया (रतलाम ग्रामीण), पी.डी. अग्रवाल (शाजापुर), आर.के. दोगने (मंदसौर), निमिष व्यास (नीमच), घनश्याम पाटीदार (उज्जैन शहर), रवि सक्सेना (उज्जैन ग्रामीण), बाला बच्चन (इंदौर शहर), जयसिंह ठाकुर (इंदौर ग्रामीण), रघु परमार (धार), पंकज संघवी (झाबुआ), हरचरण भाटिया (अलीराजपुर), परमजीतसिंह नारंग (खरगोन), जीतू पटवारी (बड़वानी), कमल वर्मा (खंडवा शहर), इ ितयाज बेलिम (खंडवा ग्रामीण), अब्दुल रज्जाक (बुरहानपुर शहर), कुंदन मालवीय (बुरहानपुर ग्रामीण) तथा धर्मेश घई (सिंगरौली)।

सज्जाद हुसैन पेट्रोल पंप की प्रतिभूति राशि राजसात


-समय से पहले पेट्रोल पंप बंद करना पड़ा महंगा
भोपाल।
सज्जाद हुसैन ऑटोमोटिव सर्विस संचालक को पेट्रोल-डीजल की कीमतें बढ़ाने के बाद अपने निर्धारित समय से पहले पेट्रोल पंप बंद करना महंगा पड़ गया। कलेक्टर कोर्ट ने मामले में संज्ञान लेते हुए सज्जद हुसैन ऑटोमोटिव सर्विस डीलर की शासन के पास जमा प्रतिभूति राशि 10 हजार रुपए राजसात करने के आदेश दिए हैं। अब पंप संचालक को प्रतिभूति राशि तत्काल जमा करनी होगी। इसके बाद ही वह पंप संचालन कर सकेंगे। कलेक्टर एवं जिला मजिस्ट्रेट निकुंज कुमार श्रीवास्तव ने जारी किए इस आदेश में बताया गया है कि  पेट्रोल पंप के  विरूद्ध  खाद्य अमले ने प्रकरण कोर्ट में प्रस्तुत किया था। इसमें बताया गया था कि 14 मई 2011 को पेट्रोल-डीजल की कीमतों में बढ़ौत्तरी की खबर मिलते ही सज्जाद हुसैन ऑटोमोटिव सर्विस डीलर बरखेड़ी के संचालक ने पंप रात्रि 10 बजे ही बंद कर दिया। करीब 11 बजे पेट्रोल पंप पर पहुंचे कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारी ने भी इसकी पुष्टि की, जबकि  पंप पर पेट्रोल लेने वालों की  ाीड़ लगी हुई थी। वहां मौजूद ग्राहकों का कहना था कि आम दिनों में यह पंप रात 12 बजे तक खुला रहता है, लेकिन 14मई को जल्दी बंद हो गया। जांच के  समय परिसर में दो बड़ी बसें, तीन मिनी बसें, चार ऑटो और एक  मिनी ट्रक भी खड़े मिले। इसके आधार पर कलेक्टर कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि पेट्रोल पंप  संचालक का यह कृत्य मध्यप्रदेश स्प्रिट तथा हाईस्पीड डीजल ऑयल (अनुज्ञापन तथा नियंत्रण) आदेश 1980 का उल्लंघन है, जो कि आवश्यक वस्तु अधिनियम के तहत दंडनीय अपराध है। इस आधार पर कलेक्ट ने पंप संचालक की प्रतिभूति राशि राजसात करने के निर्देश जारी कर दिए।

गेहूं तब तुलेगा जब दारू के लिए पैसा मिलेगा


-अन्नदाता ने बताई एसडीएम को उपार्जन केन्द्र की परेशानी
भोपाल।
महनत कश अन्नदाताओं को उपार्जन केन्द्र पर गेहूं विक्रय के लिए भेंट पूजा देनी पड़ रही है। कहीं दारू के लिए पैसे की मांग की जा रही है तो कहीं ट्राली में दस पसेरी गेहूं दिए जाने के बाद तुलाई हो रही है। इतना ही नहीं किसानों से मरपीट भी की जार ही है। ऐसी ही तमाम पीड़ाएं बताई हुजूर एसडीए राजेश श्रीवास्तव को दर भर गांव के किसानों ने।
ये पहला मौका नहीं जब किसान समर्थन मूल्य पर गेहूं विक्रय के लिए परेशानियां झेल रहे हों। बीते साल भी तुलाई में गड़बड़ी की खबरें सामने आई हैं। अधिकारियों की केन्द्रों पर नजर न होने से किसानों को इन दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। किसानों ने कहा, केन्द्र कर्मचारी तुलाई न भी करें तो ठीक, लेकिन किसी से मारा पीटा न करें। इससे किसानों के बीच तनाव बढ़ता जा रहा है। अलग-अलग जत्थों में एसडीएम और तहसीलदार चंद्रशेखर श्रीवास्तव को व्यथा सुनाते हुए किसानों के चेहरों पर पीड़ा साफ दिखाई दे रही थी। वहीं कई किसानों ने पूर्व में सौंपे गए आवेदन पत्रों के साथ ही नए आवेदन पत्र सौंप केन्द्र बदलने और मनमानी के खिलाफ कार्रवाई की मांग की।
-निपानिया जाट में मारपीट
निपानिया जाट उपार्जन केंद्र में किसानों से बदसलूकी और जबरिया वसूली की जा रही है। तहसीलदार चंद्रशेखर श्रीवास्तव को किसानों ने बताया, ग्राम कुठार के दो किसानों के साथ निपानिया जाट उपार्जन केंद्र पर सोसायटी कर्मचारी यादराम ने साथियों ने हमला कर दिया और बुरी तरह से मारा। ग्राम कुठार, शहायापुर, खजूरी, निपानिया, कदरई के किसानों ने बताया कि इसके चलते कुठार और निपानिया जाट गांव के किसानों के बीच तनातनी हो गई है। अगर हालात पर काबू नहीं पाया गया तो टकराव बढ़ सकता है। किसानों ने कहा, तौल कांटे पर सिर्फ एक ही जाति के किसानों का गेहूं तौला जा रहा है, बाकी किसानों को बीते बारह दिन से खड़ा करके रखा है। इस पर तहसीलदार श्रीवास्तव ने चौबीस घंटे में उपार्जन केंद्र की जांच करवा कर व्यवस्था सुधारने एवं स्वयं भी स्थल निरीक्षण का भरोसा दिलाया। किसानों में  रामसजीवन मीना, कन्हैयालाल, हेमराज, ओमप्रकाश सरपंच ग्राम चंदेरी, हरिओम, शांतिस्वरुप, ठाकुर प्रसाद, श्यामसिंह, मान सिंह, प्रीतम, मनोज यादव, प्रदीप शर्मा, नथमल और गोवर्धन यादव आदि थे।

विधायक ने भी की थी मांग
किसानों ने बताया, गांव तक सड़क नहीं होने के कारण कुठार कोऑपरेटिव सोसायटी का मुख्यालय ग्राम निपानिया जाट कर दिया गया। हालांकि, अब सड़क बन चुकी। दूसरी ओर, निपानिया जाट के उपार्जन केंद्र में किसानों के साथ मारपीट और जबरिया वसूली हो रही है। ऐसे में बैरसिया विधायक ब्रम्हानंद रत्नाकर भी बीते दिन अधिकारियों से मिले थे और किसानों की शिफ्टिंग करने के साथ ही केंद्र बदलने की मांग की थी।

बदले जाएंगे केंद्र
जनपद पंचायत फंदा अध्यक्ष अनोखी मानसिंह पटेल की अगुवाई में दर्जनभर गांवों के किसानों ने एसडीएम राजेश श्रीवास्तव से मिलकर उपार्जन केंद्रों में गेहूं की तुलाई नहीं होने की शिकायत की। ग्राम कौडिया, रातीबढ़, मुगालिया छाप, र्इंटखेड़ी आदि ग्रामों के किसानों ने बताया कि, कजलास सोसायटी के बाहर गेहूं से भरी ट्रालियां दस-बारह दिन से खड़ी हैं। इसके चलते रखवाली में लगे किसान होली मनाने तक अपने गांव नहीं जा सके। किसानों को एसएमएस करके बुला लिया गया है, लेकिन गेहूं की तुलाई नहीं हो रही है। करीब 100 किसानों ने अपना उपार्जन केंद्र बदलने के लिए एसडीएम को आवेदन भी सौंपे। इस पर एसडीएम श्रीवास्तव ने केंद्र बदलने की कार्रवाई तत्काल शुरु करवाते हुए किसानों की समस्या के समाधान का भरोसा दिलाया। किसानों में अनोखीमान सिंह पटेल, सरपंच कैलाश मेवाड़ा, देवसिंह मेवाड़ा, सुनील मेवाडा, हनुमंत सिंह, गुलाब सिंह मीणा, केदार सिंह, शेर सिंह, मनोहर गौर, दशरथ सिंह, कैलाश, अमर सिंह, चानसिंह, मांगीलाल आदि थे।

-वर्जन
किसानों की शिकायतें मिली हैं, इसकी जांच की जाएगी। वहीं जिन्होंने केन्द्र बदलने को कहा उनके केन्द्र बदलने जिला आपूर्ति अधिकारी को भी निर्देशित कर दिया है। जहां गड़बडिय़ां मिलेंगी वहां सोसायटियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
राजेश श्रीवास्तव, एसडीएम, हुजूर

अब बैठक १५ को,भोपाल


जिला रेडक्रास सोसायटी की बैठक अब 15 अप्रैल को होगी। इससे पहले यह बैठक ३० मार्च को होनी थी। बैठक के संशोधित कार्यक्रम की जानकारी देते हुए अपर कलेक्टर सह उपाध्यक्ष जिला रेडक्रास सोसायटी भोपाल ने बताया कि बैठक की तारीखों में बदलाव अपरिहार्य कारणों से किया गया है। बैठक 15 अप्रैल को अपरान्ह तीन बजे कलेक्ट्रेट कार्यालय के सभाकक्ष में होगी।

वैष्णोदेवी के लिए आज रवाना होगी विशेष टे्रन,भोपाल


हबीबगंज रेलवे स्टेशन से शुक्रवार को मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना के तहत वैष्णोदेवी यात्रा के लिए विशेष ट्रेन रवाना होगी। 
स्टेशन से टे्रन सुबह 10 बजे चलेगी। मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत राकेश श्रीवास्तव ने यात्रा पर जाने वाले तीर्थयात्रियों से अनुरोध किया है कि वह निर्धारित समय के पूर्व स्टेशन पहुंचे। 

देवताले का कविता पाठ आज,भोपाल


हिंदी के वरिष्ठ कवि और साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित चंद्रकांत देवताले पर केन्द्रित एक कार्यक्रम शुक्रवार को राष्ट्रीय तकनीकी शिक्षक प्रशिक्षण एवं अनुसंधान संस्थान में आयोजित किया गया है। संस्थान के मणि सभागार में सायं 6 बजे होने वाले इस कार्यक्रम में पहले श्री देवताले से बातचीत का दौर चलेगा। इस दौरान उनसे मीडिया मुखातिब होगा। इसके बाद वे कविताओं का वाचन करेंगे। 
कार्यक्रम भोपाल की प्रगतिशील लेखक संघ, हिंदी साहित्य सम्मेलन, जनवादी लेखक संघ, स्पंदन तथा एनआईटीटीटीआर के सहयोग से आयोजित किया जा रहा है। कार्यक्रम में सर्वश्री संतोष चौबे, राजेश जोशी, पलाश सुरजन, राजेंद्र शर्मा, पूर्णचंद्र रथ, कुमार अंबुज, सुश्री उर्मिला शिरीष, प्रो. विजय कुमार अग्रवाल उपस्थित रहेंगे। 


सोमवार, 25 मार्च 2013

महिला थाने पहुंचकर गिरीश वर्मा की शिक्षिका ने ाोली पोल

मामला महर्षि शिक्षण संस्थान के सचिव गिरीश वर्मा द्वारा पर यौन शोषण का - पुलिस पर लगाया पक्षपात का आरोप
भोपाल।
महर्षि शिक्षण संस्थान के सचिव गिरीश वर्मा पर यौन शोषण का आरोप लगाने वाली शिक्षका रविवार को महिला थाने में दुष्कर्म का प्रकरण दर्ज कराने पहुंची और वहां मीडिया के सामने वर्मा द्वारा किए गए कृत्य की पोल ाोल दी। शिक्षिका ने पूरी घटना का विवरण चार पेज में लिखित रूप से महिला थाना प्रभारी को सौंपा है। शिक्षिका ने कहा कि यदि पुलिस ने इसके बाद ाी वर्मा के विरूद्ध कार्यवाही नहीं की तो वह न्यायालय की शरण में जाएंगी।
पीडि़ता ने महिला थाना पुलिस पर दबाव में कार्य करने का आरोप लगाया है। पीडि़ता ने बताया कि मेरी मुलाकात गिरीश वर्मा से वर्ष 1996 में नोएडा में उनके निवास पर हुई थी। इसके बाद मेरी पहचान बढ़ी तथा मुझे 1997 में महर्षि स्कूलों के संचालक सोसायटी का सदस्य नियुक्त कर दिया गया। लेकिन मैं वर्मा की कुटिल चाल को नहीं समझ पाई और उक्त पद स्वीकार कर लिया।

इसके बाद स्कूलों के कार्यों का हवाला देकर वर्मा ने सैकड़ों कोरे कागज व स्टा प पेपरों में मेरे व मेरे पति के दस्तखत करा लिए। हम दोनों के दस्तखत के बाद वर्मा ने उन्हीं कागजों पर करोड़ों के घोटाले का हवाला देकर वर्ष 1998 से मेरे साथ दुष्कर्म करते आ रहे हैं। महिला ने वर्मा पर आरोप लगाया कि मुझे व मेरे पति को जान से मारने की धमकी देकर मुझसे संबंध बनाते रहे। महिला ने बताया कि मैं अपने पति फिर बच्चों की जान की सुरक्षा की दृष्टि से अभी तक चुप रही।

देते रहे प्रलोभन -
वर्मा पर आरोप लगाने वाली शिक्षिका ने कहा कि वर्मा मुझे आर्थिक प्रलोभन देता रहा है। वहीं बाद में मुझ पर अन्य महिलाओं और युवतियों को लाने का दबाव बनाता रहा। मैं आज तक एक भी महिला या युवती को उसके पास नहीं ले गई। महिला ने कहा कि वर्मा ने मेरा जीवन तो खराब कर दिया, लेकिन मैं यह कदम इसलिए उठा रही हूं कि गिरीश वर्मा की सच्चाई समाज के सामने लाई जाए, ताकि अब गिरीश वर्मा किसी युवती या महिला का शारीरिक शोषण कर जिंदगी बरबाद न कर पाए।

खींची अश्लील फोटो -
पीडि़ता ने वर्मा पर आरोप लगाया कि वर्मा ने मेरे साथ संबंध बनाते समय की वीडियो और फोटोग्राफ भी बनाकर रख लिए हैं। वर्मा उन्हीं वीडियो और फोटोग्राफ के माध्यम से समाज में बदनाम करने का डर दिखाकर दुष्कर्म करता रहा।

पीछा छुड़ाने भोपाल आई-
पीडि़ता ने बताया कि मैं अपने पति और बच्चों की जान की सुरक्षा के लिए वर्मा के खिलाफ पहले आवाज नहीं उठाई। लेकिन उसकी प्रताडऩा से तंग होकर मैं नोएडा छोड़कर भोपाल आ गई। उसने आरोप लगाया कि वर्मा पीडि़ता से मिलने भोपाल आते रहे हैं। पीडि़ता ने मीडिया कर्मियों को बताया कि मैंने 2001 में  नोएडा छोडऩे के बाद वर्मा भी वर्ष 2005 से भोपाल में रहने लगे। महिला का आरोप है कि वर्मा मुझसे दुष्कर्म करने व मेरे परिवार को तबाह करने के लिए ही भोपाल में निवास बना रखा है।

पुलिस दबाव में -
पीडि़ता ने पुलिस पर दबाव में कार्य करने का आरोप लगाया है। पीडि़ता ने कहा कि पुलिस ने वर्मा और उनके स्टॉफ के सहयोगियों पर मेरे शिकायत पर कोई प्रकरण दर्ज नहीं किया। उल्टे मुझसे साक्ष्य मांग रही है। पीडि़ता का कहना है कि महिला थाने के अधिकारियों ने मुझसे कहा कि महिला थाने में एफआईआर कराने आतीं तो एफआईआर दर्ज करते। वहीं अब मैं आरोपों की स्वयं के हस्ताक्षर से प्रमाणित प्रति महिला थाने में दी है, बावजूद इसके बयान दर्ज नहीं किए और न ही एफआईआर दर्ज की।


अब जाऊंगी कोर्ट-
पीडि़ता ने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर मेरी शिकायत पर गिरीश वर्मा के खिलाफ बलात्कार का प्रकरण महिला थाने में दर्ज नहीं किया गया तो मैं जल्द ही न्याय के लिए न्यायालय का दरवाजा खटखटाऊंगी।  

जमीन की दरों में नहीं होगी ज्यादा बढ़ोत्तरी

-केंद्रीय समिति को आज भेजी जाएगी गाइडलाइन 
-कई फैसलों पर मुहर लगने की उम्मीद 
भोपाल। 
नवीन वित्तीय वर्ष की प्रस्तावित गाइडलाइन को सोमवार को केन्द्रीय मूल्याकांन समिति को भेजा जाएगा। जमीन की दरों में भी ज्यादा बढ़ोत्तरी नहीं होने के संकेत मिल रहे हैं। एक अप्रैल से लागू होने वाली इस गाइडलाइन में कई अहम फैसलों पर भी मुहर लगने की उम्मीद है। 
वित्तीय वर्ष 2013-14 की इस गाइडलाइन में प्रमुख रूप से फ्लेट भावों की सूची, सुपर बिल्टअप, बिल्टअप एरिया व मॉल के फ्लोरों में दुकानों की रजिस्ट्री में छूट जैसे उपबंधों में संशोधन का प्रस्ताव शामिल है। सूत्रों के अनुसार गाइडलाइन में राजस्व अधिकारियों ने दोबारा इसे तैयार किया है। पहले तैयार की गई गाइडलाइन में कई आपत्तियां आई थीं। वहीं विधायक धु्रवनारायण ने भी सुझाव दिए थे, जिन्हें गाइडलाइन में शामिल किया गया है। भेजे गए प्रस्तावों पर मुहर लगती है तो फ्लेट की रजिस्ट्री में जहां सस्ती होगी। अधिकारियों की माने तो जमीन की दरों में भी कुछ फीसदी तक का ही इजाफा होगा। वहीं कुछ स्थानों को यथा स्थिति भी रखा जा सकता है। 

-खींचतान पर विराम 
एक अप्रैल से प्रभावी होने वाली गाइडलाइन को लेकर खासी खींचातान मची हुई थी। रेटों में बेतहाशा वृद्धि को लेकर ग्रामीण, बिल्डर्स और आम आदमी ने सुझाव और आपत्तियां दी थीं। इसके अलावा विधायक ध्रुव नारायण ने मूल्य वृद्धि का औचित्य बताने को कहा था। जिला मूल्यांकन समिति के अध्यक्ष और कलेक्टर निकुंज कुमार श्रीवास्तव सोमवार को इस पर हस्ताक्षर कर केन्द्रीय मूल्यांकन समिति को भेजेंगे। इसके बाद अंतिम निर्णय केन्द्रीय मूल्यांकन समिति को लेना है। समिति को फ्लेट, सुपर बिल्टअप और बिल्टअप एरिया में रजिस्ट्री की सूची भी भेजी गई है। 
गाइडलाइन में रजिस्ट्री के  समय फ्लेट का बाजार मूल्य निर्धारण। सुपर बिल्टअप एरिया के बजाय बिल्टअप एरिया की रजिस्ट्री करने जैसे उपबंधों में संशोधन प्रस्ताव दिया है। 

वर्जन 
कलेक्टर के हस्ताक्षर के बाद सोमवार को केन्द्रीय मूल्यांकन समिति को गाइडलाइन सौंप दी जाएगी। अंतिम मोहर लगते ही एक अप्रैल से इस यह प्रभावी होगी। जो सुझाव दिए गए हैं उन पर मोहर लगने की भी उम्मीद है।  
एनएस तोमर, वरिष्ठ जिला पंजीयक, भोपाल

सरकारी जमीन को अपनी बता बेचने पर हुई एफआईआर

-नीलबड़ की 10 एकड़ जमीन के खसरों में करी थी हेरफेर, जांच में आई गड़बड़ी सामने 
भोपाल। 
नीलबड़ की १० एकड़ सरकारी जमीन को अपनी बता वहां झुग्गियां तनवाना  मोहम्मद और आरिफ को महंगा पड़ गया है। कलेक्टर ने इस मामले को संज्ञान में लेते हुए दोनों पर एफआईआर दर्ज कराने के निर्देश जारी किए हैं। संभवत: यह जिले में इस तरह का यह पहला बड़ा मामला है, जिसमें शातिर इतनी बड़ी भूमि पर एक साथ झुग्गियां तनवा रहे थे। रविवार को दोनों के खिलाफ संबंधित थाने में एफआईआर भी दर्ज हो गई है। 
दोनों ने तहसील हुजूर में आने वाले ग्राम नीलबड़ में १० एकड़ भूमि पटवारी हल्का-35 की खसरा क्र-90, 91, 92, 106/1 अनुमानित कीमत 5 करोड़ पर झुग्गियां तनवा दी थीं। इस जमीन को मोहम्मद खां उर्फ दीन मोहम्मद वल्द बुद्धे खां और आरिफ खां आ. अशरफ खां नाम के लोगों ने खसरों में हेरफेर कर भूमि-स्वामी मो.  खां दर्ज कर लिया था। 

-ऐसे किया खेल 
खसरे में मो. खां नाम दर्ज कराने के बाद खेल शुरू हुआ। फिर बड़ी चालाकी से जमीन बेचने का अनुबंध पत्र भी तैयार किया। ये सब जमीन विक्रय के लिए किया, जिससे खरीदार को गुमराह किया जा सके और किसी प्रकार शक न हो। लोगों ने इस गफलत को समझ ही नहीं और करार नामा कर लिया। बताया जाता है, यहां झुग्गियां तनवा दी थीं। वहीं जमीन का विक्रय चल रहा था। एक अनुबंध मोहम्मद काजी नाम के व्यक्ति ने किया। मो. काजी ने दोनों को कुछ राशि दे दी थी, लेकिन जब वह कब्जे की बात करते तो आरोपी इन्हें घुमा देते थे। काफी समय बीतने के बाद पीडि़त ने कलेक्टर को शिकायत की। कलेक्टर के निर्देश पर हुजूर तहसीलदार मनीष श्रीवास्तव ने जांच की तो पूरा मामला सामने आ गया। रिकार्ड से स्पष्ट हो गया कि सरकारी जमीन के खसरों में हेरफेर की गई है। मौजूदा दस्तावेजों में इन शातिर लोगों ने जमीन को निजी नाम से दर्ज करा लिया था। इसके बाद अनुबंध पत्र के आधार पर जमीन विक्रय का खेल खेला जा रहा था। 

-वर्जन 
ग्राम नीलबड़ की १० एकड़ जमीन को अनुबंध पर विक्रय करने का मामला सामने आया था। जांच में खुलासा हुआ है कि जमीन के कागजों में हेरफेर की गई है। दोनों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करा दी है। 
राजेश श्रीवास्तव, एसडीएम हुजूर ग्रामीण

पेरिस में 11 साल बाद भी नहीं मिले प्लाट

-अब मुख्यमंत्री से की सदस्यों ने शिकायत 
भोपाल। 
२०० से अधिक सदस्यों की रजिस्ट्रीयां होने के बाद भी पेरिस गृह निर्माण सहकारी समिति में लोगों को उनके प्लाट नहीं मिल सके हैं। यह स्थिति ११ साल बाद भी बनी हुई है। किस का प्लाट कहां है, यह स्थिति स्पष्ट नहीं है। इसको लेकर समिति के सदस्य मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से मिले। 
सदस्यों ने मुख्यमंत्री को बताया, सोसायटी के पूर्व अध्यक्ष ने वर्ष 2001-02 में इन सदस्यों को प्लाट की रजिस्ट्री कराकर दी थी। इन सदस्यों को न तो प्लॉट पर कब्जा मिला और न ही डिमार्केशन हुआ है। इसके साथ ही सदस्यों ने कलेक्टर को एक ज्ञापन भी सौंपा। सदस्यों ने बताया, पेरिस सोसायटी में प्लॉट के लिए करीब 3 हजार लोगों ने सदस्यता ली थी। वर्ष 2001-02 में बुकिंग के समय ही अधिकतर सदस्यों को प्लॉट का आवंटन कर दिया गया था। यह प्लाट बैरागढ़ चीचली स्थित जमीन पर थे। प्रत्येक प्लाट के लिए 45 रुपए प्रतिवर्गमीटर के हिसाब से विकास शुल्क जमा कराया गया था। यहां 214 सदस्यों ने प्लाट की रजिस्ट्री कराई। इनकी रजिस्ट्री तो हो गई, लेकिन मौके पर कब्जा अब तक नहीं मिला। 

-कम किया प्लाट 
समिति के सदस्यों ने यह भी शिकायत की है कि सोसायटी के संचालक मंडल जमीन के बीच से डेढ़ सौ फीट का रोड निकलने की बात कही है। इसके चलते सभी प्लाटों का साईज छोटा कर दिया है। संचालकों ने 1800 वर्गफीट का प्लॉट 1250 वर्गफीट तथा 1500 को 800 वर्गफीट कर दिया है। दूसरी ओर स्वीकृत ले-आउट में रोड के लिए जगह पहले ही दी जा चुकी है। उन्होंने सोसायटी अध्यक्ष पर आरोप लगाते हुए कहा है कि अध्यक्ष की नीयत में खोट है और वह इस जमीन को बिल्डरों को बेचना चाहता है। 

-वर्जन 
पेरिस सोसायटी भंग चल रही है। अपर पंजीयक कोर्ट ने इस पर स्टे दिया है। इसके चलते चुनाव नहीं हो सके हैं। स्टे हटने के बाद चुनाव कराए जाएंगे। इसी के बाद समस्याओं का निराकरण होगा। 
आरएस विश्वकर्मा, उपायुक्त सहकारिता, भोपाल

पुजारी को मंदिर बनाने कहा, उसने कब्जा करा दिया पुजारी ने करवाया मंदिर की जमीन पर कब्जा

-कलेक्टर ने एसडीएम को जांच कर कल तक रिपोर्ट देने दिए निर्देश 
भोपाल। 
सीटीओ, बैरागढ़ की जय मां दुर्गे सर्वोदय कॉलोनी में मंदिर बनाने जिस पुजारी को जमीन दी, उसी ने दूसरे से पैसे ले दूसरे का बेजा कब्जा करवा दिया। मामले को लेकर स्थिति गरम हो गई। इसकी खबर जिला प्रशासन को लगी, लिहाजा प्रशानिक अधिकारियों ने पुलिस को एक्शन लेने को कह दिया है। कलेक्टर ने मामले को गंभीरता से लेते हुए एसडीएम से 26 मार्च तक जांच कर रिपोर्ट देने के निर्देश दिए हैं। 
कॉलोनी मंदिर के लिए जमीन सुरक्षित रखी गई थी। इसके जिसके आधे हिस्से पर मंदिर बना है। आधा हिस्सा खाली पड़ा है। इस पर महिला पुजारी ने एक बाहरी व्यक्ति को कब्जा करा दिया। कॉलोनीवासियों को जब इसकी जानकारी लगी तो उन्होंने आपत्ति ली। कब्जेधारक और मंदिर की पुजारी ने अभद्रता करना शुरू कर दी। इसके बाद कॉलोनी में तनाव फैल गया। इसे लेकर कॉलोनी के लालता प्रसाद शुक्ल ने कलेक्टर निकुंज कुमार श्रीवास्तव से शिकायत की। लालता प्रसाद शुक्ल ने जमीन के कागजात भी दिखा और बताया कि जमीन समिति की है। शुक्ल ने मामले में तत्काल हस्तक्षेप करने को कहा। कलेक्टर ने एसडीएम बैरागढ़ को जांच 26 मार्च तक पूरी करने को कहते हुए पुलिस को स्थिति पर नजर रखने के निर्देश दिए हैं। 


मामले पर एक नजर 
१९९५ में सर्वोदय कॉलोनी का निर्माण चल रहा था। इसी समय यहां बनी पानी की टंकी में एक बालक की डूबने से मौत हो गई थी। इस पर बालक के पिता राजन पथरोल और माता रेखा पथरोल को सर्वोदय सहकारी गृह निर्माण समिति ने यहां मंदिर बनाने के लिए 20 बाई 20 फीट जमीन दे दी। इसके पीछे उद्देश्य मंदिर में आने वाले चढ़ावे से परिवार का भरण पोषण होना था। वहीं कॉलोनी वासियों का कहना था कि, इससे पूरी कॉलोनी में भजन पूजन के लिए मंदिर भी हो जाएगा। शुरुआत में सब कुछ सही चलता रहा, लेकिन राजन पथरोल की असमय मौत के बाद मंदिर का सारा जिम्मा रेखा पथरोल को संभालना पड़ा। रेखा पथरोल ने सोहनलाल चंडोलिया के साथ मिलीभगत करके मंदिर के पीछे की खाली पड़ी जमीन पर महेन्द्र नामक व्यक्ति का कब्जा करवा दिया। इसका विरोध करने पर झगड़े की नौबत आ गई, जिसके बाद कलेक्टर को शिकायत की गई। 

कालोनी में नहीं हुए विकास कार्य

कालोनीवासियों ने की गोधा की शिकायत
-मंत्री, महापौर, निगम आयुक्त और कलेक्टर को दिया ज्ञापन 
-विधायक को बताई समस्याएं 
भोपाल। 
वर्धमान ग्रीन पार्क कालोनी के निवासियों ने रविवार को विधायक विश्वास सारंग को कालोनाइजर पुनीत गोधा द्वारा बरती गई अनियमितताओं और विकास कार्य न किए जाने का शिकायती पत्र दिया। वहीं डाक के जरिए एक पत्र नगरीय विकास मंत्री बाबूलाल गौर, महापौर, कलेक्टर और नगर निगम आयुक्त भी दिया। 
सुबह ९ बजे विधायक से मिलने पहुंचे कालोनीवासियों ने कहा, ८० फीट पर बसाई गई वर्धमान ग्रीनपार्क कालोनी में कालोनाइजर पुनीत गोधा ने जो विकास कार्य करके दिए जाने का वादा किया था व अब तक नहीं किया गया है। ८० फीट से कालोनी को जोडऩे वाली एप्रोज रोड़ नहीं बनाई है। पीने का पानी जो सप्लाई किया जाता है, वह पीने योग्य नहीं है। कालोनी निर्माण में कई गड़बडिय़ां हैं, जिसकी जांच जनकल्याण समिति के माध्यम से की गई है। कालोनी में सीवेज लाइन एवं सेफ्टीटेंक आबादी के अनुसार नहीं बने हैं। सीवेज लाइन मानक स्तर की नहीं बनाई गई है। सड़कें गुणवत्ताहीन होने के चलते जगह-जगह से टूट गई हैं। कालोनीवासियों ने शिकायती में कहा, कालोनी को कालोनाइजर से नगर निगम के हैंडओवर लिया जाए, वहीं स्ट्रीट लाइट व्यवस्था निगम के माध्यम से हो। वर्धमान ग्रीनपार्क कालोनी जनकल्याण विकास समिति के पत्र पर संयुक्त रूप से हस्ताक्षर कर शिकायत की। शिकायत करने वालों में आरके शर्मा, लालचंद भारके, उमाशंकर रघुवंशी, तपिश मनूजा, यशवंत परिहार, विनित सिंह, सीएल कुशवाह, एलएस तेलंग, टीके गौतम, विवेक डाबी, एसके चतुर्वेदी, एचआर सोफ्त और राओ कोकसिंह शामिल थे। लोगों की शिकायत सुनने के बाद विधायक सारंग ने कमिश्नर एसबी सिंह से फोन पर चर्चा कर अधिकारियों को निर्देशित करने को कहा कि वे कालोनीवासियों की समस्याओं के निराकरण और कालोनी निर्माण में की गई अनियमितताओं की जांच करें। इसकी एक रिपोर्ट भी दें। 
उल्लेखनीय है कि कालोनाइजर द्वारा कालोनी में की गई अनियमितताओं, अवैधानिक निर्माण और कालोनीवासियों की समस्याओं को दबंग दुनिया ने प्रमुखता से प्रकाशित किया था। इसके बाद के बाद अब कालोनीवासी एक जुट हो खुलकर सामने आ गए हैं। 

वनभूमि अधिकार के लिए भटक रहे आदिवासी

राज्य स्तरीय संवाद
भोपाल।
वनअधिकार मान्यता कानून लागू होने के 5 वर्ष बाद भी हजारों की तादाद में वनभूमि पर वर्षो से काबिज आदिवासी अपने हक के लिए एक विभाग से दूसरे विभाग के चक्कर काट रहे हैं। इसके साथ ही विन विभाग की प्रताडऩा अलग से झेलनी पड़ रही है।
इस हकीकत का खुलासा रविवार को गांधी भवन में एकता परिषद द्वारा आयोजित राज्य स्तरीय सवांद में प्रदेश के विभिन्न जिलों से आए आदिवासियों ने किया। इसके मुख्य अतिथि मप्र हाउसिंग बोर्ड के अध्यक्ष रामपाल सिंह ने कहा कि संवाद में उठाये प्रत्येक बिंदुओ को वे सरकार के समक्ष रखेंगे और विश्वास दिलाया कि उस पर कार्यवाही की जायेगी। भूमि आंदोलन से जुड़े उत्तरप्रदेश के राकेश दीक्षित ने जमीनी स्तर पर भूमि आंदोलन को मजबूत कर सरकार पर जनदबाव बनाने की रणनीति की आवश्यकता पर बल दिया। संवाद का संचालन एकता परिषद के प्रांतीय संयोजक दीपक अग्रवाल ने किया। इस मौके पर अनीष कुमार के.के, जीतेन्द्र कुमार, महेन्द्र गोहिया, अशोक कुमार, सरस्वती उइके और राकेश रतन सिंह आदि थे।
आदिवासियों ने बयां की पीड़ा
-रायसेन जिले के डोभ गांव से आये भूर सिंह ने कहा कि उनके गाँव के आस पास के गाँवंों में सामुदायिक अधिकार नहीं मिल रहे। राष्ट्रीय पार्क व अभ्यारण्य के कारण आदिवासियों को सामुदायिक निस्तार रोका जाता है और वनविभाग प्रताडित करता है।
-बैतूल जिले की श्रीमती संतो सरयाम ने कहा कि भैंसदेही, आमला तथा भीमपुर ब्लाक में राजस्व व वनसीमा के विवाद में आदिवासी पिस रहे हैं। वनअधिकार मान्यता कानून लागू नहीं होने के कारण आदिवासियों को रहवास नहीं मिल पा रही है।
-बैतूल जिले के पाट गावं के 18, मांगाझीरी गांव के 6 और गुरूवां गावं के 45 लोगो को झूठे केस में फंसा दिया गया है। इससे गांव वाले पट्टा मांगने के बजाय अदालत के चक्कर काट रहे हैं।
-रायसेन जिले के सुल्तानपुर से आये विजयभाई ने कहा कि नगर पंचायत की सीमा का गलत सहारा लेकर आदिवासियों को भूमि अधिकार से वंचित किया जा रहा है।
-मडंला जिले से आये राजेश कुमार ने बताया कि टिकरी चलनी गांव में वन सुरक्षा समिति कानून लागू होने के बाद से हर साल 86 गौड आदिवासी परिवारों की खेती जलाने के साथ ही जानवरों को खेतों में हांक दिया जाता है। 

शनिवार, 23 मार्च 2013

मौखिक तलाक के खिलाफ देशभर में अभियान


भारतीय मुस्लिम महिला आंदोलन ने मौखिक तलाक को गैर इस्लामिक बताया
संवाददाता, भोपाल
फोन, पोस्ट कॉर्ड, ई-मेल और एसएमएस के जरिए तलाक दिया जाना गैर इस्लामिक है। तलाकशुदा महिलाओं और उनके बच्चों को बिना किसी सहारे के छोड़ दिया जाता है। इस तरह से तलाक दिए जाने पर जल्द से जल्द रोक लगाए जाने के लिए मुस्लिम महिलाएं देशभर में अभियान शुरु कर चुकी हैं।
यह जानकारी भारतीय मुस्लिम महिला आंदोलन की राज्य समन्वयक सफिया अख्तर के साथ सदफ और साजिदा आजम ने दी। उन्होंने बताया कि, अभियान के तहत मौखिक तलाक दिए जाने पर रोक लगाने के लिए पूरे मुस्लिम समाज और उलेमाओं से मांग की जाएगी, क्योंकि यह तलाक से संबंधित कुरानिक निषेधाज्ञा का घोर उल्लंघन करता है। मुस्लिम पुरुषों की इस गैर कुरआनी प्रथाओं की वजह से महिलाएं बहुत पीड़ित हैं। सिर्फ तीन बार तलाक कह कर महिलाओं और बच्चों को बेसहारा छोड़ दिया जाता है, जिससे उनकी जिंदगी बर्बाद हो जाती है। सरकार और समाज को इस प्रथा को रोकने के लिए तत्काल कदम उठाने की जरुरत है। 

देशभर में अभियान शुरु
मौखिक तलाक के खिलाफ देशभर में आंदोलन की शुरुआत 22 मार्च को मुंबई से हो गई है। इसके तहत ट्रिपल तलाक पर रोक लगाने और महिला शिक्षा को बढ़ावा देने और तलाकशुदा महिलाओं के बारे में विचार करने की अपील की जा रही है। इसके साथ ही स्टोरीज आॅफ ट्रिपल तलाक एंड इंडियन मुस्लिम वूमन नामक पुस्तिका भी दी जा रही है। इसमें देश के विभिन्न हिस्सों की ऐसी महिलाओं की दास्तां हैं, जिनको मौखिक तलाक देकर बच्चों के साथ बेसहारा छोड़ दिया गया है। 

गैस पीड़ितों को 10 करोड़ का मुआवजा संवाददाता,भोपाल

गैस पीड़ित दावेदारों को लोक अदालत में 10 करोड़ रुपए से ज्यादा बतौर मुआवजा दिया गया। पुरानी जिला अदालत, शाहजहांनाबाद में शनिवार को लोक अदालत में कुल 509 प्रकरणों का निराकरण किया गया, जिससे 1374 गैस पीड़ित लाभांवित हुए।
रजिस्ट्रार आरके दुबे के मार्गदर्शन और अपर कल्याण आयुक्त मोहम्मद फहीम अनवर के निर्देशन में आयोजित गैस दावा लोक अदालत में अपर कल्याण आयुक्त धरमिन्दर सिंह की अपील खंडपीठ और उपायुक्त मोहम्मद अजहर, संजय गुप्ता एवं सचिन शर्मा की खंडपीठ का गठन किया गया। इनमें गैस पीड़ितों के एक्सग्रेसिया, किडनी, कैंसर सहित विभिन्न प्रवर्गों के कुल 509 प्रकरणों का निपटारा किया गया। इसमें 10 करोड 39 लाख 74 हजार 749 रुपए के अवॉर्ड पारित किए गए। लोक अदालत के आयोजन में बरकतउल्लाह विश्वविद्यालय के विधि संकाय के छात्रों ने भी सहयोगा प्रदान किया।

ओलों की भेंट चढ़ी जिले की 24 हजार हेक्टेयर फसल

  - प्रारंभिक सर्वे में हुआ खुलासा
  - बढ़ सकता है फसल खराब होने का आंकड़ा
  - ओला-पाला से बैरसिया क्षेत्र में हुआ सर्वाधिक नुकसान
भोपाल। 16 मार्च की मध्यरात्रि को हुई तेज बारिश और गिरे ओलों ने किसानों की फसलों को बर्बाद कर दिया है। ओलों से जहां जिले के करीब 105 ग्रामों की 24 हजार हेक्टेयर फसल प्रभावित हुई है। इनमें से 29 गांवों की फसलों 50 प्रतिशत तक खराब हो गई हैं। गेहूं व चने के दाने पूरी तरह भीग जाने से जहां चने के छिलके निकलने लगे हैं, वहीं गेहूं काला पड़ रहा है। इधर ठंड के समय पड़े पाले से 277 गांवों की लगभग 17 हजार हेक्टेयर क्षेत्र की फसलें पहले ही खराब हो चुकी थीं। ऐसी स्थिति में किसान करें भी तो क्या? पाले के बाद ओलों ने उनकी कमर ही तोड़ दी है।
यह खुलासा हुआ है हाल ही में की गई प्रारंभिक सर्वे रिपोर्ट से। रिपोर्ट में बताया गया है कि 16 मार्च को हुई तेज बारिश व गिरे ओलों का असर सर्वाधिक तहसील बैरसिया क्षेत्र में हुआ। तेज बारिश केवल हुजूर क्षेत्र में ही हुई है। यहां कुछ ही गांवों की फसलें बर्बाद हुई है, जिनका प्रतिशत 8 से 10 ही है, जबकि बैरसिया क्षेत्र के 105 गांव में ओलों ने तो कहर ही बरपा दिया। 29 गांवों की फसलें 25 से 50 प्रतिशत तक खराब हुई तो शेष 76 ग्रामों में 10 से 15 फीसदी फसलें ओलों की भेंट चढ़ी। बारिश व ओलों ने सर्वाधिक नुकसान गेहूं व चना की फसल को ही किया। जिन किसानों के खेत में गेहूं की फसल कटी रखी थी। वह तो लगभग खराब ही हो गई है। गेहूं के दाने तो अब काले पडऩे लगे हैं, चने के उपर का छिलका निकल जाने से उसके दाम भी कम ही मिलने की उ मीद किसानों को नजर आ रही है। 

-वास्तविक आंकलन अभी बाकी 
इधर अधिकारियों का कहना है कि यह तो प्रारंभिक सर्वे है। वास्तिविक सर्वे रिपोर्ट के लिए सर्वे कार्य जारी है। सर्वे पूरा होने के बाद ही नुकसान का सही आंकलन लगाया जा सकेगा।

-19 मार्च को गिरे पानी का भी होगा सर्वे 
यह सर्वे 16 मार्च तक हुई फसल बर्बादी का था, जबकि 19मार्च को भी जिले में बारिश हुई है। यह सर्वे भी फसल बर्बादी के इन आंकड़ों को और बढ़ाएंगे।

25 मकान क्षतिग्रस्त, दो जनहानि भी हुई 
जिले में फसल चौपट होने के साथ-साथ गिरे ओलों ने 25 मकानों को तो क्षति पहुंचाई । इसके अतिरिक्त दो लोगों की मौत भी हो गई है। आकाशीय बिजली गिरने से ग्राम बबचिया व गोरिया सनखेड़ी में एक-एक व्यक्ति की मौत हुई है। 3 पशु भी इस ओलों की भेंट चढ़ गए। यह सब बर्बादी केवल बैरसिया तहसील में ही हुई है। जबकि हुजूर
क्षेत्र में आंशिक नुकसान ही हुआ है।
 
 आंकड़ों पर एक नजर -

 ओलों से हुआ नुकसान -
 - ओलों से प्रभावित गांव - 105
 - प्रभावित फसल - 24000 हेक्टेयर
 - प्रभावित किसान - 13000
 - क्षति का अनुमान - 4.50 करोड़ रुपए
 - आवंटन की मांग - 1.50 करोड़ रुपए


 पाला-तुषार से नुकसान -
 - पाले से प्रभावित गांव - 277
 - प्रभावित फसल - 17319 हेक्टयर
 - प्रभावित किसान - 6320
 - क्षति का अनुमान - 1.82 करोड़ रुपए
 (यह क्षति 8 प्रतिशत है, इसलिए आवंटन की मांग नहीं की गई)

शहीदों का आदर्श, युवा पीढ़ी की प्रेरणा एक शाम शहीदों के नाम आज

ोल। राष्ट्रप्रेम और देश ाक्ति की ाावानाओं से ओतप्रोत शहीदों की बलिदान व्यर्थ न जाएं, इसलिए हर देशवासी को उनके आदर्शों से प्रेरणा लेनी चाहिए। इसी उद्देश्य से शहीद ागतसिंह स्मृति मंच पटेल नगर द्वारा अमर शहीद ागत ङ्क्षसह, राजगुरू और सु ादेव के शहीद दिवस पर शनिवार को एक शाम शहीदों के नाम का आयोजन किया जाएगा। मंच के अध्यक्ष जितेन्द्र पाल सिंह गिल ने बताया कि आनंद नगर मु य मार्ग पर शनिवार शाम सात बजे से यह संगीतमय श्रद्धांजलि कार्यक्रम होगा, जिसमें सुप्रसिद्ध गायक दिनेश सिंह एंड पार्टी द्वारा देश ाक्ति और राष्ट्रप्रेम की ाावनाओं पर आधारित गीतों की ाव्य प्रस्तुति दी जाएगी। श्री गिल ने बताया कि कार्यक्रम में प्रदेश के मंत्री, समाज सेवी और अनेक वरिष्ठ गणमान्य नागरिक उपस्थित रहकर अमर शहीदों को पुष्पांजलि देंगे।

पांच दिन में 56 सौ मेट्रिक टन खरीदा गेहूं,भोपाल

भोपाल जिले में समर्थन मूल्य पर गेहूं खरीदी धीरे-धीरे र तार पकडऩे लगी है। किसान भी गेहूं बचने उपार्जन केंद्रों तक पहुंचना शुरू हो गए हैं। अब तक 872 किसानों का कुल 5620 मेट्रिक टन गेहूं खरीदा जा चुका है। हालांकि यह गेहूं केवल 39 केंद्रों पर ही खरीदा गया है, जबकि 8 केंद्र पर अब तक गेहूं की एक भी ट्राली नहीं पहुंची है। खाद्य विभाग की माने तो 18 मार्च से जिले में गेहूं खरीदी शुरू की गई है। अब तक पांच दिन ही बीतें है। इन पांच दिनों में 5620 मेट्रिक टन खरीदी हो चुकी है। किसानों से जो गेहूं खरीदा जा रहा है। उसकी क्वालिटी की भी जांच की जा रही है ताकि खराब व पुराना गेहूं खरीदा न जा सके। हालांकि गेहूं की केंद्रों पर कम ट्रालियां पहुंचने का कारण कुछ दिनों पहले हुई बारिश है। भीगे गेहूं को सुखाकर किसान उपार्जन केद्रों पर पहुंचेंगे। उन्होंने बताया कि उपार्जन के साथ साथ गेहूं परिवहन का कार्य भीे तेजी से चल रहा है। शुक्रवार शाम तक 3349 मेट्रिक टन गेहूं का परिवहन हो चुका है। परिवहन प्रक्रिया में और तेजी लाई जाएगी। 

रापडिय़ा समिति को कराई जगह उपलब्ध 
गेहूं खरीदी करने के लिए रापडिय़ा की समिति को जगह नहीं मिल रही थी। इसको ध्यान में रखते हुए गत दिनों इस समिति को बगरौदा में जगह दिलाई गई है। अब यह समिति वहां से गेहूं खरीदी कर रही है। 

रजिस्ट्री में मिलेगी छूट मॉल में माले पर बनी दुकानों को

-जमीन की गाइडलाइन में उपबंध बदलने की कवायद 
भोपाल। 
मॉल के ऊपरी माले में दुकान क्रय करने वालों को रजिस्ट्री में छूट मिलेगी। 2013-14 की प्रस्तावित जमीन की कलेक्टर गाइडलाइन में फ्लेट और जमीन के  अलग भाव करने और सुपर बिल्टआप एरिया के स्थान पर बिल्टअप एरिया की रजिस्ट्री की सहमति बनने के बाद अब इसे अमल में लाने की कवायद हो रही है। इसको लेकर उपबंध में बदलाव किए जा रहे हैं। 
इसे प्रावधान को केंद्रीय मूल्यांकन समिति को मंजूरी देनी है। इसके बाद इस पर अमल शुरू होगा। ऐसा होता है तो मॉल के ऊपरी अलग-अलग फ्लोरों पर निर्मित दुकानों को ग्राउड फ्लोर की दुकानों की अपेक्षा कम स्टॉम्प ड्यूटी रजिस्ट्री के समय देनी होगी। वर्तमान गाइडलाइन में मॉल के किसी भी फ्लोर पर दुकान की रजिस्ट्री में किसी प्रकार की कोई छूट दिए जाने का प्रावधान नहीं है। स्टांप ड्यूटी में यह छूट केवल उन आवासीय बहुमजिला इमारतों में मिलती थी, जिनमें लिफ्ट नहीं है। जानकारी के अनुसार केंद्रीय मूल्यांकन समिति को भेजे जा रही गाइडलाइन में फ्लेट व मॉल संबंधी उपबंधों में किए जा रहे परिवर्तनों की प्रतियों को भेजा रहा है। 

कुछ ऐसा है प्रस्ताव 
बहुमंजिला इमारतों की तरह ही मॉल में भी तलों की दुकानों की रजिस्ट्री के  समय तय किए जाने वाले रेटों में छूट देने का बात कही गई है। यह छूट प्रत्येक तल के हिसाब से लगभग 5 प्रतिशत होगी। मतलब बेसमेंट की दुकान की रजिस्ट्री सामान्य कीमत में तथा
उससे उपर की दुकान की रजिस्ट्री के दौरान 5 प्रतिशत कम कीमत का आंकलन किया जाएगा। इसी तरह द्वितीय व तृतीय तल की दुकानों के लिए क्रमश: 10 व 15 प्रतिशत छूट दी जाएगी। इसके  उपर के सभी मॉलों में यह छूट 15 प्रतिशत ही स्थाई रखी जाएगी। हालांकि इस प्रस्ताव को मंजूरी देने का अंतिम निर्णय केंद्रीय मूल्यांकन बोर्ड ही देगा। ज्ञात हो कि वर्ष 2011-12 तक सभी आवासीय एवं व्यावसायिक मॉल आदि में यह छूट मिलती थी,  लेकिन वर्ष 2012-13 की गाइडलाइन के उपबंधों में बदलाव कर मॉल के  लिए यह छूट खत्म कर दी गई थी।

-आज भेजी जा सकती है गाइडलाइन 
गाइडलाइन में अब तक जो भी सुझाव और आपत्तियां वरिष्ठ जिला पंजीयक कार्यालय को मिली हैं, उनका सकारण निराकरण कर गाइडलाइन में संशोधन किया जा रहा है।  
वरिष्ठ जिला पंजीयक एनएस तोमर ने बताया, लगभग संशोधन हो चुके हैं। शनिवार शाम तक यदि सभी प्रकार का कार्य पूरा को जाता है तो गाइडलाइन को उसी दिन केंद्रीय मूल्यांकन को भेज दिया जाएगा।

-राजस्व पर होगी चर्चा 
भोपाल जिले की कलेक्टर गाइडलाइन में जमीनों के दाम केवल 20 प्रतिशत तक ही बढ़ाए जा रहे हैं। इससे पंजीयन कार्यालय को दिया गया आगामी लक्ष्य का पूरा
होना संभव नहीं है। सूत्र बताते हैं कि केंद्रीय मूल्यांकन समिति को भी इस संबंध में अवगत कराने की तैयारी की जा रही है। सूत्रों का तो यहां तक कहना है कि इस संबंध में केंद्रीय मूल्यांकन समिति से संबंधित विभगों के अधिकारी चर्चा कर जमीनों के रेट बढ़ाने की मांग भी कर सकते हैं। 

मंगलवार, 19 मार्च 2013

ारीदी केंद्रों पर हुआ तौल का शु ाारं ा पहले दिन ारीदा 600 मैट्रिक टन गेहूं



 परवलिया सड़क में 14 ट्राली पहुंची
भोपाल। 
सरकार द्वारा समर्थन मूल्य पर किसानों की फसल ारीदने के लिए जिले में स्थापित ारीदी केंद्रों पर सोमवार से ारीदी शुरू हो गई। इस अवसर पर समीपस्थ ग्राम परवलिया सड़क में स्थापित ारीदी केंद्र पर सेवा सहकारी संस्था के अध्यक्ष ागवानसिंह मीना ने संचालक मनोहर पाटीदार, फूलसिंह धनगर,्र शिवनारायण पटेल, जयराम अहिरवार, हेमंत पाटीदार, मुंगालिया हाट के वरिष्ठ किसान राधेकिशन पाटीदार, संस्था के मैनेजर राजकुमार और सहायक सुनील मीणा  की मौजूदगी में तौल कांटे का विधिवत पूजन कर ारीदी का शु ाारं ा किया। अध्यक्ष श्री मीना ने बताया कि परवलिया सड़क ारीदी केंद्र पर किसानों की अधिकता और उनके उत्साह को दे ाते हुए आधा दर्जन तौल कांटों की व्यवस्था की गई है। 
इसी तरह बारदानों की 40 गठान सहित बारदाना सिलाई मशीन अन्य व्यवस्थाएं पूरी कर ली हैं। फसल तुलाई के लिए कृषि उपज मंडी से करीब 40 ह माल ाी यहां तैनात किए गए हैं। सूत्रों के अनुसार पहले दिन कुल 11 ारीदी केंद्रों पर 600 मैट्रिक टन गेहूं ारीदा, जिसमें सीहोर रोड स्थित  ौंसा ोड़ी पर ही करीब 40 मैट्रिक टन की ारीदी हुई। उधर बैरसिया रोड स्थित ईंट ोड़ी ारीदी केंद्र पर केवल दो ही ट्राली पहुंची, जबकि निपानिया जाट स्थित केंद्र पर करीब एक                                                                                दर्जन ट्राली पहुंची।



पहले दिन आई 14 ट्राली 
परवलिया सड़क ारीदी केंद्र पर पहले दिन सोमवार को 14 ट्राली और दो मेटाडोर आईं। इनमें परवलिया सड़क के अलावा मुंगालिया हाट, बगोनिया, तारा सेवनिया, चंदू ोड़ी, झापडि़या, कुराना के किसान शामिल हैं। अध्यक्ष श्री मीना ने कहा कि आज पहले दिन किसानों में ाारी उत्साह है तो आगे आवक में और ाारी इजाफा होने की सं ाावना है।
उन्होंने बताया कि ारीदी केंद्र पर शासन द्वारा समर्थित मूल्य पर क्वालिटी के आधार पर 1500 रुपए प्रति क्विंटल गेहूं ारीदा जा रहा है।

तौल पर हुई बहस 
केंद्र पर पहले दिन दोपहर करीब एक बजे ारीदी शुरू हुई। ह मालों द्वारा बारदाना में निर्धारित 50 किलो ाराव के स्थान पर 51 किलो वजन किए जाने पर किसानों और संस्था
संचालकों के बीच बहस की नौबत ाी आई। दरअसल ह माल बारदाना के वजन सहित 51 किलो वजन कर रहे थे, जबकि बारदाने का वास्तविक वजन मात्र 600 ग्राम पाया गया। इस पर वरिष्ठ किसान राधेकिशन पाटीदार द्वारा आपत्ति की गई तो मैनेजर ने कहा कि गेहूं में नमी है और सू ाने पर वजन कम निकलेगा। अंतत: आपसी तालमेल के आधार पर 50 किलो 800 ग्राम की तौल पर सहमति बनी, तब जाकर तौल का कार्य शुरू हुआ।

पुलिस के पहरे में यतीमखाना वक्फबोर्ड ने औकाफे आम्मा का प्रभार लेने के दिए निर्देश

यतीमखाना संचालित करने वाली सोसायटी ने जताया विरोध
संवाददाता, भोपाल
मालिकाना हक को लेकर ताजुल मसाजिद के बगल में संचालित यमीमखाना को संचालित करने वाली सोसायटी और वक्फ बोर्ड आमने-सामने आ गए हैं। बोर्ड के निर्देश के बाद यतीमखाना का प्रभार लेने गए औकाफे आम्मा के कार्यपालन अधिकारी को सोसायटी के पदाधिकारियों ने बैरंग लौटा दिया। दूसरी ओर, इस सब के दौरान हालात बिगडऩे की आशंका के मद्देनजर यतीमखाना के बाहर पुलिस ने मोर्चा संभालना पड़ा।
दरअसल, यतीमखाना के मालिकाना हक को लेकर संचालित करने वाली दारुल शफकत सोसायटी और मप्र वक्फ बोर्ड के बीच सालों से कानूनी लड़ाई चली आ रही है। हाईकोर्ट में संचालन अधिकार को लेकर विचाराधीन याचिका के बीते साल अक्टूबर में निपटारे के बाद बोर्ड के मुख्य कार्यपालन अधिकारी (सीईओ) सैफुद्दीन सैयद ने सोमवार को औकाफे आम्मा के कार्यपालन अधिकारी (ईओ) हाशमी को निर्देश दिए कि, यतीमखाना का चार्ज ले लें। इसकी भनक लगते ही सोसायटी ने कलेक्टर और एसएसपी को पूरे मामले से अवगत कराते हुए झगड़े का अंदेशा जताया। इस पर सुबह से ही पुलिस ने यतीमखाना के बाहर मोर्चाबंदी कर दी। दोपहर करीब 12:30 बजे औकाफे आम्मा के ईओ हाशमी पहुंचे, लेकिन सोसायटी के सदर शाहिद अलीम, नायब सदर आरिफ हसन सहित सोसायटी के सभी 19 मेंबरों ने विरोध जताया। करीब घंटेभर की जद्दोजहद के बाद बिना चार्ज लिए ही ईओ को बैरंग लौटना पड़ा।
सालों से चला आ रहा है झगड़ा
वक्फ बोर्ड ने एक सोसायटी बनाकर यतीमखाना का संचालन संभालने की कोशिश की थी। इसके विरोध में दारुल शफकत सोसायटी ने 2007 में हाईकोर्ट में याचिका पेश करके बोर्ड को दखलदांजी से रोकने की गुहार लगाई थी, जिस पर कोर्ट ने स्टे जारी कर दिया था। वर्ष 2012 में बोर्ड ने कोर्ट के सामने यह तथ्य पेश किया कि, बोर्ड द्वारा यतीमखाना के संचालन के लिए बनाई गई कमेटी के तीन साल पूरे हो जाने और यतीमखाना का संचालन नहीं मिलने से अवधिबाहृय हो गई है। ऐसे में बोर्ड अब कोई कार्रवाई वक्फ एक्ट के तहत नहीं करेगा। इस पर कोर्ट ने याचिका को अक्टूबर,2012 में समाप्त करते हुए दोनों पक्षों को विवाद की स्थिति में फिर से फ्रेश एप्लीकेशन पेश करने पर नए सिरे से सुनवाई करने का आदेश दिया। इसी आदेश को दोनों पक्ष अपने-अपने हक में बता रहे हैं।
यतीमों से ज्यादा जमीन का चक्कर
सूत्रों की माने तो सारा झगड़ा करोड़ों की जमीन को लेकर है। इसके लिए एक लॉबी लंबे समय से सक्रिय है। यतीमखाना वाली बिल्डिंग का निर्माण नवाब शाहजहां बेगम ने करवाया था। इसमें यतीमखाना संचालित करने वाली सोसायटी का पंजीयन 1957 में कंट्रोलर ऑफ चैरिटेबल ट्रस्ट ने किया था। चंदा और गुप्त मदद से सोसायटी यतीमखाना का संचानल करती आ रही है, जिसमें अभी 70 बच्चे और बच्चियां हैं। दूसरी ओर, वक्फ एक्ट का निर्माण 1961 में हुआ। ऐसे में सोसायटी का दो टूक कहना है कि, पहले से रजिस्टर्ड सोसायटी को बाद में बने वक्फ एक्ट के तहत कैसे माना जा सकता है।

कथन
हाईकोर्ट में बोर्ड के खिलाफ मुकद्मा सोसायटी लड़ रही थी, जिसमें कोर्ट ने बोर्ड को कमेटी बनाकर यतीमखाना संचालन के लिए कहा है। ऐसे में नई कमेटी बनने तक औकाफे आम्मा के ईओ चार्ज लेने के निर्देश दिए गए हैं।
सैफुद्दीन सैयद, सीईओ, मप्र वक्फ बोर्ड
कोर्ट के फैसले को गलत तरीके से पेश किया जा रहा है। कोर्ट ने सोसायटी के दावे को सही और बोर्ड द्वारा दखलदांजी नहीं करने की अंडरटेकिंग देने के बाद ही पिटीशन का निपटारा किया। वैसे भी वक्फ एक्ट से पहले की सोसायटी है।
शाहिद अलीम, सदर, यतीमखाना सोसायटी