-मामला महर्षि विवि के कुलाधिपति गिरीश वर्मा पर यौन शोषण का
भोपाल।
राज्यपाल रामनरेश यादव ने यौन शोषण के आरोप में घिरे महर्षि महेश योगी वैदिक विश्वविद्यालय के कुलाधिपति व महर्षि शिक्षण संस्था के सचिव गिरीश वर्मा की जांच रिपोर्ट महिला आयोग और डीजीपी से तलब की है। इतना ही नहीं गिरीश नए विवाद में भी घिर गए हैं। इलाहाबाद के नैनी थाने में वकील की हत्या का प्रकरण दर्ज किया गया है। दूसरी ओर महर्षि प्रबंधन देश भर में पत्रकारवार्ता कर सफाई प्रस्तुत कर रहा है।
भोपाल में हुई पत्रकारवार्ता में प्रबंधन पुख्ता सबूत उपलब्ध नहीं करा पाए। उल्टा पत्रकारों के सवालों में ही उलझ गए। दरअसल, भोपाल रतनपुर महर्षि विद्या मंदिर संस्थान की एक शिक्षिका ने महिला आयोग में गिरीश पर योन शोषण का आरोप दर्ज कराया था। दबंग दुनिया, भोपाल व एक अन्य अखबार ने ७ मार्च को यह खबर प्रकाशित की थी। इसके बाद महर्षि प्रबंधन ने आनन-फानन में गुरुवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस ली। महर्षि शिक्षण संस्थान के अधिकृत प्रवक्ता यतीश सक्सेना का कहना है कि गिरीश वर्मा के ऊपर लोग झूठे प्रकरण दर्ज करा रहे हैं। संस्थान प्रमुख होने के नाते संस्था में ही कई लोग उन्हें बदनाम करने की साजिश रच रहे हैं। खबर है महर्षि प्रबंधन ने भोपाल सहित इंदौर, जबलपुर और इलाहाबाद में पे्रस वार्ता कर सभी आरोपों को बेबुनियाद बताया है।
-ये हुआ नैनी में
घटना २९ जनवरी, १३ की है, इलाहाबाद के थाना नैनी में गिरीश वर्मा पर कट्टे से फायर कर एक वकील की हत्या के प्रयास का प्रकरण इलाहाबाद उच्च न्यायालय के वकील नलिनीश मिश्रा ने दर्ज कराया। अपराध क्रमांक 74/13 में धारा 307 के तहत गिरीश वर्मा सहित 10 लोगों को आरोपी बनाया गया है। इन पर जान से मारने की धमकी, लूट और गाली गलौच की धाराएं भी लगाई गई हैं। यूपी पुलिस मामले की जांच कर रही है। नलिनीश मिश्रा ने रिपोर्ट में कहा, वे सुबह साढ़े सात बजे अपनी कार से पंडित धीरेन्द्र मिश्र उर्फ फिल्मी बाबा के साथ गंगा स्नान के लिए जा रहे थे। इसी रास्ते में महार्षि महेश योगी आश्रम के गेट पर गिरीश वर्मा व उनके साथी पवन बाबा को पीट रहे थे। फिल्मी बाबा और नलिनीश मिश्रा ने पवन बाबा को बचाने का प्रयास किया तो वर्मा और उनके साथियों ने उनके ऊपर कट्टे से फायर कर दिया। इस दौरान वे वर्मा के साथियों से चारों ओर से घिर चुके थे। वर्मा और उनके साथियों ने घेराबंदी कर पिटाई की और वाहन को भी नुकसान पहुंचाया। वकील रिपोर्ट में बताया उनकी ढाई तौला सोने की चेन और कार में रखा लेपटॉप व अन्य सामान लूट लिया गया। खून से लथपथ और बेहोश होकर वकील जमीन पर गिर गया। वर्मा और उनके साथी उन्हें मृत मानकर वहां से चले गए।
-इन पर दर्ज है प्रकरण
घायल अवस्था में थाने पहुंंचे नलिनीश मिश्रा ने गिरीश वर्मा व उनके साथी लालमोहन तिवारी, धर्मेन्द्र तिवारी, दुर्गेश तिवारी, हरिओम शुक्ला, शिवनंद उपाध्याय व चार अन्य अज्ञात लोगों के खिलाफ प्रकरण दर्ज कराए। नैनी थाना पुलिस ने सभी आरोपियों के खिलाफ धारा 307/395/147/148/504/506/427/ 323 भादसं के तहत प्रकरण कायम किया है। अब इसकी जांच चल रही है। हालांकि बताया जा रहा है कि गिरीश वर्मा इस मामले में कोर्ट से ६ मार्च को जमानत ले आए हैं।
-आखिर कौन है गिरीश वर्मा
महार्षि महेश योगी के भतीजे के रूप में गिरीश वर्मा प्रचारित किए जाते हैं। महार्षिजी के निधन के बाद भारत में उन्हें महार्षिजी के उत्तराधिकारी के रूप में पहचाना जाता है। गिरीश वर्मा का मुख्यालय उत्तरप्रदेश के नोयडा में था। उत्तरप्रदेश की तत्कालीन मुख्यमंत्री मायावती के गुस्से का शिकार होने के बाद वर्मा भोपाल आ गए। महार्षिजी के निधन के बाद गिरीश वर्मा महार्षि महेश योगी वैदिक विश्वविद्यालय के कुलाधिपति बनाये गये थे। उनका कार्यकाल पिछले साल नवंबर में समाप्त हो चुका है। किन्तु अब तक नए नाम का चयन नहीं हो पाया है, जिसके चलते वे अभी भी ये पद संभाल रहे हैं।
भोपाल।
राज्यपाल रामनरेश यादव ने यौन शोषण के आरोप में घिरे महर्षि महेश योगी वैदिक विश्वविद्यालय के कुलाधिपति व महर्षि शिक्षण संस्था के सचिव गिरीश वर्मा की जांच रिपोर्ट महिला आयोग और डीजीपी से तलब की है। इतना ही नहीं गिरीश नए विवाद में भी घिर गए हैं। इलाहाबाद के नैनी थाने में वकील की हत्या का प्रकरण दर्ज किया गया है। दूसरी ओर महर्षि प्रबंधन देश भर में पत्रकारवार्ता कर सफाई प्रस्तुत कर रहा है।
भोपाल में हुई पत्रकारवार्ता में प्रबंधन पुख्ता सबूत उपलब्ध नहीं करा पाए। उल्टा पत्रकारों के सवालों में ही उलझ गए। दरअसल, भोपाल रतनपुर महर्षि विद्या मंदिर संस्थान की एक शिक्षिका ने महिला आयोग में गिरीश पर योन शोषण का आरोप दर्ज कराया था। दबंग दुनिया, भोपाल व एक अन्य अखबार ने ७ मार्च को यह खबर प्रकाशित की थी। इसके बाद महर्षि प्रबंधन ने आनन-फानन में गुरुवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस ली। महर्षि शिक्षण संस्थान के अधिकृत प्रवक्ता यतीश सक्सेना का कहना है कि गिरीश वर्मा के ऊपर लोग झूठे प्रकरण दर्ज करा रहे हैं। संस्थान प्रमुख होने के नाते संस्था में ही कई लोग उन्हें बदनाम करने की साजिश रच रहे हैं। खबर है महर्षि प्रबंधन ने भोपाल सहित इंदौर, जबलपुर और इलाहाबाद में पे्रस वार्ता कर सभी आरोपों को बेबुनियाद बताया है।
-ये हुआ नैनी में
घटना २९ जनवरी, १३ की है, इलाहाबाद के थाना नैनी में गिरीश वर्मा पर कट्टे से फायर कर एक वकील की हत्या के प्रयास का प्रकरण इलाहाबाद उच्च न्यायालय के वकील नलिनीश मिश्रा ने दर्ज कराया। अपराध क्रमांक 74/13 में धारा 307 के तहत गिरीश वर्मा सहित 10 लोगों को आरोपी बनाया गया है। इन पर जान से मारने की धमकी, लूट और गाली गलौच की धाराएं भी लगाई गई हैं। यूपी पुलिस मामले की जांच कर रही है। नलिनीश मिश्रा ने रिपोर्ट में कहा, वे सुबह साढ़े सात बजे अपनी कार से पंडित धीरेन्द्र मिश्र उर्फ फिल्मी बाबा के साथ गंगा स्नान के लिए जा रहे थे। इसी रास्ते में महार्षि महेश योगी आश्रम के गेट पर गिरीश वर्मा व उनके साथी पवन बाबा को पीट रहे थे। फिल्मी बाबा और नलिनीश मिश्रा ने पवन बाबा को बचाने का प्रयास किया तो वर्मा और उनके साथियों ने उनके ऊपर कट्टे से फायर कर दिया। इस दौरान वे वर्मा के साथियों से चारों ओर से घिर चुके थे। वर्मा और उनके साथियों ने घेराबंदी कर पिटाई की और वाहन को भी नुकसान पहुंचाया। वकील रिपोर्ट में बताया उनकी ढाई तौला सोने की चेन और कार में रखा लेपटॉप व अन्य सामान लूट लिया गया। खून से लथपथ और बेहोश होकर वकील जमीन पर गिर गया। वर्मा और उनके साथी उन्हें मृत मानकर वहां से चले गए।
-इन पर दर्ज है प्रकरण
घायल अवस्था में थाने पहुंंचे नलिनीश मिश्रा ने गिरीश वर्मा व उनके साथी लालमोहन तिवारी, धर्मेन्द्र तिवारी, दुर्गेश तिवारी, हरिओम शुक्ला, शिवनंद उपाध्याय व चार अन्य अज्ञात लोगों के खिलाफ प्रकरण दर्ज कराए। नैनी थाना पुलिस ने सभी आरोपियों के खिलाफ धारा 307/395/147/148/504/506/427/
-आखिर कौन है गिरीश वर्मा
महार्षि महेश योगी के भतीजे के रूप में गिरीश वर्मा प्रचारित किए जाते हैं। महार्षिजी के निधन के बाद भारत में उन्हें महार्षिजी के उत्तराधिकारी के रूप में पहचाना जाता है। गिरीश वर्मा का मुख्यालय उत्तरप्रदेश के नोयडा में था। उत्तरप्रदेश की तत्कालीन मुख्यमंत्री मायावती के गुस्से का शिकार होने के बाद वर्मा भोपाल आ गए। महार्षिजी के निधन के बाद गिरीश वर्मा महार्षि महेश योगी वैदिक विश्वविद्यालय के कुलाधिपति बनाये गये थे। उनका कार्यकाल पिछले साल नवंबर में समाप्त हो चुका है। किन्तु अब तक नए नाम का चयन नहीं हो पाया है, जिसके चलते वे अभी भी ये पद संभाल रहे हैं।
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