मंगलवार, 19 मार्च 2013

महाविद्यालयों में उड़े धुएं के छल्ले तो प्राचार्य भरेंगे जुर्माना

कॉलेज परिसर में धूम्रपान को लेकर उच्च शिक्षा विभाग स त
भोंपाल।  
प्रदेश भर के महाविद्यालयों में अब ध्रूमपान करने वालों की खैर नहीं है। कारण,प्रदेश के उच्च शिक्षा विभाग ने महाविद्यालय परिसरों को ध्रूमपान मुक्त कराने के लिए अपनी कमर कस ली है। इसके चलते अब यदि महाविद्यालयों में धुएं के छल्ले उड़ते दिखे तो उसकी भरपाई संस्था प्रमुखों को करनी होगी। यानि संबंधित महाविद्यालय के प्राचार्यों से अर्थदण्ड वसूला जाएगा। इस संबंध में उच्च शिक्षा आयुक्त डॉ. वी.एस. निरंजन ने प्रदेश के सभी सरकारी व निजी कॉलेज प्राचार्यों को निर्देश जारी कर आगाह भी कर दिया है। जिले के कॉलेजों को भी यह लिखित निर्देश मिल चुका है। अब यह देखना होगा कि कॉलेज परिसर को ध्रूमपान मुक्त बनाने के लिए महाविद्यालय के प्राचार्य किस तरह उच्च शिक्षा विभाग की इस कार्ययोजना को अमल में लाएंगे।
संस्थान प्रमुख भरेंगे अर्थदण्ड- उच्च शिक्षा आयुक्त द्वारा जारी निर्देश में यह भी साफ कर दिया है कि संस्थान में कोई धूम्रपान करते हुए मिलता है और कोई कार्रवाई नहीं होती है तो अर्थदंड संस्थान प्रमुख से वसूला जाएगा। परिसर में धूम्रपान को बढ़ावा देने वाली एश ट्रे, लाइटर आदि भी न हों। कॉलेज परिसर के 100 गज के दायरे में कोई तंबाकू उत्पादन बेचने की दुकान न हो।
पकड़े जाने पर 200 रुपए जुर्माना
महाविद्यालय के विद्यार्थियों द्वारा सिर्फ 5-10 रुपए में महाविद्यालय के परिसर में खड़े होकर शौक पूरा करना उनकी जेब पर भारी पड़ सकता है। यदि वे कालेज परिसर धूम्रपान करते पाए गए तो संस्था प्राचार्य या अधिकृत प्राध्यापक-सहायक प्राध्यापक द्वारा 200 रुपए का जुर्माना लगा दिया जाएगा। गौरतलब है कि भारत सरकार ने तंबाखू आपदा से लोगों को बचाने के लिए सिगरेट और अन्य तंबाखू उत्पाद अधिनियम-2003 बनाया है। इस कानून की धारा 4 के तहत शासकीय कार्यालय, मनोरंजन केंद्र, पुस्तकालय, स्टेडियम, होटल, शिक्षण संस्थान आदि सार्वजनिक स्थलों पर धूम्रपान प्रतिबंधित है। इन स्थानों पर धूम्रपान करने वाले लोगों पर 200 रुपए तक जुर्माने का प्रावधान है।
लगाए जाएंगे बोर्ड
उच्च शिक्षा आयुक्त ने ये निर्देश भी दिए हैं कि महाविद्यालयों के मु य प्रवेश द्वार पर एक बोर्ड लगा हो। बोर्ड पर जलती सिगरेट पर लाल रंग से खींची लाइन का लोगो होने के साथ 'गैर धूम्रपान क्षेत्र/यहां धूम्रपान करना अपराध है (उल्लंघन करने पर 200 रु. तक जुर्माना किया जाएगा))' स्पष्ट रूप से लिखा होना चाहिए। इसी तरह 'तंबाकू मुक्त शिक्षण संस्थान ((इस शिक्षण संस्थान के 100 गज के दायरे में किसी भी प्रकार के तंबाकू उत्पाद बेचना कानूनी अपराध है, उल्लंघन करने वालों पर 200 रुपए तक का जुर्माना हो सकता है- संस्था अधिकारी।)' सूचना भी उल्लेखित हो।
सीएमएचओ कार्यालय में जमा होगी जुर्माने की राशि- कॉलेज परिसर में धूम्रपान पर वसूले जाने वाले अर्थदंड को लेकर भी आयुक्त ने विशेष निर्देश दिए हैं। अर्थदंड करने के लिए निर्धारित प्रारूप की रसीद बुक जिले के मु य चिकित्सा एवं स्वास्थ अधिकारी ((सीएमएचओ)) कार्यालय से प्राप्त की जा सकेगी। वसूली गई राशि भी वहीं जमा की जानी है।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें