रविवार, 17 मार्च 2013

मजदूर बोला मुझे जलाया, जांच रिपोर्ट कह रही खुद जला

-सीआईडी ने तैयार की रिपोर्ट, मामला मंडीद्वीप की सिद्धार्थ टैक्सटाइल का 
-सवाल धागा फैक्ट्री में कैसे पहुंची पेट्रोल की कैन?
भोपाल। 
औद्योगिक नगरी मंडीदीप में स्थित धागा फैक्ट्री सिद्धार्थ टैक्सटाइल में हुई मजदूर ठेकेदार लखन गिरी की मौत की सीआईडी जांच रिपोर्ट पर सवाल खड़े हो गए हैं? दरअसल, मौत से कुछ मिनटों पूर्व मजदूर ने फैक्ट्री मालिक द्वारा उसे पेट्रोल डाल आग लागने का बयान दर्ज कराया था। वहीं सीआईडी जांच रिपोर्ट में मजदूर के खुद से जलाने की बात कही जा रही है। 
मजदूर के बयान के विपरित रिपोर्ट से सीआईडी की रिपोर्ट पर सवालिया निशान खड़े हो गए हैं। मरने से पहले मजदूर के बयानों की पुलिस ने वीडियो रिकार्डिंग की है। रिपोर्ट आने के बाद इस बता को ओर बल मिल रहा है कि मंडीद्वीप में उद्योगपतियों द्वारा मजदूरों का जमकर शोषण किया जा रहा है। शोषण के खिलाफ आवाज उठाने वाले मजदूरों की आवाज दबाने उन्हें मौत के घाट तक उतार दिया जाता है। नबंवर महीने में एक मजदूर ठेकेदार ने सिद्वार्थ टैक्सटाइल के मालिक से मजदूरों का भुगतान मांगा तो मालिक ने पेट्रोल डालकर आग लगा दी। बाद में जांच का जिम्मा सीआईडी को सौंपा गया। सीआईडी ने जांच रिपोर्ट में बताया है, मजदूर ने खुद को आग लगाई। फैक्ट्री मालिक ने उसे नहीं जलाया। मंडीद्वीप पुलिस थाने में दर्ज रिपोर्ट के हिसाब से मजदूर ठेकेदार लखन गिरी को जलाकर मारने के आरोप में नीतिश जैन निवासी भोपाल के खिलाफ 6 नवंबर 2012 को प्रकरण क्रमांक 621/12 आईपीसी की धारा 302, 307 के तहत प्रकरण दर्ज किया गया था। 

-यह है मामला 
लखन गिरी धागा फैक्ट्री सिद्धार्थ टेक्टाइल्स में ठेके पर मजदूर लगाता था। मजदूरों के भुगतान को लेकर उसने फैक्ट्री मालिक के खिलाफ आवाज मुखर की थी। इसको लेकर मजदूर ठेकेदार लखन गिरी का फैक्ट्री मालिक नीतिश कुमार से विवाद हुआ। नीतिश कुमार ने भुगतान के लिए लखन को बुलाया। इसी बीच फैक्ट्री के अंदर लखन पर नीतिश कुमार ने पेट्रोल डालकर आग लगा दी। उसे उपचार मिसरोद अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां तीन दिनों तक उसका उपचार चला। मरने से पहले उसने मजिस्ट्रेट को दिए बयान में बताया कि फैक्ट्री मालिक नीतिश जैन से उसे 8 लाख रुपए का भुगतान लेना था। फैक्ट्री मालिक ने उसे भुगतान के बहाने बुलाया था और पेट्रोल डालकर आग लगा दी। सीआईडी की प्राथमिक रिपोर्ट के हिसाब से अब तक ये बात सामने आ रही है। सीआईडी ने रिपोर्ट में कहा है, ठेकेदार ने जब खुद को आग लगाई उस समय फैक्ट्री मालिक अपने चैंबर में थे और चेंबर अंदर से बंद था। आग लगाने के बाद ठेकेदार ने चेंबर खोलने का प्रयास किया था। 

-खड़े होते हैं ये सवाल 
-लखन गिरी मौत से पहले क्यों कहा, उसे फैक्ट्री मालिक नीतिश जैन आग लगाई? 
-धागा फैक्ट्री में रुई का स्टॉक रहता है। इसके चलते मजदूर सहित आने वालों को माचिस या ज्वलन शील पदार्थ अंदर ले जाने की अनुमति नहीं रहती। ऐसे में पेट्रोल की कैन कैसे मालिक के चैंबर तक पहुंची। 
-फैक्ट्री के मैन दरवाजे पर सुरक्षा कर्मचारी इस बात की सख्ती से जांच करते हैं कि व्यक्ति कोई ज्वालन शील वस्तु तो लेकर नहीं जा रहा है। उस वक्त सुरक्षा कर्मचारी कहां थे। 

-वर्जन 
लखनलाल का तीन दिन तक अस्पताल में इलाज चला। मरने से पहले उसने मजिस्ट्रेट को जो बयान दिया था कि उसे फैक्ट्री मालिक ने पेट्रोल डालकर आग लगाई है। पुलिस ने हत्या का मामला दर्ज तो कर लिया है, लेकिन आरोपी की गिरफ्तारी नहीं हुई है। मंडीद्धीप में मजदूरों का शोषण हो रहा है। दवाब में जांच रिपोर्ट बदली जा रही हैं। 
सत्यप्रकाश मिश्रा, जिलाध्यक्ष, शिवसेना रायसेन

मैंने खुद ही घटना स्थल का निरीक्षण किया था। प्रकरण की जांच सीआईडी कर रही है। सीआईडी ने रिपोर्ट में बताया है, फैक्ट्री मालिक और ठेकेदार के बीच भुगतान को लेकर विवाद था। बताया जाता है कि मालिक ने मजदूर पर दवाब पेट्रोल डाल आग लगाई थी। मामला अब भी सीआईडी में है। इसलिए ज्यादा कुछ नहीं कहा जा सका। 
अजय शर्मा, आईजी, होशंगाबाद 
 

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