-अब तक नहीं हो पाया फसल का सर्वे और रकबे का सत्यापन
-समीक्षा के दौरान खुलासा
भोपाल।
१८ मार्च से समर्थन मूल्य पर जिले के ४६ उपर्जान केंद्रों पर होने वाली गेहूं खरीदी के संबंध में पटवारी व राजस्व निरीक्षकों को चेतावनी दी गई है कि गेहूं बिकवाली से पहले किसानों की फसलों का सर्वे और रकबे का सत्यापन कर लें। ऐसा नहीं होने पर और उपार्जन केंद्रों पर व्यवस्था दुरस्त न मिलने पर मौके पर ही सस्पेंड कर दिया जाएगा।
इसके चलते अब रविवार को ही इन्हें फसल का सर्वे, पंजीयन और जमीन के कुल रकबे सत्यापन करना होगा। गेहूं उपार्जन केंद्रों में अव्यवस्थाओं और किसानों के पंजीयन का सत्यापन न होने का खुलासा जनपद पंचायत फंदा की समीक्षा में हुआ था। इसके बाद जिला प्रशासन ने कड़ा रुख अख्तियार कर लिया है। अब पटवारियों और राजस्व निरीक्षकों को जिला प्रशासन के निर्देशों का सख्ती से पालन करना होगा। उल्लेखनीय है कि कलेक्टर ने गेहूं उपार्जन की समीक्षा के दौरान फर्जी फसल और रकबा पंजीयन करवाने की शिकायतों के बाद सत्यापन के निर्देश सभी एसडीएम और तहसीलदारों को दिए थे। कलेक्टर ने कहा था, कुछ न बोने के बाद भी कई किसानों द्वारा पंजीयन कराने तथा पंजीयन में गेहूं के रकबे की जानकारी गलत लिखाने का सत्यापन करके 18 मार्च तक रिपोर्ट सौंपने के निर्देश दिए थे।
वर्जन
फसल पंजीयन और सत्यापन करने के लिए पटवारियों को चौबीस घंटे का वक्त दिया गया है। सोमवार से गेहूं उपार्जन केंद्रों का औचक निरीक्षण शुरु हो जाएगा। गड़बडियां मिली तो मौके पर ही सस्पेंड किया जाएगा।
राजेश श्रीवास्तव, अनुविभागीय अधिकारी, तहसील हुजूर
-समीक्षा के दौरान खुलासा
भोपाल।
१८ मार्च से समर्थन मूल्य पर जिले के ४६ उपर्जान केंद्रों पर होने वाली गेहूं खरीदी के संबंध में पटवारी व राजस्व निरीक्षकों को चेतावनी दी गई है कि गेहूं बिकवाली से पहले किसानों की फसलों का सर्वे और रकबे का सत्यापन कर लें। ऐसा नहीं होने पर और उपार्जन केंद्रों पर व्यवस्था दुरस्त न मिलने पर मौके पर ही सस्पेंड कर दिया जाएगा।
इसके चलते अब रविवार को ही इन्हें फसल का सर्वे, पंजीयन और जमीन के कुल रकबे सत्यापन करना होगा। गेहूं उपार्जन केंद्रों में अव्यवस्थाओं और किसानों के पंजीयन का सत्यापन न होने का खुलासा जनपद पंचायत फंदा की समीक्षा में हुआ था। इसके बाद जिला प्रशासन ने कड़ा रुख अख्तियार कर लिया है। अब पटवारियों और राजस्व निरीक्षकों को जिला प्रशासन के निर्देशों का सख्ती से पालन करना होगा। उल्लेखनीय है कि कलेक्टर ने गेहूं उपार्जन की समीक्षा के दौरान फर्जी फसल और रकबा पंजीयन करवाने की शिकायतों के बाद सत्यापन के निर्देश सभी एसडीएम और तहसीलदारों को दिए थे। कलेक्टर ने कहा था, कुछ न बोने के बाद भी कई किसानों द्वारा पंजीयन कराने तथा पंजीयन में गेहूं के रकबे की जानकारी गलत लिखाने का सत्यापन करके 18 मार्च तक रिपोर्ट सौंपने के निर्देश दिए थे।
वर्जन
फसल पंजीयन और सत्यापन करने के लिए पटवारियों को चौबीस घंटे का वक्त दिया गया है। सोमवार से गेहूं उपार्जन केंद्रों का औचक निरीक्षण शुरु हो जाएगा। गड़बडियां मिली तो मौके पर ही सस्पेंड किया जाएगा।
राजेश श्रीवास्तव, अनुविभागीय अधिकारी, तहसील हुजूर
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें