स्टॉफ की कमी से निपटने के प्रयास
भोपाल।
अस्पतालों में पैरामेडिकल स्टॉफ की कमी को दूर करने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने प्रदेश के जिला चिकित्सालयों में पैरामेडिकल कोर्स संचालित करने का प्रस्ताव सरकार को दिया है। प्रदेश में अभी यह पैरामेडिकल कोर्स निजी संस्थाओं द्वारा संचालित कॉलेजों में पढ़ाए जा रहे है। अनुभवी एवं गुणी शिक्षकों के अभाव से जूझते इन कॉलेजों में अध्ययनरत छात्रों को न तो उचित शिक्षण मिल पा रहा है और न ही पर्याप्त प्रशिक्षण नहीं मिल रहा है। जिससे पढ़ाई पूरी करने के बाद छात्रों को रोजगार हासिल करने में भयंकर दुश्वारियों का सामना करना पड़ता है।
फीस भारी-भरकम,सुविधा नगण्य
गौरतलब है कि राजधानी सहित प्रदेश के अन्य जिलों में संचालित प्राइवेट पैरामेडिकल कॉलेज छात्रों से भारी-भरकम राशि फीस के रूप में वसूलते है। जबकि इन कॉलेजों में प्रशिक्षण के लिए न तो विशेषज्ञ है और न ही लैब आदि में उपकरण और सामग्री मौजूद रहती है। 90 फीसदी पैरामेडिकल कालेजों में संस्थान के सीनियर छात्र ही शिक्षण और प्रशिक्षण कार्य संचालित कर रहे हैं। इन कॉलेजों में छात्रों की नियमित उपस्थिति तो दर्ज होती है लेकिन वे वर्ष में परीक्षा के समय में ही संस्थान में उपस्थिति दर्ज कराते हैं।
परीक्षाओं की समय-सीमा नहीं
इनकी परीक्षाओं की भी कोई समय-सीमा निर्धारित नहीं है। परीक्षाओं के परिणाम भी डेढ़ से दो साल में मिलते है। जिससे डिप्लोमा,डिग्री प्राप्त करने वाले छात्रों को निर्धारित समय पर सर्टीफिकेट प्राप्त नहीं हो रहे है। यहीं नहीं, अनुभव व प्रशिक्षण में भी कार्य अनुभव नगण्य रहता है। जिससे उन्हें मजबूरी में डिग्री प्राप्त करने के बाद अन्य संस्थानों में मामूली सेलरी पर कार्य करने को विवश होना पड़ रहा है।
शुरुआत जेपी अस्पताल से
निजी संस्थानों में पढऩे वाले छात्रों की इन्हीं परेशानियों को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने पैरामेडिकल कोर्स एवं प्रशिक्षण को गुणवत्ता प्रदान करने व शासकीय अस्पतालों में पैरामेडिकल स्टॉफ की कमी को पूरा करने के लिए निर्णय लिया है कि प्रदेश के जिला अस्पतालों में पैरामेडिकल कोर्स संचालित कराए जाए। इसका जि मा जिला स्तर पर रोगी कल्याण समितियों को सौंपा जाएगा। यह समितियां कम फीस लेकर यह कोर्स संचालित करेंगी। जिससे जिला अस्पतालों न केवल अतिरिक्त आय होगी बल्कि पैरामेडिकल स्टॉफ की कमी भी दूर हो जाएगी। इस पैरामेडिकल कोर्स की शुरुआत राजधानी के जेपी अस्पताल से की जाएगी,जिसकी प्रक्रिया शुरु की दी गई है।
इनका कहना
रोगी कल्याण समिति करेगी संचालन
विभाग ने स्टॉफ की कमी को दूर करने के लिए प्रदेश के सभी जिला अस्पतालों पर पैरामेडिकल कोर्स संचालित करने की पहल की है। जिससे न केवल प्रशिक्षित कर्मचारी मिल सकेंगे बल्कि अस्पतालों में स्टॉफ की कमी से भी निजात मिलेगी। अस्पतालों में इस कोर्स का संचालन रोगी कल्याण करेगी।
संजय गोयल,संचालक,लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण,मप्र.
भोपाल।
अस्पतालों में पैरामेडिकल स्टॉफ की कमी को दूर करने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने प्रदेश के जिला चिकित्सालयों में पैरामेडिकल कोर्स संचालित करने का प्रस्ताव सरकार को दिया है। प्रदेश में अभी यह पैरामेडिकल कोर्स निजी संस्थाओं द्वारा संचालित कॉलेजों में पढ़ाए जा रहे है। अनुभवी एवं गुणी शिक्षकों के अभाव से जूझते इन कॉलेजों में अध्ययनरत छात्रों को न तो उचित शिक्षण मिल पा रहा है और न ही पर्याप्त प्रशिक्षण नहीं मिल रहा है। जिससे पढ़ाई पूरी करने के बाद छात्रों को रोजगार हासिल करने में भयंकर दुश्वारियों का सामना करना पड़ता है।
फीस भारी-भरकम,सुविधा नगण्य
गौरतलब है कि राजधानी सहित प्रदेश के अन्य जिलों में संचालित प्राइवेट पैरामेडिकल कॉलेज छात्रों से भारी-भरकम राशि फीस के रूप में वसूलते है। जबकि इन कॉलेजों में प्रशिक्षण के लिए न तो विशेषज्ञ है और न ही लैब आदि में उपकरण और सामग्री मौजूद रहती है। 90 फीसदी पैरामेडिकल कालेजों में संस्थान के सीनियर छात्र ही शिक्षण और प्रशिक्षण कार्य संचालित कर रहे हैं। इन कॉलेजों में छात्रों की नियमित उपस्थिति तो दर्ज होती है लेकिन वे वर्ष में परीक्षा के समय में ही संस्थान में उपस्थिति दर्ज कराते हैं।
परीक्षाओं की समय-सीमा नहीं
इनकी परीक्षाओं की भी कोई समय-सीमा निर्धारित नहीं है। परीक्षाओं के परिणाम भी डेढ़ से दो साल में मिलते है। जिससे डिप्लोमा,डिग्री प्राप्त करने वाले छात्रों को निर्धारित समय पर सर्टीफिकेट प्राप्त नहीं हो रहे है। यहीं नहीं, अनुभव व प्रशिक्षण में भी कार्य अनुभव नगण्य रहता है। जिससे उन्हें मजबूरी में डिग्री प्राप्त करने के बाद अन्य संस्थानों में मामूली सेलरी पर कार्य करने को विवश होना पड़ रहा है।
शुरुआत जेपी अस्पताल से
निजी संस्थानों में पढऩे वाले छात्रों की इन्हीं परेशानियों को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने पैरामेडिकल कोर्स एवं प्रशिक्षण को गुणवत्ता प्रदान करने व शासकीय अस्पतालों में पैरामेडिकल स्टॉफ की कमी को पूरा करने के लिए निर्णय लिया है कि प्रदेश के जिला अस्पतालों में पैरामेडिकल कोर्स संचालित कराए जाए। इसका जि मा जिला स्तर पर रोगी कल्याण समितियों को सौंपा जाएगा। यह समितियां कम फीस लेकर यह कोर्स संचालित करेंगी। जिससे जिला अस्पतालों न केवल अतिरिक्त आय होगी बल्कि पैरामेडिकल स्टॉफ की कमी भी दूर हो जाएगी। इस पैरामेडिकल कोर्स की शुरुआत राजधानी के जेपी अस्पताल से की जाएगी,जिसकी प्रक्रिया शुरु की दी गई है।
इनका कहना
रोगी कल्याण समिति करेगी संचालन
विभाग ने स्टॉफ की कमी को दूर करने के लिए प्रदेश के सभी जिला अस्पतालों पर पैरामेडिकल कोर्स संचालित करने की पहल की है। जिससे न केवल प्रशिक्षित कर्मचारी मिल सकेंगे बल्कि अस्पतालों में स्टॉफ की कमी से भी निजात मिलेगी। अस्पतालों में इस कोर्स का संचालन रोगी कल्याण करेगी।
संजय गोयल,संचालक,लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण,मप्र.
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