-18 से 18 मई तक होगी प्रथम चरण की गेहूं खरीदी, शेष संभागों में २५ मार्च से शुरू होगा उपार्जन
भोपाल।
भोपाल सहित इंदौर, उज्जैन और नर्मदापुरम संभाग में १८ मार्च, सोमवार से किसानों के गेहूं की समर्थन मूल्य पर खरीदी शुरू हो रही है। भोपाल में गेहूं खरीदी के लिए ४७ उपार्जन केन्द्र बनाए गए हैं।
सभी केंद्रों पर ई-तौल कांटों के जरिए गेहूं की तुलाई होगी। जिला खाद्य एवं आपूर्ति व वेयरहाउसिंग कारर्पोरेशन सहित अन्य विभागों ने खरीदी केंद्रों पर लगभग तैयारियां पूरी कर ली है। जिले में वर्ष 2013-14 के लिए गेहूं उपार्जन का प्रारंभिक लक्ष्य 3.25 रखा गया है। वहीं लक्ष्य के अनुसार रूप २ लाख मेट्रिक टन गेहूं संग्रहित कर रखने के लिए जगह अब तक नहीं मिल पाई है। वर्तमान में केवल 1.24 मेट्रिक टन गेहूं रखने जगह मिली है। किसानों को गेहूं के प्रति क्विंटल खरीदी पर सरकार इस वित्तीय वर्ष में १५० रुपए का भुगतान करेगी। बीते साल १०० रुपए बोनस दिया गया था। गेहूं का समर्थन मूल्य 1350 रखा गया है। इस तरह कुल 1500 रुपए प्रति क्विंटल भुगतान किसानों को किया जाएगा। जिला खाद्य आपूर्ति नियंत्रक एचएस परमार के अनुसार जिले में 47 केंद्रों पर समर्थन मूल्य पर गेहूं खरीदी होगी। सोमवार से शुरू होने वाली इस खरीदी के लिए लगभग सभी तैयारियां की जा चुकी हैं। सभी केंद्रों पर तौल-कांटे, बोरे सहित अन्य आवश्यक सामग्री पहुंचाने की व्यवस्था की जा रही है। सबसे पहले छोटे किसानों को गेहूं बेचने के लिए एसएमएस भेजा जाएगा।
-दो चरणों में खरीदी
समर्थन मूल्य पर प्रदेश के संभागों में दो चरणों में खरीदी होगी। उपार्जन की अवधि के दौरान पहले चरण में 18 मार्च से 18 मई तक भोपाल, इंदौर, उज्जैन एवं नर्मदापुरम् संभाग में होगी। वहीं दूसरे चरण में 25 मार्च से 25 मई तक खरीदी होगी। इस दौरान ग्वालियर, चम्बल, रीवा, शहडोल, सागर एवं जबलपुर संभाग में गेहूं की खरीदी होगी।
राज्य शासन ने सभी संभागों में 2,843 उपार्जन केन्द्र खोले हैं। बीते साल गेहूं खरीदी की लिए 2,313 केंद्र खोले गए थे। यह संख्या बीते सीजन से 530 अधिक है। वहीं शासन ने सभी उपार्जन केन्द्रों पर लेपटाप, प्रिंटर, बैटरी के लिये राशि उपलब्ध करवाई गई है। केंद्रों पर कम्प्यूटर ऑपरेटर व रनर की व्यवस्था भी की गई है।
-३१ जनवरी तक हुआ पंजीयन
२०१३-१४ में ई-उपार्जन के चलते किसानों के गेहूं के रकबे एवं अन्य विवरण का पंजीयन 15 दिसम्बर से 31 जनवरी तक किया गया। इस दौरान कुल 14 लाख 26 हजार किसानों ने अपनी उपज के विक्रय के नाम दर्ज करवाया। इस प्रकार 38 लाख 48 हजार हेक्टेयर रकबे का पंजीयन मप्र में हुआ है। बीते साल 10 लाख 26 हजार किसान से गेहूं का उपार्जन किया गया था। इस पंजीयन का भी शत-प्रतिशत सत्यापन राजस्व अधिकारियों द्वारा करवाया गया है। सत्यापन के बाद 32 लाख 45 हजार हेक्टेयर रकबा शेष रहा है। सत्यापन में 27 हजार 50 किसान का पंजीयन अपात्र पाए जाने से निरस्त किया गया है। शेष 6 लाख 29 हजार किसान के सत्यापन में आंशिक संशोधन किया गया है।
-ये होगी व्यवस्था
-गेहूं के ई-उपार्जन की किसानों को एसएमएस से दी जाएगी सूचना।
-सभी उपार्जन केन्द्रों पर तौल-कांटा की व्यवस्था खरीदी संस्था करेगी।
-प्रदेश के 22 जिलों में स्टेट सिविल सप्लाइज कार्पोरेशन व शेष जिलों में राज्य सहकारी विपणन संघ समर्थन मूल्य पर गेहूं खरीदी करेगी।
-किसानों को भुगतान की जाने वाली राशि सीधे उनके बैंक खाते में जमा होगी। -भुगतान की सूचना भी एसएमएस से दी जाएगी।
-किसान यहां करें शिकायत
टोल-फ्री नम्बर 155343 एवं 18002335343
-यहां संग्रहित होगा गेहूं
ग्राम -संग्रहण क्षेत्रफल - गेहूं संग्रहण (मेट्रिक टन में)
झागरिया (मिसरोद) - 22 एकड़ - 39 हजार
मुगालिया कोट - 20 एकड़ - 25 हजार
बर्री चिरखेड़ा - 32 एकड़ - 35 हजार
सेमरी (हर्राखेड़ा) - 22 एकड़ - 25 हजार
भोपाल।
भोपाल सहित इंदौर, उज्जैन और नर्मदापुरम संभाग में १८ मार्च, सोमवार से किसानों के गेहूं की समर्थन मूल्य पर खरीदी शुरू हो रही है। भोपाल में गेहूं खरीदी के लिए ४७ उपार्जन केन्द्र बनाए गए हैं।
सभी केंद्रों पर ई-तौल कांटों के जरिए गेहूं की तुलाई होगी। जिला खाद्य एवं आपूर्ति व वेयरहाउसिंग कारर्पोरेशन सहित अन्य विभागों ने खरीदी केंद्रों पर लगभग तैयारियां पूरी कर ली है। जिले में वर्ष 2013-14 के लिए गेहूं उपार्जन का प्रारंभिक लक्ष्य 3.25 रखा गया है। वहीं लक्ष्य के अनुसार रूप २ लाख मेट्रिक टन गेहूं संग्रहित कर रखने के लिए जगह अब तक नहीं मिल पाई है। वर्तमान में केवल 1.24 मेट्रिक टन गेहूं रखने जगह मिली है। किसानों को गेहूं के प्रति क्विंटल खरीदी पर सरकार इस वित्तीय वर्ष में १५० रुपए का भुगतान करेगी। बीते साल १०० रुपए बोनस दिया गया था। गेहूं का समर्थन मूल्य 1350 रखा गया है। इस तरह कुल 1500 रुपए प्रति क्विंटल भुगतान किसानों को किया जाएगा। जिला खाद्य आपूर्ति नियंत्रक एचएस परमार के अनुसार जिले में 47 केंद्रों पर समर्थन मूल्य पर गेहूं खरीदी होगी। सोमवार से शुरू होने वाली इस खरीदी के लिए लगभग सभी तैयारियां की जा चुकी हैं। सभी केंद्रों पर तौल-कांटे, बोरे सहित अन्य आवश्यक सामग्री पहुंचाने की व्यवस्था की जा रही है। सबसे पहले छोटे किसानों को गेहूं बेचने के लिए एसएमएस भेजा जाएगा।
-दो चरणों में खरीदी
समर्थन मूल्य पर प्रदेश के संभागों में दो चरणों में खरीदी होगी। उपार्जन की अवधि के दौरान पहले चरण में 18 मार्च से 18 मई तक भोपाल, इंदौर, उज्जैन एवं नर्मदापुरम् संभाग में होगी। वहीं दूसरे चरण में 25 मार्च से 25 मई तक खरीदी होगी। इस दौरान ग्वालियर, चम्बल, रीवा, शहडोल, सागर एवं जबलपुर संभाग में गेहूं की खरीदी होगी।
राज्य शासन ने सभी संभागों में 2,843 उपार्जन केन्द्र खोले हैं। बीते साल गेहूं खरीदी की लिए 2,313 केंद्र खोले गए थे। यह संख्या बीते सीजन से 530 अधिक है। वहीं शासन ने सभी उपार्जन केन्द्रों पर लेपटाप, प्रिंटर, बैटरी के लिये राशि उपलब्ध करवाई गई है। केंद्रों पर कम्प्यूटर ऑपरेटर व रनर की व्यवस्था भी की गई है।
-३१ जनवरी तक हुआ पंजीयन
२०१३-१४ में ई-उपार्जन के चलते किसानों के गेहूं के रकबे एवं अन्य विवरण का पंजीयन 15 दिसम्बर से 31 जनवरी तक किया गया। इस दौरान कुल 14 लाख 26 हजार किसानों ने अपनी उपज के विक्रय के नाम दर्ज करवाया। इस प्रकार 38 लाख 48 हजार हेक्टेयर रकबे का पंजीयन मप्र में हुआ है। बीते साल 10 लाख 26 हजार किसान से गेहूं का उपार्जन किया गया था। इस पंजीयन का भी शत-प्रतिशत सत्यापन राजस्व अधिकारियों द्वारा करवाया गया है। सत्यापन के बाद 32 लाख 45 हजार हेक्टेयर रकबा शेष रहा है। सत्यापन में 27 हजार 50 किसान का पंजीयन अपात्र पाए जाने से निरस्त किया गया है। शेष 6 लाख 29 हजार किसान के सत्यापन में आंशिक संशोधन किया गया है।
-ये होगी व्यवस्था
-गेहूं के ई-उपार्जन की किसानों को एसएमएस से दी जाएगी सूचना।
-सभी उपार्जन केन्द्रों पर तौल-कांटा की व्यवस्था खरीदी संस्था करेगी।
-प्रदेश के 22 जिलों में स्टेट सिविल सप्लाइज कार्पोरेशन व शेष जिलों में राज्य सहकारी विपणन संघ समर्थन मूल्य पर गेहूं खरीदी करेगी।
-किसानों को भुगतान की जाने वाली राशि सीधे उनके बैंक खाते में जमा होगी। -भुगतान की सूचना भी एसएमएस से दी जाएगी।
-किसान यहां करें शिकायत
टोल-फ्री नम्बर 155343 एवं 18002335343
-यहां संग्रहित होगा गेहूं
ग्राम -संग्रहण क्षेत्रफल - गेहूं संग्रहण (मेट्रिक टन में)
झागरिया (मिसरोद) - 22 एकड़ - 39 हजार
मुगालिया कोट - 20 एकड़ - 25 हजार
बर्री चिरखेड़ा - 32 एकड़ - 35 हजार
सेमरी (हर्राखेड़ा) - 22 एकड़ - 25 हजार
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