ब्रम्हस्वरुप समिति की अनुशंसाओं के अनुसार चिकित्सा शिक्षा विभाग की नर्सो को बढ़ा हुआ वेतनमान नहीं दिया जा रहा है। हद तो यह है कि, पहले बढेÞ हुए वेतनमान संबंधी आदेश जारी किया गया और फिर वापस ले लिया गया। सरकार वादा करने के बाद भी नर्सों को रात्रिकालीन ड्यूटी और जोखिम भत्ता भी नहीं दे रही है। यह कहना है नर्सेस एसोसिएशन की प्रांताध्यक्ष रेखा परमार और महामंत्री जलजा नायर का, जोकि सोमवार को वेतनमान बढोतरी और खाली पदों पर भर्ती की मांग को लेकर मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन कलेक्टर को सौंपने के बाद मीडिया से रुबरु थीं। इस मौके पर एसोसिएशन के मीना हरबर्ट, भावना पटेया, कु. इंदु बारस्कर, सरस्वती कुरुप, कुमुदिनी लाल, धनराज नागर, दीपक दुबे आदि थे। एसोसिएशन की मांग है कि, स्वास्थ्य विभाग, गैस राहत एवं श्रम विभाग में नहीं हुई है। इससे रिटायरमेंट के कारण कई पद खाली पड़े हैं और मरीजों का दबाव बेहद कम होने से मौजूदा नर्सिंग स्टाफ पर बढ़ गया है। समयमान वेतनमान नहीं दिया जा रहा है, बृम्हस्वरुप समिति की अनुशंसा के बाद भी आउटफिट एलाउंस, नाइट शिफ्ट ड्यूटी नहीं दी जा रही है। नर्सों में इससे भी नाराजगी है कि, फरवरी,2011 में पांच दिन की हड़ताल समाप्ति के समय वेतन कटौती नहीं करने का भरोसा मुख्यमंत्री ने दिलाया था, लेकिन इसके बाद भी काटे गए वेतन का भुगतान नहीं किया गया।
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