- नई प्रस्तावित गाइडलाइन की एक्जाई रिपोर्ट तैयार
भोपाल। वर्ष 2013-14 की प्रस्तावित कलेक्टर गाइडलाइन को तैयार करने में पिछले दो दिन से जुटे अधिकारी ने अंतत: अपनी फायनल
रिपोर्ट उपमूल्यांकन समिति को दे दी है। सौंपी गई एक्जाई रिपेार्ट के आधार पर नई प्रस्तावित गाइडलाइन को तैयार किया जाएगा। सभी वृत्तों के अधिकारियों ने जो एक्जाई रिपोर्ट सौंपी है, उसमें जमीन की कीमतें 5 से 20 प्रतिशत तक बढ़ाकर तय की है। होशंगाबाद रोड के भीतरी क्षेत्र में आने वाले लहारपुर एक्सटेंशन, अमराई, कटारा बस्ती में तो केवल 5 प्रतिशत ही वृद्धि की गई है, जबकि पिपलिया पेंदेखां, बरखेड़ा पठानी, अमरावत खुर्द में 7 प्रतिशत, ज्योति टाकीज मार्ग, संजय नगर में 15 प्रतिशत, इंदौर सीहोर मार्ग में 10 से 20 प्रतिशत की वृद्धि की गई है।
तय किए गए
जमीनों के रेटों को अंतिम रूप 20 मार्च को जिला मूल्यांकन समिति की बैठक में दिया जाएगा।
गौरतबल है कि ऑनलाइन की गई प्रस्तावित गाइडलाइन को लेकर ढेरों आपत्तियों व जमीन की कीमतें कम करने की उठ रही मांग के बाद कलेक्टर निकुंज कुमार श्रीवास्तव ने मंगलवार को उपमूल्यांकन समिति की दोबारा बैठक बुलाकर फिर से नवीन प्रस्तावित गाइडलाइन बनाने के निर्देश दिए थे। इसमें उन्होंने जमीन की कीमतें वर्तमान गाइडलाइन से 20 प्रतिशत तक ही बढ़ाने के निर्देश दिए थे। इसके बाद देर रात और बुधवार शाम तक सभी वृत्तों के एसडीएम व तहसीलदारों ने वर्तमान गाइडलाइन के आधार पर डेवलपमेंट, अधिक डेवलपमेंट व न्यूनमत विकास वाले क्षेत्रों को अलग
अलग कर 5 से 20 प्रतिशत रेट बढ़ाए। ईदगाह हिल्स व मर्जर प्रभावित क्षेत्रों में 1 से 5 प्रतिशत तक की ही वृद्धि की गई है। क्योंकि यहां की जमीन कोई गाइडलाइन के मूल्य के आधार पर भी नहीं खरीदना चाह रहा है।
20 मार्च को होगी बैठक
खासी मशक्कत व पूरी तरह प्रस्तावित गाइडलाइन को बदल देने के बाद नए स्वरूप में तैयार की जा रही वर्ष-2013-14 की कलेक्टर गाइडलाइन को जिला मूल्यांकन समिति की बैठक में रखा जाएगा। इस बैठक में जमीन की कीमतों को लेकर आई आपत्तियों को भी रखा जाएगा। यह बैठक शाम 4 बजे कलेक्टर कार्यालय के सभाकक्ष में होगी। इस बैठक में विधायक धु्रवनारायण सिंह, जनपद पंचायत अध्यक्ष अनोखी मान सिंह पटेल सहित अन्य सदस्यगण व अधिकारी उपस्थित होंगे और गाइडलाइन को फायनल रूप देंगे। सूत्रों की माने तो बैठक में गाइडलाइन के विभिन्न उपबंधों व बिल्डअपर एरिया के संबंध में भी चर्चा होगी और कई परिवर्तन होने की उ मीद है।
नवीन प्रस्तावित कलेक्टर गाइडलाइन में तय की गई कीमतें (लगभग में )
क्षेत्र - वर्तमान दर - नवीन प्रस्तावित दर
लहारपुर एक्सटेंशन, अमराई, कटारा बस्ती - 8000 - 8400
पिपलिया पेंदेखां, बरखेड़ा पठानी, अमरावत खुर्द - 12000 - 12600
ज्योति टाकीज मार्ग, संजय नगर, मानसरोवर कॉ पलेक्स - 65000 - 74750
खजूरी कलां एवं खजूरी खुर्द सड़क - 18000 - 18900
खजूरी गांव के विकसित भूखंड - 8000 - 8670
वल्लभ नगर - 10000 - 10700
सिंगार चोली - 15000 - 16000
भोपाल सीहोर मार्ग - 18000 - 23000
भोपाल इंदौर मार्ग बैरागढ़ रोड तक - 40000 - 46000
ग्रामीण क्षेत्र में केवल 10 प्रतिशत तक वृद्धि -
नगर निगम सीमा क्षेत्र की तरह ही ग्रामीण क्षेत्र की जमीनों के रेट में भी 7 से अधिकतम 15 प्रतिशत वृद्धि की गई है। अधिकतम 15 प्रतिशत कीमतें केवल वहीं बढ़ाई गई हैं, जहां पर कालोनियों सहित अन्य विकास हो रहा है, जबकि अन्य ग्रामों की जमीनों के रेट 7 से 10 प्रतिशत ही बढ़ाए गए हैं।
कीमतें न बढ़ाने यह बन रहे कारण -
- जमीनों की कीमतें कम रखे का जाने का एक मु य कारण लोन अधिक न मिल पाना भी है। आय के अनुसार मध्यम वर्गीय परिवार को जमीन की कीमत के मुताबिक लोन भी नहीं मिलेगा। इसका सीधा असर जमीन की खरीदी बिक्री पर भी पड़ेगा। यही नहंी लोगों के घर का सपना भी समाप्त हो जाएगा। वर्तमान गाइडलाइन पर गौर करें तो 30 से 40 हजार रुपए प्रतिमाह आय वाले व्यक्ति ही 18 से 20 लाख रुपए या उससे अधिक के प्लाट या लैट के लिए लोन ले पा रहे हैं। इससे कम आय वाले व्यक्तियों को इसके मुताबिक लोन बैंक भी अफोर्ड नहीं कर रही है।
- बिल्डरों को स्वयं की आय के साथ-साथ जमीन या लैट की बिक्री पर ही टैक्स अदा करना होगा, जो कि महंगा पड़ेगा।
- कई क्षेत्रों में जिस दाम में जमीन बिक रही है, उससे कई अधिक दाम में रजिस्ट्री वर्तमान में ही हो रही है। यदि रेट और बढ़ा दिए जाएंगे तो रजिस्ट्री की कीमत और बढ़ जाएगी।
- लोगों की आपत्तियां ने भी जमीन की वास्तविक कीमत के बारे में जिला मूल्यांकन समिति को अवगत कराया।
अब बिल्डरों-कलोनाईजरों पर रहेगी निगाह
सूत्रों का कहना है कि जमीन की कीमतें 10 से 20 फीसदी बढ़ाने के पीछे क्रेडाई ही नहीं बल्कि बिल्डरों द्वारा लगाई गई आपत्तियां भी है। जब कीमतें 20 प्रतिशत ही बढ़ाई जाएंगी तो बिल्डरों व कालोनाईजरों पर भी निगाह रखी जाएगी कि वह जमीन की कीमतें गाइडलाइन से अधिक दर पर बढ़ाकर न बचे। उन्हें भी हिदायतें दी जाएंगी कि वह अपने द्वारा दिए गए प्रस्तावित दर पर ही जमीन, लैट या प्लाट ही बेंच। इनकी दरें गाइडलाइन से बहुत अधिक नहीं होना चाहिए।
भोपाल। वर्ष 2013-14 की प्रस्तावित कलेक्टर गाइडलाइन को तैयार करने में पिछले दो दिन से जुटे अधिकारी ने अंतत: अपनी फायनल
रिपोर्ट उपमूल्यांकन समिति को दे दी है। सौंपी गई एक्जाई रिपेार्ट के आधार पर नई प्रस्तावित गाइडलाइन को तैयार किया जाएगा। सभी वृत्तों के अधिकारियों ने जो एक्जाई रिपोर्ट सौंपी है, उसमें जमीन की कीमतें 5 से 20 प्रतिशत तक बढ़ाकर तय की है। होशंगाबाद रोड के भीतरी क्षेत्र में आने वाले लहारपुर एक्सटेंशन, अमराई, कटारा बस्ती में तो केवल 5 प्रतिशत ही वृद्धि की गई है, जबकि पिपलिया पेंदेखां, बरखेड़ा पठानी, अमरावत खुर्द में 7 प्रतिशत, ज्योति टाकीज मार्ग, संजय नगर में 15 प्रतिशत, इंदौर सीहोर मार्ग में 10 से 20 प्रतिशत की वृद्धि की गई है।
तय किए गए
जमीनों के रेटों को अंतिम रूप 20 मार्च को जिला मूल्यांकन समिति की बैठक में दिया जाएगा।
गौरतबल है कि ऑनलाइन की गई प्रस्तावित गाइडलाइन को लेकर ढेरों आपत्तियों व जमीन की कीमतें कम करने की उठ रही मांग के बाद कलेक्टर निकुंज कुमार श्रीवास्तव ने मंगलवार को उपमूल्यांकन समिति की दोबारा बैठक बुलाकर फिर से नवीन प्रस्तावित गाइडलाइन बनाने के निर्देश दिए थे। इसमें उन्होंने जमीन की कीमतें वर्तमान गाइडलाइन से 20 प्रतिशत तक ही बढ़ाने के निर्देश दिए थे। इसके बाद देर रात और बुधवार शाम तक सभी वृत्तों के एसडीएम व तहसीलदारों ने वर्तमान गाइडलाइन के आधार पर डेवलपमेंट, अधिक डेवलपमेंट व न्यूनमत विकास वाले क्षेत्रों को अलग
अलग कर 5 से 20 प्रतिशत रेट बढ़ाए। ईदगाह हिल्स व मर्जर प्रभावित क्षेत्रों में 1 से 5 प्रतिशत तक की ही वृद्धि की गई है। क्योंकि यहां की जमीन कोई गाइडलाइन के मूल्य के आधार पर भी नहीं खरीदना चाह रहा है।
20 मार्च को होगी बैठक
खासी मशक्कत व पूरी तरह प्रस्तावित गाइडलाइन को बदल देने के बाद नए स्वरूप में तैयार की जा रही वर्ष-2013-14 की कलेक्टर गाइडलाइन को जिला मूल्यांकन समिति की बैठक में रखा जाएगा। इस बैठक में जमीन की कीमतों को लेकर आई आपत्तियों को भी रखा जाएगा। यह बैठक शाम 4 बजे कलेक्टर कार्यालय के सभाकक्ष में होगी। इस बैठक में विधायक धु्रवनारायण सिंह, जनपद पंचायत अध्यक्ष अनोखी मान सिंह पटेल सहित अन्य सदस्यगण व अधिकारी उपस्थित होंगे और गाइडलाइन को फायनल रूप देंगे। सूत्रों की माने तो बैठक में गाइडलाइन के विभिन्न उपबंधों व बिल्डअपर एरिया के संबंध में भी चर्चा होगी और कई परिवर्तन होने की उ मीद है।
नवीन प्रस्तावित कलेक्टर गाइडलाइन में तय की गई कीमतें (लगभग में )
क्षेत्र
लहारपुर एक्सटेंशन, अमराई, कटारा बस्ती - 8000 - 8400
पिपलिया पेंदेखां, बरखेड़ा पठानी, अमरावत खुर्द - 12000 - 12600
ज्योति टाकीज मार्ग, संजय नगर, मानसरोवर कॉ पलेक्स - 65000 - 74750
खजूरी कलां एवं खजूरी खुर्द सड़क - 18000 - 18900
खजूरी गांव के विकसित भूखंड - 8000 - 8670
वल्लभ नगर
सिंगार चोली
भोपाल सीहोर मार्ग
भोपाल इंदौर मार्ग बैरागढ़ रोड तक - 40000 - 46000
ग्रामीण क्षेत्र में केवल 10 प्रतिशत तक वृद्धि -
नगर निगम सीमा क्षेत्र की तरह ही ग्रामीण क्षेत्र की जमीनों के रेट में भी 7 से अधिकतम 15 प्रतिशत वृद्धि की गई है। अधिकतम 15 प्रतिशत कीमतें केवल वहीं बढ़ाई गई हैं, जहां पर कालोनियों सहित अन्य विकास हो रहा है, जबकि अन्य ग्रामों की जमीनों के रेट 7 से 10 प्रतिशत ही बढ़ाए गए हैं।
कीमतें न बढ़ाने यह बन रहे कारण -
- जमीनों की कीमतें कम रखे का जाने का एक मु य कारण लोन अधिक न मिल पाना भी है। आय के अनुसार मध्यम वर्गीय परिवार को जमीन की कीमत के मुताबिक लोन भी नहीं मिलेगा। इसका सीधा असर जमीन की खरीदी बिक्री पर भी पड़ेगा। यही नहंी लोगों के घर का सपना भी समाप्त हो जाएगा। वर्तमान गाइडलाइन पर गौर करें तो 30 से 40 हजार रुपए प्रतिमाह आय वाले व्यक्ति ही 18 से 20 लाख रुपए या उससे अधिक के प्लाट या लैट के लिए लोन ले पा रहे हैं। इससे कम आय वाले व्यक्तियों को इसके मुताबिक लोन बैंक भी अफोर्ड नहीं कर रही है।
- बिल्डरों को स्वयं की आय के साथ-साथ जमीन या लैट की बिक्री पर ही टैक्स अदा करना होगा, जो कि महंगा पड़ेगा।
- कई क्षेत्रों में जिस दाम में जमीन बिक रही है, उससे कई अधिक दाम में रजिस्ट्री वर्तमान में ही हो रही है। यदि रेट और बढ़ा दिए जाएंगे तो रजिस्ट्री की कीमत और बढ़ जाएगी।
- लोगों की आपत्तियां ने भी जमीन की वास्तविक कीमत के बारे में जिला मूल्यांकन समिति को अवगत कराया।
अब बिल्डरों-कलोनाईजरों पर रहेगी निगाह
सूत्रों का कहना है कि जमीन की कीमतें 10 से 20 फीसदी बढ़ाने के पीछे क्रेडाई ही नहीं बल्कि बिल्डरों द्वारा लगाई गई आपत्तियां भी है। जब कीमतें 20 प्रतिशत ही बढ़ाई जाएंगी तो बिल्डरों व कालोनाईजरों पर भी निगाह रखी जाएगी कि वह जमीन की कीमतें गाइडलाइन से अधिक दर पर बढ़ाकर न बचे। उन्हें भी हिदायतें दी जाएंगी कि वह अपने द्वारा दिए गए प्रस्तावित दर पर ही जमीन, लैट या प्लाट ही बेंच। इनकी दरें गाइडलाइन से बहुत अधिक नहीं होना चाहिए।
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