-अब मुख्यमंत्री से की सदस्यों ने शिकायत
भोपाल।
२०० से अधिक सदस्यों की रजिस्ट्रीयां होने के बाद भी पेरिस गृह निर्माण सहकारी समिति में लोगों को उनके प्लाट नहीं मिल सके हैं। यह स्थिति ११ साल बाद भी बनी हुई है। किस का प्लाट कहां है, यह स्थिति स्पष्ट नहीं है। इसको लेकर समिति के सदस्य मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से मिले।
सदस्यों ने मुख्यमंत्री को बताया, सोसायटी के पूर्व अध्यक्ष ने वर्ष 2001-02 में इन सदस्यों को प्लाट की रजिस्ट्री कराकर दी थी। इन सदस्यों को न तो प्लॉट पर कब्जा मिला और न ही डिमार्केशन हुआ है। इसके साथ ही सदस्यों ने कलेक्टर को एक ज्ञापन भी सौंपा। सदस्यों ने बताया, पेरिस सोसायटी में प्लॉट के लिए करीब 3 हजार लोगों ने सदस्यता ली थी। वर्ष 2001-02 में बुकिंग के समय ही अधिकतर सदस्यों को प्लॉट का आवंटन कर दिया गया था। यह प्लाट बैरागढ़ चीचली स्थित जमीन पर थे। प्रत्येक प्लाट के लिए 45 रुपए प्रतिवर्गमीटर के हिसाब से विकास शुल्क जमा कराया गया था। यहां 214 सदस्यों ने प्लाट की रजिस्ट्री कराई। इनकी रजिस्ट्री तो हो गई, लेकिन मौके पर कब्जा अब तक नहीं मिला।
-कम किया प्लाट
समिति के सदस्यों ने यह भी शिकायत की है कि सोसायटी के संचालक मंडल जमीन के बीच से डेढ़ सौ फीट का रोड निकलने की बात कही है। इसके चलते सभी प्लाटों का साईज छोटा कर दिया है। संचालकों ने 1800 वर्गफीट का प्लॉट 1250 वर्गफीट तथा 1500 को 800 वर्गफीट कर दिया है। दूसरी ओर स्वीकृत ले-आउट में रोड के लिए जगह पहले ही दी जा चुकी है। उन्होंने सोसायटी अध्यक्ष पर आरोप लगाते हुए कहा है कि अध्यक्ष की नीयत में खोट है और वह इस जमीन को बिल्डरों को बेचना चाहता है।
-वर्जन
पेरिस सोसायटी भंग चल रही है। अपर पंजीयक कोर्ट ने इस पर स्टे दिया है। इसके चलते चुनाव नहीं हो सके हैं। स्टे हटने के बाद चुनाव कराए जाएंगे। इसी के बाद समस्याओं का निराकरण होगा।
आरएस विश्वकर्मा, उपायुक्त सहकारिता, भोपाल
भोपाल।
२०० से अधिक सदस्यों की रजिस्ट्रीयां होने के बाद भी पेरिस गृह निर्माण सहकारी समिति में लोगों को उनके प्लाट नहीं मिल सके हैं। यह स्थिति ११ साल बाद भी बनी हुई है। किस का प्लाट कहां है, यह स्थिति स्पष्ट नहीं है। इसको लेकर समिति के सदस्य मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से मिले।
सदस्यों ने मुख्यमंत्री को बताया, सोसायटी के पूर्व अध्यक्ष ने वर्ष 2001-02 में इन सदस्यों को प्लाट की रजिस्ट्री कराकर दी थी। इन सदस्यों को न तो प्लॉट पर कब्जा मिला और न ही डिमार्केशन हुआ है। इसके साथ ही सदस्यों ने कलेक्टर को एक ज्ञापन भी सौंपा। सदस्यों ने बताया, पेरिस सोसायटी में प्लॉट के लिए करीब 3 हजार लोगों ने सदस्यता ली थी। वर्ष 2001-02 में बुकिंग के समय ही अधिकतर सदस्यों को प्लॉट का आवंटन कर दिया गया था। यह प्लाट बैरागढ़ चीचली स्थित जमीन पर थे। प्रत्येक प्लाट के लिए 45 रुपए प्रतिवर्गमीटर के हिसाब से विकास शुल्क जमा कराया गया था। यहां 214 सदस्यों ने प्लाट की रजिस्ट्री कराई। इनकी रजिस्ट्री तो हो गई, लेकिन मौके पर कब्जा अब तक नहीं मिला।
-कम किया प्लाट
समिति के सदस्यों ने यह भी शिकायत की है कि सोसायटी के संचालक मंडल जमीन के बीच से डेढ़ सौ फीट का रोड निकलने की बात कही है। इसके चलते सभी प्लाटों का साईज छोटा कर दिया है। संचालकों ने 1800 वर्गफीट का प्लॉट 1250 वर्गफीट तथा 1500 को 800 वर्गफीट कर दिया है। दूसरी ओर स्वीकृत ले-आउट में रोड के लिए जगह पहले ही दी जा चुकी है। उन्होंने सोसायटी अध्यक्ष पर आरोप लगाते हुए कहा है कि अध्यक्ष की नीयत में खोट है और वह इस जमीन को बिल्डरों को बेचना चाहता है।
-वर्जन
पेरिस सोसायटी भंग चल रही है। अपर पंजीयक कोर्ट ने इस पर स्टे दिया है। इसके चलते चुनाव नहीं हो सके हैं। स्टे हटने के बाद चुनाव कराए जाएंगे। इसी के बाद समस्याओं का निराकरण होगा।
आरएस विश्वकर्मा, उपायुक्त सहकारिता, भोपाल
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