सोमवार, 25 मार्च 2013

महिला थाने पहुंचकर गिरीश वर्मा की शिक्षिका ने ाोली पोल

मामला महर्षि शिक्षण संस्थान के सचिव गिरीश वर्मा द्वारा पर यौन शोषण का - पुलिस पर लगाया पक्षपात का आरोप
भोपाल।
महर्षि शिक्षण संस्थान के सचिव गिरीश वर्मा पर यौन शोषण का आरोप लगाने वाली शिक्षका रविवार को महिला थाने में दुष्कर्म का प्रकरण दर्ज कराने पहुंची और वहां मीडिया के सामने वर्मा द्वारा किए गए कृत्य की पोल ाोल दी। शिक्षिका ने पूरी घटना का विवरण चार पेज में लिखित रूप से महिला थाना प्रभारी को सौंपा है। शिक्षिका ने कहा कि यदि पुलिस ने इसके बाद ाी वर्मा के विरूद्ध कार्यवाही नहीं की तो वह न्यायालय की शरण में जाएंगी।
पीडि़ता ने महिला थाना पुलिस पर दबाव में कार्य करने का आरोप लगाया है। पीडि़ता ने बताया कि मेरी मुलाकात गिरीश वर्मा से वर्ष 1996 में नोएडा में उनके निवास पर हुई थी। इसके बाद मेरी पहचान बढ़ी तथा मुझे 1997 में महर्षि स्कूलों के संचालक सोसायटी का सदस्य नियुक्त कर दिया गया। लेकिन मैं वर्मा की कुटिल चाल को नहीं समझ पाई और उक्त पद स्वीकार कर लिया।

इसके बाद स्कूलों के कार्यों का हवाला देकर वर्मा ने सैकड़ों कोरे कागज व स्टा प पेपरों में मेरे व मेरे पति के दस्तखत करा लिए। हम दोनों के दस्तखत के बाद वर्मा ने उन्हीं कागजों पर करोड़ों के घोटाले का हवाला देकर वर्ष 1998 से मेरे साथ दुष्कर्म करते आ रहे हैं। महिला ने वर्मा पर आरोप लगाया कि मुझे व मेरे पति को जान से मारने की धमकी देकर मुझसे संबंध बनाते रहे। महिला ने बताया कि मैं अपने पति फिर बच्चों की जान की सुरक्षा की दृष्टि से अभी तक चुप रही।

देते रहे प्रलोभन -
वर्मा पर आरोप लगाने वाली शिक्षिका ने कहा कि वर्मा मुझे आर्थिक प्रलोभन देता रहा है। वहीं बाद में मुझ पर अन्य महिलाओं और युवतियों को लाने का दबाव बनाता रहा। मैं आज तक एक भी महिला या युवती को उसके पास नहीं ले गई। महिला ने कहा कि वर्मा ने मेरा जीवन तो खराब कर दिया, लेकिन मैं यह कदम इसलिए उठा रही हूं कि गिरीश वर्मा की सच्चाई समाज के सामने लाई जाए, ताकि अब गिरीश वर्मा किसी युवती या महिला का शारीरिक शोषण कर जिंदगी बरबाद न कर पाए।

खींची अश्लील फोटो -
पीडि़ता ने वर्मा पर आरोप लगाया कि वर्मा ने मेरे साथ संबंध बनाते समय की वीडियो और फोटोग्राफ भी बनाकर रख लिए हैं। वर्मा उन्हीं वीडियो और फोटोग्राफ के माध्यम से समाज में बदनाम करने का डर दिखाकर दुष्कर्म करता रहा।

पीछा छुड़ाने भोपाल आई-
पीडि़ता ने बताया कि मैं अपने पति और बच्चों की जान की सुरक्षा के लिए वर्मा के खिलाफ पहले आवाज नहीं उठाई। लेकिन उसकी प्रताडऩा से तंग होकर मैं नोएडा छोड़कर भोपाल आ गई। उसने आरोप लगाया कि वर्मा पीडि़ता से मिलने भोपाल आते रहे हैं। पीडि़ता ने मीडिया कर्मियों को बताया कि मैंने 2001 में  नोएडा छोडऩे के बाद वर्मा भी वर्ष 2005 से भोपाल में रहने लगे। महिला का आरोप है कि वर्मा मुझसे दुष्कर्म करने व मेरे परिवार को तबाह करने के लिए ही भोपाल में निवास बना रखा है।

पुलिस दबाव में -
पीडि़ता ने पुलिस पर दबाव में कार्य करने का आरोप लगाया है। पीडि़ता ने कहा कि पुलिस ने वर्मा और उनके स्टॉफ के सहयोगियों पर मेरे शिकायत पर कोई प्रकरण दर्ज नहीं किया। उल्टे मुझसे साक्ष्य मांग रही है। पीडि़ता का कहना है कि महिला थाने के अधिकारियों ने मुझसे कहा कि महिला थाने में एफआईआर कराने आतीं तो एफआईआर दर्ज करते। वहीं अब मैं आरोपों की स्वयं के हस्ताक्षर से प्रमाणित प्रति महिला थाने में दी है, बावजूद इसके बयान दर्ज नहीं किए और न ही एफआईआर दर्ज की।


अब जाऊंगी कोर्ट-
पीडि़ता ने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर मेरी शिकायत पर गिरीश वर्मा के खिलाफ बलात्कार का प्रकरण महिला थाने में दर्ज नहीं किया गया तो मैं जल्द ही न्याय के लिए न्यायालय का दरवाजा खटखटाऊंगी।  

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