सोमवार, 25 मार्च 2013

सरकारी जमीन को अपनी बता बेचने पर हुई एफआईआर

-नीलबड़ की 10 एकड़ जमीन के खसरों में करी थी हेरफेर, जांच में आई गड़बड़ी सामने 
भोपाल। 
नीलबड़ की १० एकड़ सरकारी जमीन को अपनी बता वहां झुग्गियां तनवाना  मोहम्मद और आरिफ को महंगा पड़ गया है। कलेक्टर ने इस मामले को संज्ञान में लेते हुए दोनों पर एफआईआर दर्ज कराने के निर्देश जारी किए हैं। संभवत: यह जिले में इस तरह का यह पहला बड़ा मामला है, जिसमें शातिर इतनी बड़ी भूमि पर एक साथ झुग्गियां तनवा रहे थे। रविवार को दोनों के खिलाफ संबंधित थाने में एफआईआर भी दर्ज हो गई है। 
दोनों ने तहसील हुजूर में आने वाले ग्राम नीलबड़ में १० एकड़ भूमि पटवारी हल्का-35 की खसरा क्र-90, 91, 92, 106/1 अनुमानित कीमत 5 करोड़ पर झुग्गियां तनवा दी थीं। इस जमीन को मोहम्मद खां उर्फ दीन मोहम्मद वल्द बुद्धे खां और आरिफ खां आ. अशरफ खां नाम के लोगों ने खसरों में हेरफेर कर भूमि-स्वामी मो.  खां दर्ज कर लिया था। 

-ऐसे किया खेल 
खसरे में मो. खां नाम दर्ज कराने के बाद खेल शुरू हुआ। फिर बड़ी चालाकी से जमीन बेचने का अनुबंध पत्र भी तैयार किया। ये सब जमीन विक्रय के लिए किया, जिससे खरीदार को गुमराह किया जा सके और किसी प्रकार शक न हो। लोगों ने इस गफलत को समझ ही नहीं और करार नामा कर लिया। बताया जाता है, यहां झुग्गियां तनवा दी थीं। वहीं जमीन का विक्रय चल रहा था। एक अनुबंध मोहम्मद काजी नाम के व्यक्ति ने किया। मो. काजी ने दोनों को कुछ राशि दे दी थी, लेकिन जब वह कब्जे की बात करते तो आरोपी इन्हें घुमा देते थे। काफी समय बीतने के बाद पीडि़त ने कलेक्टर को शिकायत की। कलेक्टर के निर्देश पर हुजूर तहसीलदार मनीष श्रीवास्तव ने जांच की तो पूरा मामला सामने आ गया। रिकार्ड से स्पष्ट हो गया कि सरकारी जमीन के खसरों में हेरफेर की गई है। मौजूदा दस्तावेजों में इन शातिर लोगों ने जमीन को निजी नाम से दर्ज करा लिया था। इसके बाद अनुबंध पत्र के आधार पर जमीन विक्रय का खेल खेला जा रहा था। 

-वर्जन 
ग्राम नीलबड़ की १० एकड़ जमीन को अनुबंध पर विक्रय करने का मामला सामने आया था। जांच में खुलासा हुआ है कि जमीन के कागजों में हेरफेर की गई है। दोनों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करा दी है। 
राजेश श्रीवास्तव, एसडीएम हुजूर ग्रामीण

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