मंगलवार, 19 मार्च 2013

भोपाल

जनगणना की तर्ज पर चल रहा समग्र सामाजिक सुरक्षा मिशन-2012 का सर्वे कार्य प्रगणकों  व पर्यवेक्षकों की लापरवाही व उदासीनता की भेंट चढ़ता जा रहा है। निलंबन व नोटिस की कार्रवाई के बाद भी शहरी क्षेत्र में यह सर्वे कार्य गति नहीं पकड़ पा रहा है। इसका परिणाम यह सामने आ रहा है कि राजधानी भोपाल, संभाग के
अन्य चार जिलों से इस सर्वे कार्य में पिछड़ गया है। पांचों जिलों में सीहोर जिला अव्वल है, वहंी भोपाल जिले की गिनती सबसे नीचे आ रही है। हालांकि भोपाल जिले के ग्रामीण अंचल में सर्वे कार्य तेजी से चल रहा है, जबकि शहरी क्षेत्र में इसकी धीमी गति नगर निगम भोपाल व नगर पालिका कोलार के लिए चिंता का विषय बनी हुई है।

केवल 16.42 प्रतिशत ही हुआ कार्य 
भोपाल संभाग के पांच जिलों सीहोर, राजगढ़ , रायसेन, विदिशा व भोपाल में चल रहे समग्र सामाजिक सुरक्षा मिशन -2012 के सर्वे कार्य के आंकड़ों पर नजर डाले तो सीहोर जिले में सर्वाधिक 63.18 प्रतिशत, राजगढ़ में 43.90 प्रतिशत, रायसेन में 30.39 प्रतिशत तथा  विदिशा में 24.20 प्रतिशत कार्य हुआ है। इधर राजधानी होने के बावजूद भी भोपाल जिले में 16.42 प्रतिशत कार्य होना, सर्वे कार्य में बरती जा रही लापरवाही को प्रदर्शित करता है। भोपाल के ग्रामीण क्षेत्र के आंकड़ों पर नजर डाले तो ग्रामीण क्षेत्र में यह सर्वे कार्य 56.69 प्रतिशत हुआ है, जबकि शहरी क्षेत्र में केवल 6.87 प्रतिशत। 

काम करने की बजाय निरस्त करा रहे ड्यूटी - प्रगणक व पर्यवेक्षक की सूची में नाम आने के बाद विभागीय कर्मचारी काम करने के बजाय, उससे पीछा छुड़ाने के प्रयास में जुटा रहता है। इसी स्थिति के चलते सर्वे अभियान भोपाल जिले के शहरी क्षेत्र में पिछड़ गया। अधिकारिक सूत्रों की माने तो कई कर्मचारियों जिनकी ड्यूटी प्रगणक या पर्यवेक्षक में लगाई है, उन्होंने आला अधिकारियों, विधायकों व मंत्रियों से पहचान होने का लाभ उठाते हुए सर्वे कार्य भी नहीं किया और कुछ दिनों बाद अपनी ड्यूटी भी निरस्त करवा ली। मजबूरन अन्य विभागों के अधिकारियों को उनकी जगह ड्यूटी पर लगाना पड़ा। उन्होंने भी यही कार्य किया।

24 निलंबित, 339 को नोटिस - सर्वे कार्य की गति को तेज करने के लिए कलेक्टर निकुंज कुमार श्रीवास्तव ने भी कई प्रयास किए। सर्वे कार्य में नहीं पहुंचने वाले 339 लोगों को पहले तो नोटिस दिया गया। इसके बाद मचे हड़कंप से अधिकतर कर्मचारियों ने अपनी ड्यूटी ही निरस्त करवा ली तो कुछ उस नोटिस के बाद भी ड्यूटी पर उपस्थित नहीं हुए। अंतत: श्री श्रीवास्तव ने 24 कर्मचारियों को निलंबित कर दिया। इसके बाद कार्य शुरू हो सका। हालांकि शहरी क्षेत्र में अभी भी यह कार्य बहुत धीमी गति से चल रहा है।

 आंकड़े बयां कर रहे हकीकत -
 यह है अभियान अब तक की स्थिति -
 सीहोर                         - 63.18 प्रतिशत
 राजगढ़                       - 43.90 प्रतिशत
 रायसेन                      - 30.39 प्रतिशत
 विदिशा                       - 24.20 प्रतिशत
 भोपाल                        - 16.42 प्रतिशत
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  कुल कार्य                    - 33.10 प्रतिशत
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ग्रामीण क्षेत्र में हुआ कार्य - 40.29 प्रतिशत
शहरी क्षेत्र में हुआ कार्य   - 21.60 प्रतिशत
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 शहरी व ग्रामीण क्षेत्र की अब तक की प्रगति -
 जिला                           - ग्रामीण क्षेत्र                     - शहरी क्षेत्र
 सीहोर                          - 65.45 प्रतिशत                  - 53.47 प्रतिशत
 राजगढ़                         - 41.35 प्रतिशत                 - 55.56 प्रतिशत
 रायसेन                        - 24.70 प्रतिशत                 - 49.67 प्रतिशत
 विदिशा                         - 22.86 प्रतिशत                 - 28.61 प्रतिशत
 भोपाल                         - 56.69 प्रतिशत                  - 6.87 प्रतिशत
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  कुल कार्य                    - 40.29 प्रतिशत                 - 21.60 प्रतिशत
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 भोपाल के नगर व ग्रामीण क्षेत्र में स्थिति  (15 मार्च की स्थिति में) -
  नगर निगम भोपाल                - 2.71 प्रतिशत
  जनपद पंचायत फंदा                - 26.90 प्रतिशत
  नगर पालिका कोलार                - 13.34 प्रतिशत
  नगर परिषद बैरसिया               - 73.71 प्रतिशत
  जनपद पंचायत बैरसिया           - 49.17 प्रतिशत

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