शनिवार, 23 मार्च 2013

रजिस्ट्री में मिलेगी छूट मॉल में माले पर बनी दुकानों को

-जमीन की गाइडलाइन में उपबंध बदलने की कवायद 
भोपाल। 
मॉल के ऊपरी माले में दुकान क्रय करने वालों को रजिस्ट्री में छूट मिलेगी। 2013-14 की प्रस्तावित जमीन की कलेक्टर गाइडलाइन में फ्लेट और जमीन के  अलग भाव करने और सुपर बिल्टआप एरिया के स्थान पर बिल्टअप एरिया की रजिस्ट्री की सहमति बनने के बाद अब इसे अमल में लाने की कवायद हो रही है। इसको लेकर उपबंध में बदलाव किए जा रहे हैं। 
इसे प्रावधान को केंद्रीय मूल्यांकन समिति को मंजूरी देनी है। इसके बाद इस पर अमल शुरू होगा। ऐसा होता है तो मॉल के ऊपरी अलग-अलग फ्लोरों पर निर्मित दुकानों को ग्राउड फ्लोर की दुकानों की अपेक्षा कम स्टॉम्प ड्यूटी रजिस्ट्री के समय देनी होगी। वर्तमान गाइडलाइन में मॉल के किसी भी फ्लोर पर दुकान की रजिस्ट्री में किसी प्रकार की कोई छूट दिए जाने का प्रावधान नहीं है। स्टांप ड्यूटी में यह छूट केवल उन आवासीय बहुमजिला इमारतों में मिलती थी, जिनमें लिफ्ट नहीं है। जानकारी के अनुसार केंद्रीय मूल्यांकन समिति को भेजे जा रही गाइडलाइन में फ्लेट व मॉल संबंधी उपबंधों में किए जा रहे परिवर्तनों की प्रतियों को भेजा रहा है। 

कुछ ऐसा है प्रस्ताव 
बहुमंजिला इमारतों की तरह ही मॉल में भी तलों की दुकानों की रजिस्ट्री के  समय तय किए जाने वाले रेटों में छूट देने का बात कही गई है। यह छूट प्रत्येक तल के हिसाब से लगभग 5 प्रतिशत होगी। मतलब बेसमेंट की दुकान की रजिस्ट्री सामान्य कीमत में तथा
उससे उपर की दुकान की रजिस्ट्री के दौरान 5 प्रतिशत कम कीमत का आंकलन किया जाएगा। इसी तरह द्वितीय व तृतीय तल की दुकानों के लिए क्रमश: 10 व 15 प्रतिशत छूट दी जाएगी। इसके  उपर के सभी मॉलों में यह छूट 15 प्रतिशत ही स्थाई रखी जाएगी। हालांकि इस प्रस्ताव को मंजूरी देने का अंतिम निर्णय केंद्रीय मूल्यांकन बोर्ड ही देगा। ज्ञात हो कि वर्ष 2011-12 तक सभी आवासीय एवं व्यावसायिक मॉल आदि में यह छूट मिलती थी,  लेकिन वर्ष 2012-13 की गाइडलाइन के उपबंधों में बदलाव कर मॉल के  लिए यह छूट खत्म कर दी गई थी।

-आज भेजी जा सकती है गाइडलाइन 
गाइडलाइन में अब तक जो भी सुझाव और आपत्तियां वरिष्ठ जिला पंजीयक कार्यालय को मिली हैं, उनका सकारण निराकरण कर गाइडलाइन में संशोधन किया जा रहा है।  
वरिष्ठ जिला पंजीयक एनएस तोमर ने बताया, लगभग संशोधन हो चुके हैं। शनिवार शाम तक यदि सभी प्रकार का कार्य पूरा को जाता है तो गाइडलाइन को उसी दिन केंद्रीय मूल्यांकन को भेज दिया जाएगा।

-राजस्व पर होगी चर्चा 
भोपाल जिले की कलेक्टर गाइडलाइन में जमीनों के दाम केवल 20 प्रतिशत तक ही बढ़ाए जा रहे हैं। इससे पंजीयन कार्यालय को दिया गया आगामी लक्ष्य का पूरा
होना संभव नहीं है। सूत्र बताते हैं कि केंद्रीय मूल्यांकन समिति को भी इस संबंध में अवगत कराने की तैयारी की जा रही है। सूत्रों का तो यहां तक कहना है कि इस संबंध में केंद्रीय मूल्यांकन समिति से संबंधित विभगों के अधिकारी चर्चा कर जमीनों के रेट बढ़ाने की मांग भी कर सकते हैं। 

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