रविवार, 31 मार्च 2013

खबर संशोधित...


नहीं कटेगा केबल, हाईकोर्ट ने जारी किया नोटिस 
-केन्द्र सरकार को १५ अप्रैल तक कोर्ट में देना है जवाब 
दबंग रिपोर्टर, भोपाल
केबल के जरिए चैनल का लुत्फ उठाने वाले उपभोक्ताओं के लिए राहत भरी खबर है। अब उनका केबल आज रात यानी ३१ मार्च को कट नहीं होगा। एक याचिका पर जलबपुर हाईकोर्ट ने केन्द्र सरकार को नोटिस जारी किया है। प्रथम दृष्ट्या सीधे तौर पर उपभोक्ताओं को इसका फायदा मिला है। 
याचिका जबलपुर के लिए लगाई गई है, जिसमें भोपाल-इंदौर को भी शामिल किया है। इस राहत को फिलहाल फौरी तौर पर ही देखा जा रहा है। कारण, न्यायालय ने केन्द्र के सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय को १५ अप्रैल तक कोर्ट में अपने पक्ष में जवाब प्रस्तुत करने को कहा है। इसके बाद निर्णय आगे की सुनवाई में होगा। जबलपुर के अधिवक्ता नरेन्द्र जैन ने याचिका दायर की थी। इस पर न्यायालय की डबल बैंच ने केन्द्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय, टेलीकॉम रेग्यूलेरटी ऑथारिटी ऑफ इंडिया (ट्राई), भास्कर के हेथवे, डीजी केबल और संबंधित अन्य को पार्टी बनाया है। बताया जा रहा है तब तक केबल सेवाओं को बंद या बाधित करने पर पूर्णत: रोक मानी जा सकती है। हालांकि इसका निर्णय सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय को लेना है। इस केस की पेरवी कर रहे अधिवक्ता ग्रीष्म जैन ने बताया कि अभी न्यायालय ने केवल नोटिस जारी किया है, किसी प्रकार का कोई स्टे नहीं दिया है। १५ अप्रैल को सुनवाई की तारीख दी गई है। संभवत: तब किसी प्रकार का निर्णय न्यायालय द्वारा दिया जाएगा। ग्रीष्म ने बताया इसमें जिले के कलेक्टर जोकि नोडल अधिकारी हैं उन्हें भी न्यायालय ने तामिल किया है। उल्लेखनीय है कि केन्द्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने सेट टॉप बाक्स लगाने की अंतिम तिथि ३१ मार्च रखी है। जहां केवल सेवाएं बंद की जा रही हैं उसमें भारत के १५ राज्यों के ३८ शहर शामिल हैं। इसमें मप्र के भोपाल, इंदौर और जबलपुर भी शामिल है। 

-शहर की स्थिति 
राजधानी में वर्तमान में ५ लाख केबल कनेक्शन है। स्थिति पर गौर करें तो अभी सिर्फ २ लाख घरों में ही सेट टॉप बॉक्स लगे हैं। ३ लाख कनेक्शन बाकी हैं। डीजी केबल से जुड़े आदित्य दीक्षित कहते हैं, सेट टॉप बाक्स को लेकर उपभोक्ताओं में जागरुकता की जरूरत है। क्या सेट टॉप बाक्स की आपूर्ति को लेकर दिक्कते हैं? इस सवाल के जवाब में वे बोले ऐसा नहीं है मांग अनुसार बाक्स मगाए जा रहे हैं। हम भी चाहते है डिजीटलाइजेशन हो। इससे सरकार को ही सीधा फायदा होगा। सरकार ने सेट टॉप बाक्स लगाए जाने की घोषणा एक वर्ष पहले की थी। हालांकि केबल बंद होने के डर से कईयों ने आनन-फानन में सेट टॉप बाक्स लगवा लिए हैं। 

-कीमत में हुआ इजाफा 
सेट टॉप बाक्स की डिमांड को देखते हुए इसकी कीमत भी दोगुनी कर दी है। सेट टॉप बॉक्स पहले मार्केट में आया था तब केबल आपरेटर इसे मुफ्त में अपने उपभोक्ता के यहां लगा रहे थे, फिर इसके लिए ५०० रुपए शुल्क लिया जाने लगा। जब से सुचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने सेट टॉप बॉक्स की अनिवार्यता के निर्देश निकलने के बाद बॉक्स १००० से १२०० में लगाए जा रहे हैं। केबल आपरेटरों को उनकी मांग के अनुसार सेट टॉप बॉक्स नहीं मिल पा रहे हैं जिसके लिए उपभोक्तओं को सेट टॉप बाक्स लगवानें के लिए काफी जद्दोजहद करना पड़ रही है। 

-तीन सेवा प्रदाता 
राजधानी में डीजी केबल, सीटी न्यूज और हेथवे केबल तीन सर्विस प्रोवाईडर हैं। यही सेट टॉप बॉक्स लगा रहे हैं। इनके साथ ३५० केबल ऑपरेटर है जो प्रतिदिन अनुमानित १० से १२ हजार सेट टॉप बॉक्स लगा रहे हैं। प्राप्त जानकारी के हिसाब से अभी तक दो लाख घरों में सेट टॉप बाक्स लग चुके हैं। केबल आपरेटरों को एक सेट टॉप बॉक्स लगाने में आधा घंटे का समय लगता है। कोई मनोरंजन से वंचित ना हो और काम्पिटिशन के चलते कोई केबल कनेक्शन ना कटवा ले इसके लिए दिन-रात काम चल रहा है। 

...और स्पष्ट दिखेंगे दृश्य 
बिना सेट टॉप बॉक्स के केबल एनालॉग सिग्नल पर कार्य करता है। सेट टॉप बॉक्स लगने से एनालॉग सिग्नल को डिजिटल सिग्नल में बदल कर पिक्चर क्वलिटी को और बेहतर कर प्रसारित करता है। इसके लिए केबल का वायर पहले सेट टॉप बॉक्स में लगाया जाता है, और वायर सेट टॉप बाक्स में से होता हुआ सीधे टीवी से कनेक्ट होता है जिससे एनालॉग सिग्नल डिजिटल में बदल जाता है।

वर्जन 
कोर्ट ने किसी प्रकार का नोटिस जारी किया है। इसकी जानकारी मुझे नहीं है। चूकिं मामला केंद्र से जुड़ा है हम केवल जिले के केबल आपरेटर्स की बात रखते हैं। जो भी निर्णय मिलेगा वह सर्वमान्य होगा। 
उमाशंकर भार्गव, एडीएम एवं नोडल अधिकारी

अब तक वस्तु स्थिति स्पष्ट नहीं हो पाई है कि केबल सेवाएं बंद होगी या सुचारू रहेंगी। डिजीटलाइजेशन होना चाहिए। इसमें उपभोक्ताओं का जागरुक और वक्त होना जरूरी है। 
राजेश सोनी, हैड, सिटी केबल 

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