बुधवार, 6 मार्च 2013

आईएएस बनने देना होगा ईमानदारी का टेस्ट,भोपाल

भारतीय प्रशासनिक सेवा में आने वाले प्रतिभागियों को अब ईमानदारी और नैतिकता का टेस्ट देना होगा। संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) ने इसके लिए नवीन परीक्षा मॉडल तैयार कर दिया है। 
इसी के साथ अब मुख्य परीक्षा में अपने शाब्दिक ज्ञान के साथ ईमानदारी का परिचय भी देना होगा। बीते कुछ सालों से मांग की जा रही थी कि प्रतिभागी का अब किताबी ज्ञान ही नहीं जमीनी हकीतत जानने और ईमानदारी भी होना बहुत जरूरी है। आईएएस बनने के लिए टेस्ट के अलावा नए फॉर्मेट में सामान्य अध्ययन पर भी अधिक जोर दिया गया है। कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) की ओर से यूपीएससी द्वारा आयोजित परीक्षाओं में बदलाव पर जारी अधिसूचना जारी की गई है। इसके अनुसार सिविल सेवा (मुख्य) परीक्षाओं में पहली बार 'नीतिशास्त्र, सत्यनिष्ठा और एप्टीट्यूड' का अलग से प्रश्नपत्र होगा। वहीं डीओपीटी ने प्रश्नपत्रों की अंकों में भी बदलाव किया है। 

-ये किया यूपीएससी ने 
यूपीएससी यह बदलाव इसी वर्ष से लागू किया है। मुख्य परीक्षा 2013 के सामान्य अध्ययन के 250-250 अंकों के चार अनिवार्य प्रश्नपत्र होंगे। इतने ही अंकों के दो वैकल्पिक प्रश्नपत्र भी होंगे। पहले सामान्य अध्ययन के दो अनिवार्य प्रश्नपत्र होते थे और दो वैकल्पिक विषयों का प्रश्नपत्र। प्रत्येक प्रश्नपत्र 300 अंकों का होता था। अब कुल 1800 अंकों का प्रश्नपत्र होंगे। इसमें निबंध और अंग्रेजी के ज्ञान का प्रश्नपत्र पहले की तरह 300 अंकों का ही होगा। इस साल प्राथमिक परीक्षा 26 मई को होगी। प्रतिभागी ४ अप्रैल तक ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। 

-ऐसा होगा पहला पेपर 
प्रथम पेपर यानी सामान्य अध्ययन का प्रश्नपत्र यूपीएससी इस प्रकार तैयार कर रही जिससे सामान्य ज्ञान का थोड़ा नॉलेज रखने वाला व्यक्ति इसके जवाब दे सके। किसी विषय में विशेषज्ञता हासिल किए जाने की जारूरत नहीं। अधिसूचना के अनुसार 'प्रश्नपत्र इस प्रकार तैयार किए जाएंगे, जिससे प्रतिभागी की विभिन्न विषयों में सामान्य जानकारी के बारे में जाना जा सके। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने इस बदलाव की मंजूरी यूपीएससी को दी है। यह फैसला यूपीएससी द्वारा गठित विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के पूर्व अध्यक्ष प्रोफेसर अरुण एस. निगवेकर के नेतृत्व में गठित समिति की सिफारिशों के आधार पर किया गया है। 

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