-दरों में बढ़ोत्तरी के विरोध में चुनौति नुमा प्रस्ताव दिया शासन को
भोपाल।
नए वित्तीय वर्ष से लागू होने वाले जमीनों के भावों का आम व्यक्ति भी खुला विरोध कर रहे हैं। प्रस्तावति कलेक्टर गाइडलाइन में भाव बढ़ोत्तरी के विरोध में कई ने समिति को प्रस्ताव दिया है कि गाइलाइन में जो दरें तय की गई है, वह उससे आधी कीमत पर जमीन शासन या शासन की एजेेंसी को देने को तैयार हैं। लैंडजूज और एफएआर करने का भी सुझाव दिया है।
प्रस्तावित गाइडलाइन के लिए मांगे गए सुझाव और आपत्तियों में अब ५५ से अधिक आपत्तियां मिल चुकी हैं। वहीं लैंड यूज बदलने को लेकर सुझाव भी दिए हैं। अधिकांश आपत्तियां शासन को चुनौति नुमा ही हैं। वहीं बिल्डरों की एक एसोसिएशन ने वह विज्ञापन मांगा है, जिसे आधार बना समिति ने दरों में बढ़ोत्तरी का प्रस्ताव तैयार किया है। जमीन आधी कीमत में शासन को दिए जाने के लिए आम जन ने जिला पंजीयक कार्यालय में बकायदा शपथ-पत्र भी दिया है। वहीं जमीन की कीमतें तय करने के साथ लैंडयूज और कहां एफएआर की जा सकती है ये भी सुझाव दिया है।
-ये दिया प्रस्ताव
वी-फार्मस सॉल्यूशन्स के लोवलित कुमार ने सुझाव व प्रस्ताव पत्र दिया है। इसमें इसमें उन्होंने लिखा है, भोपाल-इंदौर हाईवे पर ग्राम हलालपुरा, बैरागढ़ कलां और भैंसाखेड़ी में मेरी जमीन है। यहां गाइडलाइन में जो दरें तय की गई हैं वह उस कीमत से आधी कीमत पर शासन की किसी भी एजेंसी को जमीन दे सकते हैं। कीमतों को लेकर कलेक्टर और वरिष्ठ जिला पंजीयक के पास आपत्तियां दी हैं। आपत्ति में लिखा है, वर्ष २००८ की गाइडलाइन में इन क्षेत्रों में आवासीय जमीन की कीमत १० हजार रुपए प्रति वर्ग मीटर थी। इसे २०१० में बढ़ाकर १८ हजार रुपए प्रति वर्ग मीटर किया गया। अब प्रस्तावित वर्ष २०१३-१४ की गाइडलाइन में इंदौर रोड पर लालघाटी से संत हिरदाराम नगर आश्रम तक ६० हजार रुपए प्रति वर्ग मीटर की जा रही है। उन्होंने आवेदन जिला पंजीयक आग्रह किया कि वे इस जमीन को ३० हजार रुपए प्रति वर्ग मीटर में बिकवा दें।
-यहां रखें ध्यान
लोवलित कुमार ने सुझाव दिया कि जमीनों की खरीदी-बिक्री में लैंडयूज का भी ध्यान रखा जाए। उन्होंने सुझाव दिया, भोपाल से इंदौर की तरफ जाते वक्त दाईं तरफ आवासीय और व्यावसायिक उपयोग की जमीन है। वहीं बाईं ओर की जमीन रीक्रिएशनल, बॉटनिकल गार्डन और ग्रीनबेल्ट की है। रीक्रिएशनल उपयोग की जमीन पर बिल्डिंग परमिशन के वक्त एफएआर २ से १० प्रतिशत तक होता है। यहां ज्यादा निर्माण नहीं हो सकता, जबकि आवासीय एवं कामर्शियल का एफएआर १२५ से २५० प्रतिशत तक होता है। बावजूद इसके गाइडलाइन में रोड के दोनों तरफ जमीनों के भाव एक जैसे ही रखे गए हैं। लैंडयूज बदल ने के साथ सड़क इस तरफ और उस तरहप की कीमतों में भी बदलाव होना चाहिए।
-अब तक ५५
जिला पंजीयक कार्यालय में अब तक ५५ सुझाव व आपत्तियां आ चुकी हैं। अधिकांश में लोगों ने भाव बढ़ाए जाने का विरोध अथवा कुछ ने तो कारण भी बताने को कहा है। पहले आपत्ति दिए जाने की तारीख ८ मार्च नीयत थी, जिसे बढ़ाकर १२ मार्च किया गया है। इस तरह मंगलवार तक आम व्यक्ति आपत्ति-सुझाव दे सकता है। जो भी आपत्तियां मिल रही हैं, उन्हें संबंधित क्षेत्र के उप पंजीयक को सौंपकर उसकी टीप ली जा रही है। बाद में जिला मूल्यांकन समिति की बैठक में रखा जाएगा। बैठक में ही संशोधन का फैसला लिया जाएगा।
-१२ तक दे सकते हैं सुझाव
५५ से अधिक आपत्तियां मिल चुकी हैं, आम व्यक्ति १२ मार्च तक आपत्ति-सुझाव दे सकता है। इन आपत्ति-सुझाव पर संबंधित क्षेत्र के उप पंजीयक से टीप मांग कर जिला मूल्याकंन समिति की बैठक में रखा जाएगा। बैठक में ही अंतिम निर्णय लिया जाएगा।
आरएस तोमर, वरिष्ठ जिला पंजीयक
भोपाल।
नए वित्तीय वर्ष से लागू होने वाले जमीनों के भावों का आम व्यक्ति भी खुला विरोध कर रहे हैं। प्रस्तावति कलेक्टर गाइडलाइन में भाव बढ़ोत्तरी के विरोध में कई ने समिति को प्रस्ताव दिया है कि गाइलाइन में जो दरें तय की गई है, वह उससे आधी कीमत पर जमीन शासन या शासन की एजेेंसी को देने को तैयार हैं। लैंडजूज और एफएआर करने का भी सुझाव दिया है।
प्रस्तावित गाइडलाइन के लिए मांगे गए सुझाव और आपत्तियों में अब ५५ से अधिक आपत्तियां मिल चुकी हैं। वहीं लैंड यूज बदलने को लेकर सुझाव भी दिए हैं। अधिकांश आपत्तियां शासन को चुनौति नुमा ही हैं। वहीं बिल्डरों की एक एसोसिएशन ने वह विज्ञापन मांगा है, जिसे आधार बना समिति ने दरों में बढ़ोत्तरी का प्रस्ताव तैयार किया है। जमीन आधी कीमत में शासन को दिए जाने के लिए आम जन ने जिला पंजीयक कार्यालय में बकायदा शपथ-पत्र भी दिया है। वहीं जमीन की कीमतें तय करने के साथ लैंडयूज और कहां एफएआर की जा सकती है ये भी सुझाव दिया है।
-ये दिया प्रस्ताव
वी-फार्मस सॉल्यूशन्स के लोवलित कुमार ने सुझाव व प्रस्ताव पत्र दिया है। इसमें इसमें उन्होंने लिखा है, भोपाल-इंदौर हाईवे पर ग्राम हलालपुरा, बैरागढ़ कलां और भैंसाखेड़ी में मेरी जमीन है। यहां गाइडलाइन में जो दरें तय की गई हैं वह उस कीमत से आधी कीमत पर शासन की किसी भी एजेंसी को जमीन दे सकते हैं। कीमतों को लेकर कलेक्टर और वरिष्ठ जिला पंजीयक के पास आपत्तियां दी हैं। आपत्ति में लिखा है, वर्ष २००८ की गाइडलाइन में इन क्षेत्रों में आवासीय जमीन की कीमत १० हजार रुपए प्रति वर्ग मीटर थी। इसे २०१० में बढ़ाकर १८ हजार रुपए प्रति वर्ग मीटर किया गया। अब प्रस्तावित वर्ष २०१३-१४ की गाइडलाइन में इंदौर रोड पर लालघाटी से संत हिरदाराम नगर आश्रम तक ६० हजार रुपए प्रति वर्ग मीटर की जा रही है। उन्होंने आवेदन जिला पंजीयक आग्रह किया कि वे इस जमीन को ३० हजार रुपए प्रति वर्ग मीटर में बिकवा दें।
-यहां रखें ध्यान
लोवलित कुमार ने सुझाव दिया कि जमीनों की खरीदी-बिक्री में लैंडयूज का भी ध्यान रखा जाए। उन्होंने सुझाव दिया, भोपाल से इंदौर की तरफ जाते वक्त दाईं तरफ आवासीय और व्यावसायिक उपयोग की जमीन है। वहीं बाईं ओर की जमीन रीक्रिएशनल, बॉटनिकल गार्डन और ग्रीनबेल्ट की है। रीक्रिएशनल उपयोग की जमीन पर बिल्डिंग परमिशन के वक्त एफएआर २ से १० प्रतिशत तक होता है। यहां ज्यादा निर्माण नहीं हो सकता, जबकि आवासीय एवं कामर्शियल का एफएआर १२५ से २५० प्रतिशत तक होता है। बावजूद इसके गाइडलाइन में रोड के दोनों तरफ जमीनों के भाव एक जैसे ही रखे गए हैं। लैंडयूज बदल ने के साथ सड़क इस तरफ और उस तरहप की कीमतों में भी बदलाव होना चाहिए।
-अब तक ५५
जिला पंजीयक कार्यालय में अब तक ५५ सुझाव व आपत्तियां आ चुकी हैं। अधिकांश में लोगों ने भाव बढ़ाए जाने का विरोध अथवा कुछ ने तो कारण भी बताने को कहा है। पहले आपत्ति दिए जाने की तारीख ८ मार्च नीयत थी, जिसे बढ़ाकर १२ मार्च किया गया है। इस तरह मंगलवार तक आम व्यक्ति आपत्ति-सुझाव दे सकता है। जो भी आपत्तियां मिल रही हैं, उन्हें संबंधित क्षेत्र के उप पंजीयक को सौंपकर उसकी टीप ली जा रही है। बाद में जिला मूल्यांकन समिति की बैठक में रखा जाएगा। बैठक में ही संशोधन का फैसला लिया जाएगा।
-१२ तक दे सकते हैं सुझाव
५५ से अधिक आपत्तियां मिल चुकी हैं, आम व्यक्ति १२ मार्च तक आपत्ति-सुझाव दे सकता है। इन आपत्ति-सुझाव पर संबंधित क्षेत्र के उप पंजीयक से टीप मांग कर जिला मूल्याकंन समिति की बैठक में रखा जाएगा। बैठक में ही अंतिम निर्णय लिया जाएगा।
आरएस तोमर, वरिष्ठ जिला पंजीयक
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