गुरुवार, 13 जून 2013

पूर्व राष्ट्रपति की संस्था बंद, बुझ गए कई घरों के चूल्हे

पूर्व राष्ट्रपति की संस्था बंद 
-बेरोजगार हो गई ४५० से ज्यादा महिलाएं 
-संस्था के कर्ताधर्ताओं ने समेटा बोरिया बिस्तर, महिला कल्याण में जड़ा 'ताला'
भोपाल। 
देश के पूर्व राष्ट्रपति स्व. डॉ. शंकरदयाल शर्मा की भोपाल (गोविंदपुरा) स्थित संस्था (मप्र महिला कल्याण समिति) बंद हो गई है। गुरुवार को संस्था के कर्ताधर्ताओं ने बोरिया बिस्तर समेटते हुए गेट पर ताला जड़ दिया। संस्था के अचानक लिए फैसले से ४५० से अधिक महिलाएं बेरोजगार हो गई हैं। 
इसके साथ ही कई घरों का चूल्हा भी बुझ गया है। बताया जा रहा है, पहले ही बीते तीन माह से महिला कर्मचारियों को वेतन नहीं मिल रहा था। इस कारण महिलाएं केवल मजबूरी में काम रहीं थीं। उन्हें यह आस थी कि कुछ दिनों बाद वेतन मिलेगा। संस्था प्रबंधन ने कुछ-कुछ महिलाओं को दल के रूप में काम पर आने से मना करना शुरू कर दिया था। मजबूरी में अब यहां 80 महिलाएं काम कर रही थीं, जिन्हें एका एक गुरुवार को काम करने से मना कर दिया। वहीं संस्था प्रबंधकों ने महिला कल्याण के गेट पर सुबह 11 बजे ताला लगा दिया। पूर्व से संस्था के कर्ताधर्ताओं के खिलाफ सड़कों पर आईं महिलाओं ने इसका विरोध भी किया, लेकिन इसका कोई फायदा नहीं निकला। प्रबंधक ने साफ तौर पर संस्था बंद होने का एलान कर दिया। इस मामले में कोई भी कुछ बोलने को तैयार नहीं है। 

-संस्था ऐसे करती है काम 
संस्था भेल में टेंडर लेकर महिलाओं से काम कराती है। इस संस्था में काम करने वाली अधिकांश महिलाओं ने अपना पूरा जीवन ही संस्था को समर्पित कर दिया। संस्था में कभी 600 से अधिक महिलाएं काम करती थीं, जिनकी संख्या घटकर 100  रह गई है। महिलाएं भेल के अंदर (ब्लॉकों) और बाहर (बढ़ी-पापड़ केंद्र), टीलाजमालपुरा स्थित स्टेशनरी यूनिट में काम करती हैं। यहीं नहीं, भेल में काम आने वाले ट्रांसफार्मस में लगने वाले पुर्जों को बनाने का काम भी इस संस्था के महिलाओं द्वारा किया जाता है। 

-मैं जीएम नहीं 
मैं दो माह पहले महिला कल्याण समिति के जीएम पद से इस्तीफा दे चुकी हूं। इसके बाद वर्तमान में वहां क्या चल रहा है, समिति को कौन देख रहा है इस बारे में मुझे जानकारी नहीं है। 
शोभना पाटिल, जीएम, महिला कल्याण समिति 

-एक नजर में समिति
१. राजधानी में 1975 में स्थापना हुई थी। 
२. 32 महिलाओं को मिलाकर पूर्व राष्ट्रपति स्व. डॉ. शंकरदयाल शर्मा ने बैंगलुरू में रखी थी इसकी नींव। 
३. स्व. शर्मा की पत्नी विमला शर्मा मप्र. महिला कल्याण समिति की अध्यक्ष। 
४. वर्तमान में उनकी बहन निर्मला चतुर्वेदी संभाल रहीं हैं अध्यक्ष का पद। 
५. अध्यक्ष को 1956 से 1966 और 1971 से लेकर 1977 तक मप्र वेलफेयर सोशल बोर्ड द्वारा पुरस्कार मिल चुका है। 

-इस उद्देश्य से भटकी संस्था
गरीब, विधवा और जरूरतमंद महिलाओं के विकास के लिए काम करना संस्था का उद्देश्य था। इसी उद्देश्य को लेकर काम शुरू किया था संस्था ने। इसी के चलते विमला शर्मा को बेस्ट सोशल वर्कर का पुरस्कार आंध्रप्रदेश के तत्कालीन गवर्नर कृष्णकांत ने दिया था। 


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