शुक्रवार, 14 जून 2013

एनजीओ को मिलेंगे सब्सिडी वाले सिलेंडर

-उपभोक्त संरक्षण संचालनालय ने जारी किए निर्देश 
भोपाल। 
गैर-शासकीय संस्थाओं के लिए अच्छी खबर है। अब उन्हें साल भर में सामान्य परिवार की तरह ही सब्सिडी वाले ९ सिलेंडर मिलेंगे। केन्द्रीय पेट्रोलियम एवं गैस मंत्रालय के निर्देश के बाद मप्र खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति संचालनालय ने आदेश जारी कर दिए हैं। 
ये सिलेंडर उन्हीं एनजीओ को मिलेंगे जो सीधे तौर पर सामाजिक सरोकार अथवा छात्रावासों में भोजन व्यवस्था करने में जुटे हुए हैं। यह सभी सिलेंडर उन्हें एक साल में ही दिए जाएंगे। अतिरिक्त सिलेंडर लगने पर इन्हें बिना सब्सिडी वाले सिलेंडर की दर से ही भुगतान करना होगा। खात्र एवं नागरिक आपूर्ति उपभोक्त संरक्षण संचालनालय ने आदेश दिए हैं। वहीं इससे प्रदेश के सभी जिला कलेक्टरों को अवगत करा दिया गया है। साथ ही जिले की सभी गैस एजेंसियों को भी इस बारे में जानकारी दे दी गई है। उन्हें एक पत्र देते हुए बताया है कि कल्याणकारी संस्थाओं व छात्रावासों को एक साल में रियायती दर ९ सिलेंडर प्रदान करें। यह सिलेंडर घरेलू दरों पर दिए जाने चाहिए। उल्लेखनीय है केंद्र सरकार ने घरेलू गैस सिलेंडर की कालाबाजारी रोकने सब्सिडी वाले सिलेंडरों की संख्या सीमित कर दी है। इसके साथ सिलेंडरों की ऑनलाइन बुकिंग सहित कई नियम-कानून लागू किए हैं। 

-इन्हें होगा फायदा 
सामाजिक सरोकार से जुड़ी ऐसी संस्थाएं जो आंगनबाड़ी, मध्यान्ह भोजन समितियां, छात्रावास आदि को इसमें शामिल किया गया है। इससे पहले उन्हें रियायती दरों पर सिलेंडर मिलना बंद हो गया था। इन्हें एग्जमटेड कैटेगरी की दर जो कि सब्सिडी वाले सिलेण्डर से तीन गुनी थी, पर खरीदना पड़ रहा था। हालांकि पेट्रोलियम मंत्रालय ने संस्थाओं की इस समस्या को समझते हुए एग्जमटेड कैटेगिरी खत्म करते हुए संस्थाओं को आम उपभोक्ता की श्रेणी में रखा, लेकिन सब्सिडी वाले सिलेण्डर का लाभ नहीं दिया। यह स्थिति भी कल्याणकारी संस्थाओं को भारी पड़ रही थी। कुछ स्वसहायता समूहों ने तो सिलेण्डर लेने की बजाय लकड़ी खरीदकर चूल्हा जलाना ही उचित समझा, जबकि कुछ संस्थाओं ने खाना बनाना ही महंगा पड़ रहा था। अब सब्सिडी वाले 9 सिलेंडर से इन्हें राहत मिलेगी। इससे कुछ संस्थाओं ने खुशी जाहिर की है। 

-मिले आदेश 
शुक्रवार देर शाम कलेक्टर भोपाल की खाद्य शाखा को यह आदेश मिल गया है। इस आदेश से जल्द ही राजधानी में कार्यरत गैस एजेंसियों को अवगत कराया जाएगा। हालांकि आदेश कब तक जारी अथवा प्रभावी माने जाएंगे इस बारे में किसी भी अधिकारी ने कुछ भी नहीं किया है। 

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