कलेक्टर निशांत बरवड़े ने गुरुवार को कलेक्टर कार्यालय में की (एग्रीकल्चर टैक्नोलॉजी, मैनेजमेंट एजेंसी) गवर्निग बोर्ड की 'आत्मा' परियोजना की समीक्षा करते हुए अधिकारियों से कहा कि वे किसानों से सीधा संवाद कायम करें। जिले में किसानों के खेत और उसके जीवन में सकारात्मक बदलाव कृषि योजनाओं और कार्यक्रम की सफलता के प्रयाप्त मापदण्ड हैं।
राजधानी में खेती की आधुनिक तकनीकी और सुविधाएं के साथ-साथ खेती अन्य जरूरी इंफ्रास्ट्रक्चर उपलब्ध हैं। बस अधिकारी-कर्मचारियों की इच्छा शक्ति चाहिए। इसे किसानों तक पहुंचाने के लिए। कृषि विभाग और आत्मा परियोजना के अधिकारी-कर्मचारी इस बात को सुनिश्चित करें। श्री बरवड़े ने कहा, मैं स्वयं जिले में भ्रमण कर कृषकों और कृषि विभाग के मैदानी अमले की जानकारी लूंगा।
बैठक में जिला पंचायत मुख्य कार्यपालन अधिकारी राकेश श्रीवास्तव, उप संचालक कृषि केपी पांडे, परियोजना संचालक 'आत्मा' श्रीमती रश्मि वर्गीस, उप परियोजना संचालक वीएस चौहान, एसके राठौर सहित अन्य अधिकारी व किसान मौजूद थे।
-जिले में माकूल वातावरण
कलेक्टर श्री बरवड़े ने कहा, जिले में फलों और फूलों की खेती के लिए अनुकूल वातावरण है। कृषि विभाग के अधिकारियों को चाहिए कि कि वह इनकी उन्नत खेती के लिए किसानों को तकनीक मुहय्या कराने के साथ-साथ जानकारी भी दें। वहीं किसानों को खेती के लिए प्रेरित करने को कहा।
-लगभग लक्ष्य प्राप्त
बैठक में परियोजना संचालक आत्मा श्रीमती रश्मि वर्गीस ने कहा, परियोजना के तहत अधिकांश घटकों में लक्ष्य प्राप्त किए गए हैं। कृषक प्रशिक्षण, प्रदर्शन, कृषि विज्ञान मेला आदि के संबंध में भी बैठक में चर्चा हुई। विस्तार सुधार कार्यक्रम आत्मा अंतर्गत फार्म स्कूल खरीफ 2013 के लिए चयनित फार्मर की सूची को भी प्रस्तुत की गई। कलेक्टर ने कहा फार्मर का चयन उनकी पृष्ठभूमि और जरूरत को ध्यान में रखकर किया जाए।
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