-५० लाख की प्रॉपर्टी पर ५० हजार लगेगा टैक्स
-आयकर अधिनियम में जुड़ा नया सेक्शन
-देश में चैन्नई के बाद भोपाल सबसे ज्यादा होंगे प्रापर्टी के दाम
-देना होगा १ प्रतिशत टीडीएस
हेमन्त पटेल, 9893711147.
भोपाल।
आज, १ जून से आपकी रजिस्ट्री पर एक प्रतिशत का टीडीएस (स्त्रोत पर टैक्स कटौती) लगेगा। छोटे निवेशकों व कम कीमत की प्रापर्टी खरीदने वालों के लिए यह शुल्क देय नहीं होगा, लेकिन यह टैक्स ५० लाख रुपए या इससे अधिक की प्रापर्टी खरीदार पर लगेगा। 50 लाख की अंचल संपत्ति खरीदने वाले को 50 हजार रुपए बतौर टैक्स देना होगा।
यह सब आयकर अधिनियम में जोड़े गए नए टैक्स सेक्शन के चलते होगा। वहीं चार्टेटेड अकाउंटेंट (सीए) ने भी निवेशकों के लिए इस नए सेक्शन को विस्तृत रूप से समझने के लिए पन्ने पलटाना शुरू कर दिया है। दअरसल, केंद्र सरकार ने वित्तिय वर्ष २०१३-१४ का जो बजट पास किया था, उसमें आयकर अधिनियम 1962 में नए सेक्शन को जोड़ा गया है। इसे बजट के दौरान १ जून, २०१३ से लागू होना बताया गया था। अच्छी बात यह है कि इस सेक्शन में ग्रामीण क्षेत्र में खेतीहर भूमि एवं एवं अनिवार्य रूप से होने वाले भू-अधिग्रहण को अलग रखा गया है।
इसे प्रत्यक्ष रूप से केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) देखेगा। इस संबंध में देश के सभी राज्यों के महापंजीयक व पंजीयक को बोर्ड ने पत्र भेजा है। साथ ही बोर्ड के अधिकारियों को अपने क्षेत्र के सभी रजिस्ट्रार कार्यालयों से संपर्क बनाने व प्रतिदिन होने वाली रजिस्ट्रियों का सही-सही ब्यौरा रखने को कहा है।
-चैन्नई के बाद भोपाल
सरकारी आंकड़ों के हिसाब से ही देश में इस समय सबसे ज्यादा महंगी प्रापर्टी चैन्नई में है। इसके बाद दूसरे नंबर पर भोपाल आता है। बीते तीन सालों में देश के सभी राज्यों के जिलों में प्रापर्टी के दाम स्थिर रहे या इनके दामों में कमी आई। बावजूद इसके भोपाल जिले में यह ग्रोथ जारी रही। रजिस्ट्री (स्टॉम्प शुल्क) में लगातार बढ़ौत्तरी हुई। यहां बाजार भाव के नजदीक रजिस्ट्री को लाने की कोशिश की, इसी का नतीजा हुआ कि देश में चैन्नई के बाद भोपाल में जमीन, मकान, भूखंड, दुकान की कीमत में तेजी से इजाफा हुआ।
-खेतीहर में राहत
छोटे एवं निम्न मध्यम वर्ग के व्यक्तियों की आशियने की चाह को देखते हुए ५० लाख से कम की प्रापर्टी की खरीद-फरोख्त इसके दायरे से बाहर रखा है। खेतीहर संपत्ति क्रय करने वालों को यह टीडीएस देय नहीं देना होगा। खेती के लिए जमीन ५ लाख की हो या ५० लाख से ऊपर कीमत की, इस पर टीडीएस नहीं लगेगा। साथ ही अनिवार्य रूप से होने वाले भूमि अधिग्रहण को भी इस टीडीएस परिधि से दूर रखा गया है।
-महंगी प्रापर्टी पर टीडीएस लगेगा
१ जून से ५० लाख की प्रापर्टी पर १ प्रतिशत टीडीएस लगाया जाना है। यह बात केंद्रीय बजट में स्पष्ट कर दी गई थी। पंजीयक कार्यालय से सीबीडीटी किस प्रकार की जानकारी चाहता है, इस संबंध में लिखा गया पत्र अभी नहीं मिला है। सीबीडीटी जो भी मदद चाहेगा हम देंगे।
एनएस तौमर, जिला पंजीयक
-यह बोझ नहीं
यह किसी प्रकार का बोझ नहीं है। जो नियमित कर जमा करते हैं, उन्हें परेशान होने की भी जरूर नहीं है। यह एक प्रकार से सरकार को पहले दिया गया टैक्स के रूप में होगा। जिसे करदाता टैक्स जमा करते वक्त बता सकता है।
विपिन गोयल, अध्यक्ष, के्रडाई
-स्थिति मजबूति की पहल
देश और प्रदेश में व्यवस्थाओं के संचालन के लिए नियमित तौर पर राजस्व की आवश्यकता होती है। सरकारें समय-समय पर राजस्व एकत्र करने के विधि-विधान तैयार करती है। इसी के तहत अंचल संपत्ति पर भी टीडीएस लागू किया गया है। ताकि लोग ज्यादा से ज्यादा कर संचय के दायरे में आ पाएं। यह देश की आर्थिक स्थिति मजबूत करने की पहल है।
मनोज सिंह, उपाध्यक्ष एवं प्रवक्ता, क्रेडाई
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