-प्लॉट से भी गए और आई एफआईआर की नौबत
-हस्ताक्षर और सील फर्जी
भोपाल।
प्लॉट पाने के चक्कर में मेहर चंद पिता गरीब दास ने जाति प्रमाण-पत्र सहित अन्य दस्तावेज फर्जी प्रस्तुत कर दिए। दस्तावेजों की एसडीएम हुजूर राजेश श्रीवास्तव ने जांच की तो यह फर्जी निकले। मेहर चंद को प्लॉट तो नहीं मिला, उल्टा एसडीएम ने एफआईआर दर्ज करने को लिख दिया।
दरअसल, जालंधन (पंजाब) मेहर चंद ने भोपाल विकास प्राधिकरण (बीडीए) की गांधी नगर स्थिति एयरोसिटी में प्लाट हासिल करने उक्त दस्तावेजों के साथ आवेदन दिया था। मेहर चंद ने आवेदन के साथ अनुसूचित जाति (एससी) का जाति प्रमाण-पत्र लगाया था। बीडीए के अधिकारियों ने उक्त प्रमाण-पत्र को संदेह के घेरे में लिया। इसे बीडीए ने एसडीएम हुजूर को इसकी जांच कर बताने को कहा। उक्त जाति प्रमाण पत्र की छायाप्रति एसडीएम को दी गई थी, जांच में श्री श्रीवास्तव ने प्रथम दृष्ट्या पाया कि फर्जी प्रमाण-पत्र फर्जी है। प्रमाण-पत्र में हस्ताक्षर नकली मिले, वहीं इस पर सील भी फर्जी लगी हुई है। श्री श्रीवास्तव ने इसकी पुष्टि अपने मातहत कर्मचारियों से भी की। सभी ने इसे जाली करार दिया। इस पर तत्काल उक्त व्यक्ति पर एफआईआर दर्ज करने को कर्मचारियों को कहा।
-ये कारण नकली का
जाति प्रमाण-पत्र जारी होने की तारीख 23/05/2013 दर्ज है। इसका मिलान तहसील हुजूर के रिकार्ड से किया गया। रिकार्ड में मेहर चंद नाम के व्यक्ति का नाम कहीं भी दर्ज नहीं मिला। इसे बाद में खुद एसडीएम ने भी देखा। इसकी बात में बारीकी से पड़ताल की तो इस पर एसडीएम हुजूर की नकली सील और हस्ताक्षर मिले। प्रमाण-पत्र पर अनुविभागीय अधिकारी एवं कार्यपालक दण्डाधिकारी तहसील हुजूर लिखा हुआ है। साथ ही सील एसडीएम हुजूर के नाम की है।
-कार्रवाई शुरू कर दी
फर्जी जाति प्रमाण-पत्र देने वाले मेहर चंद पर एफआईआर दर्ज कराने की कार्रवाई शुरू कर दी है। इसने बीडीए में जाली प्रमाण-पत्र दिया है। यह जालसाजी के प्रकरण में आता है।
राजेश श्रीवास्तव, एसडीएम हुजूर
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