बुधवार, 11 सितंबर 2013

‘केचमेंट के नाम पर हो रहा किसानों का शोषण’

-ग्रामीणों दिया मुख्यमंत्री को ज्ञापन  
भोपाल। 
बड़े तालाब के चारों ओर समान रूप से केचमेंट एरिया है और जमीन पर अतिक्रमण हो रहा है, लेकिन विड़बना है कि शासन व जिला प्रशासन को एक तरफ ही केचमेंट दिखाई देता है। यह बात जनपद पंचायत फंदा के अध्यक्ष अनोखी मानसिंह पटेल ने सैकड़ों किसानों के साथ मुख्यमंत्री को सौंपते हुए कही। उन्होंने कहा, केचमेंट के नाम पर ग्रामीणों का शोषण किया जा रहा है। केचमेंट के नाम पर किसानों की बेशकीमती जमीनों को भोजवेट लैंड के जरिए शासन स्वयं हड़प रहा है। 
मंगलवार को अनोखी मानसिंह पटेल के नेतृत्व में 22 गांवों के सैंकड़ों किसान मुख्यमंत्री आवास पहुंचे थे। श्री पटेल ने आरोप लगाया कि वर्ष 1960 में भी किसानों की सैकड़ों एकड़ जमीन पीएचई के माध्यम से शासन ने हथियाई थी। इसके बाद भोजवेट लैंड के माध्यम से पौधरोपण और अब केचमेंट के नाम पर 22 गांवों के किसानों को आत्महत्या करने को मजबूर किया जा रहा है। जिला कांग्रेस ग्रामीण के अध्यक्ष अवनीश भार्गव ने शासन-प्रशासन पर सामंतशाही का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, जिस जमीन का केचमेंट एरिया का निर्धारित किया जा रहा है उसके लिए किसानों का अभिमत भी लिया जाए। वहीं विस्थापन की कोई योजना भी   बनाई गई है, लेकिन प्रशासन ने इस ओर ध्यान ही नहीं दिया। वे बोले, ग्रामीणों और किसानों के साथ इस तरह भेदभाव व हिटलरशाही अब बर्दाश्त नहीं की जाएगी। इस अवसर पर जिला पंचायत सदस्य विष्णु विश्वकर्मा सहित हरिनारायण व्यास, मेहरबानसिंह गुर्जर, जसपाल यादव, महेश मीना, नौशा पठान, मुकेश राजपूत, अवधनारायण गुर्जर, शैलेंद्रसिंह मीना, पवन गुर्जर, नमर्दाप्रसाद वर्मा, रामसेवक मीना, गायत्रीप्रसाद शर्मा, नारायणसिंह गौर, अमरीश मीना आदि सहित ग्रामीण उपिस्थत थे। 

फसलों के सर्वे की मांग
प्रदर्शन के दौरान ग्रामीणों ने अतिवर्षा के कारण सोयाबीन की फसलों में हुए नुकसान का सर्वे कराने तथा प्र ाावित किसानों को शीघ्र मुआवजा दिये जाने की ाी मांग की। जनपद अध्यक्ष अनो ाी मानसिंह पटेल ने कहा कि जनपद क्षेत्र की स ाी ग्राम पंचायतों में फसल क्षति का सर्वे शीघ्र कराया जाकर किसानों को रबी सीजन के लिए समुचित आर्थिक राहत दी जाए।

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