गुरुवार, 5 सितंबर 2013

जल सत्याग्रह का पांचवां दिन:

खंडवा कोर्ट द्वारा चित्तरूपा पालित एवं 6 अन्य को अविलम्ब रिहा करने का आदेश
देवास जिले के 67 सत्याग्रहियों भी रिहा जल सत्याग्रह पांचवें दिन भी पूरे उत्साह से जारी : चार महिलाओं को अस्पताल में भर्ती किया
इंदिरा सागर बांध प्रभावितों द्वारा 1 सितम्बर से प्रारंभ किये गया जल सत्याग्रह पांचवे दिन आज खंडवा के अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश श्री आर. के. दसोरा ने आन्दोलन की प्रमुख कार्यकर्ता चित्तरूपा पालित एवं 6 अन्य को अविलम्ब रिहा करने का आदेश दिया है. दूसरी तरफ कन्नोद जेल में बंद 67 जल सत्याग्रहियों को भी रिहा कर दिया गया है.

खंडवा कोर्ट द्वारा रिहाई के आदेश :
उल्लेखनीय है कि 1 सितम्बर को खंडवा जिले के ग्राम बडखालिया से आन्दोलन की प्रमुख कार्यकर्ता चित्तरूपा पालित एवं 6 अन्य को गिरफ्तार कर सुश्री पालित को इंदौर जेल और 6 लोगों को खंडवा जेल भेज दिया गया था. अनुविभागीय अधिकारी द्वारा जमानत रद्द करने पर उसके आदेश के खिलाफ खंडवा न्यायालय में रिविजन फाइल किया गया था. खंडवा न्यायालय ने अनुविभागीय अधिकारी के आदेश को त्रुटिपूर्ण करार करते हुए   सभी को अविलम्ब रिहा कर न्यायालय को सुचना देने का आदेश दिया है. न्यायालय में अधिवक्ता श्री पी.सी.जैन और श्री मनोज पाराशर द्वारा आन्दोलनकारियों की ओर से पैरवी की गयी.

देवास में भी 67 सत्याग्रहियों की रिहाई:
दूसरी ओर देवास जिले के ग्राम मेल-पिपलिया से 2 सितम्बर को गिरफ्तार 67 सत्याग्रहियों को कन्नोद जेल भेज दिया गया था. उसके बाद अनुविभागीय अधिकारी या तहसीलदार जमानत के लिए उपलब्ध ही नहीं हो रहे थे. इसलिए कन्नोद के अपर जिला व् सत्र न्यायधीश के समक्ष आवेदन प्रस्तुत किया गया. इस आवेदन पर सुनवाई के समय तहसीलदार स्वयं उपस्थित हुईं और उन्होंने कहा कि सभी लोगों को छोड़ा जा रहा है.

पांचवें दिन जल सत्याग्रह जोर शोर से जारी : चार सत्याग्रहियों को अस्पताल में भर्ती किया
इंदिरा सागर प्रभावितों के जल सत्याग्रह के पांचवें दिन ग्राम मालूद और ग्राम मेल पिपलिया में सत्याग्रह जोर शोर से जारी है. सभी बंद सत्याग्रहियों की रिहाई की खबर से जल सत्याग्रह्यों का उत्साह कई गुना बढ़ गया. जल सत्याग्रहियों की शारीरिक स्तिथि ख़राब हो रही है. आज मेल-पिपलिया सत्याग्रह स्थल से चार महिलाओं सुशीला बाई, कृष्णा बाई, सुगनाबाई एवं जमनाबाई को खातेगांव  अस्पताल में भर्ती किया गया. सत्याग्रहियों का संकल्प पूरा है कि उनके अधिकार मिलने तक उनका संघर्ष जारी रहेगा.

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