रविवार, 8 सितंबर 2013

जमीन की रजिस्ट्री नहीं हुई, नामांतरण हो गया

या 
बिना रजिस्ट्री हो गया नामांतरण 
-रोक के बाद बांटे पट्टे 
-सामने आई करोड़ों की स्टॉम्प चोरी 
-मामला सीहोर जिले का, तहसीलदार और पटवारी ने किया खेल
भोपाल। 
सीहोर जिले के तहसीलदार और पटवारी ने मप्र शासन को करोड़ों रुपए का चूना लगा दिया है। यह काम दो तरीके से किया। पहला बिना जमीन की रजिस्ट्री किए नामांतरण कर दिया। दूसरा हाईकोर्ट की रोक के बाद भी सरकारी जमीन पर पट्टे बांट दिए। 
अतिरिक्त तहसीलदार राजेंद्र पवार और पटवारी कमल कीर ने जिले के ग्राम बरखेड़ी और बिजलोन में यह खेल किया। नामांतरण में जहां इन्होंने करोड़ों रुपए की स्टॉम्प चोरी की। वहीं भूमिहीनों को दिए गए पट्टे की जमीन, शासकीय स्कूल की जमीन को मिलीभगत कर बेच दिया।
अतिरिक्त तहसीलदार ने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए जिस सरकारी जमीन पर सुप्रीम कोर्ट ने पट्टे बांटने पर रोक लगाई थी उसी पर पट्टे बांटे और फिर रजिस्ट्री भी करा दी। शिकायत मिलने पर ईओडब्ल्यू ने कलेक्टर, सीहोर से जांच रिपोर्ट मांगी। इस पर तहसीलदार आरएन त्रिपाठी ने जांच करी। इसे रिपोर्ट को जावक क्रमांक 2353/आर-1/2013 दिनांक 16 अगस्त, 2013 को अनुविभागीय अधिकारी, सीहोर को भेजा चुका है। ताज्जुब की बात ये है कि सरकारी जमीनों को खुर्दबुर्द करने और करोड़ों की स्टॉम्प ड्यूटी चोरी का खुलासा होने के बाद भी जांच रिपोर्ट सीहोर एसडीएम कार्यालय से भोपाल के आर्थिक अपराध अनुसंधान ब्यूरो नहीं पहुंच पाई है। 

-इनका किया नामांतरण
-ग्राम बिजलोन की जमीन खसरा नंबर 351/1 ग रकबा 1.70 एकड़ में से 1.00 एकड़ भूमि किता पत्नी रमेश लुहार, निवासी बिजलोन के पक्ष में भगवान सिंह ने अंतरण किया। 
-बिजलोन की नामांतरण पंजी क्रमांक 29 दिनांक 18 अप्रैल, 2011 में खसरा क्र.- 158/1/1 रकबा 2.630 हेक्टेयर में से सुधा सिंहल पत्नी प्रबोध सिंहल, निवासी 52 मालवीय नगर, भोपाल के पक्ष में खसरा नंबर 158/5 रकबा 2.50/1.011 हेक्टेयर का अंतरण किया। इसी जमीन पर रेखा पत्नी राकेश, निवासी 1/8 अर्चना के पक्ष में खसरा नंबर 158/6 रकबा 2.50 /1.011 हेक्टेयर का अंतरण प्रेमनारायण गंगाराम काछी निवासी बिजलोन के लिए किया। 
-ग्राम बिजलोन की नामांतरण पंजी क्रमांक 17 दिनांक 31 जुलाई,2011 में खसरा नंबर 416/2 ग रकबा 2.023 हेक्टेयर भूमि को भागीरथ मूलचंद कुडमी निवासी सीहोर ने अजय जुझार सिंह के पक्ष में अंतरण किया। यहीं खसरा क्र.- 416/2 ख रकबा 2.023 हेक्टेयर भूमि को मायाराम मूलचंद कुडमी निवासी छावनी, सीहोर ने भूपेंद्र जुझार सिंह के पक्ष में अंतरण किया। भागीरथ दरयाब ने खसरा नंबर 446/3 रकबा 0.809 हेक्टेयर भूमि का जुझार सिंह ठाकुर के पक्ष में अंतरण किया।
-नामांतरण पंजी क्रमांक 20 दिनांक 2 अगस्त,2011 में 0.914 हेक्टेयर भूमि में से अनोखीलाल बलाई ने 1.61 एकड भूमि का अंतरण केशरबाई हेमराज के पक्ष में किया। साथ ही 0.65 एकड भूमि का अंतरण माखनलाल के पक्ष में किया।
-नामांतरण पंजी क्रमांक 21 दिनांक 2 अगस्त,2011 के अनुसार गायत्री बाई राधेश्याम, निवासी बिजलोन के पक्ष में रकबा 14.45 एकड़ में से जगदीश ने 4.90 एकड़, राधेश्याम ने 3.90 एकड और रामनारायण, रामेश्वर और नेतराम ने 6.60 एकड़ में से 4.04 एकड़ जमीन का अंतरण किया। साथ ही इसी खाते का अंतरण गायत्री बाई के पति राधेश्याम के पक्ष में रकबा 6.04 का अंतरण 10 नवबंर, 2011 को किया। यह 3.90 एकड दर्ज किया गया। 
-ग्राम बरखेडी नामांतरण पंजी क्रमांक 3 दिनांक 8 मई, 2011 से भूमिस्वामी हीरालाल गजाधर त्यागी ने 0.24 एकड भूमि का अंतरण प्रेमबाई पुरुषोत्तम त्यागी के पक्ष में किया, जिसमें आपसी बंटवारा बताया गया है। प्रेमबाई न तो सहखातेदार है और न ही आवेदिका की पुत्री। न ही किसी प्रकार का विक्रय पत्र सामने आया। बावजूद इसके फर्जी नामांतरण कराया। 

-इस जमीन के बेचे पट्टे 
तहसीलदार ने बिना कलेक्टर की अनुमति के भूमिहीनों को दी गई पट्टे की जमीन की खरीद फरोख्त कर दी। बिजलोन के खसरा-6/12 रकबा 0.688 हेक्टेयर भूमि वर्ष 2007-08 तक बतौर शासकीय पट्टेदार बाबूलाल नाथूराम के नाम दर्ज थी। इस भूमि का नामांतरण पंजी 22 दिनांक 2 अप्रैल 2011 से पंजीकृत विक्रय पत्र क्रमांक-3096 दिनांक 23 फरवरी 2011 के जरिए ज्योति राजेंद्र कुमार निवासी बजरिया, सीहोर के पक्ष में नामांतरित की गई।
शासकीय विद्यालय और निस्तार के लिए खसरा 432 निर्धारित थी। इस खसरे के में से वर्ष 2007-08 में बंटान करके 432/2 रकबा 15.00 एकड़ हरिनारायण अयोध्याप्रसाद के नाम कर दिया। इसी की एक बंटान में खसरा क्र.-432/3 रकबा 2.00 हेक्टेयर का ओमप्रकाश और खसरा नंबर 432/4 रकबा 1.000 हेक्टेयर का मनोहर शंकर बलाई को शासकीय पट्टा दे दिया। जबकि मूल खसरा नंबर 432/1 रकबा 3.839 हेक्टेयर 2013 तक शासकीय ही दर्ज है। इस जमीन पर 
सरकारी विद्यालय बना हुआ दर्शाया गया है। इसी जमीन को विभा राय राधेश्याम ने विक्रय पत्र के जरिए रीना जीतेंद्र पांचाल को 4.00 एकड़, चेतना अरुण विश्वकर्मा, निवासी साकेत नगर भोपाल को 4.00 एकड़, मोनिका चंदे्रश मालवीय, साकेतनगर को 4.00 एकड़, हिमांशु बाबूलाल मिस्त्री, निवासी इंगलिसपुरा, सीहोर को 3.00 एकड़ बेच दी। 

-यहां लगी थी रोक 
बिजलोन में भूमिहीन को पट्टे दिए जाने के तहत भूमि खसरा नंबर 7/13 रकबा 1.012 हेक्टेयर 2007-08 में प्रहलाद कैलाश गोरिया, शकुन सुकिया बसोड़ को पट्टा दे दिया गया। हालांकि,   सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर 2001-02 से सरकारी जमीनों के पट्टे दिए जाने पर रोक लगी है। इस जमीन को 8 दिसबंर,2012 के जरिए महेश हरिप्रसाद, आशीष त्यागी को बेचा गया। बिना कलेक्टर की अनुमति के विक्रय के बाद नामांतरण भी हो गया। इसी तरह 2007-08 के खसरे में रकबा 0.688 हेक्टेयर का मिट्ठूलाल नाथूराम को शासकीय पट्टेदार दर्शा दिया गया। इस जमीन को भोपाल निवासी मोहम्मद अजहर और फैजान अली को 5 सितंबर, 2011 को बेचा गया। इसके अगले ही दिन 6 सितंबर, 2011 को नामांतरण भी हो गया।

-जांच पूरी, सौंप दी रिपोर्ट 
जांच पूरी कर के एसडीएम को सौंपी दी गई है। जांच का जिम्मा मिला था जिसे मैंने पूरा किया। शासकीय रिकॉर्ड के आधार पर जांच रिपोर्ट तैयार की। 
आरएन त्रिपाठी, तहसीलदार, सीहोर 

1 टिप्पणी: