-आज डॉ. जैन बताएंगे ऐसे होता है मध्य प्रदेश में उच्च शिक्षा गुणवत्ता प्रबंधन का संचालन
हेमन्त पटेल, भोपाल।
शिक्षा के लिए देश-विदेश में पहचाने जाने वाले उत्तर प्रदेश को अब मप्र गुणवत्ता युक्त उच्चा शिक्षा प्रबंधन के गुरु सिखाएंगे। उत्तर प्रदेश ने आगे रह कर मुक्त कंठ से मप्र में गुणवत्ता युक्त उच्च शिक्षा प्रबंधन को सराहा है। इसे अब वह ग्रहण करना चाहता है। गुणवत्ता प्रबंधन की जानकारी देने संयुक्त संचालक डॉ. केएम जैन वहां पहुंच गए हैं। वे रविवार को इसे प्रस्तुत करेंगे।
उत्तर प्रदेश सरकार ने गुणवत्ता प्रबंधन को जानने की अनुमति मप्र से मांगी है। साथ ही इसका प्रस्तुतिकरण यूपी के उच्च शिक्षा अधिकारियों, प्राचार्यों और प्रोफेसरों के समक्ष करने की इच्छा व्यक्त की। मप्र का उच्च शिक्षा विभाग इसे बड़ह उपलब्धि मान रहे हैं। बताया जा रहा है कि बीते दिनों भोपाल में विभिन्न प्रदेशों से उच्चशिक्षा विभाग के प्रतिनिधियों ने एक बैठक में हिस्सा लिया था। इसी में मप्र के उच्चशिक्षा विभाग द्वारा चलाए जा रहे गुणवत्ता प्रबंधन की तारीफ की गई थी। जिस पर उत्तर प्रदेश सरकार ने इसे और गहराई से जानने की इच्छा जाहिर की थी।
-डॉ. जैन बताएंगे तकनीक
मप्र में उच्च शिक्षा में प्रबंधन का काम चल रहा है। इस बात को उच्च शिक्षा गुणवत्ता प्रबंधन को संचालित करने वाले संयुक्त संचालक डॉ. केएम जैन यूपी के लखनऊ जाएंगे। यहां वे उच्चशिक्षा अधिकारियों के साथ प्राचार्यों-प्रोफेसरों को इसकी जानकारी देंगे। श्री जैन 3 मार्च को लखनऊ में करीब 600 प्रतिनिधियों को प्रबंधन के बारे में बताएंगे। इस दौरान वह इसकी छोटी-छोटी तकनीकों के बारे में भी बताएंगे, जिससे इसने व्यापक रूप लिया।
-चकित हुए बदलाव से
मप्र उच्चशिक्षा विभाग के अनुसार उच्च शिक्षा प्रबंधन से यूपी सरकार ही नहीं बैठक में मौजूद अन्य राज्य सरकारों के प्रतिनिधि भी चकित हुए थे। सबसे ज्यादा सराहना प्रदेश में विभाग द्वारा कराए गए ऑनलाइन प्रवेश को मिली है। दूसरा परीक्षा और उसके समय पर परिणाम घोषित करना भी इसे श्रेष्ठ बना रहा है। इसकी तारीफ इसलिए भी हुई क्योंकि प्रदेश में प्रोफेसरों की कमी है, फिर भी विभाग द्वारा चलाए 'प्रबंधन' से सब समय पर हुआ। इसमें एंबेसडर प्रोफेसर योजना शामिल है। एंबेसडर योजना के तहत शिक्षकों की कमी होने के बावजूद भी उनकी कमी महसूस न हो और अध्यापन कार्य सुचारू रूप से संचालित हो इसकी व्यवस्था की गई है। वहीं सेमेस्टर सिस्टम में विद्यार्थियों द्वारा रोजगारोन्मुखी क्षेत्रों में प्रोजेक्ट कार्य निर्मित कराने से भी यूपी सरकार प्रभावित हुई है। विद्यार्थियों का समय पर मूल्याकंन आदि शामिल है।
-गौरव की बात
मप्र के गुणवत्ता प्रबंधन को यूपी शासन के साथ अन्य राज्यों ने सराहा है ये हमारे लिए गौरव की बात है। उत्तर प्रदेश सरकार ने इसके प्रस्तुति करण की इच्छा जाहिर की थी। मप्र के उच्चशिक्षा विभाग की ओर से गुणवत्ता प्रबंधन प्रभारी डॉ. केएम जैन लखनऊ में प्रोफेसरों और शिक्षा से जुड़ी जगत से जुड़े लोगों को इसकी जानकारी देंगे।
डॉ. वीएस निरंजन, आयुक्त, उच्चशिक्षा, मप्र
-बॉक्स
प्रदेश के 91 कॉलेजों को नए कोर्स की अनुमति
उच्चशिक्षा विभाग ने प्रदेश के करीब 91 निजी कॉलेजों को 2013-14 के लिए विभिन्न पाठ्यक्रम शुरू करने की अनुमति दी है। इनमें बरकतउल्ला यूनिवर्सटी भोपाल के चार कॉलेज शामिल है। विभाग द्वारा जारी सूची के अनुसार,बरकतउल्ला यूनिवर्सटी से संबंद्ध राजधानी स्थित एपीटी कॉलेज ऑफ कॉमर्स एंड मैनेजमेंट शक्तिनगर को बीकॉम द्धितीय वर्ष के लिए अनापत्ति पमाण पत्र जारी किया गया है। इसी तरह लक्ष्मीपति कॉलेज पटेल नगर को बीबीए प्रथम व बीकॉम सामान्य व कंप्यूटर प्रथम वर्ष की अनुमति दी गई है। कॉलेज से किताबों की सूची,कंप्यूटर प्रयोगशाला के साथ ही शैक्षणिक व अशैक्षणिक स्टॉफ की भी सूची जमा करने को कहा गया है। वहीं पीबीजीएम कॉलेज को पीजीडीसीए व पीजी डिप्लोमा इन योगा साइंस प्रथम के लिए अनुमति प्रदान की गई है। जबकि सेम कॉलेज ग्राम आदमपुर छावनी को बीबीए एवं बीसीए तृतीय तथा बीबीए प्रथम में अतिरिक्त विषय रिटेल मैनेजमेंट के लिए अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी किया गया है।
बॉक्स
अतिथि प्रोफेसरों की नियुक्ति शुरू
2000 से ज्यादा भर्तियां होंगी
उच्च शिक्षा विभाग ने सरकारी कॉलेजों में प्रोफेसर्स की कमी को पूरा करने के लिए एक बार फिर अतिथि प्रोफेसर्स की नियुक्ति शुरू कर दी है। पहले चरण की नियुक्ति प्रक्रिया 1 मार्च से शुरू हो गई है, जो 5 मार्च तक चलेगी। नियुक्ति प्रक्रिया पांच चरणों में पूरी होगी।
हाईकोर्ट आदेश के बाद पुन: बहाली की प्रक्रिया
प्रदेश के सरकारी कॉलेजों के खाली पदों को भरने के लिए अतिथि प्रोफेसर्स की नियुक्ति के लिए विभाग ने 1 मई 2012 से 18 मई 2012 तक पंजीयन और दस्तावेजों का सत्यापन कराया था। इसके बाद उच्च शिक्षा विभाग ने अतिथियों की नियुक्ति के लिए एक मेरिट लिस्ट भी जारी की थी। यह मेरिट लिस्ट भोपाल और होशंगाबाद संभाग को छोड़कर जारी की गई थी। इसी बीच कुछ अतिथियों ने विभाग की नियुक्ति प्रक्रिया के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर कर दी थी, जिससे अतिथि प्रोफेसर्स की नियुक्ति प्रक्रिया स्थगित कर दी गई थी। अब हाईकोर्ट से व्यवस्था बहाली के आदेश के बाद एक बार फिर अतिथि प्रोफेसर्स की नियुक्ति शुरू हो रही है। नियुक्ति प्रक्रिया की इस लेट-लतीफी से पढ़ाई प्रभावित हो गई है। कॉलेजों में 2 हजार से अधिक अतिथि प्रोफेसर्स की नियुक्ति होना है।
हेमन्त पटेल, भोपाल।
शिक्षा के लिए देश-विदेश में पहचाने जाने वाले उत्तर प्रदेश को अब मप्र गुणवत्ता युक्त उच्चा शिक्षा प्रबंधन के गुरु सिखाएंगे। उत्तर प्रदेश ने आगे रह कर मुक्त कंठ से मप्र में गुणवत्ता युक्त उच्च शिक्षा प्रबंधन को सराहा है। इसे अब वह ग्रहण करना चाहता है। गुणवत्ता प्रबंधन की जानकारी देने संयुक्त संचालक डॉ. केएम जैन वहां पहुंच गए हैं। वे रविवार को इसे प्रस्तुत करेंगे।
उत्तर प्रदेश सरकार ने गुणवत्ता प्रबंधन को जानने की अनुमति मप्र से मांगी है। साथ ही इसका प्रस्तुतिकरण यूपी के उच्च शिक्षा अधिकारियों, प्राचार्यों और प्रोफेसरों के समक्ष करने की इच्छा व्यक्त की। मप्र का उच्च शिक्षा विभाग इसे बड़ह उपलब्धि मान रहे हैं। बताया जा रहा है कि बीते दिनों भोपाल में विभिन्न प्रदेशों से उच्चशिक्षा विभाग के प्रतिनिधियों ने एक बैठक में हिस्सा लिया था। इसी में मप्र के उच्चशिक्षा विभाग द्वारा चलाए जा रहे गुणवत्ता प्रबंधन की तारीफ की गई थी। जिस पर उत्तर प्रदेश सरकार ने इसे और गहराई से जानने की इच्छा जाहिर की थी।
-डॉ. जैन बताएंगे तकनीक
मप्र में उच्च शिक्षा में प्रबंधन का काम चल रहा है। इस बात को उच्च शिक्षा गुणवत्ता प्रबंधन को संचालित करने वाले संयुक्त संचालक डॉ. केएम जैन यूपी के लखनऊ जाएंगे। यहां वे उच्चशिक्षा अधिकारियों के साथ प्राचार्यों-प्रोफेसरों को इसकी जानकारी देंगे। श्री जैन 3 मार्च को लखनऊ में करीब 600 प्रतिनिधियों को प्रबंधन के बारे में बताएंगे। इस दौरान वह इसकी छोटी-छोटी तकनीकों के बारे में भी बताएंगे, जिससे इसने व्यापक रूप लिया।
-चकित हुए बदलाव से
मप्र उच्चशिक्षा विभाग के अनुसार उच्च शिक्षा प्रबंधन से यूपी सरकार ही नहीं बैठक में मौजूद अन्य राज्य सरकारों के प्रतिनिधि भी चकित हुए थे। सबसे ज्यादा सराहना प्रदेश में विभाग द्वारा कराए गए ऑनलाइन प्रवेश को मिली है। दूसरा परीक्षा और उसके समय पर परिणाम घोषित करना भी इसे श्रेष्ठ बना रहा है। इसकी तारीफ इसलिए भी हुई क्योंकि प्रदेश में प्रोफेसरों की कमी है, फिर भी विभाग द्वारा चलाए 'प्रबंधन' से सब समय पर हुआ। इसमें एंबेसडर प्रोफेसर योजना शामिल है। एंबेसडर योजना के तहत शिक्षकों की कमी होने के बावजूद भी उनकी कमी महसूस न हो और अध्यापन कार्य सुचारू रूप से संचालित हो इसकी व्यवस्था की गई है। वहीं सेमेस्टर सिस्टम में विद्यार्थियों द्वारा रोजगारोन्मुखी क्षेत्रों में प्रोजेक्ट कार्य निर्मित कराने से भी यूपी सरकार प्रभावित हुई है। विद्यार्थियों का समय पर मूल्याकंन आदि शामिल है।
-गौरव की बात
मप्र के गुणवत्ता प्रबंधन को यूपी शासन के साथ अन्य राज्यों ने सराहा है ये हमारे लिए गौरव की बात है। उत्तर प्रदेश सरकार ने इसके प्रस्तुति करण की इच्छा जाहिर की थी। मप्र के उच्चशिक्षा विभाग की ओर से गुणवत्ता प्रबंधन प्रभारी डॉ. केएम जैन लखनऊ में प्रोफेसरों और शिक्षा से जुड़ी जगत से जुड़े लोगों को इसकी जानकारी देंगे।
डॉ. वीएस निरंजन, आयुक्त, उच्चशिक्षा, मप्र
-बॉक्स
प्रदेश के 91 कॉलेजों को नए कोर्स की अनुमति
उच्चशिक्षा विभाग ने प्रदेश के करीब 91 निजी कॉलेजों को 2013-14 के लिए विभिन्न पाठ्यक्रम शुरू करने की अनुमति दी है। इनमें बरकतउल्ला यूनिवर्सटी भोपाल के चार कॉलेज शामिल है। विभाग द्वारा जारी सूची के अनुसार,बरकतउल्ला यूनिवर्सटी से संबंद्ध राजधानी स्थित एपीटी कॉलेज ऑफ कॉमर्स एंड मैनेजमेंट शक्तिनगर को बीकॉम द्धितीय वर्ष के लिए अनापत्ति पमाण पत्र जारी किया गया है। इसी तरह लक्ष्मीपति कॉलेज पटेल नगर को बीबीए प्रथम व बीकॉम सामान्य व कंप्यूटर प्रथम वर्ष की अनुमति दी गई है। कॉलेज से किताबों की सूची,कंप्यूटर प्रयोगशाला के साथ ही शैक्षणिक व अशैक्षणिक स्टॉफ की भी सूची जमा करने को कहा गया है। वहीं पीबीजीएम कॉलेज को पीजीडीसीए व पीजी डिप्लोमा इन योगा साइंस प्रथम के लिए अनुमति प्रदान की गई है। जबकि सेम कॉलेज ग्राम आदमपुर छावनी को बीबीए एवं बीसीए तृतीय तथा बीबीए प्रथम में अतिरिक्त विषय रिटेल मैनेजमेंट के लिए अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी किया गया है।
बॉक्स
अतिथि प्रोफेसरों की नियुक्ति शुरू
2000 से ज्यादा भर्तियां होंगी
उच्च शिक्षा विभाग ने सरकारी कॉलेजों में प्रोफेसर्स की कमी को पूरा करने के लिए एक बार फिर अतिथि प्रोफेसर्स की नियुक्ति शुरू कर दी है। पहले चरण की नियुक्ति प्रक्रिया 1 मार्च से शुरू हो गई है, जो 5 मार्च तक चलेगी। नियुक्ति प्रक्रिया पांच चरणों में पूरी होगी।
हाईकोर्ट आदेश के बाद पुन: बहाली की प्रक्रिया
प्रदेश के सरकारी कॉलेजों के खाली पदों को भरने के लिए अतिथि प्रोफेसर्स की नियुक्ति के लिए विभाग ने 1 मई 2012 से 18 मई 2012 तक पंजीयन और दस्तावेजों का सत्यापन कराया था। इसके बाद उच्च शिक्षा विभाग ने अतिथियों की नियुक्ति के लिए एक मेरिट लिस्ट भी जारी की थी। यह मेरिट लिस्ट भोपाल और होशंगाबाद संभाग को छोड़कर जारी की गई थी। इसी बीच कुछ अतिथियों ने विभाग की नियुक्ति प्रक्रिया के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर कर दी थी, जिससे अतिथि प्रोफेसर्स की नियुक्ति प्रक्रिया स्थगित कर दी गई थी। अब हाईकोर्ट से व्यवस्था बहाली के आदेश के बाद एक बार फिर अतिथि प्रोफेसर्स की नियुक्ति शुरू हो रही है। नियुक्ति प्रक्रिया की इस लेट-लतीफी से पढ़ाई प्रभावित हो गई है। कॉलेजों में 2 हजार से अधिक अतिथि प्रोफेसर्स की नियुक्ति होना है।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें