बुधवार, 31 जुलाई 2013

कल शहर में जुटेंगे 25 जिलों के आईपीएस

 -चुनाव आयोग देगा टेÑनिंग 
भोपाल। 
प्रदेश में संभावित नवंबर में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर चुनाव आयोग प्रशासनिक अफसरों को टेÑनिंग दे रहा है। इसी को लेकर 25 जिलों के आईपीएस शहर के आरसीवीपी नरोन्हा प्रशासन अकादमी में जुटेंगे। 
इन्हें केंद्रीय चुनाव आयोग के अफसर ‘मास्टर टेÑनिंग आॅफ पोलिंग स्टॉफ’ कार्यक्रम के तहत अधिकारियों को ट्रेनिंग देंगे। कार्यक्रम में आईजी स्तर से लेकर डीआईजी, एसपी और एडिशनल एसपी शामिल होंगे। यह सेंकड फेस की ट्रेनिंग होगी। इससे पहले 25 जुलाई को प्रदेश के 25 जिलों के अफसरों को प्रशिक्षण दिया जा चुका है। यह प्रशिक्षण 30 जुलाई को होगा। सुबह 10.30 से शुरू होने वाले इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में आयोग की तरफ से उपस्थित अधिकारी अद्यतन चुनाव आयोग के निर्देश, महत्वपूर्ण मुद्दे, संदिग्ध पोलिंग बूथों पर किस तरह ध्यान रखा जाए आदि के बारे में बताया जाएगा। अधिकारियों को प्रशिक्षण देने के बाद यह अधिकारी जिला स्तर पर प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करेंगे। इसमें पोलिंग बूथ तक के कर्मचारी शामिल होंगे। 
उल्लेखनीय है कि इसी माह के शुरुआत में हुए एक कार्यक्रम में आयोग ने माना था कि इस बार मध्य प्रदेश में एंटीमनी लगने की उम्मीदें ज्यादा हैं। इस पर आयोग की अलग-अलग टीमें आचार संहिता लगते ही सक्रीय हो जाएंगी। 

-यह है प्रशिक्षण का एजेंडा 
1. संदिग्ध पोलिंग बूथों पर विशेष नजर। 
2. शांतिपूर्ण, निष्पक्ष और निर्विवादित चुनाव संपन्न करना पहली प्राथमिकता। 
3. बूथों पर प्रशासनिक अफसरों की पकड़ मजबूत हो, जिससे नेताओं का दवाब कम हो सके। 
4. मतसूची का अवलोकन और मतदान सुलभ हो। 
5. पोलिंग बूथों का पूर्व में ही कर लिया जाए निरीक्षण। 

सोमवार, 29 जुलाई 2013

आदिवासी युवाओं के साथ एक बार फिर खिलवाड़ भोपाल

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कांतिलाल भूरिया ने कहा है कि जब विधानसभा के चुनाव नजदीक आते हैं तब भाजपा और उसकी सरकार को अनायास आदिवासी युवाओं की चिंता सताने लगती है। इस चुनावी वर्ष में शिवराज सरकार के आदिमजाति कल्याण विभाग ने दावा किया है कि उसके 30 करोड़ रूपये से अधिक की धनराशि खर्च कर प्रदेश के करीब 11 हजार आदिवासी युवाओं को कौशल उन्नन का प्रशिक्षण दिलवाया है। उन्होंने कहा कि सामान्य वर्गों के युवाओं और आदिवासी युवाओं के लिए एक जैसी व्यवस्थाओं में प्रशिक्षण दिया जाना कभी उपयोगी साबित नहीं हुआ।  मप्र आदिवासी वित्त एवं विकास निगम आदिवासी युवाओं की जरूरत और रूचि के विपरीत व्यवसायों में प्रशिक्षण पर पिछले वर्षों में लाखों रूपये फूंक चुका है। जिन आदिवा

कांग्रेस के मोर्चा संगठनों की बैठक अब 31 को होगी

राजनीतिक संवाददाता, भोपाल
प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रभारी महासचिव मोहन प्रकाश की अन्यत्र व्यस्तता के कारण कांग्रेस के मोर्चा संगठनों की 30 जुलाई को होने वाली बैठक अब 31 जुलाई को प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में होगी। इस बैठक में मोहन प्रकाश कांग्रेस के मोर्चा संगठनों-महिला कांग्रेस, सेवादल और भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन के प्रदेश पदाधिकारियों एवं जिला अध्यक्षों से चर्चा करेंगे।
जिला/शहर अध्यक्षों की बैठक 1 को:
प्रदेश के 6 संभागों-भोपाल, होशंगाबाद, सागर, जबलपुर, रीवा तथा शहडोल के अंतर्गत आने वाले जिलों के जिला/शहर कांग्रेस अध्यक्षों की बैठक प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में 1 अगस्त को पूर्वान्ह 11 बजे आयोजित की गई है। बैठक में प्रदेश प्रभारी मोहन प्रकाश जिला/शहर कांग्रेस अध्यक्षों द्वारा तैयार की गई रिपोर्ट पर विस्तार से चर्चा करेंगे। 

कांग्रेस पदाधिकारी आज से बुंदेलखंड का एक साथ करेंगे दौरा

राजनीतिक संवाददाता, भोपाल
कांग्रेस के मिशन-2013 के अंतर्गत आगामी नव बर महीने में होने वाले विधान सभा चुनाव में कांग्रेस को सत्ता में लाने की रणनीति के तहत पीसीसी ने जिलों में वरिष्ठ पदाधिकारियों के संयुक्त संगठनात्मक दौरे आयोजित करने का निर्णय लिया है। इस निर्णय के तहत इस प्रकार का पहला दौरा सागर, दमोह और पन्ना जिलों में 28 से 30 जुलाई तक आयोजित है। इस दौरे में प्रदेश कांग्रेस के नौ वरिष्ठ पदाधिकारी शामिल होंगे। ये पदाधिकारी 28 जुलाई को सुबह 8.30 बजे पार्टी मु यालय से रवाना होकर, पूर्वान्ह 11.30 बजे सागर पहुंचेंगे।
इस संयुक्त दौरे में प्रदेश कांग्रेस के विभागों और प्रकोष्ठों के प्रभारी उपाध्यक्ष लक्ष्मणसिंह, मीडिया प्रभारी मुकेश नायक, मप्र महिला कांग्रेस अध्यक्ष श्रीमती अचर्ना जायसवाल, युवा कांग्रेस अध्यक्ष प्रियव्रतसिंह, भाराछासं अध्यक्ष विपिन वानखेड़े, मप्र किसान कांग्रेस अध्यक्ष, दिनेश गुर्जर, विधि एवं मानव अधिकार विभाग के अध्यक्ष विजय चौधरी, अल्पसं यक विभाग के अध्यक्ष मो. सलीम तथा खेल प्रकोष्ठ के अध्यक्ष जतीन्दरपाल सिंह राजा शामिल रहेंगे। प्रथम दिन 28 जुलाई को ये पदाधिकारी दोपहर 12 बजे सागर में पत्रकार वार्ता को संबोधित   करने के बाद अपरान्ह 2 से शाम 5 बजे तक मोर्चा संगठनों, विभागों तथा प्रकोष्ठों के अध्यक्षों, पदाधिकारियों और पार्टी के कार्यकर्ताओं की बैठक लेंगे। ये पदाधिकारी उसी दिन दमोह पहुंचकर वहां रात 8 से 10 बजे तक पार्टी पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं की बैठक लेंगे। वे अगले दिन 29 जुलाई को दमोह में पूर्वान्ह 11 बजे पत्रकार वार्ता को संबोधित करेंगे और अपरान्ह 2 से 4 बजे तक पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं को संबोधित करेंगे। पन्ना में ऐसी बैठक सोमवार को शाम  6.30 से रात 10 बजे तक होगी। वहां पर पत्रकार वार्ता 30 जुलाई को पूर्वान्ह 11 बजे होगी। सभी नेता मंगलवार की रात्रि में भोपाल लौट आयेंगे।   

अमरदीप मौर्य ने ली सीधीे जिले की बैठक, भोपाल

मु यमंत्री जन जनआशिर्वाद यात्रा को लेकर भारतीय जनता युवा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष अमरदीप मौर्य सीधीे पहुचें। मोर्चे के कार्यकतों ने युवा मोर्चा प्रदेश अध्यक्ष अमरदीप मौर्य के प्रथम नगर आगमन पर बाईक रैली के माध्यम से नगर में जगह-जगह स्वागत किया गया। इसके पश्चात अमरदीप मौर्य बैठक लेने मानस भवन सीधीे पहुचे। अमरदीप मौर्य ने बैठक को स बोधित करते हुये कहा कि मप्र में भाजपा ने  सिर्फ  विकास किया है और वहीं कांग्रेस ने विनाश किया है, वहीं केन्द्र में बैठी कांग्रेस ने प्रदेश में विकास रोकने के लिए एनएच सड़कों के विकास में बाधा पैदा की हैं। अमरदीप मौर्य ने सीधीे जिले के कार्यकर्ताओं को ये संकल्प दिलया कि 2013 में फिर भाजपा फिर शिवराज की सरकार बनाना है और कांग्रेस मुक्त प्रदेष बनाना है। अमरदीप मौर्य ने बताया की 28 जुलाई को रीवा जिले की बैठक लेंगें। बैठक दोपहर 12 बजे अटल पुंज भाजपा रीवा कार्यालय पर आहुत की गई हैं। उन्होंने बताया कि 'मु यमंत्री जनआशिर्वाद यात्राझ् को लेकर मोर्चे की बैठक लेंगें। 

आयकर विभाग के खुलासे के बाद शिवराज सरकार त्यागपत्र दे

राजनीतिक संवाददाता, भोपाल
नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने मु यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से त्यागपत्र देने  की मांग की है। सिंह ने कहा कि दो ठेकेदारों के यहां पड़े छापों के बाद शिवराज सरकार के भ्रष्टाचार के सच सामने आ गए है। आयकर विभाग द्वारा जप्त डायरी में खनिज मंत्री राजेन्द्र शुक्ला और उच्च शिक्षा मंत्री लक्ष्मीकांत शर्मा को रिश्वत देने के खुलासे के बाद अब मु यमंत्री को एक मिनिट भी पद पर रहने का अधिकार नहीं है। सिंह ने कहा कि उनके मंत्री लक्ष्मीकांत शर्मा और राजेन्द्र शुक्ला के खिलाफ  पूर्व से ही लोकायुक्त में शिकायत दर्ज है, जिनके खिलाफ आज तक अभियोजन चलाने की अनुमति नहीं दी गई। 
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि आयकर विभाग ने डायरी में मिली जानकारी में दो मंत्रियों राजेन्द्र शुक्ला और लक्ष्मीकांत शर्मा का जिक्र करते हुए सीबीआई,ईडी और लोकायुक्त से जांच कराने की अनुशंसा की है। आयकर विभाग ने इस लेन-देन की तुलना हवाला कारोबार से भी की है। 
नेता प्रतिपक्ष सिंह ने कहा कि शिवराज सिंह चौहान सरकार चूंकि स्वयं भ्रष्टाचार में लिप्त थी तो इसलिए वह धृतराष्ट्र बन गई। इसके बाद जून, 2012 में आयकर छापों के बाद कांग्रेस विधायक दल ने 11 सवाल मु यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से पूछे लेकिन मु यमंत्री मौन रहे। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि इससे स्पष्ट हो गया था कि शिवराज सिंह चौहान पूरी तरह भ्रष्टाचार में संलिप्त है। हाल ही में विधानसभा में कांग्रेस विधायक दल ने जो अविश्वास प्रस्ताव रखा था उसमें भी शिवराज के भ्रष्टाचार के मामले उजागर होने वाले थे, यहीं कारण है कि फासिस्टवादी शिवराज सरकार ने लोकतंत्र को अपने पैरों तले रौंद डाला। 

औषधीय पौध-रोपण के लिए 821 लाख स्वीकृत, भोपाल

राष्ट्रीय औषधीय पादप बोर्ड, नई दिल्ली ने प्रदेश के 12 वन मण्डल में औषधीय पौधों के रोपण के लिए 821 लाख रुपये की स्वीकृति दी है। बाह्य स्थलीय संरक्षण विस्तार योजना में स्वीकृत इस राशि में से 480 लाख प्रदेश को उपलब्ध करवा दिए गए हैं। योजना के जारिये पूर्व छिंदवाड़ा, दक्षिण छिंदवाड़ा, विदिशा, राजगढ़, सतना, सीधी, दक्षिण सागर, बुरहानपुर, देवास, इंदौर, हरदा और ग्वालियर वन मण्डल के 1450 हेक्टेयर क्षेत्र में औषधीय पौधों का रोपण किया जायेगा। इसके अतिरिक्त नक्सल प्रभावित क्षेत्र में ग्रामीण आजीविका योजना में बालाघाट जिले के लिए 1 करोड़ 62 लाख 55 हजार रुपये की स्वीकृति प्रदान की गई है। योजना का क्रियान्वयन आरंभ कर दिया गया है। इसके अतिरिक्त गुग्गल संरक्षण एवं विकास योजना में 3 करोड़ 45 लाख 99 हजार की स्वीकृति दी गई है। यह योजना मुरैना, भिण्ड एवं श्योपुर में संचालित की जा रही है।

पर परागत इतिहास एवं पुरातत्व पर व्या यान 30 को, भोपाल

डा. विष्णु श्रीधर वाकणकर स्मृति व्या यान 30 जुलाई को शाम 5 बजे राज्य संग्रहालय सभागृह में होगा। 'पर परागत इतिहास एवं पुरातत्वझ् पर पद्मश्री प्रो. एमके धवलीकर व्या यान देंगे।

अधिकारियों एवं विभागों के बीच तालमेल की जरूरत

-नगरीय प्रशासन मंत्री ने समीक्षा बैठक में दी नसीहत
प्रशासनिक संवाददाता, भोपाल 
नगरीय प्रशासन एवं विकास मंत्री बाबूलाल गौर ने कहा है कि राजधानी भोपाल में चल रहे निर्माण कार्यों को समय पर पूरा करने के लिये अधिकारियों एवं विभागों के बीच बेहतर तालमेल की जरूरत है। उन्होंने निर्माण एजेंसियों से अधूरे पड़े कार्यों को शीघ्र पूरा किये जाने के लिये भी कहा। गौर शनिवार को भोपाल में विकास कार्यों की समीक्षा कर रहे थे। बैठक में महापौर श्रीमती कृष्णा गौर, आयुक्त नगरीय प्रशासन संजय शुक्ला, कमिश्नर भोपाल संभाग एसबी सिंह और कलेक्टर निशांत वरवड़े भी मौजूद थे।
नगरीय प्रशासन मंत्री ने कहा कि भोपाल में पर्यटन की काफी संभावनाएं हैं और इसे रोजगार से जोड़कर अधिक से अधिक लोगों को रोजगार उपलब्ध कराया जा सकता है। बैठक में बताया गया कि दो किलोमीटर ल बाई की बागमुगालिया संत आशाराम तिराहे से होशंगाबाद रोड की स्वीकृति वित्त समिति से मिल गई है। अधिकारियों ने बताया कि साकेत नगर ई-सेक्टर बरखेड़ा-आधारशिला कॉलोनी होते हुए बायपास मार्ग पर पुलिया का निर्माण कार्य भी बारिश के बाद पूरा कर लिया जायेगा। राजधानी परियोजना के अधिकारियों ने बताया कि ग्राम बाबडि?ाकलां से आशीमा मॉल को जोड?े वाले नव-निर्मित मार्ग में बाधा बन रहे ब्रिज के निर्माण के लिये रेलवे के अधिकारियों से चर्चा की गई है। इसका प्रस्ताव शीघ्र तैयार कर राज्य शासन को भेजा जायेगा। राजधानी परियोजना द्वारा बताया गया कि ऋ षि ईस्ट से सेंट जेवियर होते हुए महात्मा गाँधी मार्ग को जोड?े वाला 3 करोड़ का सड़क निर्माण का प्रस्ताव शासन को भेजा जा रहा है। इसमें सर्वे का काम पूरा हो चुका है।
कंडम वाहन के स्टोर बनाये:
नगरीय प्रशासन मंत्री गौर ने छोला विश्राम-घाट के पास निगम की भूमि पर कंडम वाहन के स्टोर बनाये जाने के संबंध में पुलिस प्रशासन के अधिकारियों को निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि थानों के आसपास बड़ी सं या में कंडम वाहन होने से ट्रेफिक भी प्रभावित हो रहा है। 
पर्यटन सुविधाओं का विस्तार होगा:
भोपाल नगर के सौंदर्यीकरण के संबंध में पर्यटन निगम के अधिकारियों ने बताया कि छोटे तालाब के करीब पर्यटन सुविधाओं का विस्तार किया गया है। निगम द्वारा 50 लाख के कार्य किये गये हैं। छोटे तालाब के पास नीलम पार्क पर पर्यटकों के लिये पैडल बोट प्रारंभ की जायेगी। बैठक में शाहपुरा, हथाईखेड़ा एवं नगर के अन्य तालाब में पर्यटन की सुविधा बढ़ाने के लिये चर्चा की गई। नगरीय प्रशासन मंत्री ने इन स्थल को और अधिक आकर्षक बनाने के लिये कहा। अधिकारियों ने बताया कि इस बारिश में राजधानी परियोजना द्वारा बड़े तालाब एवं हथाईखेड़ा तालाब के किनारे पर 15 हजार पौधे लगाये गये हैं।
कार्यों में तेजी लाए भेल प्रशासन: 
महापौर श्रीमती कृष्णा गौर ने भेल प्रशासन से जन-सुविधाओं के कार्यों में तेजी लाने के लिये कहा। उन्होंने कहा कि भेल और नगर निगम के अधिकारी आपस में तय कर भेल बस्ती में सफाई की व्यवस्था को मजबूत करें। भेल प्रशासन के अधिकारियों ने बताया कि भेल महाविद्यालय में 50 लाख के कार्य करवाये जा चुके हैं। उन्होंने बताया कि सारंगपाणि तालाब के विकास के लिये पर्यटन और नगर निगम के अधिकारियों के साथ मिलकर योजना तैयार की जा रही है।

जिलों की निर्वाचन तैयारियों की वीडियो कान्फ्रेंसिंग द्वारा समीक्षा

प्रशासनिक संवाददाता, भोपाल
मु य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय द्वारा निर्वाचन संचालन के संबंध में जिलों की तैयारियों की वीडियो कान्फ्रेंसिंग द्वारा समीक्षा की गई। समीक्षा में सभी जिलों को ईवीएम की एफएलसी, डिस्ट्रिक्ट प्रोफाइल, कमर्चारियों का डाटाबेस तथा माइक्रो आॅब्जर्वर आदि के संबंध में अब तक की गई तैयारियों की जानकारी ली गई। जिलों में संवेदनशील एवं क्रिटीकल मतदान केन्द्रों, वीडियोग्राफी दल, स्टेशनरी, डाक मतपत्र आदि के बारे में भी पूछताछ की गई। ईवीएम की एफएलसी निर्धारित समयावधि में पूर्ण करवाने को भी कहा गया। वीडियो कान्फ्रेंसिंग में संयुक्त मु य निर्वाचन पदाधिकारी एसएस बंसल, उप मु य निर्वाचन पदाधिकारी सुश्री रूही खान, जिलों में पदस्थ उप जिला निर्वाचन पदाधिकारी, नोडल अधिकारी आदि ने भाग लिया। सोमवार 29 जुलाई को पूर्वान्ह 10.30 बजे से डाक मतपत्र के वितरण, स्वीप प्लान आदि के संबंध में वीडियो कान्फ्रेंसिंग होगी।

लेखा अधिकारियों का निर्वाचन व्यय पर निगरानी प्रशिक्षण, भोपाल

विधानसभा चुनाव के दौरान उ मीदवारों के खर्चे पर निगरानी रखने के लिए कोषालय/सहायक कोषालय अधिकारियों को 29 जुलाई को भोपाल में प्रशिक्षण दिया जायेगा। प्रशिक्षण कार्यक्रम स्थानीय आरसीव्हीपी नरोन्हा प्रशासन अकादमी में सबेरे 10 बजे से शुरू होगा। प्रशिक्षण में प्रत्येक जिले से दो अधिकारी भाग लेंगे, जो कोषालय अधिकारी एवं सहायक कोषालय अधिकारी होंगे। वित्त विभाग के अवर सचिव संजय कुमार निर्वाचन व्यय पर निगरानी तथा प्रो. आरके जैन आदर्श आचरण संहिता का पालन करवाने के संबंध में अधिकारियों को प्रशिक्षण देंगे।

45 प्राचीन स्मारक को राज्य संरक्षित घोषित करने की अधिसूचना जारी, भोपाल

राज्य शासन द्वारा 45 प्राचीन स्मारक, पुरातत्वीय स्थल तथा अवशेष को विनष्ट होने से बचाने के लिए राज्य संरक्षित स्मारक घोषित करने की अधिसूचना जारी की गई है। इस पर किसी को समस्या होने पर वह एक माह के अन्दर आपत्ति दर्ज करवा सकता है।
जिला विदिशा में वरेन्डा स्थित अंग्रेजों की कब्र, गुना में बजरंगढ़ स्थित राजमहल, कटनी में बिलहरी स्थित तपसी मठ के पास छत्री समूह क्रमांक 1, 2,3, नदी के रपटे के पास का मंदिर, छत्रियों के पास का मंदिर, स्कूल परिसर का मंदिर समूह, थाना परिसर का शिव मंदिर और भग्नावशेष, चिखला स्थित काम कंडला मंदिर, अशोकनगर जिले में स्थित बेहटी मठ, सागर छत्री, पुरानी कचहरी, नृसिंह मंदिर, भारत शाह की छत्री, देवी सिंह की छत्री, अनिरूद्ध सिंह की छत्री, दुर्जन सिंह की छत्री, हरकुण्ड की छत्री, पचमढ़ी बावड़ी मस्जिद, काले सैय्यद का मकबरा, सूफी संत का मकबरा, शेखों का मकबरा, दिल्ली दरवाजा, ढोलिया दरवाजा कोट शहरपना, खिलजी सराय दरवाजा, मदरसा दरवाजा, कुर्बानी चबूतरा, ऊँटसार, सुल्तानिया मस्जिद, झलारे के मझार 1 एवं 2, गोल बावड़ी मस्जिद, हंसों की छत्री, सूफी दरवाजा, छत्री हौजखास, मूसा बावड़ी, चकले की खिड़की, काजी बावड़ी, आलिया मस्जिद, सूफी मकबरा खानकाह, आलिया बावड़ी, छतरपुर स्थित पुरातत्व स्मारक सूर्य मंदिर एवं दतिया जिला स्थित बावड़ी देवस्थान, प्राचीन   बावड़ी और बेटी कुंजा देवी मंदिर को राज्य संरक्षित स्मारक घोषित करने की अधिसूचना जारी की गई है।

संजय सिंह बघेल स्वीप के राज्य-स्तरीय नोडल अधिकारी बने, भोपाल

राज्य शासन ने सहायक मु य निर्वाचन पदाधिकारी संजय सिंह बघेल को स्वीप प्लान के राज्य-स्तरीय नोडल अधिकारी के पद पर पदस्थ किया है। तिलहन संघ के उप प्रबंधक बघेल प्रतिनियुक्ति पर मु य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय में सहायक मु य निर्वाचन पदाधिकारी के पद पर पदस्थ थे। शासन द्वारा उक्त आदेश को निरस्त कर उनकी नई पद-स्थापना की गई है।

खुशी और उत्साह के साथ 7 वें स्थापना दिवस का आयोजन ,भोपाल

पीआर सोल्यूशन ने अति उत्साह के साथ यहां अपना 7वां स्थापना दिवस मनाया। कंपनी अपने सफल संचालन के आठवें वर्ष में कदम रख रही है। इन 7 वर्षों के दौरानए फर्म ने क्लाइंट्सए सपोर्टर्स और टीम के सदस्यों से अत्यंत विश्वास और समर्थन हासिल किया है। सुरेन्द्रनाथ अध्यक्ष बीडीए इस अवसर पर मु य अतिथि थे। टीम के सदस्यों और आमंत्रित अतिथियों की उपस्थिति ने समारोह को ओर भी उत्साहमयी कर दिया। 
विष्णु खन्ना चीफ एडवाईसर, पीआर सोल्यूशन ने कहा मै पूरी टीम को बधाई देता हूं की उनके ईमानदार और समर्पित प्रयासों से कंपनी ने नयी ऊंचाइयां हासिल की है और हर साल कुछ नया करना का प्रयास जारी रखा है। एस विजय कुमार चीफ  एग्जीक्यूटिव आॅफिसर पीआर सोल्यूशन कहते हैं अपनी स्थापना के बाद से पीआर सोल्यूशन ने कई उपलब्धियां हासिल की है। इंडस्ट्री और पब्लिक ने हम पर जो विश्वास दिखाया हैए वह हमें आगे बढ?े के लिए प्रेरित करता है।

मंझोले शहरों में आप्टिकल क यूनिकेशन की व्यापक स भावनाएं

नगर संवाददाता, भोपाल
राज्यपा ल रामनरेश यादव ने 10 वीं आई ट्रिपल ई अंतर्राष्ट्रीय कांफ्रेंस वायरलेस एवं आप्टिकल क यूनिकेशन नेटवर्क 2013 का उद्घाटन करते हुए कहा है कि भोपाल जैसे मध्यम श्रेणी के शहरों में प्रौद्योगिकी को बढ़ावा देने और आप्टिकल क युनिकेशन से संबंन्धित उद्योग स्थापित करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि बड़े शहरों में सूचना प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में प्रतिस्पर्धा और पूंजी निवेश की लागत अधिक हो जाने के कारण प्रौद्योगिकी से जुड़े उद्योग और संस्थानों की रूचि मध्य श्रेणी के शहरों में बढ़ रही है। इस दो दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय कांफ्रेंस का आयोजन टीआईटी गु्रप भोपाल द्वारा आई ट्रिपल ई मु बई तथा मध्यप्रदेश के साथ मिलकर किया गया है। 
राज्यपाल ने कहा कि मध्यप्रदेश में बड़ी सं या में आईटी तथा क प्यूटर साइन्स इंजीनियर उपलब्ध हैं तथा प्रदेश में दूर संचार के उपयुक्त साधन मौजूद हैं। यादव ने मध्यम श्रेणी के शहरों में अपेक्षाकृत कम खर्च में उद्योग स्थापित एवं संचालित किये जा सकते हैं। इन क्षेत्रों के छात्र-छात्राओं में प्रौद्योगिकी और तकनीक विषयों में रूचि बढ?े के कारण यहां युवा ऊर्जा के रूप में मानव संसाधन भी आसानी से उपलब्ध हो सकता है। प्रदेश ने ई-गवर्नेन्स के क्षेत्र में पहले से ही उच्च आयाम स्थापित कर लिये है तथा इस क्षेत्र में कई महत्वपूर्ण आईटी प्रोजेक्ट का सफल क्रियान्वयन किया जा रहा है। 
राज्यपाल यादव ने डब्लूओसीएन- 2013 पुस्तक का विमोचन भी किया।  कार्यक्रम में टीआईटी गु्रप के संरक्षक आरआर करसौलिया ने स्वागत भाषण दिया। टीआईटी गु्रप की चेयरपर्सन श्रीमती साधना करसौलिया ने इन्टरनेट के शुरूआत और इन्टरनेट की आगामी पीढ़ी से संबंधित विषयों पर प्रकाश ड़ाला। राजीव गांधी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. पीयूष त्रिवेदी ने आईटी क्षेत्र में लगातार हो रहे विकास की सराहना की और आईटी शोध के विद्याथिर्यों को उनके उज्जवल भविष्य के लिए शुभकानाएं दी। 
राज्यपाल को शाल, श्रीफल दे कर स मानित किया गया। टीआईटी गु्रप के डायरेक्टर डा.आसिफ उल्लाह खान ने आभार व्यक्त भाषण दिया। कार्यक्रम का संचालन श्रीमती अनुप्रीता मिश्रा ने किया। 

स्कोप कॉलेज में टीम बिल्डिंग पर विशेष सेशन का आयोजन

नगर संवाददाता, भोपाल
स्कोप कॉलेज आॅफ  इंजीनियरिंग में शनिवार को को टीम बिल्डिंग पर विशेष सत्र का आयोजन किया गया। इस सेशन को फिनिशिंग स्कूल की डायरेक्टर डा. मोनिका सिंह व प्रो डा. उद्दीपन चटर्जी ने संबोधित किया। इसमें स्कोप की फैकल्टी व स्टाफ  उपस्थित थे। प्रांरभ में टीम बिल्डिंग पर अपना प्रेजेंटेशन देते हुए डा. मोनिका सिंह ने बताया कि टीम में किस तरह काम किया जाता है। आपस में इंटरेक्शन के प्रभाव, पॉजिटिव  इनपुट, पाजिटिव आउटपुट, वर्क इथिक्स के संबंध में विस्तार से चर्चा की। उन्होंने लिसनर, टॉकर इंट्रोवर्ट , एक्सट्रोवर्ट डायरेक्ट, इन डायरेक्ट उदाहरण के माध्यम से डिस्क माडल को समझाया। इस मॉडल के माध्यम से अपना मूल्यांकन करने की बात कही। इस दौरान रोचक गेम खेले गए। जिसमें आई नो यू व बेस्ट गेम के माध्यम से प्रतिभागगियों ने अपनी टीम के सदस्यों के संबंध में जानकारियां प्राप्त की। इस सत्र का उद्देश्य संस्था में कार्यरत फैकल्टी व स्टॉफ को टीम की महत्ता समझाना था। प्राचार्य डॉ. डीएस राघव ने अपने उद्बोधन में कहा कि टीम में रहते   हुए कार्य करने से गुणवत्ता व दक्षता बढ़ती है। उन्होंने इस तरह के मोटीवेशनल प्रोग्राम भविष्य में भी कराने की बात कही। 

छात्र परिषद् का शपथ ग्रहण समारोह आयोजित

नगर संवाददाता, भोपाल
बिलाबोंग हाई इंटरनेशनल स्कूल के शैक्षणिक सत्र 2013-14 के लिए छात्र परिषद् का शपथ ग्रहण समारोह एक विशेष समारोह में स्कूल परिसर में आयोजित किया गया। समारोह में छात्रों के उत्साह और ईमानदारी ने अवसर को ओर भी रोचक बना दिया। समारोह में स मानित मु य अतिथि कर्नल वीके ललवानी थे। मु य अतिथि कर्नल वीके लालवानी ने चुने गए छात्रों को बैज और सैश से स मानित किया। गर्व और दिल में बढ़ती उपलब्धि की भावना के साथए हेड बॉय अरबाज अली खान और हेड गर्ल कशिश बतूल जैदी ने एक प्रेरक भाषण में कर्तव्यों का वर्णन किया और नई छात्र परिषद से आग्रह करते हुए कहा की अपनी जि मेदारियों का निर्वहन एक साफ अंत:करण के साथ करें। अपने संबोधन में कर्नल वी के लालवानी ने ईमानदारी, निष्ठा और कड़ी मेहनत के महत्व पर जोर देते हुए कहा की यह गुण इन गरिमापूर्ण पदों के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। सुजाता लखानी प्रिंसिपल बिलाबोंग हाई इंटरनेशनल स्कूल ने कहा मैं नव निर्वाचित छात्र परिषद् को बधाई देते हुए, उन्हें नेतृत्व के गुण विकसित करके सक्षम लीडर बनने की सलाह देती हूं। 

फिर शुरू हुई बाबूओं की बाबूगिरी

23 दिन बाद दिखी दफ्तरों में बाबूओं की हलचल 
-दिन भर आगे पीछे दौड़ते रहे लोग 
भोपाल। 
सरकारी दफ्तरों में एक बार फिर बाबूगिरी शुरू हो गई है। 23 दिन की हड़ताल के बाद शनिवार को काम पर जब लिपिक कार्यालयों में लौटे तो फाइलों के गठे पर गठे देखने को मिले। आवक जावक शाखा में ज्यादा फाइलें डिस्पेच हुई। हड़ताल के बाद से यहां काम थम सा गया था। वहीं लोग अपना काम कराने बाबू के आगे पीछे दौड़ते दिखाई दिए। 
ेमंत्रालय, कलेक्टोरेट, सभी सर्किल कार्यालय, हुजूर तहसील, आरटीओ सहित अन्य सभी शासकीय दफ्तरों में हलचल भर माहौल दिखा। काम पर बाबू लौटे तो सही, लेकिन वह अधिकांश काम से कतराते दिखे। कईयों ने तो छुट्टी जैसा ही शनिवार समझा और लोगों को भी समझा दिया कि आज शनिवार है सोमवार को आना। प्रदेश के लिपिक वर्गीय शासकीय कर्मचारी 4 जुलाई से हड़ताल पर चल रहे थे। शुक्रवार शाम 4 बजे इन्होंने मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव मनोज श्रीवास्तव से मिलने के बाद हड़ताल खत्म कर दी थी। इन 23 दिनों में कामकाज लगभग कछुआ चाल हो गया था। कलेक्टर कार्यालय में तो इस दौरान मंगलवार को होने वाली जनसुनवाई में अधिकारियों के निजी स्टॉफ ने बाबूओं के काम किए। इस हड़ताल में लगभग 65 हजार कर्मचारी शामिल थे। 

-30 लाख फाइलें 
हड़ताल के इन 23 दिनों में एक मोटे आंकड़े के हिसाब से बात करें तो 30 लाख फाइलें टेबल से चलने की बांट जोह रही हैं। यह बाबूओं के पास अतिरिक्त बोझ होगा। फाइलें किस गति से निपटाएंगे? इस सवाल पर नापतौल विभाग के उमाशंकर तिवारी ने कहा, स्वाभाविक तौर पर यह बड़ा काम होगा। लेकिन सहयोगियों को तेजी लाने को कहा जाएगा। 

-सावन सोमवार से तेजी 
काम पर लौटने पर लिपिकों का यह सावन का सोमवार होगा। सोमवार से कर्मचारियों के काम की विधिवत काम की शुरुआत होगी। उम्मीद है जिस तरह लिपिक कर्मचारी संघ ने आश्वासन दिया है, उसी हिसाब से काम में तेजी दिखाई देगी। 

-फिर आंदोलन 
संगठन के अध्यक्ष एमएल मिश्रा ने कहा, 15 अगस्त तक सरकार ने मांग पूरी करने का आश्वासन दिया है। यदि हमारी मांग नहीं मानी जाती है तो 16 अगस्त से फिर वह लिपिकों के हक के लिए मैदान में आने के लिए मजबूर होंगे। लिपिकों की हड़ताल खत्म होने से कई संगठन के नेता असमंजस में पड़ गए है। मंत्रालयीन कर्मचारी संगठन के साथ ही कई अन्य विभागों से संबद्ध संगठन लिपिकों के समर्थन में उतरकर अपनी मांगे बुलंद करने की योजना बना रहे थे। 

कमर्चारी संयुक्त संघर्ष   मोर्चा का स मेलन आज
मप्र राज्य कमर्चारी अधिकारी संयुक्त संघर्ष मोर्चा का स मेलन 28 जुलाई को महात्मा ज्योतिबा फुले भवन में होगा। स मेलन में कमर्चारियों की विभिन्न मांगों पर चर्चा के अलावा मोर्चा की प्रांतीय कायर्कारिणी का गठन किया जाएगा। मोर्चा की प्रदेश कार्यसमिति के सदस्य अशोक पांडे व श्यामसुंदर शर्मा ने बताया कि स मेलन के दौरान गैर मान्यता प्राप्त संघों की मांगों से जुड़ा संयुक्त ज्ञापन तैयार किया जाएगा। कमर्चारियों की 51 सूत्रीय मांगों के निपटारे के लिए मु यमंत्री को मांग पत्र सौंपा जाएगा। 

दिल्ली, लखनउ, भोपाल में सबसे ज्यादा सर्च होता है सेक्स
-गूगल ने जारी की देश के टॉप सात शहरों की सूची 
भोपाल। 
देश की राजधानी दिल्ली, उत्तर प्रदेश के लखनउ और मप्र के भोपाल में सबसे ज्यादा सेक्स सर्च किया जाता है। सबसे बड़े सर्च इंजन गूगल ने यह आंकड़े जारी किए हैं। भारत में बढ़ते नेट यूजर और उनके लारा किस प्रकार की सामग्री सर्च की जा रही है। इसको लेकर सूची तैयार की गई है। 
गूगल ने जारी रिपोर्ट में बताया, बीते पांच सालों में लव के स्थान पोर्न व सेक्स बेहद चर्चित की-वर्ड रहे हैं। इसके बाद गर्ल्स/वूमन हैं। एशियाई देशों में वर्तमान ट्रेंड के हिसाब से यह सर्च किया गया था। सर्वे अनुसार टॉप 10 शहरों में से 7 भारत हैं। इन शहरों में हर दूसरे सेंकड में पोर्न सर्च किया जा रहा है। हालांकि आॅनलाइन कितने लोग पोर्न देखते अथवा डाउन लोड कर रहे हैं। यह रिपोर्ट में नहीं दर्शाया है। गूगल रीजन, शहर और भाषा के आधार पर रैकिंग तय करती है। गूगल ट्रेंड भाषा और एरिया तय करने के लिए सैंपल देखती है कि किस जगह से क्या सर्च किया गया। इसमें यह भी देखा जाता है कि पहले टर्म के लिए किस की-वर्ड के साथ सबसे ज्यादा किसे सर्च किया। दुनिया भर में 7 करोड़ से अधिक लोग पोर्न देखते हैं। इसका 13 प्रतिशत भारत में है। 

-यह है टॉप 7 शहर 
दिल्ली, लखनउ, भोपाल, कोलकाता, मैंगलोर, सूरत और पटना। गूगल ट्रेंड के हिसाब से इन सातों शहरों में सबसे ज्यादा सेक्स सर्च किया जाता है। देश में सर्च किए जाने वाली सामग्री में 30 प्रतिशत अश्लील होती है। इसमें फोटो, वीडियो, खबरें व अश्लील प्रकाशन शामिल हैं। 

...और चीन में हुआ ये 
हम हमारे पड़ोसी मुल्क चीन की बात करें तो, वहां अश्लील साइट पूरी तरह बेन कर दी गई हैं। वहां सरकार ने साइट्स संचालन के लिए नियम भी बना दिए हैं कि यदि उन पर किसी भी प्रकार की आपत्ति जन समाग्री किसी भी रूप में लोड की जाती है तो उसे बंद कर दिया जाएगा। चीन ने बीते साल ही एक लाख 80 हजार आॅन लाइन साइट्स पर प्रतिबंध लगा दिया। साथ ही 10 हजार वेबसाइट्स को नियम और कानून के उल्लघंन पर दंडित किया गया। लेकिन भारत में आॅन लाइन रोक संबंधित कोई कानून सक्रिय नहीं है। आलम यह है, इसी के चलते भारत में 60 फीसदी लोग सहजता से अश्लील वीडियो देखते हैं। 
 

एक हजार से ही संतोष करना पड़ेगा मदरसा बोर्ड को

 -56 का प्रस्ताव मिले 12 लाख
भोपाल। 
ेप्रदेश सरकार ने अल्पसंख्यक समुदायों को मुख्य बजट के बाद अनुपूरक बजट में को राशि बढ़ाकर नहीं दी। मुस्लिम संस्थाओं ने सरकार को 56 लाख रुपए का प्रस्ताव बनाकर भेजा था, जबकि वित्त वर्ष 2012-13 के मुख्य बजट में मदरसा बोर्ड के लिए मात्र एक हजार रुपए का इजाफा किया गया। 
बोर्ड को उम्मीद थी कि वेतनमान बढ़ाए जाने के बाद अनुपूरक बजट में बढ़ोत्तरी होगी, लेकिन ऐसा न होने से निराशा ही हाथ लगी। मप्र अल्पसंख्य आयोग को 6 लाख रुपए बढ़ाकर दिए गए। इसके बाद सरकार ने मप्र उर्दू एकेडमी, हज कमेटी, वक्फ बोर्ड तथा मदरसा बोर्ड के बजट में कोई बढ़ोत्तरी ही नहीं की। इधर मप्र मदरसा बोर्ड पूरी तरह कर्ज में डूबा हुआ है। उसे राज्य ओपन स्कूल के 1 करोड़ रुपए देना है, जबकि पूर्व से ही उस पर विभिन्न संस्थाओं के करोड़ों रुपए बकाया चल रहे हैं। राज्य ओपर स्कूल दो साल से परीक्षा शुल्क की यह राशि मांग रहे हैं। इसके लिए बकायदा नोटिस भी जारी किए गए। 

-ये है कहानी 
राज्य सरकार मदरसा बोर्ड को 12 लाख रुपए वार्षिक अनुदान के रूप में देती है। बोर्ड बीते दो सालों से 56 लाख रुपए की मांग कर रहा है। पर शासन ने केवल एक हजार रुपए बढ़ाए। मसलन यह राशि 12 लाख एक हजार रुपए की गई। अब बोर्ड वेतन विसंगति को भी झेल रहा है। इस साल के शुरुआत में बोर्ड के कर्मचारियों ने इसको लेकर एक माह तक कार्यालय प्रागंण में हड़ताल की थी। बावजूद इसके कोई निष्कर्ष नहीं निकला। 

-अन्य संस्थाएं भी उपेक्षित 
मदरसा बोर्ड की तरह ही अन्य संस्थाएं भी उपेक्षा की शिकार हैं। दो वित्तीय वर्षों में उर्दू अकादमी के बजट में किसी प्रकार की कोई वृद्धि ही नहीं की गई। जबकि मप्र उर्दू अकादमी शासन से ही अनुदान प्राप्त संस्था है। 2012-13 व 2013-14 में शासन से 55 लाख रुपए अनुदान के रूप में मिले। अकादमी ने चालू वित्तीय वर्ष का खर्च आंकलन करने के बाद शासन से 85 लाख रुपए की मांग की थी। ऐसी ही अन्य अल्पसंख्यक संस्थाएं हैं, जिन्हें उनकी मांग के अनूरूप बट स्वीकृत नहीं किया गया। 

-हास्यासपद लगता है 
सरकार से जैसी उम्मीद थी, उसके हिसाब से बजट स्वीकृत नहीं किया गया। केवल एक हजार रुपए की बढ़ोत्तरी की गई है, जो हास्यासपद लगता है। 12 लाख से कुछ नहीं होता, हमने 56 लाख रुपए स्वीकृति का प्रस्ताव दिया था। 
राशिद खान, अध्यक्ष, 
मदरसा बोर्ड 

-ज्यादा होता है खर्च 
सभी प्रकार के भुगतान की बात करें तो कुल प्रतिवर्ष हमें 85 लाख रुपए की आश्यकता होती है। इसमें अन्य व्यय को जोड़े जाएं तो यह राशि करीब सवा करोड़ से अधिक हो जाता है। मात्र 55 लाख रुपए ही शासन ने बजट स्वीकृत किए। 
मोहम्मद सलीम कुरैशी,अध्यक्ष
मप्र उर्दू अकादमी 

शनिवार, 27 जुलाई 2013

तौल में मार रहे थे कांटा, अपंजीकृत निकले बांट

-तीन दुकानों पर कार्रवाई 
-दुकानदार दुकान बंद कर भागे 
भोपाल। 
बैरागढ़ क्षेत्र में एसडीएम चंद्रमोहन मिश्रा के निर्देशन में शुक्रवार को तीन दुकानों पर छापामार कार्रवाई की गई। अपंजीकृत तौल कांटे से डंडी मारी जा रही थी। साथ ही 100 और 200 ग्राम के बांट भी गड़बड़ थे। 
इसी क्षेत्र की एक होटल से 2 घरेलू सिलेंडर जब्त किए। दूसरी दुकान से मधुर मिलन पापड़ के पैकेट का सैंपल लिए। सैंपल मिसब्रांडेड थे। इन्हें शंका के आधार पर लिया गया। ऐसा पहली बार सामने आया जब छोटे बांट भी गड़बड़ निकले। एसडीएम चंद्रमोहन मिश्रा ने कहा, खाद्य सुरक्षा अधिकारी, खाद्य विभाग व नापतौल की टीम ने संयुक्त रूप से छापामार कार्रवाई की। पहले टीम बैरागढ़ बस स्टैंड स्थित कृष्णा होटल पहुंची यहां से दो घरेलू सिलेंडर जब्त किए। इसके बाद हमराज होटल में तौलकांटा व बांट में गड़ेबड़ी मिली। इसके बाद टीम मार्क होटल में पहुंची और मधुर मिलन पापड़ का सैंपल लिए। कार्रवाई को देख कई दुकानदार दुकान में ताला जड़ भाग गए। 

दुकानें हुई बंद 
टीम की कारर्वाई देख पूरे संतनगर में हडकंप मच गया। देखते ही देखते खाने -पीने की दुकानें बंद होना शुरू हो गई। इसके चलते टीम केवल तीन दुकानों पर ही कारर्वाई कर सकी। अधिकारियों को अन्य स्थानों पर दुकानें खुली नहीं मिली जिसके चलते कारर्वाई आगे नहीं की जा सकी। 

मध्यान भोजन :

लापरवाही मिलने पर बख्शा नहीं जाएगा 
-जनपद पंचायत में स्व-सहायता समूह हुआ प्रशिक्षण 
भोपाल। 
मध्यान्ह भोजन वितरण में किसी प्रकार की लापरवाही व अनियमितता बर्दाश्त नहीं की जाएगी। लापरवाही मिलने पर किसी भी सूरत में स्व सहायता समूह को बख्शा नहीं जाएगा। यह बात जनपद अध्यक्ष अनोखी मानसिंह पटेल ने शुक्रवार को फंदा जनपद पंचायत में स्व सहायता समूह अध्यक्षों और रसोइयों को प्रशिक्षण में कही। 
श्री पटेल ने कहा, मध्यान्ह भोजन में स्वच्छता और गुणवत्ता का पूरा ध्यान रखा जाए।   कार्यक्रम दो सत्रों में आयोजित किया गया था। कार्यक्रम में कुछ समूह अध्यक्षों ने किचन शेड, खाद्यान्न और बर्तन आदि की समस्या से अवगत कराया, जिस पर जनपद अध्यक्ष श्री पटेल ने जिला पंचायत के माध्यम से त्वरित कार्रवाई का आश्वासन दिया। इसके अलावा कई शालाओं में रसोइयों को पारिश्रमिक भुगतान की शिकायतें भी मिलीं। जनपद सीईओ अजय शुक्ला बोले, जिला पंचायत के माध्यम से सरपंचों को निर्देशित किया गया है कि वे पंच परमेश्वर और मनरेगा की राशि से किचन शेड निर्माण कराएं। 

जिले में 11 समूहों ने किए हाथ खड़े 
बिहार के छपरा जिले में मध्यान्ह भोजन खाने से 23 छात्रों की बात के बाद भोपाल जिले के 11 स्वसहायता समूहों ने काम करने से साफ इंकार कर दिया है। इसके बाद इन स्कूलों में पालक-शिक्षक संघ और पंचायतों को भोजन व्यवस्था करने के निर्देश दिए हैं। इन समूहों में फंदा जनपद के अगरिया, खजूरी सड़क, नरोन्हा सांकल, नांदनी, बरखेड़ी अब्दुल्ला व बैरसिया जनपद के ऊंटखेड़ा के स्वसहायता समूह शामिल हैं। इन्होंने मैन्यू, सफाई व्यवस्था और बर्तन की पर्याप्त व्यवस्था न होने की बात करते हुए काम से हाथ जोड़े हैं। जिला पंचायत सीईओ राकेश श्रीवास्तव ने बताया, पालक-शिक्षक संघ और सरपंचों को इन स्कूलों में भोजन व्यवस्था करने के निर्देश दिए गए हैं। 

आज से फिर दौड़ेंगी फाइलें, बाबूओं की हड़ताल खत्म

या
बाबू आज से फिर दौड़ेंगे फाइलें लेकर 
-शुक्रवार देर शाम लिपिकों ने ली हड़ताल वापस 
-सरकार ने वेतन काटने का लिया था निर्णय, मुख्यमंत्री के प्रमुख से मिला था संघ 
-कहा आश्वासन के बाद लिया निर्णय 
भोपाल। 
मंत्रालय से लेकर प्रदेश के तमाम सरकारी दफ्तरों में शनिवार से फिर बाबू फाइलें लेकर दौड़ेंगे। बीते 4 जुलाई से अनिश्तिकालीन हड़ताल पर चल रहे लिपिकों ने शुक्रवार शाम 4 बजे इसे खत्म कर दी। मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव मनोज श्रीवास्तव से मिलने के बाद हड़ताल खत्म की। 
मप्र तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ के बैनर तले चल रही इस हड़ताल से प्रदेश भर के दफ्तरों में काम काज प्रभावित हो रहा था। हड़ताल खत्म किए जाने पहले लिपिकों ने बोर्ड आफिस चौराहे पर वेतन विसंगति को लेकर सरकार को कोसते हुए अपनी भड़ास निकाली। प्रांतीय अध्यक्ष एमएल मिश्रा ने बताया, श्री श्रीवास्तव से उनके नेतृत्व में एक दल मिला, जिसके बाद हड़ताल स्थगित करने का निर्णय लिया गया। हड़ताल खत्म होने से सरकारी आॅफिसों में व्यवस्था पटरी पर लौटने की उम्मीद है। 

-15 अगस्त का इंतजार 
लिपिकों को अब 15 अगस्त का इंतजार है। संघ के प्रांतीय अध्यक्ष श्री मिश्रा ने बताया, सुबह संघ की संघर्ष समिति के सदस्यों ने श्री श्रीवास्तव से बातचीत की थी। इसके बाद उनसे मुलाकात हुई। उन्होंने बताया, प्रमुख सचिव ने 15 अगस्त के भीतर मांगों को लेकर आदेश जारी करने का भरोसा दिलाया है। मप्र तृतीय वर्ग शासकीय कमर्चारी संघ के एक प्रतिनिधिमंडल ने यह जानकारी भी दी कि यदि जल्द ही उनकी मांगे पूरी न की गई तो वे फिर से आंदोलन पर जा सकते हैं। 

-यह है मुद्दा 
प्रदेश सरकार ने निर्धारित कुल 140 कैडर में लिपिकों को छोड़कर अन्य 139 कैडर के कर्मचारियों को 1981 में चौधरी वेतन आयोग की सिफारिश पर वेतनमान 515-840 का लाभ दिया। इसमें लिपिकों के अन्य संवर्ग शिक्षक, पटवारी, आरक्षक, पशु चिकित्सा क्षेत्र सहायक, और वनपाल के पद प्रमुख हैं। बावजूद इसके लिपिकों का वेतनमान 169-300 ही बनाया जा रहा है। 1981 से ही यह विसंगति चली आ रही है, जिसे अब तक दूर नहीं किया गया है। यही सब से बड़ा मुद्दा कर्मचारियों का है। 

बाबूओं की स्थिति 
विभाग संख्या 
राजस्व 20 हजार
पीडब्ल्यूडी 8 हजार
पीएचई 8 हजार
स्वास्थ्य 7 हजार
उच्च शिक्षा 4 हजार
सतपुड़ा 1500 
विंध्याचल 1500
तृतीय वर्ग कर्मचारी (राजधानी में)26,977 

देश के सपूतों को याद किया , भोपाल

कारगिल युद्ध में शहीद हुए देश के सपूतों को रवींद्र भवन में विनम्र श्रद्धांजलि दी। शुक्रवार को कारगिल युद्ध की 14वीं वर्षगांठ थी। यहां बतौर मुख्य अतिथि राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के उपकुलपति डॉ. पीयूष त्रिवेदी उपस्थित थे। 
इस दौरान कारगिल की लड़ाई में नेतृत्व करने वाले सैन्य अधिकारियों ने यहां उपस्थित लोगों से अपने अनुभव सांझा किए। 
कार्यक्रम एक्स डिफेंस आफीसर्स एसोसिएशन, एक्स सर्विसमेन सीहोर और भोपाल जिला सैनिक बोर्ड भोपाल के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित किया गया था। ब्रिगेडियर आर. विनायक वीएसएम, विंग कमांडर विनोद राय और कर्नल एसवी भास्कर ने युद्ध के अनुभव सुनाये तो पूरा सभागार रोमाचिंत हो उठा। सैनिकों की शहादत की दांस्ता सुन जहां लोग भावुक हो उठे और आंखे भीग गई। वहीं इस लड़ाई को कैसे फतह की। इस पर हाल तालियों की गड़गड़ाहट से गुंजाएमान हो गया। सैन्य अधिकारियों ने बताया, हर स्थिति पर डटे रहने और दुर्गम परिस्थितियों व पहाड़ों पर भी हमारे बहादुर सैनिकों ने दुश्मनों को उल्टे पैर लौटने को मजबूर कर दिया। कार्यक्रम में श्री त्रिवेदी ने कहा, सैन्य बलों के साहस और पराक्रम को नमन। भारतीय सैनिकों की जितनी सराहना की जाए उतनी कम। मेजर जनरल एनपी सिंह, मेजर जनरल एसआर सिन्हो, मेजर जनरल अशोक कुमार, एयर कमोडोर आरके पाल, कर्नल एससी दीक्षित, जिला सैनिक कल्याण अधिकारी कर्नल डीसी गोयल सहित सैन्य अधिकारी व अन्य नागरिक उपस्थित थे। कार्यक्रम में एनसीसी केडेट्स और स्कूली बच्चों ने भी हिस्सा लिया। 
 

31 को स्तनपान सप्ताह पर मीडिया कार्यशाला, भोपाल

जिला महिला एवं बाल विकास विभाग 31 जुलाई को स्तनपान सप्ताह के तहत मीडिया कार्यशाला का आयोजन करने जा रहा है। जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास नकीं जहां कुरैशी ने बताया, कार्याशाला सुबह 11 बजे टीटीटीआई भवन के सभागार में होगी। कार्यक्रम की अध्यक्षता कलेक्टर निशांत वरवड़े करेंगे। हर साल की तरह ही इस साल भी एक से सात अगस्त तक जिले में स्तनपान सप्ताह का मनाया जाएगा। इस संबंध में एक मीडिया कार्याशाला आयोजित की गई है। 

श्रमिकों को दिया जाएगा कौशल प्रशिक्षण; भोपाल

ऐसे श्रमिक जो प्रदेश में भवन व अन्य संनिर्माण कार्य से जुड़े हुए हैं। उन्हें कौशल प्रशिक्षण दिया जाएगा। यह प्रशिक्षण संनिर्माण कर्मकार कल्याण मंडल, कौशल प्रशिक्षण योजना के तहत भोपाल जिले के परिचय पत्रधारी निर्माण श्रमिकों व उनके बच्चों के लिए आयोजित किया जा रहा है। सहायक श्रमायुक्त एसएस दीक्षित ने बताया, शहर के श्रमिक व उनके पुत्र तथा पुत्रियां कौशल ट्रेड, फिटर, बेल्डर, टर्नर, इलेक्ट्रिशियन, कंप्यूटर आपरेटर, प्लास्टिक प्रोसेसिंग आपरेटर, प्लास्टिक प्रोसेसिंग आपरेटर इजेक्शन मॉल्डिग में प्रशिक्षण प्राप्त करना चाहते हैं वे 31 जुलाई तक आवेदन सहायक श्रमायुक्त कार्यालय, ई ब्लाक, पुराना सचिवालय भोपाल में   जमा कर सकते हैं। 

5 दिन में कैसे बटेंगे पट्टे

-राजनीतिक रंग में योजना, मुख्यमंत्री के हाथों बाटने की तैयारी 
भोपाल। 
शासन की मनसा अनुसार 31 जुलाई तक पट्टे बाट पाना मुमकिन नहीं दिखाई दे रहा है। आज से केवल 5 दिन शेष हैं। इसके पीछे राजनीतिक रंग का चढ़ना बताया जा रहा है। पट्टे के पात्र हितग्राहियों को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान अगस्त में अपने हाथों से पट्टे वितरित करेंगे। 
राजस्व विभाग विभागीय स्तर पर इसकी योजना तैयार कर रहा है। 31 दिसंबर, 12 तक ‘जो जिस जमीन पर है उसे उसी जमीन का हक’ की घोषणा मुख्यमंत्री ने की थी। इसके बाद प्रदेश भर में सर्वे सर्वे हुआ था। राजधानी में सातों वृत्तों में सर्वे किया गया था। इसके तहत सरकारी जमीन पर बसे लोगों को सर्वे कर नाम जोड़ना था। सर्वे कर पट्टों का काम पूरा हो चुका है, केवल वितरण भर की देरी है। 
हालांकि अगस्त में ही इन्हें बांटने की पूरी तैयारी है, इस पर अधिकारी आधिकारिक तौर पर बोलने को तैयार नहीं है। 

-बैठक में लिया था निर्णय 
जुलाई के पहले सप्ताह में कलेक्टोरे में हुई एक एक बैठक में निर्णय लिया गया था कि राजधानी के सभी सर्किलों में एसडीएम ने सर्वे के काम पूरे कर लिए हैं। 31 जुलाई तक पात्र भूमिहीनों को पट्टे बांटना सुनिश्चित किया गया था। गौर करें कि आधा माह तो केवल स्थाई व अस्थाई पट्टे छपने में ही निकल गया। पर अब इन्हें बांटने पर रोक लगा दी गई है। हालांकि रोक को लेकर भी गफलत की स्थिति बनी, लेकिन उच्च स्तर से लिए गए निर्णय के बाद अधिकारियों ने राहत की सांस ली। 
 
-कहां कितने बांटने है पट्टे 
तहसील/वृत्त संख्या 
तहसील बैरसिया 273                 
एमपी नगर सर्किल 965    
गोविंदपुरा सर्किल  354        
बैरागढ़ सर्किल 354        
शहर सर्किल  0            
टीटी नगर सर्किल 2757        
तहसील हुजूर तहसील  4339

बिना ड्रेस कैसे ‘स्कूल चले हम’

-न खुले खाते न मिली राशि, स्कूल शिक्षा विभाग नहीं ले पाया निर्णय  
भोपाल। 
स्कूल खुले एक माह हो चुका है। मप्र स्कूल शिक्षा विभाग अब भी यह तय नहीं कर पाया है कि शासकीय शालाओं में पढ़ने वाले विद्यार्थियों को डेÑस की राशि नगद देनी है या चेक के जरिए। विभागीय असमंजस के चलते प्रदेश के ढाई व जिले के डेढ़ लाख बच्चे बिना यूनिफार्म स्कूल जाने को मजबूर हैं। 
ऐसे में ‘स्कूल चले हम’ कैसे सार्थक होगा? एक बड़ा सवाल है। यूनिफार्म की राशि न मिलने संबंधी कई चिट्ठियां अलग-अलग स्कूल राज्य शिक्षा केंद्र को लिख चुके हैं। दूसरी ओर जिम्मेदार इस मामले पर कुछ भी नहीं कहना चाहते। गौर करने वाली बात यह है कि छात्र-छात्राओं को यूनिफार्म की राशि शुरूआती दिनों में वितरित कर दी जानी चाहिए थी। यह निर्णय पूर्व में ही ले लिया गया था। बावजूद इसके राज्य शिक्षा केंद्र राशि का निर्धारण ही नहीं कर पाया है। नियमानुसार छात्र-छात्राओं को स्कूल खुलने के पहले दिन ही किताबों के साथ ड्रेस दे दी जानी चाहिए। लेकिन पिछले वर्ष इस नियम में परिवर्तन कर दिया गया। नए नियम के तहत ड्रेस की राशि विद्यार्थियों के बैंक खाते में देनी है। अब हर छात्र का बैंक में खाता खुलवाना अनिवार्य होगा। इसके बाद ही यह राशि उनके खाते में जमा हो पाएगी। ऐसे में सवाल यह उठता है कि जब माता-पिता को ही बैंक अधिकारी तकनीकी खामियां अथवा कागजी दस्तावेज पूरे न होना बताकर वापस कर देते हैं, ऐसे में खाते कैसे खुलेंगे? 

-आधे प्रदेश की हालत खराब 
ड्रेस और किताबों के वितरण की बात करें तो आधे प्रदेश की हालत खराब है। प्रदेश में 65 हजार मिडिल स्कूल हैं। इनमें 2.50 लाख बच्चे ऐसे हैं, जिन्हें यूनिफार्म नहीं मिली है। शिक्षा विभाग के सूत्रों की माने तो रायसेन, होशंगाबाद, हरदा, बैतूल, झाबुआ, रतलाम, अशोकनगर, गुना, ग्वालियर, इंदौर सहित ऐसे दो दर्जन जिले हैं, जहां अब बच्चों को ड्रेस नहीं मिल पाई है न ही इन्हें राशि मिली है। राजधानी के फंदा और व बैरसिया विकास खंड में करीब डेढ़ लाख बच्चों को ड्रेस नहीं मिली है। दूसरी ओर परियोजना समन्वयकों का कहना है, बीते साल की राशि बचत में है। पर इसका उपयोग कहा करना है, इसके कोई निर्देश ही नहीं मिले हैं। 

-निर्णय नहीं हुआ 
किस क्लॉस के छात्र को यूनिफार्म के लिए कितनी राशि दी जानी है, इसका निर्धारण नहीं हो पाया है। राशि नकद अथाव चेक के जरिए छात्रों को देनी है। इस पर निर्णाय होना बाकी है। विभाग जल्दी ही यह प्रक्रिया पूरी कर लेगा। संभवत: अगस्त शुरुआत ेयह दिक्कत खत्म हो जाएगी। 
रश्मि अरुण शमी, आयुक्त 
राज्य शिक्षा केंद्र 
 

शुक्रवार, 26 जुलाई 2013

तेजाबी हमलों पर रोक के लि‍ए कानूनी प्रावधान तथा नए


विशेष-लेख
संगीता
     देश के वि‍भि‍न्‍न हि‍स्‍सों में लड़कि‍यों और युवति‍यों पर तेजाब फेंककर उन्‍हें कुरूप बनाने का बेहद घि‍नौना अपराध सरकार के लि‍ये बहुत बड़ी चुनौती बन रहा था। इससे नि‍बटने की कवायद के दौरान ही केंद्र सरकार ने स्‍थि‍ति‍ की गंभीरता को देखते हुये भारतीय दंड संहि‍ता में दो नयी धारायें जोड़ने का नि‍श्‍चय कि‍या था। इस तरह की घटनाओं पर देश की शीर्ष अदालत ने कड़ा रूख अपनाया है। संसद ने भारतीय दंड संहि‍ता की धारा 326 में संशोधन कर इसमें धारा 326 क और धारा 326 ख जोड़ने संबंधी वि‍धेयक को मंजूरी दी जि‍से दो अप्रैल को राष्‍ट्रपति‍ की संस्‍तुति‍ भी मि‍ल गयी। धारा 326 खतरनाक हथि‍यारों से चोट पहुंचाने से संबंधि‍त है। इस धारा के तहत ऐसे अपराध के लि‍ए दस साल से लेकर उम्र कैद तक की सज़ा का प्रावधान है। सरकार ने भारतीय दंड संहि‍ता में संशोधन करने का यह नि‍र्णय वि‍धि‍ आयोग की रिपोर्ट के आधार पर लि‍या था।
वि‍धि‍ आयोग ने अपनी रि‍पोर्ट में इस अपराध के लि‍ए कम से कम दस साल और अधि‍कतम उम्र कैद की सज़ा और दस लाख रूपए जुर्माने की सि‍फारि‍श की थी। आयोग ने जुर्माने की यह राशि‍ पीड़ि‍त को देने का प्रावधान कानून में ही करने का सुझाव दि‍या था।
वि‍धि‍ आयोग ने कई देशों के कानूनों की छानबीन के बाद अपनी रि‍पोर्ट तैयार की थी। आयोग का मत था कि‍ तेजाब के हमले के पीड़ि‍तों के लि‍ए ही नहीं बल्‍कि‍ बलात्‍कार और यौन उत्‍पीड़न जैसे अपराधों से पीड़ि‍त को भी मुआवजा दि‍लाने और उनके पुनर्वास के लि‍ए देश में केंद्र, राज्‍य और जि‍ला स्‍तर पर मुआवजा बोर्ड बनाने की आवश्‍यकता है।
     भारतीय दंड संहि‍ता में शामि‍ल धारा 326 क का संबंध कि‍सी व्‍यक्‍ति‍ द्वारा जानबूझ कर कि‍सी व्‍यक्‍ति‍ पर तेजाब फेंक उसे स्‍थाई या आंशि‍क रूप से उसे कुरूप बनाये या शरीर के वि‍भि‍न्‍न अंगों को गंभीर रूप से जख्‍मी करने जाने से है। यह एक संज्ञेय और गैर जमानती अपराध है और इ‍सके लि‍ये दोषी व्‍यक्‍ति‍‍ को कम से कम दस साल और अधि‍कतम उम्र कैद की सज़ा हो सकती है। इसके साथ ही उस पर उचि‍त जुर्माना भी कि‍या जायेगा और जुर्माने की रकम पीड़ि‍त को देने का इसमें प्रावधान है।
     धारा 326 ख का संबंध कि‍सी व्‍यक्‍ति‍ द्वारा जानबूझ कर कि‍सी व्‍यक्‍ति‍ पर तेजाब फेंकने या तेजाब फेंकने के प्रयास के अपराध से है। यह भी संज्ञेय और गैर जमानती अपराध है और इसके लि‍ये कम से कम पाँच साल और अधि‍कतम सात साल तक की सज़ा हो सकती है। इसके अलावा दोषी पर जुर्माना भी कि‍या जाएगा।
     यह सही है कि सरकार ने तेजाब के हमले की बढ़ती घटनाओं से नि‍बटने के लि‍ये इसे भारतीय दंड संहि‍ता की धारा 326 में शामि‍ल कर लि‍या था। तेजाब के दायरे से सभी क्षयकारक और ज्‍वलनशील प्रकृति‍ के पदार्थों को शामि‍ल कि‍या गया है।

बुधवार, 24 जुलाई 2013

जिले में घट गए मतदाता

-जारी हुई सूची, सर्वे में सामने आई गड़बड़ी 
-हुजूर और बैरसिया तहसील में बढ़े संख्या 
भोपाल। 
जिले में 141290 जनसंख्या तो बढ़ी, लेकिन 6645 मतदाता घट गए हैं। सर्किलों के हिसाब से बात करें तो गोविंदपुरा व नरेला में जनसंख्या बढ़ी है। यही स्थिति हुजूर और बैरसिया में देखने को मिली। दरअसल, बुधवार को जिले की मतदाता सूची जारी कर दी गई। इसी के साथ जनसंख्या और मतदाताओं का तुलनात्मक अध्ययन भी किया गया। 
इसमें यह भी सामने कि तीन विधानसभा सीटों गोविंदपुरा, नरेला व हुजूर में गड़बड़ाए ईपी रेशों को सुधार लिया गया है। यह सुधार घर-घर जाकर किया गया। उल्लेखनीय है कि चुनाव आयोग ने भी शहर में ईपी रेशों में दर्ज की गई बढ़ोतरी को लेकर जिला निर्वाचन शाखा से जवाब तलब करते हुए इसमें सुधार के निर्देश दिए थे। तीन विधानसभा क्षेत्र गोविंदपुरा, नरेला व हुजूर में जनसंख्या वृद्धि होने का कारण यहां नई कालोनियों का निर्माण होना सामने आया है। साथ ही इन क्षेत्रों में कॉलेज के छात्र-छात्राओं सहित देहाड़ी व मजदूर वर्ग के लोग किराए पर निवास कर रहे हैं। हुजूर में मतदाताओं की संख्या बढ़ी है। कारण सामने आया कि गांधीनगर क्षेत्र में सैनिक तथा अर्द्धसैनिक बलों की टुकड़ियां निवास कर रही हैं। 

-आयोग ने लिया था संज्ञान 
निर्वाचन आयोग को जिला निर्वाचन शाखा से तीन माह पहले एक रिपोर्ट भेजी थी। इसमें गोविंदपुरा में जनसंख्या के आधार पर ईपी रेशो 90.36 प्रतिशत, नरेला में 74.14 प्रतिशत व हुजूर में 79 प्रतिशत सामने आया था। भारत निर्वाचन आयोग ने इस पर संज्ञान लिया था। इसके बाद जिला निर्वाचन शाखा के अधिकारियों ने आनन-फानन में डोर-टू-डोर सर्वे   कर रेशो को समान स्तर पर लाने के निर्देश दिए। जांच कर उसमें सुधार किया गया। 

-नरेला - 
सर्वे में नरेला की प्रोजेक्टेड पापूलेशन 3,80,311 की तुलना में 4,17,991 सामने आई है अर्थात 37,680 लोग क्षेत्र में अधिक सामने आए हैं। इसके उलट मतदाता सूची की जांच में मतदाताओं की सं या भी 2,81,926 से घटकर 2,66,115 रह गई है। इस तरह कुल मिलाकर 15,811 मतदाता क्षेत्र में घट गए हैं। ईपी रेशो भी 74.14 प्रतिशत से घटकर 69.97 रह गया है। हालांकि यह रेशो अभी भी भारत निर्वाचन आयोग की सीमा 60.25 प्रतिशत से कहीं अधिक है, लेकिन इसके पीछे कारण यह है कि यहां नवीन कालोनियों का विकास, शैक्षणिक संस्थानों का खुलना व बाहर से आने वाले लोगों का इस क्षेत्र में किराये से रहते हैं। 

-गोविंदपुरा -  
 सर्वे में गोविंदपुरा की प्रोजेक्टेड पापूलेशन 3,35,252 तुलना में 4,56,025 सामने आई है, जो कि 1,20,773 अधिक है। इसके उलट मतदाता सूची में मतदाताओं की सं या 10,026 घटकर, 3,01,073     से 2,91,047 रह गई है। ईपी रेशो भी 3.44 प्रतिशत घटकर 90.36 प्रतिशत से 86.81 प्रतिशत पहुंच गया है। हालांकि रेशो के 60.25 प्रतिशत न होने का कारण बावडि?ां कलां, जाटखेड़ी, मिसरोद, बागमुगालिया, बागसेवनिया, अहमदपुर कलां, खजूरी कलां, शाहपुरा, अमरावद खुर्द, पिपलानी, इंद्रपुरी, मिनाल रेसीडेंसी सहित अन्य नवविकसित क्षेत्र व बड़े बड़े शैक्षणिक संस्थानों का स्थापित होना है। इसके चलते यहां पर अधिक छात्र-छात्राएं निवास क रती हैं। 

-हुजूर 
इस विधानसभा क्षेत्र में जनसं या बढ?े के साथ साथ मतदाताओं की सं या में भी इजाफा हुआ है। प्रोजेक्टेट जनसं या की तुलना में वतर्मान जनसं या 73,201 अधिक है। इधर मतदाता सूची में भी मतदाताओं की सं या बढ़ी है। पहले जहां क्षेत्र में 2,49,647 मतदाता थे। इसमें 3141 मतदाताओं का इजाफा हुआ है। अब यह सं या 2,52,788 पहुंच गई है। इसके चलते ईपी रेशो बढ?े की बजाय 0.76 प्रतिशत बढ़कर 79.96 प्रतिशत पहुंच गया है। इसके पीछे कारण बताया जा रहा है कि कुछ मतदाता केंद्र ऐसे हैं जिनमें सैनिक तथा अद्धर्सैनिक शत प्रतिशत निवास करते हैं। इसके अतिरिक्त नवीन कालोनियां भी इस क्षेत्र में विकसित हो रही हैं। अद्धर्सैनिक व सैनिक बलों की सं या को अलग कर दिया जाए तो ईपी रेशो 60 से 61 प्रतिशत के बीच आ जाएगा।  


-सूची का हुआ प्रकाशन 
उप जिला निर्वाचन अधिकारी एएस पंवार ने बताया कि भारत निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार मतदाता सूची पुनरीक्षण व डोर-टू-डोर अभियान के बाद जो स्थिति सामने आई है। उसके आधार पर सभी सातों विधानसभा क्षेत्रों की मतदाता सूची का प्रकाशन का शुरू कर दिया गया है।

बिजली गिरी, एक अदमी सहित 25 बकरियां मृत ,भोपाल

जिले के ग्राम बैरागढ़ चीचली में मंगलवार देर शाम अचानक बिजली गिरने से एक ग्रामीण और 25 बकरियों की मौत हो गई। मौत की खबर परिजन और प्रशासन को बुधवार सुबह लगी। 
कलेक्टर निशांत वरवड़े ने जानकारी मिलते ही एसडीएम हुजूर राजेश श्रीवास्तव और तहसीलदार चंद्रशेखर श्रीवास्तव को तत्काल मौके पर पहुंचने के निर्देश दिए। एसडीएम व तहसीलदार ने पंचनामा बनाया। इसके बाद उसकी वारिसान गीताबाई से बातचीत की। श्री श्रीवास्तव ने बताया, पंचनामा बनाकर कार्यालय पहुंचा दिया गया है। मृतक बाबूलाल व उनकी 25 बकरियों के मुआवजे के चैक गीताबाई के नाम बनाए गए। बाबूलाल की मृत्यु पर डेढ़ लाख व 25 बकरियों की मृत्यु स्वरूप 41
हजार 250 रुपए की सहायता राशि स्वीकृति की गई है। गुरुवार को यह राशि का चेक गीताबाई को दिया जाएगा। 

आज हुई तेज बारिश तो खाली कराई जाएंगी झुग्गी

-जिला प्रशासन ने जारी किया अलर्ट
भोपाल। 
कलियासोत नदी का जल स्तर लगातार बढ़ रहा है। गुरुवार को भी तेज बारिश जारी रही तो जिला प्रशासन नदी के नजदीक बसी झुग्गियों को खाली कराएगा। बुधवार शाम 5 बजे एडीएम बीएस जामोद ने हाई अलर्ट जारी किया। 
इसके साथ ही कलेक्टोरे के कंट्रोल रूम में हर कॉल की जानकारी जोन व वरिष्ठ अधिकारियों को दिए जाने के निर्देश   भी दिए। हाई अलर्ट जारी किए जाने के साथ ही सर्किलों के हिसाब से अनुविभागीय अधिकारियों को मुस्तैद रहने को कहा गया है। बुधवार जब कलियासोत डेम का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा था। इसी वक्त प्रशासन ने ेअलर्ट जारी किया, जिससे डेम किनारे बसे झुग्गिवासियों में दहशत फेल गई। कलियासोत का पहला गेट खोल दिया गया। हालांकि इसके खुलने से निचली बस्तियों पर कोई असर नहीं पड़ा। लेकिन प्रशासन ने दूसरा गेट खोलने के बाद सभी झुग्गीवासियों को तैयार रहने को कहा है। 

-विदिशा-रायसेन कलेक्टर को दी सूचना 
एडीएम बीएस जामोद ने बताया, बुधवार को देर शाम कलियासोत डेम के गेट खोले गए। सूचना मिलते ही मौके पर प्रशासनिक अमला पहुंचा। टीम ने स्थिति देखने हुए तत्काल डेम के किनारे बसे दामखेड़ा व बी-सेक्टर क्षेत्र में हाई अलर्ट जारी कर दिया। साथ ही सभी वृत्तों के एसडीएम को किसी भी परिस्थिति पर नजर रखने को कहा है। उन्होंने बताया क्योंकि कलियासोत डेम का पानी विदिशा तथा रायसेन की नदियों में मिलता है। दोनों जिलों की नदिया इस समय लबा-लब चल रहीं हैं, इस लिहाज से कभी भी यहां डेम के गेट खोले जाने संबंधित सूचना वहां के कलेक्टरों को दे दी है। 

-बनती बिगड़ती रही स्थिति 
प्रशासन ने डेम का पहला गेट खोलने के साथ ही प्रशासन ने झुग्गीवासियों को आगाह किया। साथ ही सलाह दी कि बारिश का दौर इसी प्रकार जारी रहा तो गुरुवार को किसी भी वक्त सुरक्षित स्थान की शरण लेनी पड़ सकती है। इसके लिए तैयाार रहें। एडीएम ने बाढ़ राहत दलों को तैनात रहने को कहा है। देर रात करीब 9 बजे डेम का दूसरा गेट खुलने के बाद स्थिति और बिगड़ना शुरू हो गई थी। हालांकि कई घरों के निचलने स्थान पर होने से रहवासियों ने खुद ही सुरक्षित स्थान पर शरण लेनी शुरू कर दी। कलियासोत नदी से लगी दामखेड़ा में करीब करीब ढाई सौ से अधिक झुग्गियां अवैध रूप से नदी किनारे बसी हैं। यह अति बारिश में प्रशासन के लिए मुसीबत हो जाता है। 

कलियासोत नदी का कुछ हिस्से पर झुग्गीबसती बन गई है। वहां के रहवासियों को आगह कर दिया गया है। मुनादी कराते हुए राहत दल को भी नजर रखने के निर्देश दिए गए हैं। बुधवार-गुरुवार दरमियानी रात बारिश का दौर जारी रहा तो निश्चित तौर पर वहां से शिफ्टिंग की जाएगी। 
राजेश श्रीवास्तव, एसडीएम हुजूर

-लूंगा जायजा 
भदभदा के बाद कलियासोत डेम के गेट खोल दिए गए हैं। डेम के आसपास बसी बस्तियों के लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाने के निर्देश अधिकारियों को दिए हैं। गुरुवार को मैं स्वयं अफसरों के साथ निरीक्षण करूंगा। 
जितेन्द्र डागा,  विधायक हुजूर विधानसभा क्षेत्र 

फिकवाया पनीर, जब्त किए 5 सिलेंडर

-एसडीएम के नेतृत्व में खाद्य एवं औषधि प्रशासन ने की कार्रवाई 
भोपाल। 
कलेक्टर भोपाल निशांत वरवड़े के निर्देश के बाद एसडीएम के नेतृत्व में खाद्य एवं औषधि प्रषासन विभाग, नापतौल विभाग और खाद्य विभाग ने संयुक्त कार्रवाई की। एसडीएम अमरजीत सिंह पवार के नेतृत्व में टीम रायसेन रोड स्थित गप्पू पंजाबी भोजनालय, पहुंची। यहां से टीम ने खराब हो चुके 1 किलो पनीर और 5 किलो गोभी को फिकवाया। 
किचन में गंदगी मिलने पर टीम ने साफ-सफाई के निर्देश दिए। 
जेके रोड पर नापतौल विभाग की टीम पहुंची। यहां स्टील बर्ड किराना एंड हार्डवेयर पर अमुद्रांकित तौल कांटों को जब्त किया। इसी रोड पर बीके राजोरिया रेस्टोरेंट पर खाद्य विभाग ने घरेलू एलपीजी गैस सिलेंडरों का दुरुपयोग करते पाया। टीम ने 2 घरेलू एलपीजी सिलेंडर और भट्टी जब्त की। मीनॉल शापिंग सेंटर, सार्इंधाम नाश्ताघर पर भी घरेलू रसोई गैस का उपयोग किया जा रहा था। यहां से भी 2 सिलेंडर और एक भट्टी जब्ती में ली। इसी प्रकार सत्यजीत नाश्ता घर से एक घरेलू सिलेंडर और भट्टी जब्त की। इस प्रकार कुल 5 घरेलू सिलेंडर टीम ने जब्ती में लेते हुए चालानी कार्रवाई की। 


2 की जगह 20 ले रहा रजिस्ट्रार फर्म्स एंड सोसायटी

-मामला आरटीआई के तहत दी जाने वाली सूचनाओं का 
-2008 से सोसायटी ने मचा रखी है लूट
भोपाल। 
सूचना का अधिकार (आरटीआई) के तहत जो जानकारी देने के लिए सरकारी कार्यालय प्रति पेज 2 रुपए आवेदक से लेते हैं। उसके स्थान पर रजिस्ट्रार फर्म्स एंड सोसायटी 20 व 40 रुपए प्रति पेज वसूल रही है। आला अधिकारी फीस को लेकर सोसायटी को मप्र शासन द्वारा पारित गजट की बात कर रहे हैं, जबकि इसी से राज्य सरकार को राजस्व की हानि भी हो रही है। 
प्रदेश सरकार को प्रति वर्ष 50 लाख से अधिक का राजस्व नुकसान हो रहा है। यह आंकड़ा जानकारों के अनुसार है। दरअसल, आरटीआई के तहत यह पूरा पैसा सरकार के खाते में जमा होना चाहिए। जबकि यह रकम चालन क्र. 1475 व 200 के माध्यम से सोसायटी के खाते में जमा हो रही है। हालांकि यह खाता भी अप्रत्यक्ष तौर पर सरकार के पास होता है, लेकिन सवाल यह उठता है, आरटीआई का पैसा सोसायटी के खाते में क्यों जमा हो रहा है? सोसायटी की यह लूट वर्ष 2008 से चल रही है। इस बात का खुलासा मप्र आरटीआई एक्टीविस्ट काउंसिल के अध्यक्ष सै. खालिद केस द्वारा लगाई आरटीआई से हुआ। आरटीआई आवेदन के जरिए उन्होंने सोसायटी से एक फर्म के संबंध में जानकारी मांगी थी। 

-दिया संशोधन का हवाला 
श्री केस ने दिनांक 14 जून को आवेदन दिया था। सोसायटी ने 6 जुलाई, 13 को श्री केस के आवेदन पर उन्हें सामान्य रूप से जानकारी लेने के लिए 20 रुपए और अत्यावश्यक होने पर 40 रुपए प्रति पेज चालन क्र. 1475 व 200 के माध्यम से जमा करने को कहा। इसके लिए सोसायटी ने ‘मप्र सोसायटी रजिस्ट्रीकरण अधिनियम 1973 संशोधन नियम 1998’ का हवाला पत्र में दिया। यह राशि असि. रजिस्ट्रार फर्म्स एवं संस्थाएं भोपाल एवं नर्मदापुरम संभाग, भोपल के खाते में चालन स्वरूप जमा करने को कहा। 

-आम आदमी का हक है
शहर के आरटीआई एक्टीविस्ट देवेन्द्र प्रकाश मिश्रा का कहना है, अर्धन्यायीक संस्थाओं द्वारा जो भी दस्तावेज न्यायीक आदेश के संदर्भ में प्रमाणित कर दिया जाता है। उसका शुल्क/दर का निर्धारण शासन के अनुसार होता है। उक्त दस्तावेज प्रमाणित प्रति की टीप के साथ दी जाती है, जबकि सूचना के अधिकार के तहत प्रदान किए जाने वाले दस्तावेज आरटीआई निर्धारित दर 2 रुपए प्रति पेज के मान से दिया जाता है। उक्त दस्तावेज पर आरटीआई के तहत प्रदत्त की सील लगाकर उपलब्ध कराई जाती है। इसे प्रमाणति प्रति नहीं माना जाता है। जो भी संस्था आरटीआई के तहत दी जाने वाली जानकारी के लिए अतिरिक्त शुल्क ले रही है। तो वह गलत है और सरकार व विभाग के संज्ञान में लाने की आवश्यकता है। क्यों कि यह अधिकार आम आदमी की सहायता के लिए है, न कि व्यवसाय के लिए। 

-सरकार का ही नियम है 
सरकार के जिस प्रकार के आदेश व नियम हैं। हम उसी अनुसार फीस ले रहे हैं, फीस को लेकर मप्र सरकार ने गजट भी पारित किया है। राजपत्र में आवेदक को दी जाने वाली जानकारी के पृष्ठों पर टिकट लगा जाने संबंधित बात का उल्लेख नहीं किया गया है। 
शरद तिवारी, पंजीयक, रजिस्ट्रार फर्म्स एंड सोसायटी 

-आरटीआई मूल भावना खत्म कर दी 
अर्धन्यायीक संस्थाओं को राज्य सरकार के अधीन रहते हुए शुल्क निर्धारण का हक तो है, लेकिन क्या इतना शुल्क रखा जाएगा? जिससे लोग जानकारी ही न मांगे। दूसरा यह पैसा आरटीआई के खाते में न जाकर सोसायटी के मद में मिल रहा है। सोसायटी ने आरटीआई की मूल भावना को खत्म कर दिया ेहै। 
सै. खालिद केस, अध्यक्ष, आरटीआई एक्टीविस्ट काउंसिल मप्र 

मंगलवार, 23 जुलाई 2013

महिला एवं बाल विकास के आंकड़े नहीं हैं विश्वसनीय: भूरिया , भोपाल

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कांतिलाल भूरिया ने कहा है कि प्रदेश में महिलाओं और बच्चों के विकास के संबंध में राज्य सरकार द्वारा दावे तो बड़े-बड़े किये जा रहे हैं और ऐसा वातावरण बनाया जा रहा है जैसे महिला और बाल विकास विभाग ने इन दोनों वर्गों की भलाई के लिए बहुत काम किया है। लेकिन जब आसमानी सुल्तानी सरकारी पब्लिसिटी की तह में जाकर जमीनी हकीकत से रूबरू होते हैं तो सरकारी दावों से उलट स्थिति उभरकर सामने आती है। भाजपा सरकार ने दावा किया है कि महिला एवं बाल विकास के सालाना बजट की 99 प्रतिशत धनराशि खर्च हुई है। सालाना खर्च के ये आंकड़े विश्वसनीय नहीं हैं, क्योंकि महिला बाल विकास की जिन योजनाओं पर यह खर्च होना बताया जा रहा है, जमीनी स्तर पर उन योजनाओं के अमल की स्थिति बदतर है। कहीं-कहीं तो विभागीय मैदानी अमले को विभागीय योजनाओं की पूरी जानकारी तक नहीं है। ऐसी दशा में भारी खर्च का दावा बेमानी है। सबूत के तौर पर मध्यान्ह भोजन योजना को लिया जा सकता है। भोजन में छिपकली, मेढ़क और चूहे निकलने के कारण बड़ी सं या में बच्चों ने मध्यान्ह भोजन से तौबा कर ली है और अपने घरों से टिफिन लाने लगे हैं। जब योजनाओं के हितग्राही घट रहे हैं तो बजट पूरा खर्च होने के दावे पर स्वत: सवालिया निशान लग जाता है।
श्री भूरिया ने कहा है कि महिला बाल विकास विभाग की उपलब्धियों को बढ़ा-चढ़ाकर दिखाने और महिलाओं को गुमराह करने के लिए योजनाओं पर खर्च और भौतिक उपलब्धियों के फर्जी आंकड़े तैयार कराये गए हैं। आपने कहा है कि बजट के उपयोग के आंकड़ों को अतिरंजित रूप में प्रस्तुत करने के लिए विभाग ने बड़ी चालबाजी दिखाई है। विभाग ने राज्य, संभाग, जिला और परियोजना स्तर पर अधिकारियों, कमर्चारियों को जो करोड़ों रूपये अस्थाई अग्रिम के बतौर दिये हैं और जिनके खर्च का हिसाब संबंधित ने प्रस्तुत नहीं किया है, ऐसे करोड़ों के अस्थाई अग्रिमों को भी खर्च की परिधि में ले लिया गया   है।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने अपने आरोप के प्रमाण के बतौर रीवा संभाग के आंकड़ों का जिक्र करते हुए कहा है कि अप्रैल 2012 की स्थिति में रीवा संभाग के रीवा, सीधी, सतना तथा सिंगरौली जिलों में महिला बाल विकास अधिकारियों और कमर्चारियों से लगभग 13 करोड़ रूपये के अस्थाई अग्रिम का समायोजन होना लंबित था। संभागायुक्त की कोशिश के बावजूद अप्रैल 2013 तक मात्र दो करोड़ बीस लाख रूपये का ही समायोजन हुआ है। करीब 11 करोड़ रूपये का समायोजन अथवा वसूली अभी भी शेष है। वित्तीय नियमानुसार यह स्थिति वित्तीय घोटाले की श्रेणी में आती है। आपने कहा है कि जब एक संभाग के चार जिलों की यह स्थिति है, तो सभी 50 जिलों की स्थिति क्या होगी, सहज अनुमान लगाया जा सकता है। सवाल यह है कि जब करोड़ों के अस्थाई अग्रिमों का समायोजन नहीं हुआ है तो विभाग पिछले वर्षों में सालाना बजट का 90 से लेकर 99 प्रतिशत तक खर्च किस आधार पर प्रचारित कर रहा है ?
श्री भूरिया ने कहा है कि प्रदेश की भाजपा सरकार अपने चहेते ठेकेदारों को भरपूर फायदा पहुंचाने के लिए झूठ का सहारा ले रही है। आपने महिला एवं बाल विकास विभाग के वर्ष 2004-05 से 2012-13 तक के वार्षिक बजट के खर्च का महालेखा नियंत्रक (कैग) से आडिट कराने की मांग की है। 

संघ पदाधिकारियों को क्यों गिर तार नहीं कराती सरकार: धनोपिया ,भोपाल

प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता जेपी धनोपिया ने कहा है कि प्रदेश में शासित भाजपा सरकार के कायर्काल में भाजपा, संघ परिवार एवं अनुवांशिक संगठनों से जुड़े पदाधिकारियों को खुला संरक्षण दे रखा है और यही कारण है कि दुष्कर्म की शिकायतों के बाद भी किसी भी नेता पर कोई कायर्वाही नहीं की गई। यहां तक कि बलात्कार की घटनाओं की थाने में शिकायतें लंबित होने पर भी मामलों को रफा-दफा करने का प्रयास किया जा रहा है और यही कारण है भाजपा से जुड़े अपराधी प्रवृत्ति के लोग बेखौफ घूम रहे हैं तथा लगातार अपराधों में लिप्त होते जा रहे हैं।
उन्होंने बयान जारी करते हुये कहा कि इंदौर की तलाकशुदा महिला के साथ दुष्कर्म करने वाले एबीवीपी के संगठन मंत्री सुरेन्द्र शर्मा सरेआम घूम रहे हैं तथा इतना ही नहीं प्रदेश के वरिष्ठ मंत्री ने उन्हें संरक्षण दे रखा है। इससे पूर्व भी भाजपा के संगठन मंत्री अरविंद मेनन के विरूद्व एक महिला का शारीरिक शोषण करने एवं उसे गायब करने जैसा गंभीर आरोप लगने के बाद भी प्रदेश के मु य मंत्री शिवराजसिंह चौहान के कान पर जूं तक नहीं रेंग रही। उज्जैन जिले में नाबालिग युवती के साथ बलात्कार का दोषी एबीवीपी का जिला अध्यक्ष आज तक पुलिस की गिर त के बाहर है। राजधानी भोपाल के कोलार में भाजपा के पूर्व पार्षद को भी पुलिस गिर तार नहीं कर सकी थी। इससे साफ है कि भाजपा से जुड़े लोगों को पुलिस का संरक्षण प्राप्त है।
श्री धनोपिया ने प्रदेश के मु य मंत्री शिवराजसिंह चौहान एवं गृहमंत्री उमाशंकर गुप्ता से मांग की है कि वे प्रदेश में बिगड़ती कानून व्यवस्था को पटरी पर लाने का प्रयास करें तथा अपराधी किसी भी राजनैतिक दल का क्यों न हो भले ही भाजपा का उसके विरूद्व तत्काल कायर्वाही करना चाहिए। इसलिए जरूरी है कि इंदौर में महिला के साथ बलात्कार के दोषी एबीवीपी के संगठन मंत्री सुरेन्द्र शर्मा को तत्काल गिर तार करना चाहिए, जिससे प्रदेश की जनता का कानून के प्रति विश्वास कायम रह सके। 

शिवराजसिंह की जन आशीर्वाद यात्रा एक नौटंकी भोपाल

 प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ उपाध्यक्ष रामेश्वर नीखरा ने मु यमंत्री शिवराजसिंह चौहान की जन आशीर्वाद यात्रा को नौटंकी   करार दिया है। उन्होंने महाकाल की प्रशंसा करते हुए कहा कि शिवराजसिंह जानते ही होंगे कि महाकाल की महिमा अपरंपार है, वे देवों के देव हैं, किंतु महाकाल सबका हिसाब रखते हैं। वे शिवराज सिंह चौहान का भी हिसाब रखे हुए हैं। महाकाल के परिसर में शिवराज सिंह कहते हैं कि उन्होंने पांच लाख लोगों को सरकारी नौकरियां दी है। देवों के देव महादेव के सामने इतना बड़ा असत्य वाचन!
नीखरा ने मु यमंत्री को चुनौती देते हुए उनसे अपेक्षा की है कि वे महाकाल को तो सच-सच बताएं और स्पष्ट करें कि विगत 4 साल में उन्होंने किन-किन पदों पर पांच लाख बेरोजगारों की नियुक्तियां की हैं, अन्यथा महाकाल प्रांगण में झूठ बोलकर प्रदेश की धार्मिकता को ठेस न पहुंचाएं। प्रदेश की जनता जानती है कि 44 हजार अतिथि शिक्षकों के पद खाली पड़े हैं। पांच साल से इंजीनियरों की भतिर्यां नहीं हुई हैं। ग्रामीण विकास विभाग में ठेके पर नियुक्तियां हो रही हैं। प्रदेश का केडर घट रहा है। ऐसी स्थिति में सवाल यह उठता है कि ये पांच लाख लोग कहां नियुक्त किये गये हैं ? उन्होंने मांग की है कि मु य मंत्री भाजपा शासनकाल में की गईं विभागवार सरकारी नियुक्तियों की जानकारी सार्वजनिक करें।

सांसद संदीप दीक्षित खाद्य सुरक्षा पर चर्चा करेंगे, भोपाल

अभा कांग्रेस कमेटी के केंद्रीय प्रवक्ता एवं सांसद संदीप दीक्षित 24 जुलाई बुधवार को सुबह दिल्ली से भोपाल पहुंच रहे हैं। वे बुधवार को पूर्वान्ह 11 बजे प्रदेश कांग्रेस कार्यालय इंदिरा भवन में पत्रकारों से केंद्र सरकार द्वारा प्रस्तावित खाद्य सुरक्षा विधेयक के संबंध में चर्चा करेंगे। दीक्षित रात्रि में विमान से दिल्ली लौट जाएंगे। 

भूरिया सिंगोली और कुकड़ेश्वर में आम सभा को संबोधित करेंगे, भोपाल

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष एवं सांसद कांतिलाल भूरिया नीमच और मंदसौर जिले के दो दिवसीय दौरे के अंतर्गत कल 24 जुलाई, बुधवार को रतलाम से सड़क मार्ग द्वारा पूर्वान्ह 11.30 बजे नीमच जिले के सिंग्        ोली पहुंचेंगे। सिंगोली में आपके दो कार्यक्रम हैं। वे दोपहर में ब्लाक कांग्रेस कमेटी के कार्यालय का उद्घाटन और उसके बाद वहीं कांग्रेस की आम सभा को संबोधित करेंगे। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अपरान्ह 3 बजे कुकड़ेश्वर (मनासा) पहुंचकर वहां भी कांग्रेस की ओर से आयोजित आम सभा को संबोधित करेंगे। आपका बुधवार का रात्रि विश्राम नीमच में रहेगा।

ेमहंगी होटलों में मिल रही ‘चटपटी गंदगी’

-खाद्य विभाग की टीम ने किया शहर के प्रतिष्ठानों का निरीक्षण
-फिकवाया 20 किलो गाजर, प्याज और चिकन 
भोपाल। 
तोल में डंडी और प्रतिष्ठित होटलों में ‘चटपटी गंदगी’ मिलने का दौर अब भी जारी है, जबकि एक पखवाड़े से एसडीएम के नेतृत्व में खाद्य विभाग की टीम मौका मुआयाना कर रही है। मंगलवार फिर छापामार कार्रवाई की गई। मिसरोद रोड स्थित आमेर ग्रीन होटल में करीब 20 किलो खराब गाजर को किसने की तैयारी थी। इतना ही नहीं 4 किलो प्याज, एक किलो चिकन व एक किलो धनिया को ेखराब देखते हुए फिकवाया। 
होटल के किचन में इंतनी गंदगी फैली हुई थी कि यहां खड़े रहना भी दूभर था। मौके पर मौजूद अधिकारियों ने तत्काल साफ-सफाई करने के निर्देश दिए। यह कार्रवाई एमपी नगर एसडीएम रितु चौहान के नेतृत्व में की गई। आमेर ग्रीन होटल संचालक को साफ-सफाई का नोटिस भी दिया गया। खाद्य सुरक्षा अधिकारियों ने जांच में पाया कि सिलवर क्वॉइन कंपनी के बेसन के 16 पैकेट एवं कॉर्न लेक्स पावडर के 6 पैकेट मिसब्रांडिंग थे। इस आंशका के चलते इन्हें जब्त किया गया। वहीं नापतौल निरीक्षकों ने 4 तौल मशीनें पकड़ी जो मुद्रांकित नहीं थी। इनका प्रकरण बना संचालक को सौंपा। 

-आटे में हो सकती है गड़बड़ी 
सी-21 माल स्थित रेड जिंजर रेस्टोरेंट से टीम ने आटे के सैंपल लिए। इसे टीम ने खराब तथा मिलावट होने की आशंका लेना बताया। टीम ने बताया कि जिस बोरी में यह आटा था, उसमें मिलावट की शिकायतें पहले भी मिल चुकी हैं। इसी आधार पर इसके सैंपल लिए हैं। 

कर्मचारियों की हड़ताल फिर शुरू, भोपाल

सोमवार को काम पर लौटे तृतीय वर्ग के कर्मचारियों ने मंगलवार से फिर हड़ताल शुरू कर दी है। तृतीय वर्ग कर्मचारी संघ के जिला अध्यक्ष के कहने पर यह दोबारा लामबंद हो गए हैं। 
इसके चलते कलेक्ट्रेट कार्यालय में मंगलवार को अव्यवस्थाएं दिखेगी गर्इं। कई सारी ठप पड़ गई। कलेक्टर जनसुनवाई व पेशियों पर इसका असर देखने को मिला। जनसुनवाई में तहत अधिकारियों को जुटना पड़ा। रिसीव से लेकर अन्य कामों के लिए स्टोनों को बैठना पड़ा। एसडीएम व तहसीलदार कोर्ट में लगी पेशियां भी आगे बढ़ गर्इं। 
कलेक्ट्रेट कार्यालय में सुबह तो चहल पहल दिखी, लेकिन 11 बजे से स्थिति बदली दिखाई दी। मप्र लिपिक वर्ग कर्मचारी संघ के पदाधिकारियों व अन्य सदस्यों की आपस में चर्चा हुई इसके बाद घटनाक्रम तेजी से बदला और दोबारा हड़ताल शुरू कर दी। 

-रायकवार जिला अध्यक्ष होंगे
लिपिक कर्मचारी पहले मप्र तृतीय वर्ग कमर्चारी संघ के नेतृत्व में हड़ताल कर रहे थे। जब जिला अध्यक्ष ने उनसे बात छुपाकर हड़ताल समाप्त कराई तो उन्होंने इसे धोखा मानते हुए मप्र लिपिक वर्ग कर्मचारी संघ के साथ जुड़ गए और मंगलवार को  मप्र लिपिक वर्ग कमर्चारी संघ का जिला अध्यक्ष श्री रायकवार को बना गया है। इसके बाद कलेक्ट्रेट कार्यालय के सभी लिपिकों में प्रसन्नता की लहर दौड़ गई और सभी ने एक स्वर में हड़ताल शुरू करने की घोषणा की। 
 

अंतरिम आदेश पारित कर खुलवाया रास्ता

  - जिपं सदस्य को महंगा पड़ा रास्ता बंद करना  
  - तहसीलदार ने मौके पर खड़े रहकर कराई कारर्वाई 
  - ग्रामीणों ने लगाई थी कलेक्टर से गुहार 
भोपाल। 
दबंग जिला पंचायत सदस्य व कांग्रेसी नेता ठाकुर सुरेंद्र सिंह सोलंकी को अपनी ही जमीन में बने रास्ते को बंद करना भारी पड़ गया। दरअसल जिला प्रशासन ने ग्रामवासियों की शिकायत को गंभीरता से लेते हुए बंद किए गए रास्ते को खुलवाने के साथ-साथ भू-राजस्व संहिता की धारा - 131 के तहत अंतरिम आदेश पारित कर उसे स्थाई रास्ता घोषित कर दिया। हालांकि यह रास्ता श्री सोलंकी की निजी भूमि पर ही बना था और उन्होंने अपनी संपत्ति की सुरक्षा के मद्देनजर ही खोद दिया था। इधर बैरसिया तहसीलदार के नेतृत्व में विजावनकलां गांव पहुंचे दल ने खोदे गए रास्ते को मिट्टी से पूरकर, रास्ते को चालू कराया। 

 यह की गई थी शिकायत - 
  गौरतलब है कि सोमवार को बैरसिया तहसील के मेगरा नवीन पंचायत के अंतर्गत आने वाले ग्राम विजावनकलां के ग्रामीणों ने जिले के प्रभारी मंत्री जयंत मलैया, कृषि मंत्री करण सिंह वर्मा, क्षेत्रीय सांसद कैलाश जोशी सहित कलेक्टर व बैरसिया एसडीएम को शिकायती आवेदन प्रस्तुत किए थे। इसमें उन्होंने क्षेत्रीय जिला पंचायत सदस्य व कांग्रेसी नेता ठाकुर सुरेंद्र सिंह सोलंकी के खिलाफ गांव के निस्तारी मार्ग को  खोदकर बंद करने का आरोप लगाया था। उन्होंने बताया था कि  जिला पंचायत सदस्य की शह पर बिजावन गांव के ही कुछ दबंग लोगों ने लगभग 25 एकड़ सरकारी निस्तारी भूमि पर कब्जा कर लिया है। इसी भूमि में शासकीय प्रायमरी स्कूल व रास्ता भी बना है। रास्ते को दबंगों द्वारा बंद किए जाने के कारण स्कूली बच्चों और मवेशियों घर से निकलना भी दूभर हो गया है। 

 यह चली कारर्वाई - एसडीएम बैरसिया आशीष पाठक ने बताया कि कलेक्टर के निर्देश पर तत्काल मामले की जांच की गई। इस दौरान सामने आया कि जिस रास्ते को जिला पंचायत सदस्य ने बंद किया है, वह निजी है। जब श्री सोलंकी से उनसे जानकारी ली गई तो उन्होंने स्वयं बताया कि इस जमीन पर पिछले आठ साल से रास्ता बना हुआ है। जमीन के संरक्षण   को दृष्टिगत रखते हुए रास्ते को बंद किया गया है। हालांकि जिस जमीन से रास्ता निकले करीब 3 साल हो चुके हों। चाहे व जमीन निजी हो या सरकारी। उसको बंद नहीं किया जा सकता है। वह तीन साल बाद पारंपरिक मार्ग हो जाता है। इस नियम को ध्यान में रखते हुए भू-राजस्व संहिता की धारा - 131 के तहत रास्ते को स्थाई रास्ता घोषित कर दिया गया है। आदेश में धारा- 341 का भी उल्लेख किया गया है। इसमें बताया गया है कि यदि इस रास्ते को दोबारा बंद करने का प्रयास किया गया तो संबंधित व्यक्ति के खिलाफ कारर्वाई सुनिश्चित की जाएगी। इसके बाद तहसीलदार के नेतृत्व में एक टीम सीधे मौका स्थल पर पहुंची और खुदे हुए रास्तो को पूरने के बाद रास्ता चालू कर दिया गया। हालांकि इस दौरान थोड़ी बहस जरूर हुई, लेकिन पुलिस बल की मौजूदगी में पूरी कारर्वाई विधिवत रूप से संपन्न हुई।