शनिवार, 27 जुलाई 2013

बिना ड्रेस कैसे ‘स्कूल चले हम’

-न खुले खाते न मिली राशि, स्कूल शिक्षा विभाग नहीं ले पाया निर्णय  
भोपाल। 
स्कूल खुले एक माह हो चुका है। मप्र स्कूल शिक्षा विभाग अब भी यह तय नहीं कर पाया है कि शासकीय शालाओं में पढ़ने वाले विद्यार्थियों को डेÑस की राशि नगद देनी है या चेक के जरिए। विभागीय असमंजस के चलते प्रदेश के ढाई व जिले के डेढ़ लाख बच्चे बिना यूनिफार्म स्कूल जाने को मजबूर हैं। 
ऐसे में ‘स्कूल चले हम’ कैसे सार्थक होगा? एक बड़ा सवाल है। यूनिफार्म की राशि न मिलने संबंधी कई चिट्ठियां अलग-अलग स्कूल राज्य शिक्षा केंद्र को लिख चुके हैं। दूसरी ओर जिम्मेदार इस मामले पर कुछ भी नहीं कहना चाहते। गौर करने वाली बात यह है कि छात्र-छात्राओं को यूनिफार्म की राशि शुरूआती दिनों में वितरित कर दी जानी चाहिए थी। यह निर्णय पूर्व में ही ले लिया गया था। बावजूद इसके राज्य शिक्षा केंद्र राशि का निर्धारण ही नहीं कर पाया है। नियमानुसार छात्र-छात्राओं को स्कूल खुलने के पहले दिन ही किताबों के साथ ड्रेस दे दी जानी चाहिए। लेकिन पिछले वर्ष इस नियम में परिवर्तन कर दिया गया। नए नियम के तहत ड्रेस की राशि विद्यार्थियों के बैंक खाते में देनी है। अब हर छात्र का बैंक में खाता खुलवाना अनिवार्य होगा। इसके बाद ही यह राशि उनके खाते में जमा हो पाएगी। ऐसे में सवाल यह उठता है कि जब माता-पिता को ही बैंक अधिकारी तकनीकी खामियां अथवा कागजी दस्तावेज पूरे न होना बताकर वापस कर देते हैं, ऐसे में खाते कैसे खुलेंगे? 

-आधे प्रदेश की हालत खराब 
ड्रेस और किताबों के वितरण की बात करें तो आधे प्रदेश की हालत खराब है। प्रदेश में 65 हजार मिडिल स्कूल हैं। इनमें 2.50 लाख बच्चे ऐसे हैं, जिन्हें यूनिफार्म नहीं मिली है। शिक्षा विभाग के सूत्रों की माने तो रायसेन, होशंगाबाद, हरदा, बैतूल, झाबुआ, रतलाम, अशोकनगर, गुना, ग्वालियर, इंदौर सहित ऐसे दो दर्जन जिले हैं, जहां अब बच्चों को ड्रेस नहीं मिल पाई है न ही इन्हें राशि मिली है। राजधानी के फंदा और व बैरसिया विकास खंड में करीब डेढ़ लाख बच्चों को ड्रेस नहीं मिली है। दूसरी ओर परियोजना समन्वयकों का कहना है, बीते साल की राशि बचत में है। पर इसका उपयोग कहा करना है, इसके कोई निर्देश ही नहीं मिले हैं। 

-निर्णय नहीं हुआ 
किस क्लॉस के छात्र को यूनिफार्म के लिए कितनी राशि दी जानी है, इसका निर्धारण नहीं हो पाया है। राशि नकद अथाव चेक के जरिए छात्रों को देनी है। इस पर निर्णाय होना बाकी है। विभाग जल्दी ही यह प्रक्रिया पूरी कर लेगा। संभवत: अगस्त शुरुआत ेयह दिक्कत खत्म हो जाएगी। 
रश्मि अरुण शमी, आयुक्त 
राज्य शिक्षा केंद्र 
 

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