शनिवार, 27 जुलाई 2013

आज से फिर दौड़ेंगी फाइलें, बाबूओं की हड़ताल खत्म

या
बाबू आज से फिर दौड़ेंगे फाइलें लेकर 
-शुक्रवार देर शाम लिपिकों ने ली हड़ताल वापस 
-सरकार ने वेतन काटने का लिया था निर्णय, मुख्यमंत्री के प्रमुख से मिला था संघ 
-कहा आश्वासन के बाद लिया निर्णय 
भोपाल। 
मंत्रालय से लेकर प्रदेश के तमाम सरकारी दफ्तरों में शनिवार से फिर बाबू फाइलें लेकर दौड़ेंगे। बीते 4 जुलाई से अनिश्तिकालीन हड़ताल पर चल रहे लिपिकों ने शुक्रवार शाम 4 बजे इसे खत्म कर दी। मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव मनोज श्रीवास्तव से मिलने के बाद हड़ताल खत्म की। 
मप्र तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ के बैनर तले चल रही इस हड़ताल से प्रदेश भर के दफ्तरों में काम काज प्रभावित हो रहा था। हड़ताल खत्म किए जाने पहले लिपिकों ने बोर्ड आफिस चौराहे पर वेतन विसंगति को लेकर सरकार को कोसते हुए अपनी भड़ास निकाली। प्रांतीय अध्यक्ष एमएल मिश्रा ने बताया, श्री श्रीवास्तव से उनके नेतृत्व में एक दल मिला, जिसके बाद हड़ताल स्थगित करने का निर्णय लिया गया। हड़ताल खत्म होने से सरकारी आॅफिसों में व्यवस्था पटरी पर लौटने की उम्मीद है। 

-15 अगस्त का इंतजार 
लिपिकों को अब 15 अगस्त का इंतजार है। संघ के प्रांतीय अध्यक्ष श्री मिश्रा ने बताया, सुबह संघ की संघर्ष समिति के सदस्यों ने श्री श्रीवास्तव से बातचीत की थी। इसके बाद उनसे मुलाकात हुई। उन्होंने बताया, प्रमुख सचिव ने 15 अगस्त के भीतर मांगों को लेकर आदेश जारी करने का भरोसा दिलाया है। मप्र तृतीय वर्ग शासकीय कमर्चारी संघ के एक प्रतिनिधिमंडल ने यह जानकारी भी दी कि यदि जल्द ही उनकी मांगे पूरी न की गई तो वे फिर से आंदोलन पर जा सकते हैं। 

-यह है मुद्दा 
प्रदेश सरकार ने निर्धारित कुल 140 कैडर में लिपिकों को छोड़कर अन्य 139 कैडर के कर्मचारियों को 1981 में चौधरी वेतन आयोग की सिफारिश पर वेतनमान 515-840 का लाभ दिया। इसमें लिपिकों के अन्य संवर्ग शिक्षक, पटवारी, आरक्षक, पशु चिकित्सा क्षेत्र सहायक, और वनपाल के पद प्रमुख हैं। बावजूद इसके लिपिकों का वेतनमान 169-300 ही बनाया जा रहा है। 1981 से ही यह विसंगति चली आ रही है, जिसे अब तक दूर नहीं किया गया है। यही सब से बड़ा मुद्दा कर्मचारियों का है। 

बाबूओं की स्थिति 
विभाग संख्या 
राजस्व 20 हजार
पीडब्ल्यूडी 8 हजार
पीएचई 8 हजार
स्वास्थ्य 7 हजार
उच्च शिक्षा 4 हजार
सतपुड़ा 1500 
विंध्याचल 1500
तृतीय वर्ग कर्मचारी (राजधानी में)26,977 

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