शुक्रवार, 19 जुलाई 2013

... तो समय पर कैसे तैयार होगी जानकारी

  - बड़े तालाब के संरक्षण की नहीं है फिक्र
  - मामला ग्रीन ट्रिब्यूनल तालाब के कैचमेंट एरिया में हुए निर्माण की मांगी गई जानकारी का 
 भोपाल।
 बड़े तालाब के कैचमेंट एरिया में हुए निर्माणों को लेकर नेशनल ग्रीन टिब्यूनल द्वारा मांगी गई जानकारी भेजने की चिंता संभागायुक्त समिति व जिला अधिकारियों को कितनी है। यह स्थिति गुरूवार को उस समय देखने को मिली, जब बड़े तालाब के संबंध में एक पत्र सुबह ही कुछ वृत्तों के अधिकारियों को मिला। आनन फानन में टीमें पहुंचाई गई, लेकिन भारी बारिश के चलते कैचमेंट एरिया में कीचड़ मची हुई है। इधर अधिकारियों को समझ नहीं आ रहा है कि आखिर वह रिपोर्ट एक ही दिन में तैयार कर भेजे तो कैसे? इन परिस्थियों के चलते न तो जानकारी तैयार हो सकी और न ही रिपोर्ट भेजी जा सकी। हालांकि शुक्रवार को समिति ने इस संबंध में एक बैठक बुलाई है। 
 गौरतलब है कि बड़े तालाब के संरक्षण व संवर्धन के लिए राजधानी स्थित नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल की सेंट्रल जोन बैंच ने 24 मई 2013 को आदेश पारित कर संभागायुक्त की अध्यक्षता में बड़े तालाब के संरक्षण और संवर्धन के लिए एक समिति गठित की थी। ट्रिब्यूनल ने जुलाई में होने वाली अगली सुनवाई में समिति द्वारा की गई कारर्वाई से 18 जुलाई तक अवगत कराने के निर्देश दिए थे। लेकिन संभागायुक्त समिति के जि मेदार अधिकारियों ने इस ओर ध्यान तक नहीं दिया और 16 जुलाई को कलेक्टर निशांत वरवड़े को एक पत्र जारी कर बड़े तालाब के कैचमेंट एरिया के निर्माण कार्यों की पूरी जानकारी मांगी। यह जानकारी 18 जुलाई तक देने को भी कहा। यह पत्र 17 जुलाई को कलेक्टर श्री वरवड़े के पास पहुंचा और उन्होंने 18 जुलाई को सुबह ही बड़े तालाब के क्षेत्र में आने वाले निर्माण की जांच रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए विभिन्न वृत्तों के अधिकारियों को पत्र लिख दिया। इस पक्ष में भी जानकारी 18 जुलाई तक ही देने को कहा गया, ताकि सं ाागायुक्त कार्यालय में 19 जुलाई को होने वाली बैठक में यह रिपोर्ट प्रस्तुत की जा सके और ट्रिब्यूनल को भी भेजी जा सके। इधर पत्र पाकर विभिन्न वृत्तों के अधिकारियों ने तत्काल कारर्वाई शुरू की, क्योंकि शाम तक जानकारी जो जाना था। तहसीलदार से लेकर आरआई तक को मौके मुआयने पर भेजा गया। इसके बाद भी जानकारी तैयार नहीं हो सकी

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