-आईजी ने कहा, डाटा से निकाला जा रहा रिकार्ड
हेमन्त पटेल, भोपाल।
पीएमटी में फर्जीवाड़ा उजागर होने के बाद प्रदेश के विभिन्न चिकित्सा महाविद्यालय में शिक्षारत करीब 900 डॉक्टरों की डिग्री खतरे में पड़ सकती है। यह बात अब तक जब्त रिकार्ड के आधार पर सामने आ रही है।
रिकार्ड के आधार पर जांच अधिकारी अब यह छात्र किन कॉलेजों में अध्ययनरत हैं, इस तफ्तीश में जुट गई है। जांच अधिकारियों का कहना है, इस मामले कई ओर राज उजागर हो सकते हैं। इसमें जो भी लोगों सामने आएंगे उन पर निष्पक्ष कार्रवाई की जाएगी।
प्रिंसिपल सिस्टम के एनॉलिस्ट नितिन महेंद्र के घर से कंप्यूटर से जब्त रिकार्ड के बाद लगभग एक हजार परीक्षार्थी सामने आ रहे हैं। इन्होंने सागर की मदद से परीक्षा में बैठे थे। पुष्ट सूत्रों की माने तो आने वाले सप्ताह में व्यापमं में संचालक पंकज त्रिवेदी से फिर पूछताछ हो सकती है।
भोपाल के साथ रीवा, ग्वालियर, सागर, जबलपुर और इंदौर में टीम पहले ही सक्रीय हो चुकी है। वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देश के बाद यह के कॉलेजों में उन छात्रों की खोजबीन में जुटेगी, जिन्होंने सागर के माध्यम से दाखिला लिया है। वर्तमान यह सभी छात्र एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहे हैं। इनमें से कुछ का यह अंतिम वर्ष है। दूसरी ओर उन विद्यार्थियों में भी हड़कंप मच गया है, जो अब पेशेवर डॉक्टर होने वाले हैं।
-एक्सपर्ट को बुलवाया
इंदौर क्राइम ब्रांच ने व्यापमं के सेंट्रल सर्वर की हार्ड डिस्क जब्त की थी उसे अब एक्सपर्ट देखेंगे। इसके लिए मुम्बई से आईटी एक्सपर्ट्स की एक टीम इंदौर पहुंचेगी। इस आधार पर आगे की रणनीति तैयार होगी। तकनीकी जानकारों के अनुसार इस इनवेस्टिगेशन के बाद जिस-जिस कॉलेज व परीक्षार्थी का नाम सामने आएगा। उससे पूछताछ की जाएगी।
-वर्जन
मामले में जो भी व्यक्ति सामने आएगा उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। कई अन्य लोगों के नाम सामने आ सकते हैं।
विपिन माहेश्वरी, आईजी, इंदौर
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