बिहार जाएगी एक टीम, व्यापमं का पुराना स्टॉफ शक के घेरे में
भोपाल।
प्री मेडिकल टेस्ट (पीएमटी) के फर्जीवाड़े में अभी ओर भी पर्तें खुलनीं बाकी हैं। जल्द ही इंदौर क्राइम ब्रांच की एक टीम इंदौर जाएगी। टीम वहां 2012 में भोपाल के कोहेफिजा में पकड़े एक दर्ज छात्रों से पूछताछ करेगी।
भोपाल पुलिस ने उस वक्त इन्हें सामान्य केस दर्ज करते हुए छोड़ दिया था। हालांकि इनका नाम, नम्बर और पता रोजनामचा में दर्ज किया गया था। वहीं इंदौर के शर्मा होटल से हिरासत में लिए गए चिकित्सा क्षेत्र के 4 लोगों से भी पूछताछ की जाएगी। इन्हें जून में हुई पीएमटी की परीक्षा के ठीक एक दिन पहले हिरासत में ले पूछताछ की थी। इनमें से दो छात्रों ने उत्तर प्रदेश की यूपीपीएमटी परीक्षा में सिलेक्शन होना बताया था। इन छात्रों से भी नए सिरे से पूछताछ की जाएगी। इन्होंने पूछताछ में बताया था उनका मप्र की पीएमटी की परीक्षा से कोई मतलब नहीं है। वह पूर्व से ही चयनित हैं, चूंकि मित्र मप्र से अच्छी तरह वाकिफ हैं और वे यहीं से एमबीबीएस की डिग्री हांसिल करना चाहते हैं, इसलिए वे केवल दोस्त होने के नाते मप्र आए हैं। इधर तफतीश में सागर और दीपक यादव से कई अन्य नामों के उजागर होने की बात कही जा रही है।
सूत्रों की माने तो दीपक ने माना कि व्यापमं में परीक्षा की पूरी व्यवस्था सेटिंग पर आधारित होती है। उसने कबूला कि उसने कई ऐसे लोगों को भी एमबीबीएस में दाखिला दिलाया है, जो केवल सामान्य अंकों से बायोलॉजी में उत्तीर्ण हुए थे। खास तौर पर उसका विश्वास परिजनों के जरिए दिए कैंडिडेट पर हुआ करता था। पूछताछ के आधार पर व्यापमं में लगा पुराने स्टॉफ के सदस्यों से भी पूछताछ होना संभव है।
-यही चाहती थी टीम
व्यापक के परीक्षा नियंत्रक पंकज त्रिवेदी के निलंबन को लेकर भी इंनवेस्टिगेशन टीम में चर्चा जोरों पर हैं। सूत्रों की माने तो टीम यही चाहती थी कि पंकज को राज्य शासन निलंबित करे, इससे टीम स्वतंत्र रूप से बिना शासकीय दबाव के पूछताछ कर सकेगी। ऐसा भी बताया जा रहा है कि भाजपा सरकार में कुछ मंत्रियों से पंकज की नजदीकियां हैं, जिन्होंने अब दूरियां बना ली हैं। उल्लेखनीय है कि ग्वालियर संभाग से हालिया भाजपा में शामिल हुए एक नेता के तार इस फर्जीवाड़े से जोड़े जा रहे हैं। इसी प्रकार इंदौर-उज्जैन संभाग के एक अन्य भाजपा नेता के शामिल होने के भी सबूत मिलना बताए जा रहे हैं।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें