कलेक्टर व जिला निर्वाचन अधिकारी के निर्देश किस तरह हवा में उड़ाए जा रहे हैं। इसका सबसे अच्छा उदाहरण पेश किया है, जिले में स्थापित 376 विभागों के अधिकारियों ने। इनमें से केवल 87 विभागों के अधिकारियों ने ही अपने कार्यालय में पदस्थ अधिकारी-कमर्चारियों की सूची मतदाता पहचान पत्र क्रमांक के साथ कलेक्टर कार्यालय को भेजी है, जबकि बचे हुए विभागों को निर्देश संबंधी पत्र के साथ रिमाइंडर भी भेज दिया गया है। बावजूद इसके उनके काम में जूं नहीं रेंग रही है। जिला प्रशासन ने अब इस जानकारी को मंगवाने के लिए दूसरी बार रिमाइंडर भेज रहे हैं। यदि इसके बाद भी विभाग से सूची प्राप्त नहीं होती है तो इलेक्शन एक्ट के तहत कारर्वाई की जाएगी। अधिकारी-कमर्चारियों के निलंबन से लेकर जुर्माना व अन्य कारर्वाई भी संभव है।
15 जुलाई को कलेक्टर निशांत वरवड़े ने टीएल बैठक में सभी जिला कार्यालय प्रमुखों को उनके कार्यालयों में पदस्थ अधिकारी-कमर्चारियों की सूची मतदाता पहचान पत्र क्रमांक के साथ कलेक्टर कार्यालय की निर्वाचन शाखा में अगले दो दिन में देने के निर्देश दिए थे। यहीं नहीं उन्होंने साफ कहा था कि ऐसा न करने वाले अधिकारी स्वयं उपस्थित होकर बतायेंगे कि उन्होंने सूची क्यों नहीं भेजी। हालात यह है कि यह आदेश केवल कागजी ही साबित हुआ। विभागीय जिला प्रमुखों ने इसको गंभीरता से नहीं लिया और भूल गए। हालांकि जिला निर्वाचन शाखा ने सभी विभागों को दो दिन बाद रिमाइंडर भी भेजा, लेकिन जानकारी नहीं आई। सोमवार को टीएल बैठक में यही मामला उठा तो कलेक्टर श्री वरवड़े ने सभी अधिकारियों को दोबारा रिमाइंडर भेजकर जानकारी मंगवाने को कहा। इसके अतिरिक्त कारर्वाई की चेतावनी भी दी।
बोले अधिकारी
सभी जिला कार्यालय प्रमुखों को रिमाइंडर भेजा जा रहा है, ताकि सूची जल्द से जल्द प्राप्त हो सके। जो सूची जल्द नहीं भेजेंगे, उनके खिलाफ कारर्वाई की जाएगी।
बसंत कुर्रे, अपर कलेक्टर भोपाल
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