-भोपाल में हुई तैयारियों के सिलसिले में उच्च-स्तरीय बैठक
-लाहोटी ने अधिकारियों से कहा- दिक्कत हो तो बेझिझक बताएं
भोपाल।
सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार 23 नवंबर को राष्ट्रीय लोक अदालत होगी। इसमें सभी प्रकार के करीब 23 लाख प्रकरण निपटने की उम्मीद है। अदालत की पूर्व तैयारियों के संबंध में शनिवार को ईदगाह हिल्स स्थित वीआईपी गेस्ट हाऊस में प्रदेश की विभिन्न अदालतों के न्यायाधीशों और अधिकारियों की एक बैठक हुई। मप्र उच्च न्यायालय के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश एवं कार्यपालक अध्यक्ष राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण कृष्ण कुमार लाहोटी की अध्यक्षता में हुई इस उच्च-स्तरीय बैठक में सभी ने अपने विचार रखे। बैठक में मप्र उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार जनरल वेदप्रकाश और राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के सदस्य सचिव अनुराग श्रीवास्तव सहित प्रदेश के विभिन्न विभाग के विभाग प्रमुख शामिल हुए। श्री लाहोटी ने वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों से कहा, राष्ट्रीय लोक अदालत सर्वोच्चय न्यायालय से लेकर तहसील न्यायालय स्तर तक होंगी। यह बहुत महत्वपूर्ण है। इससे पक्षकारों के मध्य आपसी राजीनामा के आधार पर विवाद निपटाए जाएंगे।
-इनका होगा निराकरण
राष्ट्रीय लोक अदालत में सालों से लंबित सिविल, आपराधिक, नेगोशिएबल इंस्टूमेंट एक्ट के अन्तर्गत चेक बॉउंस, विद्युत अधिनियम के अन्तर्गत, मोटर दुर्घटना दावा, परिवार संबंधी विवाद,प्लीबारगेनिंग, ग्राम न्यायालय, भू-अर्जन से संबंधी प्रकरण, श्रम, सहकारिता, उपभोक्ता फोरम, राजस्व, नगर पालिका, नगर निगम, नगर पंचायत, भू-लिटीगेशन प्रकरणों का निराकरण किया जाएगा। कोशिश होगी यह प्रकरण आपसी राजीनामा के आधार पर निपट जाएं। अदालत की रूप रेखा को लेकर श्री लाहोटी ने वरिष्ठ अधिकारियों को अवगत कराया। श्री लाहोटी ने अधिकारियों से का अगर कहीं दिक्कत हो तो वे खुलकर कह सकते हैं। मैं सुनने के लिए आया हूं। एक वरिष्ठ अधिकारी के सवाल क्या आचार संहिता में यह सब संभव हो जाएगा? पर श्री लाहोटी ने कहा, सारे काम न्यायीक प्रक्रिया के तहत किया जाएगा।
-देखें और निपटाएं
श्री लाहोटी ने विभाग प्रमुखों और वरिष्ठ अधिकारियों से कहा, वह अपने विभाग, बोर्ड, निगम मंडल, तहसीलस्तर तक ऐसे सभी प्रकरणों का निराकरण यथाशीघ्र करें जो प्रथम दृष्ट्या हो सकते हैं। ऐसे प्रकरणों को लोक अदालत के संबंध में चयन करवाएं और यह देखें कि किसी प्रकार में आवेदक ने क्या चाहा है। प्रकरण के विपरीत व्यक्ति को भी देंखे कि आमजन को किसी प्रकार की रिलीफ दी जा सकती है। बैठक में श्री लाहोटी ने वर्ष दिसंबर 2012 में प्रदेश में लोक अदालत हुई थी। इसमें 27 लाख 66 हजार 506 प्रकरण जो विभिन्न न्यायालयों में लंबित और प्रिलिटीगेशन थे उनका निराकरण किया गया था।
-लाहोटी ने अधिकारियों से कहा- दिक्कत हो तो बेझिझक बताएं
भोपाल।
सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार 23 नवंबर को राष्ट्रीय लोक अदालत होगी। इसमें सभी प्रकार के करीब 23 लाख प्रकरण निपटने की उम्मीद है। अदालत की पूर्व तैयारियों के संबंध में शनिवार को ईदगाह हिल्स स्थित वीआईपी गेस्ट हाऊस में प्रदेश की विभिन्न अदालतों के न्यायाधीशों और अधिकारियों की एक बैठक हुई। मप्र उच्च न्यायालय के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश एवं कार्यपालक अध्यक्ष राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण कृष्ण कुमार लाहोटी की अध्यक्षता में हुई इस उच्च-स्तरीय बैठक में सभी ने अपने विचार रखे। बैठक में मप्र उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार जनरल वेदप्रकाश और राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के सदस्य सचिव अनुराग श्रीवास्तव सहित प्रदेश के विभिन्न विभाग के विभाग प्रमुख शामिल हुए। श्री लाहोटी ने वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों से कहा, राष्ट्रीय लोक अदालत सर्वोच्चय न्यायालय से लेकर तहसील न्यायालय स्तर तक होंगी। यह बहुत महत्वपूर्ण है। इससे पक्षकारों के मध्य आपसी राजीनामा के आधार पर विवाद निपटाए जाएंगे।
-इनका होगा निराकरण
राष्ट्रीय लोक अदालत में सालों से लंबित सिविल, आपराधिक, नेगोशिएबल इंस्टूमेंट एक्ट के अन्तर्गत चेक बॉउंस, विद्युत अधिनियम के अन्तर्गत, मोटर दुर्घटना दावा, परिवार संबंधी विवाद,प्लीबारगेनिंग, ग्राम न्यायालय, भू-अर्जन से संबंधी प्रकरण, श्रम, सहकारिता, उपभोक्ता फोरम, राजस्व, नगर पालिका, नगर निगम, नगर पंचायत, भू-लिटीगेशन प्रकरणों का निराकरण किया जाएगा। कोशिश होगी यह प्रकरण आपसी राजीनामा के आधार पर निपट जाएं। अदालत की रूप रेखा को लेकर श्री लाहोटी ने वरिष्ठ अधिकारियों को अवगत कराया। श्री लाहोटी ने अधिकारियों से का अगर कहीं दिक्कत हो तो वे खुलकर कह सकते हैं। मैं सुनने के लिए आया हूं। एक वरिष्ठ अधिकारी के सवाल क्या आचार संहिता में यह सब संभव हो जाएगा? पर श्री लाहोटी ने कहा, सारे काम न्यायीक प्रक्रिया के तहत किया जाएगा।
-देखें और निपटाएं
श्री लाहोटी ने विभाग प्रमुखों और वरिष्ठ अधिकारियों से कहा, वह अपने विभाग, बोर्ड, निगम मंडल, तहसीलस्तर तक ऐसे सभी प्रकरणों का निराकरण यथाशीघ्र करें जो प्रथम दृष्ट्या हो सकते हैं। ऐसे प्रकरणों को लोक अदालत के संबंध में चयन करवाएं और यह देखें कि किसी प्रकार में आवेदक ने क्या चाहा है। प्रकरण के विपरीत व्यक्ति को भी देंखे कि आमजन को किसी प्रकार की रिलीफ दी जा सकती है। बैठक में श्री लाहोटी ने वर्ष दिसंबर 2012 में प्रदेश में लोक अदालत हुई थी। इसमें 27 लाख 66 हजार 506 प्रकरण जो विभिन्न न्यायालयों में लंबित और प्रिलिटीगेशन थे उनका निराकरण किया गया था।
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