-हर विधानसभा पर तैयार हुई 10 चुनाव समिति
-प्रत्येक समिति में 2 से लेकर 4 अधिकारी
-संवेदनशील बूथ चिंहित करने का काम शुरू
हेमन्त पटेल, भोपाल।
विधानसभा में इस बार उम्मीदवारों की दिक्कतें बढ़ने वाली है। माथे पर बल पड़ने का कारण चुनाव आयोग द्वारा हर विधानसभा पर 10 चुनाव समितियां तैनात करना है। आचार संहिता लगने के साथ ही ये समितियां सक्रिय होंगी। सूत्रों की माने तो निर्वाचन पदाधिकारियों ने काम शुरू कर दिया है। इसके तहत जिले में दो संवेदशील बूथ चिंहित किया है। हालांकि इन बूथों के नाम सार्वजनिक करने से जिला निर्वाचन कार्यालय ने साफ इंकार कर दिया है।
आयोग समितियों के जरिए एक विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले सभी पोलिंग बूथों पर नजर रखेगी। बीते दिनों कलेक्टर कार्यालय में हुई बैंक अधिकारियों की एक बैठक में कैस ट्रांसफर और चुनाव व्यय पर नजर रखने के निर्देश दिए गए थे। इसी के साथ चुनाव खर्च के लिए भी अभ्यर्थियों का अगल खाता खोलाने के निर्देश दिए थे। इसका लेखा-जोखा जहां बैंक कलेक्टर कार्यालय में जिला निर्वाचन अधिकारियों को देंगे। वहीं उम्मीदवार को भी खर्च का विवरण देना होगा। दूसरा आयोग प्रत्याशी और लोगों द्वारा की गई शिकायतों की भी जांच करेगा। प्रत्येक समिति में 2 से 4 निर्वाचन अधिकारी शामिल हैं। जिला निर्वाचन शाखा की माने तो समिति में शामिल अधिकारियों की संख्या घट बढ़ सकती है।
-यह होंगे समिति के काम
चुनाव आयोग ने दसों चुनाव समितियों अलग-अलग काम सौंपे हैं। इसमें बूथों की निगरानी, आम जनता द्वारा की गई शिकायत पर एक्शन लेना, बूथों पर होने वाली रिकॉर्डिंग की जांच पड़ताल करना और पेड न्यूज नजर रखना आदि शामिल है। पेड न्यूज की पुष्टी होने पर 36 घंटे में कार्रवाई होगी। समितियां आचार संहिता लगने के साथ औपचारिक तौर पर सक्रिय होंगी।
-यहां रहेगी ज्यादा नजर
प्राप्त जानकारी के अनुसार निर्वाचन पदाधिकारियों ने पोलिंग बूथों का दौरा करना शुरू कर दिया है। इनमें से संभावित संवेदनशील बूथ चिंहित करने का काम शुरू हो गया है। सूत्रों की माने तो भोपाल जिले में ऐसे दो बूथ सामने आ रहे हैं, जहां तनाव या अभ्यर्थी के गुट बहुमतों को लेकर विवाद की स्थिति निर्मित कर सकते हैं। ऐसी स्थिति से निपटने आयोग ने पूर्व से ही तैयारी की है।
-वर्जन
आयोग की मंशा अनुसार चुनाव समितियां बनाई गई हैं। समिति में 2 से लेकर 4 चुनाव अधिकारी शामिल हैं। आचार संहित के साथ ये समितियां सक्रिय भूमिका में होंगी। प्रत्येक समिति का अलग काम होगा।
अक्षत सिंह, अपर कलेक्टर एवं उप जिला निर्वाचन अधिकारी
-प्रत्येक समिति में 2 से लेकर 4 अधिकारी
-संवेदनशील बूथ चिंहित करने का काम शुरू
हेमन्त पटेल, भोपाल।
विधानसभा में इस बार उम्मीदवारों की दिक्कतें बढ़ने वाली है। माथे पर बल पड़ने का कारण चुनाव आयोग द्वारा हर विधानसभा पर 10 चुनाव समितियां तैनात करना है। आचार संहिता लगने के साथ ही ये समितियां सक्रिय होंगी। सूत्रों की माने तो निर्वाचन पदाधिकारियों ने काम शुरू कर दिया है। इसके तहत जिले में दो संवेदशील बूथ चिंहित किया है। हालांकि इन बूथों के नाम सार्वजनिक करने से जिला निर्वाचन कार्यालय ने साफ इंकार कर दिया है।
आयोग समितियों के जरिए एक विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले सभी पोलिंग बूथों पर नजर रखेगी। बीते दिनों कलेक्टर कार्यालय में हुई बैंक अधिकारियों की एक बैठक में कैस ट्रांसफर और चुनाव व्यय पर नजर रखने के निर्देश दिए गए थे। इसी के साथ चुनाव खर्च के लिए भी अभ्यर्थियों का अगल खाता खोलाने के निर्देश दिए थे। इसका लेखा-जोखा जहां बैंक कलेक्टर कार्यालय में जिला निर्वाचन अधिकारियों को देंगे। वहीं उम्मीदवार को भी खर्च का विवरण देना होगा। दूसरा आयोग प्रत्याशी और लोगों द्वारा की गई शिकायतों की भी जांच करेगा। प्रत्येक समिति में 2 से 4 निर्वाचन अधिकारी शामिल हैं। जिला निर्वाचन शाखा की माने तो समिति में शामिल अधिकारियों की संख्या घट बढ़ सकती है।
-यह होंगे समिति के काम
चुनाव आयोग ने दसों चुनाव समितियों अलग-अलग काम सौंपे हैं। इसमें बूथों की निगरानी, आम जनता द्वारा की गई शिकायत पर एक्शन लेना, बूथों पर होने वाली रिकॉर्डिंग की जांच पड़ताल करना और पेड न्यूज नजर रखना आदि शामिल है। पेड न्यूज की पुष्टी होने पर 36 घंटे में कार्रवाई होगी। समितियां आचार संहिता लगने के साथ औपचारिक तौर पर सक्रिय होंगी।
-यहां रहेगी ज्यादा नजर
प्राप्त जानकारी के अनुसार निर्वाचन पदाधिकारियों ने पोलिंग बूथों का दौरा करना शुरू कर दिया है। इनमें से संभावित संवेदनशील बूथ चिंहित करने का काम शुरू हो गया है। सूत्रों की माने तो भोपाल जिले में ऐसे दो बूथ सामने आ रहे हैं, जहां तनाव या अभ्यर्थी के गुट बहुमतों को लेकर विवाद की स्थिति निर्मित कर सकते हैं। ऐसी स्थिति से निपटने आयोग ने पूर्व से ही तैयारी की है।
-वर्जन
आयोग की मंशा अनुसार चुनाव समितियां बनाई गई हैं। समिति में 2 से लेकर 4 चुनाव अधिकारी शामिल हैं। आचार संहित के साथ ये समितियां सक्रिय भूमिका में होंगी। प्रत्येक समिति का अलग काम होगा।
अक्षत सिंह, अपर कलेक्टर एवं उप जिला निर्वाचन अधिकारी
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें