-तारीख अब तक नहीं हो सकी तय, जिले में 8852 को बांटे जाने है पट्टे
भोपाल।
मुख्यमंत्री आश्रय योजना के तहत जिले में सर्वे के बाद करीब 8852 लोग सामने आए हैं, जिन्हें पट्टे बांटे जाना है। चुनाव नजदीक है और आचार संहिता भी लगने वाली है। बावजूद इसके शासन अब तक यह तय नहीं कर पाया है कि इन 8852 चिंहित लोगों में से वास्तविक तौर पर पट्टे का स्थाई अथवा वास्तविक मालिक कौन होगा?
हालांकि प्रशासनिक अफसरों ने योजना के तहत जिले में स्थाई और अस्थाई पट्टे के लिए सूची तैयार कर ली है। सूची के साथ ही अफसरों ने स्पष्ट कर दिया है कि शासन की गाइडलाइन के अनुसार अस्थाई पट्टेधारियों को मालिकाना हक नहीं मिलेगा। शासन कभी भी किसी भी प्रोजेक्ट के लिए इनके उपभोग वाली भूमि अधिगृहित कर सकती है। यह अस्थाई पट्टा मिलने पर उक्त जमीन पर अस्थाई निर्माण ही कर पाएंगे। दूसरी और इस जमीन से हटाए जाने पर इन्हें कहीं ओर जमीन दी जाएगी, इस बारे में भी स्थिति साफ नहीं हो सकी है। दूसरी ओर बड़ा सवाल यह है कि यह पट्टे कब बांटे जाएंगे यह तारीख भी नियत नहीं हो पाई है।
-...तो मिलेगा पट्टा
मुख्यमंत्री आश्रय योजना के तहत उन लोगों को पट्टे दिए जा रहे हैं, जो मुख्यमंत्री शिवराज सिंह की घोषणा अनुरूप 31 दिसंबर 2012 तक किसी सरकारी जमीन पर काबिज हैं। इसके बाद वालों को इस सूची में शामिल नहीं किया गया है। साथ ही ऐसी भूमि जहां भविष्य में शासन की विकास योजनाएं संभावित हैं, उन भूमियों को चिन्हित किया जा चुका है। अथवा संभावना पर छोड़ा गया। कलेक्टर की अध्यक्षता वाली समिति ने इन्हें अस्थाई पट्टे देने का फैसला लिया है। डूडा के परियोजना अधिकारी एसएस धाकरे के अनुसार अस्थाई पट्टेधारकों को शासन कभी भी दूसरी जगह शिफ्ट कर सकता है। जब इन्हें स्थाई पट्टे का अधिकार मिल जाएगा तो वह उस स्थान पर पक्के निर्माण कर सकते हैं।
-यह है पट्टे के लिए शर्ते
जिले के 8852 लोगों को पट्टे दिए जाएंगे। इनमें से 4131 स्थाई व 4721 अस्थाई पट्टे शामिल हैं। सर्कुलर में दोनों पट्टाधारकों के लिए अलग-अलग शर्तें हैं। स्थाई के लिए यदि लोक हित में बस्ती को अन्यत्र स्थानांतरण किया जाता है तो पट्टे के माध्यम से मिला जमीन का अधिकार निरस्त कर दिया जाएगा। वहीं पट्टेदार, उसे आवंटित जमीन का उप पट्टा, विक्रय पत्र, दान पत्र बंधक के तौर पर या अन्य किसी तरीके से इसे बेचने की कोशिश नहीं कर सकता। इस जमीन का उपयोग केवल आवासीय होगा। इन शर्तों का उल्लघन होने पर संबंधित पट्टाधारक से जमीन वापस शासन के नाम दर्ज की जाएगी। इसी स्थिति को अस्थाई पट्टा धारक को भी निभाना होगा, लेकिन उन्हें शासन के आदेशानुसार हटना भी पड़ सकता है।
-इसलिए किया कार्यक्रम निरस्त
पट्टों का वितरण बुधवार को ही मुख्यमंत्री करने वाले थे। लेकिन इसे निरस्त करने कारण शहर में हो रही लगातार बारिश बताई जा रही है। अब कार्यक्रम कब होगा, इसको लेकर कोई तारीख तय नहीं की गई है।
-कहां कितने दिए जाएंगे पट्टे
तहसील/वृत्त - झुग्गीवासियों की संख्या - स्थाई पट्टे - अस्थाई पट्टे
तहसील बैरसिया - 218 - 28 - 190
नजूलवृत्त एमपी नगर - 1008 - 693 - 315
नजूल वृत्त गोविंदपुरा - 354 - 0 - 354
नजूल वृत्त बैरागढ़ - 341 - 0 - 341
नजूल वृत्त शहर - 0 - 0 - 0
नजूल वृत्त टीटी नगर - 2757 - 0 - 2757
तहसील हुजूर - 4174 - 3410 - 764
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कुल संख्या - 8852 - 4131 - 4721
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भोपाल।
मुख्यमंत्री आश्रय योजना के तहत जिले में सर्वे के बाद करीब 8852 लोग सामने आए हैं, जिन्हें पट्टे बांटे जाना है। चुनाव नजदीक है और आचार संहिता भी लगने वाली है। बावजूद इसके शासन अब तक यह तय नहीं कर पाया है कि इन 8852 चिंहित लोगों में से वास्तविक तौर पर पट्टे का स्थाई अथवा वास्तविक मालिक कौन होगा?
हालांकि प्रशासनिक अफसरों ने योजना के तहत जिले में स्थाई और अस्थाई पट्टे के लिए सूची तैयार कर ली है। सूची के साथ ही अफसरों ने स्पष्ट कर दिया है कि शासन की गाइडलाइन के अनुसार अस्थाई पट्टेधारियों को मालिकाना हक नहीं मिलेगा। शासन कभी भी किसी भी प्रोजेक्ट के लिए इनके उपभोग वाली भूमि अधिगृहित कर सकती है। यह अस्थाई पट्टा मिलने पर उक्त जमीन पर अस्थाई निर्माण ही कर पाएंगे। दूसरी और इस जमीन से हटाए जाने पर इन्हें कहीं ओर जमीन दी जाएगी, इस बारे में भी स्थिति साफ नहीं हो सकी है। दूसरी ओर बड़ा सवाल यह है कि यह पट्टे कब बांटे जाएंगे यह तारीख भी नियत नहीं हो पाई है।
-...तो मिलेगा पट्टा
मुख्यमंत्री आश्रय योजना के तहत उन लोगों को पट्टे दिए जा रहे हैं, जो मुख्यमंत्री शिवराज सिंह की घोषणा अनुरूप 31 दिसंबर 2012 तक किसी सरकारी जमीन पर काबिज हैं। इसके बाद वालों को इस सूची में शामिल नहीं किया गया है। साथ ही ऐसी भूमि जहां भविष्य में शासन की विकास योजनाएं संभावित हैं, उन भूमियों को चिन्हित किया जा चुका है। अथवा संभावना पर छोड़ा गया। कलेक्टर की अध्यक्षता वाली समिति ने इन्हें अस्थाई पट्टे देने का फैसला लिया है। डूडा के परियोजना अधिकारी एसएस धाकरे के अनुसार अस्थाई पट्टेधारकों को शासन कभी भी दूसरी जगह शिफ्ट कर सकता है। जब इन्हें स्थाई पट्टे का अधिकार मिल जाएगा तो वह उस स्थान पर पक्के निर्माण कर सकते हैं।
-यह है पट्टे के लिए शर्ते
जिले के 8852 लोगों को पट्टे दिए जाएंगे। इनमें से 4131 स्थाई व 4721 अस्थाई पट्टे शामिल हैं। सर्कुलर में दोनों पट्टाधारकों के लिए अलग-अलग शर्तें हैं। स्थाई के लिए यदि लोक हित में बस्ती को अन्यत्र स्थानांतरण किया जाता है तो पट्टे के माध्यम से मिला जमीन का अधिकार निरस्त कर दिया जाएगा। वहीं पट्टेदार, उसे आवंटित जमीन का उप पट्टा, विक्रय पत्र, दान पत्र बंधक के तौर पर या अन्य किसी तरीके से इसे बेचने की कोशिश नहीं कर सकता। इस जमीन का उपयोग केवल आवासीय होगा। इन शर्तों का उल्लघन होने पर संबंधित पट्टाधारक से जमीन वापस शासन के नाम दर्ज की जाएगी। इसी स्थिति को अस्थाई पट्टा धारक को भी निभाना होगा, लेकिन उन्हें शासन के आदेशानुसार हटना भी पड़ सकता है।
-इसलिए किया कार्यक्रम निरस्त
पट्टों का वितरण बुधवार को ही मुख्यमंत्री करने वाले थे। लेकिन इसे निरस्त करने कारण शहर में हो रही लगातार बारिश बताई जा रही है। अब कार्यक्रम कब होगा, इसको लेकर कोई तारीख तय नहीं की गई है।
-कहां कितने दिए जाएंगे पट्टे
तहसील/वृत्त - झुग्गीवासियों की संख्या - स्थाई पट्टे - अस्थाई पट्टे
तहसील बैरसिया - 218 - 28 - 190
नजूलवृत्त एमपी नगर - 1008 - 693 - 315
नजूल वृत्त गोविंदपुरा - 354 - 0 - 354
नजूल वृत्त बैरागढ़ - 341 - 0 - 341
नजूल वृत्त शहर - 0 - 0 - 0
नजूल वृत्त टीटी नगर - 2757 - 0 - 2757
तहसील हुजूर - 4174 - 3410 - 764
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कुल संख्या - 8852 - 4131 - 4721
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