भारत सरकार
कोयला मंत्रालय
05-सितम्बर-2013
कोयला उत्पादन अगस्त 2013 में 11 प्रतिशत बढ़ा
कोयला मंत्रालय देश में कोयले की उपलब्धता बढ़ाने का गंभीर प्रयास कर रहा है। विभिन्न कठिनाईयों के बावजूद कोल इंडिया लिमिटेड ने 2013 के अगस्त महीने में 31.67 मिलियन टन कोयले का उत्पादन किया। यह पिछले वर्ष की इसी अवधि में हुए उत्पादन से 11 प्रतिशत अधिक है। यह जानकारी कोयला मंत्री श्री श्रीप्रकाश जयसवाल ने आज अपने मंत्रालय से संबद्ध संसदीय सलाहकार समिति की बैठक में दी।
उन्होंने बताया कि अप्रैल-अगस्त 2013 में कोयले का कुल उत्पादन 167.32 मिलियन टन हुआ, जो पिछले साल की इसी अवधि में हुए उत्पादन से लगभग तीन प्रतिशत अधिक है। अगस्त, 2013 में कोल इंडिया लिमिटेड से ऊर्जा क्षेत्र की ओर से 25.9 मिलियन टन कोयला उठाया गया। यह पिछले वर्ष की इसी अवधि में उठाए गए कोयले से 5.5 प्रतिशत अधिक है। इसी तरह अप्रैल-अगस्त, 2013 के दौरान ऊर्जा क्षेत्र ने कोल इंडिया लिमिटेड से 140.6 मिलियन टन कोयला उठाया। यह पिछले साल की इसी अवधि से 6.6 प्रतिशत अधिक है। श्री जयसवाल ने बताया कि अर्थव्यवस्था के विभिन्न क्षेत्रों की आवश्यकता पूरी करने के लिए कोयला कंपनियां प्रयास कर रही है।
श्री जयसवाल ने कहा कि कोल भंडार आधार बढ़ाने के लिए खनन गतिविधि बहुत महत्वपूर्ण है। खनन के कार्य में लगी विभिन्न एजेंसियों के प्रयास से कोयले का संसाधन 299 बिलियन टन के स्तर पर पहुंच गया है और लिगनाइट का भंडार 43 बिलियन टन हो गया है, लेकिन कोयला संसाधन का केवल 41 प्रतिशत तथा लिगनाइट का 14 प्रतिशत प्रमाणित श्रेणी में हैं और शेष को प्रमाणित श्रेणी में लाया जाना बाकी है।
श्री जयसवाल ने सदस्यों को जानकारी दी कि एम.एम.डी.आर कानून के प्रावधानों में संशोधन के बाद नीलामी के जरिए कोल ब्लॉक देने संबंधी नये नियम बने हैं।
संसदीय सलाहकार समिति की बैठक में सांसदों ने सुझाव दिया कि आऊट सोर्सिंग एजेंसियों की गतिविधियों को नियमों के दायरे में लाने के लिए कड़ी निगरानी व्यवस्था होनी चाहिए। सदस्यों की शिकायत थी कि अधिकतर एजेंसियां तय मानकों का उल्लंघन करती हैं और स्थानीय लोगों को रोजगार उपलब्ध नहीं कराती। सदस्यों ने सुझाव दिया कि स्थानीय लोगों के हितों के लिए सामाजिक कल्याण संबंधी गतिविधियां बड़े पैमाने पर चलाई जानी चाहिए। बैठक में सर्वश्री हेमंत बिसवाल, गणेश सिंह, पशुपती नाथ सिंह, यशवंत सिन्हा, प्रदीप भट्टाचार्य, संजीव कुमार, ओमप्रकाश यादव, भीष्म शंकर तिवारी, देवी दत्त और रवींद्रकुमार पांडे मौजूद थे।
उन्होंने बताया कि अप्रैल-अगस्त 2013 में कोयले का कुल उत्पादन 167.32 मिलियन टन हुआ, जो पिछले साल की इसी अवधि में हुए उत्पादन से लगभग तीन प्रतिशत अधिक है। अगस्त, 2013 में कोल इंडिया लिमिटेड से ऊर्जा क्षेत्र की ओर से 25.9 मिलियन टन कोयला उठाया गया। यह पिछले वर्ष की इसी अवधि में उठाए गए कोयले से 5.5 प्रतिशत अधिक है। इसी तरह अप्रैल-अगस्त, 2013 के दौरान ऊर्जा क्षेत्र ने कोल इंडिया लिमिटेड से 140.6 मिलियन टन कोयला उठाया। यह पिछले साल की इसी अवधि से 6.6 प्रतिशत अधिक है। श्री जयसवाल ने बताया कि अर्थव्यवस्था के विभिन्न क्षेत्रों की आवश्यकता पूरी करने के लिए कोयला कंपनियां प्रयास कर रही है।
श्री जयसवाल ने कहा कि कोल भंडार आधार बढ़ाने के लिए खनन गतिविधि बहुत महत्वपूर्ण है। खनन के कार्य में लगी विभिन्न एजेंसियों के प्रयास से कोयले का संसाधन 299 बिलियन टन के स्तर पर पहुंच गया है और लिगनाइट का भंडार 43 बिलियन टन हो गया है, लेकिन कोयला संसाधन का केवल 41 प्रतिशत तथा लिगनाइट का 14 प्रतिशत प्रमाणित श्रेणी में हैं और शेष को प्रमाणित श्रेणी में लाया जाना बाकी है।
श्री जयसवाल ने सदस्यों को जानकारी दी कि एम.एम.डी.आर कानून के प्रावधानों में संशोधन के बाद नीलामी के जरिए कोल ब्लॉक देने संबंधी नये नियम बने हैं।
संसदीय सलाहकार समिति की बैठक में सांसदों ने सुझाव दिया कि आऊट सोर्सिंग एजेंसियों की गतिविधियों को नियमों के दायरे में लाने के लिए कड़ी निगरानी व्यवस्था होनी चाहिए। सदस्यों की शिकायत थी कि अधिकतर एजेंसियां तय मानकों का उल्लंघन करती हैं और स्थानीय लोगों को रोजगार उपलब्ध नहीं कराती। सदस्यों ने सुझाव दिया कि स्थानीय लोगों के हितों के लिए सामाजिक कल्याण संबंधी गतिविधियां बड़े पैमाने पर चलाई जानी चाहिए। बैठक में सर्वश्री हेमंत बिसवाल, गणेश सिंह, पशुपती नाथ सिंह, यशवंत सिन्हा, प्रदीप भट्टाचार्य, संजीव कुमार, ओमप्रकाश यादव, भीष्म शंकर तिवारी, देवी दत्त और रवींद्रकुमार पांडे मौजूद थे।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें