भारत सरकार
गृह मंत्रालय
05-सितम्बर-2013
33वें एशिया प्रशांत सुधार प्रशासक सम्मेलन की मेजबानी भारत द्वारा
नई दिल्ली में 22 से 27 सितंबर 2013 तक चलने वाले 33वें एशिया प्रशांत सुधार प्रशासक सम्मेलन की मेजबानी भारत सरकार करेगी। सम्मेलन का उद्घाटन केंद्रीय गृह मंत्री द्वारा किया जाएगा। सुधार पदाधिकारियों के लिए यह एक प्रतिष्ठित समारोह है जिसके द्वारा वे अपने विचार एवं अनुभव एक दूसरे से बांट सकते है तथा कल्याण एवं प्रशासन में सुधार के लिए नये विचार दे सकते है। इसके अलावा 23 सदस्य देशों के प्रतिनिधि राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों के प्रतिनिधि भी सुधार प्रशासकों के साथ सम्मेलन में हिस्सा लेंगे। इस वर्ष की सम्मेलन की विषयवस्तु ''सुधार-रूपांतरण फिर से एकीकरण है।
यह सुधार कल्याण योजना को आगे बढ़ाते हुए तथा समाज के एकीकरण में सहायक हो सकती है। यह सम्मेलन बन्दी के मुक्त होने के बाद उन्हें खुद आत्म-निर्भर बनाने समाज द्वारा स्वीकार्य होने तथा बिना कलंक के समाज के मुख्यधारा में जुड़ने से है। इस सम्मेलन का महत्वपूर्ण कार्य विवरण में तमाम आपराधिक न्यायिक प्रणाली से यह अपेक्षा करता है कि वे अपनी वर्तमान परिभाषित भूमिका से बढ़कर कार्य करें।
एशिया प्रशांत सुधार प्रशासकों का सम्मेलन 23 देशों – अर्थात ऑस्ट्रेलिया, ब्रूनेई, कम्बोडिया, कनाडा, चीन, फिजी, हांगकांग, भारत, इंडोनेशिया, जापान, किरीबाती, फिलीपीन्स, मकाउ, मलेशिया, मंगोलिया, न्यूजीलैंड, फिलीपीन्स, सिंगापुर, सोलोमन द्वीप, श्रीलंका, थाइलैंड, टोन्गा और वियतनाम - का समूह है।
भारत इस संस्था का संस्थापक सदस्य है। 2008 से भारत इस संस्था की संचालन समिति का चयनित सदस्य है। हर वर्ष वार्षिक सम्मेलन इसके सदस्य देशों में बारी-बारी से आयोजित किए जाते हैं, जहां सुधार प्रशासक सदस्य देशों से जेल सुधारों हेतु एशिया प्रशांत क्षेत्र में अपने विचारों का आदान-प्रदान करते है।
ऐसे सम्मेलन सुधार प्रशासकों को अपने ज्ञान बांटने तथा अपने अनुभव एवं अभ्यास जो विभिन्न देशों में अपनाए जाते है उनके आदान प्रदान करने का मौका देते है। 2012 में बुनेई ने इसका अयोजन किया था।
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