-अतिथि विलान प्राध्यापकों के सहारे चल रहा काम, अन्य प्रदेशों की अपेक्षा वेतन भी है कम
भोपाल।
मप्र में उच्च शिक्षा की स्थिति डावा डोल होती दिखाई दे रही है। ऐसा प्रदेश के महाविद्यालयों में शिक्षकों की कमी और अन्य राज्यों की अपेक्षा वेतन में कमी होना है। दूसरा महत्वपूर्ण कारण सरकार की कमजोर नीतियां हैं।
लिहाजा गुणवत्ता शिक्षा पर असर पड़ रहा है। सरकार विभिन्न कालेजों में अतिथि विलानों प्राध्यापकों के भरोसे शिक्षा व्यवस्था संचालित कर रही है। इसके अलावा कॉलेज में उचित बैठक व्यवस्था, भवन और अन्य मूल भूत सुविधाएं अलग हैं। अप्रशिक्षित अतिथि प्राध्यापकों के चलते शिक्षा का स्तर निम्नतम होता दिखाई दे रहा है।
-3 हजार पद खाली
प्रदेश के 367 महाविद्यालयों में पिछले 17-18 वर्षों से सहायक प्राध्यापकों की भर्ती नहीं हुई है। इसके चलते 3 हजार पद रिक्त हो चुके हैं। इनके स्थान पर अतिथि विलान अध्यापकों से काम चलाया जा रहा है। शासन ने अनेक स्थानों पर रिडिपलायमेन्ट किया है ताकि अध्यापन व्यवस्था संचालित हो सके।
लेकिन जो प्रोफेसर अपने महाविद्यालय में कभी कभार कक्षाएं लेते हैं उनसे 20 से 40 किमी दूर जाकर कक्षाएं लेने को कहा जा रहा है। ऐसे में अंदाजा लगाया जा सकता है छात्र-छात्राओं का भविष्य क्या होगा। प्रदेश सरकार का ध्यान इस ओर है ही नहीं।
-किस राज्य में कितना वेतन
राज्य वेतन
छत्तीसगढ़ - 18,840 प्रतिमाह
गुजरात - 16,500 प्रतिमाह
उत्तरप्रदेश - 16,000 प्रतिमाह
मध्यप्रदेश - 8-9 हजार प्रतिमाह
भोपाल।
मप्र में उच्च शिक्षा की स्थिति डावा डोल होती दिखाई दे रही है। ऐसा प्रदेश के महाविद्यालयों में शिक्षकों की कमी और अन्य राज्यों की अपेक्षा वेतन में कमी होना है। दूसरा महत्वपूर्ण कारण सरकार की कमजोर नीतियां हैं।
लिहाजा गुणवत्ता शिक्षा पर असर पड़ रहा है। सरकार विभिन्न कालेजों में अतिथि विलानों प्राध्यापकों के भरोसे शिक्षा व्यवस्था संचालित कर रही है। इसके अलावा कॉलेज में उचित बैठक व्यवस्था, भवन और अन्य मूल भूत सुविधाएं अलग हैं। अप्रशिक्षित अतिथि प्राध्यापकों के चलते शिक्षा का स्तर निम्नतम होता दिखाई दे रहा है।
-3 हजार पद खाली
प्रदेश के 367 महाविद्यालयों में पिछले 17-18 वर्षों से सहायक प्राध्यापकों की भर्ती नहीं हुई है। इसके चलते 3 हजार पद रिक्त हो चुके हैं। इनके स्थान पर अतिथि विलान अध्यापकों से काम चलाया जा रहा है। शासन ने अनेक स्थानों पर रिडिपलायमेन्ट किया है ताकि अध्यापन व्यवस्था संचालित हो सके।
लेकिन जो प्रोफेसर अपने महाविद्यालय में कभी कभार कक्षाएं लेते हैं उनसे 20 से 40 किमी दूर जाकर कक्षाएं लेने को कहा जा रहा है। ऐसे में अंदाजा लगाया जा सकता है छात्र-छात्राओं का भविष्य क्या होगा। प्रदेश सरकार का ध्यान इस ओर है ही नहीं।
-किस राज्य में कितना वेतन
राज्य वेतन
छत्तीसगढ़ - 18,840 प्रतिमाह
गुजरात - 16,500 प्रतिमाह
उत्तरप्रदेश - 16,000 प्रतिमाह
मध्यप्रदेश - 8-9 हजार प्रतिमाह
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