सोमवार, 9 सितंबर 2013

सजे दरबार, आज विराजेंगे गणराज

सजे दरबार, आएंगे लालबाग के राजा 
- धूमधाम से विराजे जाएंगे गणपति  
- गणेश चतुर्थी आज 
दबंग रिपोर्टर, भोपाल। 
भाद्रपद शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को शुभ महूर्त में जगह-जगह  लालबाग के राजा विराजेंगे। देवों के प्रथम गणराज के लिए शहर के गली, चौक, चौराहों पर झांकी-मंडप सज चुके हैं। सोमवार को सुबह से ही गौरीपुत्र के जयघोष गूंजेंगे। राजधानी की प्रमुख धर्म समितियों ने विग्नहर्ता भगवान गणेश के आगमन की तैयारियां पूरी कर ली हैं। तैयारियों को लेकर रविवार को दिनभर प्रमुख बाजारों में चहल-पहल देखने को मिली। 
  
ऐसे करें स्थापना 
सोमवार को गणेशजी की प्रतिमा को अपने दफ्तर और आवस में स्थापित करने के लिए सबसे पहले भवन के उत्तर-पूर्व  क्षेत्र (ईसान कोण ) में स्थित मंदिर अथवा चौकी के ऊपर लाल कपड़ बिछाकर उस पर गेहूं रखें। फिर कलश में नारियल और आम के पत्तों के साथ कलश स्थापना करें। उसके बाद पार्थिव गणेश प्रतिमा की स्थापना करें। तदउपरांत गौरी पुत्र को कुमकुम, अक्षत, चंदन एवं पुष्प चढ़ाए। उसके बाद गौरी पुत्र को धूप-दीप दिखाकर 21 लड्डुओें का भोग लगाएं। इसमें 17 लड्डू का दान ब्रांहण को करें, शेष पांच लड्डू गणेश जी के पास रखें। फिर महाआरती करें।          

इस समय करें स्थापना 
ज्योतिषी विष्णु राजोरिया ने बताया कि इस साल गणेश चतुर्थी में गणपति स्थापना का श्रेष्ठ महूर्त सुबह 10.49 से शुरू होगा। जो दोपहर 1.06 मिनट तक रहेगा। लंबोदर की स्थापना के लिए मध्यान का समय सर्वश्रेष्ठ है। इसमें भद्र एवं रिक्त का दोष नही माना जाएगा। 

यहां से हुई शुरुआत 
अगर हम गणेश उत्सव के ऐतिहासिक पहलू पर दृष्टी डालें तो पता चलता है कि इस उत्सव का आगाज सबसे पहले बालगंगाधर तिलक ने 1928 में मुंबई से की थी।    
4 ग्रह बना रहे हैं खरीदारी का ‘शुभ संयोग’
सोमवार को ‘गजकेशरी’ के अद्भुत महासंयोग में भगवान गणेश की पूजा फल दायिनी होगी। इस महायोग में व्यापार का शुभारंभ करने से कई गुणा उन्नति होगी एवं कोई भी नया सामान खरीदना शुभ होगा, क्योंकि इसी दिन स्वयं सिद्ध मुहूर्त भी रहता है।    

-न करें चंद्र दर्शन 
गणेश चतुर्थी के दिन चांद्रदर्शन न करें, क्योंकि इस दिन चांद देखने से झूठा आरोप लगता है। धर्म मान्यताओं के अनुसार एक बार गणेशजी आकाश में घूम रहे थे, कि अचानक उनके गजमुख व लंबोदर देखकर चंद्रमा ने उनका मजाक उड़ाया था तभी उन्होंने चंद्रमा को श्राप दिया था, कि जो भी तुम्हे देखेगा उस पर मिथ्या ‘कलंक ’ लगेगा । 
गलती से चांद दिखने पर यह करें उपाय 
चन्द्रमा का दर्शन यदि अनजाने में हो जावे तो इस दोष की शान्ति हेतु श्रीमद् भागवतजी के दशमस्कन्ध के 57 वें अध्याय को पढ़कर स्यमन्तक मणि की कथा सुने अथवा निम्न श्लोक का पाठ करें। 
सिह: प्रसेनम् अवधीत्, सिंहो जाम्बवता हत:।
सुकुमारक मा रोदीस्तव ह्मेषस्यमन्तक: !! 
यह है चन्द्रोदय और चन्द्रास्त का समय 
श्री गणेष चतुर्थी के दिन चन्द्रोदय प्रात: 9 बजकर 7 मि. पर होगा एवं चन्द्रमा का अस्त रात्री 8:45 बजे होगा अत: इस समय चन्द्र दषर्न न करे उस दिन सूर्यास्त 6:27 बजे के बाद ही चन्द्रमा दिखेगा। 
ऐसे करें गजानंद को खुश 
 गणेश उत्सव पर गणेश जी को खुश करने के लिए के 10 उपाय 
- नित्य प्रात: व शायंकाल में गणेश की पूजा व दर्शन 
- बुधवार के दिन मूंग के लड्डू, दूर्वा, गुड़ एवं दक्षिणा गणपति भगवान को अर्पित करें
- गणेश मन्त्रों का लाल चंदन की माला से ही जाप करें
- पूजा में गणेश कवच, चालीसा, स्त्रोत तथा गणेश के 108 नामों का जाप करें 
- इन दिनों आप पूर्ण रूप ब्रहंचर्य का पालन करे तथा शुद्ध शाकाहार का सेंवन करें
- मंगलवार के दिन गुड़ का भोग लगायें 
- नाखून काटना, बाल काटवाना, सेब करना आदि काम न करें 
- भूखे को मूंग की खिचड़ी खिलायें। 
- देशी घी व सिंदूर से गणेश भगवान की मालिश करें
- 21 दूर्वा की जोड़ी को गणेश स्त्रोत पढ़ने के बाद चढ़ाएं

यह रहेगा राशिफल 
मेष- इस राशि के जातक गणेश जी के गं मन्त्र की एक माला का जाप करें और गुड़ का भोग लगाए। 
वृष- इस राशि वाले लोग गणेश को घी और मिश्री को मिलाकर भोग लगाए तथा साथ में लं मन्त्र की एक माला का जाप करें। 
मिथुन- इस राशि के सभी लोग गणेश जी को मूंग के लडुडओं का भोग लगायें एंव श्री गणेशाय नम:  मन्त्र की एक माला का जाप करें। 
कर्क- इस राशि के जातक गणेशजी को सफेद फूलों की माला पहनायें व सफेद चन्दन का तिलक लगायें साथ में  ऊँ वरदाय नम:  मन्त्र की एक माला का जाप करें। 
सिंह- इस राशि के लोग गणेश जी को लाल रंग व लाल पुष्प चढ़ायें तथा ऊँ सुमंगलाये नम: मन्त्र की एक माला का जाप करें। 
कन्या- इस राशि के सभी लोग गणेश जी को दूर्वा के 21 जोड़े अर्पित करें और ऊँ चिन्तामण्ये नम: मन्त्र की एक माला की जाप करें। 
तुला- इस राशि के मनुष्य व महिलायें गणेश जी को गंगा जल से स्नान करायें एवं 5 नारियल चढायें और साथ में ऊँ वक्रतुण्डाय नम:  मन्त्र की कम से कम एक माला का जाप करें। 
वृश्चिक- इस राशि के सभी लोग गणेश जी को सिन्दूर व लाल पुष्प अर्पित करें एंव ऊँ नमो भगवते गजाननाय  मन्त्र की एक माला का जाप करें। 
धनु- इस राशि के जातक गणेश जी को पीले वस्त्र तथा पीले पुष्प चढ़ाकर बेसन के लडुडओं का भोग लगायें एंव ऊँ गं गणपते नम:  मन्त्र की एक माला का जाप करें। 
मकर- इस राशि वाले लोग गणेश जी को पान, सुपाड़ी,   इलायची व लौंग चढ़ायें तथा  ऊॅ गूं नम:  मन्त्र की एक माला का जाप करें। 
कुम्भ- इस राशि के सभी जातक गणेश जी को पंचामृत तथा मॅूग की खिचड़ी का भोग लगाकर गरीबों में वितरित करें। और ऊँ गं रोग मुक्तये फट  मन्त्र की एक माला का जाप करें। 
मीन- इस राशि से सम्बन्धित लोग गणेश जी को केसर व शहद का भोग लगायें एंव गरीबों को मीठा भोजन करायें एंव ऊँ अन्तरिक्षाय स्वाहा  मन्त्र की एक माला का जाप करें। 
      उपरोक्त मन्त्रों के लारा गणेश जी का पूजन करने से सभी प्रकार के रोग, आर्थिक विपन्नता, भय, नौकरी, व्यवसाय, मकान, वाहन, विवाह, सन्तान, पदोन्नति आदि से जुड़ी समस्याओं का समाधान होगा। 

 

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