शुक्रवार, 31 जनवरी 2014

उप जिला निर्वाचन अधिकारी जबलपुर रवाना

भोपाल, 30 जनवरी, नभासं. म य विधानसभा की ईव्हीएम मशीनों को जीरो कर
एफएलसी करने का मामला अब अनिश्चितकाल के लिये स्थगित हो गया है तथा भाजपा-
कांग्रेस दोनों पक्षों में सहमति नहीं बन पाने के चलते ईव्हीएम मशीनों को फिलहाल सील
कर दिया गया है.
इधर पूरा मामला समझने के लिये उप जिला निर्वाचन अधिकारी अक्षय ङ्क्षसह स्वयं आज
शाम जबलपुर हाईकोर्ट के लिये रवाना हो गये हैं.
गौरतलब है कि गत विधानसभा चुनावों में म य विधानसभा चुनाव के दौरान बूथ क्र.-93 पर
ईव्हीएम मशीन में गड़बड़ी की शिकायत सामने आई थी. इसके बाद कांग्रेस उ मीदवार की
शिकायत पर यहां पुनर्मतदान कराया गया था. परंतु इसके बाद कांग्रेस कार्यकर्ता अ दुल
नफीस ने हाईकोर्ट में एक याचिका दायर कर दी थी जिसमें चुनाव स्थगित करने की मांग
की गई थी. इसी याचिका के मद्देनजर जिला निर्वाचन अधिकारी ने म य विधानसभा की
एफएलसी रोककर दोनों पक्षों की आपसी सहमति के उद्देश्य से आज बेनजीर कॉलेज स्थित
स्ट्रॉग रूम बुलाया था.
कांग्रेस की ओर से याचिकाकर्ता अ दुल नफीस स्वयं पहुंचे थे. वहीं भाजपा की ओर से
आनंद ङ्क्षसह जिला भाजपा सचिव, राशि खान मदरसा बोर्ड अ यक्ष तथा विधायक सुरेंद्रनाथ
के प्रतिनिधि के तौर पर संतोष मी ाा पहुंचे थे.
बातचीत के दौरान जहां भाजपा नेताओं ने यहां मौजूद उप जिला निर्वाचन अधिकारी अक्षय
ङ्क्षसह से हाईकोर्ट का आदेश नहीं मिलने का हवाला देकर मशीनों को जीरो करने की मांग
की. वहीं याचिकाकर्ता कांग्रेस के अ दुल नफीस ने याचिका की कॉपी के साथ लिखित
आवेदन देकर मशीनों को जीरो करने पर आप िा पेश की. इधर उप जिला निर्वाचन
अधिकारी अक्षय ङ्क्षसह ने बताया कि हमने ईव्हीएम फिलहाल सील कर दी है तथा पूरे
मामले को समझने के लिये वह स्वयं आज शाम ही जबलपुर जा रहे हैं.

10 अधिकारियों को प्रमुख सचिव वेतनमान

-मुख्य सचिव की अध्यक्षता में हुई डीपीसी 
भोपाल। 
राज्य शासन के सामान्य प्रशासन विभाग ने गुरुवार को 1991 बैच के भारतीय प्रशासनिक सेवा के 10 अफसरों को प्रमुख सचिव वेतनमान पर पदोन्नत कर दिया है। 
मुख्य सचिव एनटोनी जेसी डीसा की अध्यक्षता में हुई डीपीसी में यह निर्णय लिया। यह आदेश देर रात जारी कर दिया गया। बीते कुछ दिनों से इन्हें पदोन्न किए जाने की चर्चा प्रशासनिक गलियारे में चली रही थी। 

-ये हुए पदोन्नत 
अशोक वर्णवाल 
मनू श्रीवास्तव 
सतीष चंद्र 
विश्वमोहन उपाध्याय 
अरुण तिवारी 
एसके मिश्रा 
सुधा चौधरी 
मनोज गोविल 
एमके वासणे व एक अन्य 

अब कलेक्टर आरआई संघ आमने-सामने , भोपाल।

कलेक्टर और आरआई संघ अब जिले के सातों वृत्तों से 19 आरआई के तबादले को लेकर आमने-सामने आ गए हैं। गुरूवार को भी इसको लेकर खासी नूरा कुश्ती होती रही। अधिकतर आरआई ने रिलीव होने के बाद भी न नई पदस्थापना ली और न काम किया। 
इधर प्रभारी मंत्री गोपाल भार्गव को दोबारा संघ के प्रतिनिधियों ने नई पदस्थापना से होने वाली परेशानियों से अवगत कराया। दूसरी ओर सीएम सचिवालय में भी इस बात की चर्चा गर्म रही कि कलेक्टर निशांत वरवड़े ने गलत निर्णय लिया है। यदि वे अपने निर्णय पर अड़े रहते हैं तो ज्यादा दिन नहीं टिक पाएंगे। वहीं लोकसभा निर्वाचन में निर्वाचन आयोग की मंशा अनुसार काम नहीं हो पाएगा। बताया जा रहा है आरआई के स्थानांतरण के पूर्व कलेक्टर ने प्रभारी मंत्री से अनुमोदन नहीं लिया था। 
संघ के सूत्रों ने बताया, हम वह लगातार मांग कर रहे हैं कि लोकसभा चुनाव के   बाद तबादले किए जाएं। नहीं तो निर्वाचन के दौरान खासी परेशानी होगी। 

-एक आरआई रहेगा यथावत 
सूत्रों की मानें तो 19 आरआई में से एक आरआई यथावत रहेगा। ऐसा इसलिए क्योंकि इसकी विभागीय जांच चल रही है। इसके लिए बाकायदा फाइल ही अलग चलाई जा रही है। उसे भू-अभिलेख कार्यालय से हटाकर फील्ड में नहीं भेजा जाएगा। प्राप्त जानकारी के अनुसार शुक्रवार को इसका स्थानांतरण आदेश निरस्त किया जा सकता है। 

अब प्रभारी मंत्री को भेजी जाएगी पटवारियों की सूची

-32 पटवारियों का होना स्थानांतरण 
भोपाल। 
प्रभारी मंत्री के बीना अनुमोदन के कलेक्टर निशांत वरवड़े ने सातों सर्किलों से 19 राजस्व निरीक्षकों का स्थानांतरण पर गहराए हंगामे के बाद अब 32 पटवारियों का तबादला सूची तैयार हो गई है। हालांकि इसके लिए वैधानिक प्रक्रिया पूरी की जा रही है। 
इस सूची को बकायदा प्रभारी मंत्री गोपाल भार्गव को भेजी जाएगी। वहां से ओके होने पर स्थानांतरण किया जाएगा। इधर पटवारियों के बीच भी स्थानांतरण को लेकर सुग बुहाट तेज हो गई है। बताया जा रहा है सूची की फाइल पर कलेक्टर श्री वरवड़े के हस्ताक्षर शेष हैं। अब प्रभारी मंत्री के अनुमोदन किए जाने के बाद ही कलेक्टर हस्ताक्षर करेंगे।

-दिन भर रही गहमा गहमी 
आरआई के तबादले के बाद पटवारियों के स्थानांतरण की सूची तैयार करने में कलेक्टोरेट कार्यालय की स्थापना शाखा के अधिकारी फूंक फूंककर कदम रख रहे हैं। जिले के 32 पटवारियों के जो नाम तय किए गए हैं, उसमें कई फेलबदल दिन भर चलते रहे। हालांकि देर शाम सूची अंतिम की गई। लेकिन प्रभारी मंत्री से अनुमोदन के बाद ही कलेक्टर को हस्ताक्षर के लिए दी जाएगी। इस सूची को तैयार करने में अपर कलेक्टर ने भी सक्रीय भूमिका निभाई। 

-पटवारी संघ भी तैयारी में 
सूत्रों की मानें तो स्थानांतरण को लेकर आरआई संघ की तरह पटवारी संघ भी खड़ा हो सकता है। पूर्व में उनके स्थानांतरण के किए गए आदेशों को देखते हुए संघ भारी ही पड़ेगा। ज्ञात हो कि इसके पहले तत्कालीन कलेक्टर निकुंज श्रीवास्तव ने भी पटवारियों के तबादले किये थे, लेकिन कुछ पटवारी इस फैसले के  िालाफ कोर्ट चले गये थे। इसके बाद उन्हें वापस उन्हीं स्थानों पर तैनात कर दिया गया था।

पानी की बॉटल पर नहीं थी एक्सपायरी डेट

-एडीएम ने ठोका 50 हजार का जुर्माना 
भोपाल। 
सिग्नेचर वाटर की बॉटल पर एक्सपायरी और निर्मित होने की तारीख का उल्लेख न मिलने से द एसोसिएट प्यूरीफायर कंपनी के संचालक अमित खरे पर एडीएम बीएस जामोद ने 50 हजार का जुर्माना ठोका है। 
संचालक को यह राशि आगामी जल्द से जल्द जमा करने का भी फरमान सुनाया है। प्राप्त जानकारी के अनुसार संचालक ने मिथ्याछाप पैकेज ड्रिंगिंक वाटर का संग्रह किया था और इसे बेच रहा था। एडीएम श्री जामोद ने यह आदेश कंपनी संचालक और खाद्य सुरक्षा अधिकारी को सुनने के बाद दिए। आदेश में कहा गया है यदि वह समय से राशि जमा नहीं करते हैं तो कंपनी का रजिस्ट्रेशन भी निलंबित किया जा सकता है। 

मामले पर एक नजर 
28 मई, 2012 को एमपी नगर जोन-1 स्थित चित्तौड़ का पलेक्स में चल रही द एसोसिएट प्यूरीफायर कंपनी की जांच खाद्य सुरक्षा अधिकारी प्रभा घुरे के नेतृत्व में टीम ने की। कंपनी के परिसर में जांच में 20 लीटर और 1 लीटर की एक सिग्रेचर ब्रांड की बॉटल व पैकेट रखे हुए मिले। इसे मानव उपयोग में लिए जाने की पुष्टि हुई। बॉटल की जब जांच की गई तो इस पर न बैच नंबर मिला और न ही एक्सपायरी और निर्माण की तारीख। बॉटल के सैंपल लिए। इसके अलावा कंपनी के पास खाद्य रजिस्ट्रेशन भी नहीं था। खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्रशासन की खाद्य प्रयोगशाला की जांच में पानी तो सही मिला, लेकिन अन्य पूरी जानकारी न होने के चलते एडीएम की कोर्ट में प्रकरण प्रस्तुत किया गया। यह मिथ्याछाप की श्रेणी में आता है। इसी आधार पर सैंपल फेल हो गया। 

कोलार में बिना परमीशन चल रहे धंधे

-आशीर्वाद टेंट और केटर्स इसके उदाहरण 
कोलार। 
कोलार को उपनगर बने काफी समय हो गया। बावजूद इसके यहां सडक़,पानी, बिजली की मूलभूत सुविधाओं से आमजन को रोज परेशानी उठानी पड़ती है। पिछले एक साल से नगर पालिका भंग होने के बावजूद यहां पर साफ सफाई और महत्वपूर्ण कार्यों पर विराम सा लग गया है। 
एक तरफ तो कोलार प्रशासन की कमान प्रभारी एसडीएम के हाथों में है। हाल ही में मुख्यमंत्री के दौरे के दौरान उनके आदेशों की अवहेलना के कारण प्रभारी एसडीएम और सीएमओ को हटा दिया गया। अभी नये प्रभारी एसडीएम और सीएमओ ने पदभार ग्रहण किया है। 
जारी व्यवसायिक गतिविधियां
कोलार नगर पालिका की कायर्शैली हमेशा से सुखिर्यों में रही है। चाहे मामला बिल्डिंग परमिशन का हो या अवैध निर्माण का। कोलार के राजहर्ष कालोनी में मां निमर्ला देवी मार्ग से संचालित आशीर्वाद टेंट और केटर्स की दुकान जरूर है। लेकिन वह समीप ही घर से टेंट का व्यवसाय कर रहा है। जबकि वह रहवासी इलाका है। इस बारे में टेंट के संचालक श्री यादव से कई बार कहा गया कि इन गतिविधियों को घर से संचालित न करें। लेकिन अपनी दबंगता के कारण उनके कानों पर जूं तक नही रेंगी। अब कालोनी के रहवासियों ने इस बारे में नगर पालिका सीएमओ और प्रभारी एसडीएम से शिकायत करने की ठान ली है।
नाबालिग कर रहे काम
आशीर्वाद टेंट में काम करने वाले सभी नाबिलग है । यही रोजाना लोडिंग गाड़ी को बेरोक टोक सडक़ों पर दौड़ाते हैं। इसके कारण अगर कोई हादसा होगा तो इसकी जिम्मेदारी कौन लेगा।
अशांति में बदला माहौल
कालोनीवासियों ने बताया कि घर से संचालित हो रही इस अवैध गतिविधियों के कारण कालोनी का माहौल अशांत हो गया है। रोजाना गालियों और टेंट के सामान की आवाज से रहवासियों को जीना दूभर हो गया है। 
यादव के लडक़े की दंबगता
श्री यादव के लडक़े देवेंद्र यादव अपनी गालियां देने की प्रवृत्ति रखता है। जब कालोनीवासियों ने उसे   ऐसा न करने को कहा तो उसने देख लेने की धमकी दी। अपनी दबंग प्रवृति के कारण उसका रोजाना रहवासियों से झगड़ा होता रहता है।
खाली प्लाट पर जमाया कब्जा
श्री यादव ने घर के सामने खाली पड़े प्लाट पर कब्जा जमा लिया है। प्लाट पर लोहे का सामना जमा करके रखा है। वहीं केटरिंग का खाना घर पर ही बनाया जाता है। घर के आंगन में रोजाना भट्टियों पर खाना बनाने का काम सुबह से शुरू होता है और रात तक चलता है। रहवासियों का कहना है सुबह उठते ही शुरू हुआ शोरगुल रात भर तक चलता है। 
यह तो सिर्फ एक उदाहरण मात्र ही है। आशीर्वाद टेंट और केटर्स की तरह ने जाने कितने एक संचालक है जो नगरपालिका से बिना परमिशन के अपना धंधा संचालित कर रहे हैं। अब देखना होगा कि नपा ऐसे अवैध धंधा संचालित करने वालों पर किस तरह की कारर्वाई करता है ताकि उन्हें बंद कर उनसे राजस्व की वसूली की जा सके।

दिल्ली में जनता तय करेगी नीति

-आप सरकार के सलाहकार शरदचन्द्र बेहार बोले... जनता के हाथ जल्द होगा ‘राईट-टू-रिकॉल’ 
हेमंत पटेल, भोपाल। 
1961 बैच के आईएएस व दिग्विजय सरकार में मुख्य सचिव रहे और वर्तमान में दिल्ली की आम आदमी पार्टी (आप) के सलाहकार शरदचन्द्र बेहार ने कहा, दिल्ली में जो भी नीतियां बनेंगी उसमें जनता की सहभागिता होगी। नीति बनाने में चंद लोग नहीं, आमजन की भागीदारी रहेगी। जब लोग एक राय होंगे, तो उसे लागू किया जाएगा। 
श्री बेहार एक निजी कार्यक्रम में भाग लेने भोपाल पहुंचे। अरेरा कॉलोनी स्थित अपने निज निवास पर उन्होंने खास बातचीत की। 

प्रश्न:- आप दिग्विजय सरकार में सलाहकार रहे, इसके बाद माखनलाल चतुर्वेदी विश्विविद्यालय के कुलपति रहे, प्रदेश को बढ़े लंबे अरसे से जानते हैं? तब और अब के मप्र में क्या अंतर है? 
उत्तर:- जब से विवि छोड़ा है तब से मैं ‘यायावर’ या ‘परिवृजक’ (खूब घूमने वाला) हो गया हूं। मेरे दोस्त भी कहते हैं ‘नॉन रेसिडेंसियल भोपाली’ भोपाल का होते हुए भी भोपाली नहीं। मेरा मानना है, जब तक घूमंूगा नहीं, तब तक जान नहीं पाउंगा। मैं दिल्ली को भी समझ ही रहा हूं। ऐसे में मप्र के लिए राय दूंगा तो न्याय नहीं कर पाउंगा। 

प्रश्न:- बेहार साहब का क्या विजन है? जो कभी हमने बतौर सीएस रहते हमने सुना था? उस बेहार ने एक सपना संजोया था? 
उत्तर:- हां! मेरा विजन है। वो नहीं हो पाया जो उस समय सोचा, लेकिन विजन स्पष्ट है। आज की सरकार जनता की नब्ज के आधार पर नहीं, बल्कि डिनाईन द रूल (सदा-सहायता) से चल रही है। जरूरी है लोग अपना शासन कर सकें। ऐसा नहीं हो पा रहा है। प्रतिनिधि निर्णय ले रहे हैं। जबकि जनता को अधिकार मिलना चाहिए। 

प्रश्न:- ...तो इसके लिए क्या होना चाहिए? 
उत्तर:- किसी भी सरकार में जनता की पूर्ण सहभागीता होनी चाहिए। प्रतिनिधि अपनी जिम्मेदारी नहीं निभा रहे हैं। विधानसभा-लोकसभा में कोई प्रश्न या कानून लाने वाले हैं तो पहले जनता के बीच घूमकर चर्चा करें। फीडबैक तो लें! लोग क्या राय दे रहे हैं। प्रतिनिधि अपनी जिम्मेदारी की प्रति एकग्रत और एकचित नहीं है। 

प्रश्न:- आपने क्या सोचा था और जो अब करेंगे? 
उत्तर:- पंचायत कानून इसमें चुने हुए प्रतिनिधि को दो साल बाद वापस बुलाने का अधिकार (राईट-टू-रिजेक्ट) है। इसे वहां (दिल्ली) में लाएंगे। 10 प्रतिशत जनता हस्ताक्षर करके देगी तो दोबारा चुनाव कराएं जाएंगे। यह केवल हां और न के आधार पर होगा। जनता हां कहेगी तो सरकार रहेगी। न कहेगी तो जाएगी। देश की मौजूदा शासन व्यस्था ठकी हाथों में नहीं। 

प्रश्न:-आपने ‘आप’ को क्या देख कर ज्वॉइन किया? और आप प्रमुखों ने आप में क्या देखा? 
उत्तर:- तेज हंसी के साथ... ये दो प्रश्न हैं। मैं बता दूं। मैं हमेशा से वैकल्पिक राजनीती कर्ता के रूप में सक्रीय रहा हूं। और आप के योगेन्द्र, प्रशांत और अरविंद को लंबे अरसे से जानता हूं। जब मेरी इनसे बात हुई तो मैंने वैकल्पिक राजनीति की बात कहते हुए सहयोग देने को कहा, लेकिन सभी सहयोगियों का कहना था, देश को जब तक राजनीतिक विकल्प नहीं दिया जाएगा, तब तक वैकल्पिक राजनीति बात बेमानी होगी। अभी ‘आप’ इस दिशा में आगे बढ़ रही है। जिस दिन लगेगा, ऐसा नहीं हो रहा है। उस दिन छोड़ दूंगा। 

बुधवार, 29 जनवरी 2014

आरआई के तबादलों पर मचा हल्ला

-मुख्य सचिव और मुख्य निर्वाचन आयोग से मिला आरआई संघ 
-नप सकते हैं कलेक्टर 
भोपाल। 
जिले के सातों वृत्तों में 19 आरआई का मंगलवार को कलेक्टर निशांत वरवड़े के तबादला किए जाने के बाद बुधवार को हल्ला मच गया। प्रांतीय और जिला आरआई संघ जहां मुख्य सचिव और मुख्य निर्वाचन आयोग के उप जिला निर्वाचन पदाधिकारी से मिला। 
इधर कलेक्टर के निर्णय से जिले के प्रभारी मंत्र गोपाल भार्गव व वरिष्ठ अफसर खफा बताए जा रहे हैं। इसमें यह भी तर्क कि जिन राजस्व निरीक्षकों पर विभागीय जांच प्रचिलित है, उन्हें भी फील्ड पर तैनाती दे दी गई है। वहीं राज्य शासन के स्थानांतरण नियमानुसार कलेक्टर ने इस तबादले से पूर्व प्रभारी मंत्री को अवगत नहीं कराया। आरआई संघ से जुड़े एक सदस्य की मानें तो कलेक्टर केवल अपने आदेश का पालन कराना चाहते हैं। जबकि लोकसभा निर्वाचन के दौरान नए सिरे से किन परेशानियों से दो-चार होना पड़ेगा। इसका खयाल उन्हें नहीं है। कलेक्टर ने सभी वृत्तों के एसडीएम को बुधवार दोहपर ही फोन कर सभी 19 आरआई को रिलीव करने के आदेश दिए। इस पर उन्हें आनफानन में रिलीव किया गया। इस आदेश से जिला प्रशासन के अफसर भी खासे परेशान हैं। सूत्रों की मानें तो मुख्य निर्वाचन आयोग इस मामले में राज्य शासन से जवाब तलब करने का मन बना रहा है। 


-दिन भर यह रही स्थिति 
नाम न देने की शर्त पर कुछ आरआई ने बताया, बुधवार को इस मामले को  लेकर संघ का प्रतिनिधिमंडल मुख्य निर्वाचन आयोग और सीएस से मिला। इसको लेकर बाद में हो-हल्ला मचाया गया। उन्होंने कहा, हमें नवीन स्थान पर जाने से परहेज नहीं, लेकिन लोकसभा निर्वाचन में खासी दिक्कत आएगी। एक आरआई ने कहा, इस संबंध में अब प्रभारी मंत्री के साथ मुख्यमंत्री से भी मुलाकात करें। बताया जाता है तबादला रोकने को लेकर जिला प्रशासन के कुछ अफसरों ने कलेक्टर से चर्चा भी की। उन्होंने साफ कहा केवल आदेश मानने होंगे। 

-आयोग भी खफा 
जिला राजस्व निरीक्षक संघ का एक प्रतिनिधि मंडल बुधवार को मप्र राज्य निर्वाचन आयोग के उप निर्वाचन पदाधिकारी बीएल कांताराव से मिला। प्रतिनिधियों ने श्री कांताराव को बताया, हमें क्षेत्र बदलने में कोई परेशानी नहीं है, लेकिन लोकसभा निर्वाचन के लिए मात्र 2 माह का समय शेष है। यह फील्ड पर निर्वाचन कार्या के लिए बेहद कम है। वहीं इस बार आयोग जिले में युवा मतदाता बढ़ने से मतदाता केंद्र बढ़ा रहा है। ऐसे में राजस्व निरीक्षकों को नए मतदान केंद्र व बूथ लेवल आॅफिसरों की व्यवस्था समझने में दिक्कत आएंगी। प्राप्त जानकारी के अनुसार कलेक्टर के इस निर्णय को लेकर अब आयोग राज्य शासन से जवाब तलब करने का मन बना लिया है। आयोग का कहना है, जिले में स्थानांतरण करने से पूर्व एक सूचना उसे दी जानी चाहिए। ऐसे में यह अविवेकपूर्ण निर्णय है, जब लोकसभा निर्वाचन की तैयारियां अंतिम चरणों में है। 

-अभी रिलीव करो 
कलेक्टर निशांत वरवड़े ने दोपहर में अपने निर्णय पर वरिष्ठ अफसरों और प्रभारी मंत्री गोपाल भार्गव के फोन आने के बाद आपा खो दिया। कलेक्टर ने दोपहर में सभी सर्किलों के एसडीएम को फोन कर स्थानांतरित किए गए आरआईयों को अभी तत्काल रिलीव करने का फरमान सुनाया। इसके बाद सभी एसडीएम ने आन-फान में आरआईयों को रिलीव किया। इसके बाद तहसीलदार संघ की तरफ से अतुल श्रीवास्तव और अन्य तहसीलदार कलेक्टर से मिले और निर्वाचन के दौरान आने वाली परेशानियों के बारे में बताया। बावजूद इसके कलेक्टर अपनी बात पर अड़े रहे। 

-और अटक गया पटवारी के तबादला 
आरआई के तबादलों के बाद मचे बबाल से सचते होते हुए कलेक्टर निशांत वरवड़े पटवारियों के तबादले के आदेश रोक दिए हैं। यह आदेश बुधवार को होने की संभावना थी। उल्लेखनीय है कि इसके पहले तत्कालीन कलेक्टर निकुंज श्रीवास्तव ने भी पटवारियों के तबादले किये थे, लेकिन कुछ पटवारी इस फैसले के खिलाफ कोर्ट चले गये थे, जिसके बाद इन्हें वापस उन्हीं स्थानों पर तैनात कर दिया गया था। यही कारण है कि कलेक्टर इस मामले में जल्दबाजी करने से बच रहे हैं।

नहीं होने देंगे मशीनों को शून्य

 - मोह मद नफीस ने जिला निर्वाचन कार्यालय पहुंचकर कही अपनी बात
 - मध्य विस पर सहमति बनना मुश्किल 
 - नफीस ने हाईकोर्ट में ईव्हीएम में गड़बडि?ों को लेकर दायर रखी है याचिका
 - एफएलसी से हटाई जाएंगी मशीनें
भोपाल। 
हम अपनी आपत्ति पर कायम हैं। मध्य विधानस ाा की मशीनों को शून्य नहीं होंगे देंगे, जब तक हाईकोर्ट का निर्णय नहीं आता। यह विचार बुधवार को मोह मद नफीस ने उपजिला निर्वाचन अधिकारी के सामने उपस्थित होते हुए कही। उन्होंने कहा कि वह जिला निर्वाचन आयोग के बुलावे पर गुरूवार को भी उपस्थित होंगे और अपना पक्ष रखेंगे। अब इस स्थिति से यह तो साफ हो गया है कि गुरूवार को मध्य विधायक सुरेंंद्र नाथ सिंह व याचिकाकर्ता नफीस के बीच सुलह जैसी स्थिति बनना संभव नहीं है और बैठक महज औपचारिता की रह जाएगी। इधर इस स्थिति को देखते हुए जिला निर्वाचन आयोग ने भी लगभग तय कर लिया है कि वह हाईकोर्ट के फैसला आने तक मध्य विधानसभा में उपयोग की गई ईव्हीएम मशीनों में रखे डाटा को शून्य नहीं करेगा और न ही उनकी एफएससी कराएगा।

-आज बिठाया जाएगा आमने सामने 
हाईकोर्ट में लगाई गई याचिका के मद्देनजर जिला निर्वाचन कार्यालय ने विधायक सुरेंद्र नाथ सिंह (म मा) और याचिका कर्ता को गुरूवार को आमने-सामने बिठाने का निर्णय लिया है। दोनों को पुराने बेनजीर कॉलेज में बैठेंगे। इसके बाद जो फैसला सामने आएगा वह इसकी सूचना कोर्ट में देंगे।

-यह लगाई है आपत्ति 
मोह मद नफीस ने हाईकोर्ट में लगाई अपनी याचिका में मध्य विधानस ाा चुनाव में गड़बड़ी करने के आरोप लगाए हैं। इसमें कहा गया कि ईवीएस में गड़बड़ी कर चुनाव प्रभावित किया गया है। इन ईव्हीएम की जांच कराई जाए, ताकि स्थिति स्पष्ट हो सके। इस याचिका के आधार पर कोर्ट ने भी जिला निर्वाचन आयोग भोपाल को नोटिस जारी कर दिया है। इसमें इसमें ईव्हीएम की एफएलसी (फस्ट लेवर चैकिंग) न करने की बात भी कही गई है।

-यह है मामला 
गत वर्ष 24 नवंबर को मु य विधानसभा के मतदान के दौरान बूथ क्रमांक - 93 पर पंजे का बटन दबाने पर कमल की बत्ती जलने की शिकायत कांग्रेस ने चुनाव आयोग से की थी। इसके बाद चुनाव आयोग ने 5 दिसंबर को इस बूथ पर पुर्नमतदान के आदेश दिये थे, जिसमें कांग्रेस को 393 तथा बीजेपी को 13 मत प्राप्त हुये थे। इसके बाद कांग्रेस कार्यकर्ता मो. नफीस ने चुनावों के दौरान ईव्हीएम में गड़बड़ी की आशंका के मद्देनजर चुनाव निरस्त करने के लिये 22 जनवरी को हाईकोर्ट में याचिका दायर की है, जिसे हाईकोर्ट ने स्वीकृत करते हुये संबंधितों को नोटिस जारी किये हैं। 

राशन की दो दुकानें सील, दो निलंबित

-एडीएम ने शहर में किया औचक निरीक्षण
भोपाल। 
एडीएम बीएस जामोद ने बुधवार को शहर की राशन दुकानों का औचक निरीक्षण किया। इस दौरान दो दुकानें बंद मिलने पर उन्हें सील किया। दो अन्य को निलंबित कर दिया। 
शासकीय उचित मूल्य की जिन दो दुकानों को निलंबित किया है, वहां निरीक्षण के दौरान कार्यप्रणाली ठीक नहीं मिली। यहां स्टॉक व वितरण रजिस्टर दर्ज जब्त किया गया। ये चारों दुकानें बिठ्ठल मार्केट और सार्इंबाबा नगर की हैं। एडीएम की रिपोर्ट पर कलेक्टर ने मामला   संज्ञान लेते हुए जांच के दौरान अनियमितता मिलने वाली दो दुकानों को तत्काल निलंबित कर दिया। वहीं अन्य दोनों की विस्तृत जांच के निर्देश जारी किए हैं। 

-कहां हुई कार्रवाई 
बुधवार को सुबह 10 बजे एडीएम श्री जामोद बिठ्ठल मार्केट स्थित राजश्री प्राथमिक सहकारी उप भंडार भो-क्रमांक -212 पहुंचे। यहां उनके साथ सहायक खाद्य आपूर्ति अधिकारी विवेक सक्सेना व आरके श्रीवास्तव भी थे। यह दुकान बंद मिली। इस पर इसे सील कर दिया गया। टीम पास ही की इंडिया प्राथमिक सहकारी उप भंडार, भो-क्रमांक-88 पर पहुंची। यहां सेल्समैन दुकान खोलकर साफ-सफाई कर रहा था। जब टीम ने उपलब्ध स्टॉक रजिस्टर व अन्य दस्तावेजों को देखा तो गड़बड़ियां मिलीं। 
संपूर्ण अभिलेख जब्त कर आगे बढ़ गए। राशन लेने जा रहे कुछ उपभोक्ताओं ने बताया कि साईबाबा नगर की दुकानें भी शाम को ही खुलती हैं। इसके बाद एडीएम ने अपना काफिला साई बाबा नगर स्थित तत्याटोपे प्राथमिक सहकारी उपभोक्ता भंडार, भो-क्रमांक-87 की जांच करने पहुंचा तो दुकान बंद मिली। उपभोक्ताओं की बात सही साबित होने पर तत्काल दुकान को सील किया गया। इसके बाद टीम ने पास ही स्थित रेणु प्राथमिक सहकारी उपभोक्ता भंडार, भो-क्रमांक - 215 पर पहुंचे। दुकान खुली मिली, तो टीम ने जांच शुरू कर दी। यहां से भी स्टॉक रजिस्टर सहित अन्य दस्तावेज जब्त कर लिए गए हैं। इधर कलेक्टर श्री वरवड़े ने दो दुकानों में सामग्री वितरण के दौरान अनियमितता पाए जाने के मामले में संज्ञान लेते हुए देर रात को दुकान क्रमांक-215 व 88 को निलंबित कर दिया तथा सभी इन दुकानों की विस्तृत जांच के निर्देश दिए। इस स्थिति से राशन दुकान संचालकों में हड़कंप की स्थिति बन गई है।

-संयुक्त दल बनाया, जांच के दिए निर्देश 
निरीक्षण में मिली अनियमितता के बाद एडीएम ने तत्काल खाद्य व सहकारिता विभाग की एक सयुक्त बैठक बुलाई। इस बैठक में उन्होंने जहां खाद्य विभाग के कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारियों की कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान खड़े करते हुए सघन जांच अभियान चलाने को कहा। इसके अतिरिक्त राजस्व व सहकारिता विभाग के अधिकारियों का एक संयुक्त दल भी गठित किया गया। इन सभी दलों को चारों दुकानों की विस्तृत जांच करने के निर्देश दिए गए हैं।

-समझाई जांच की विधि 
बैठक के दौरान दो राशन दुकानों के जब्त किए गए स्टॉक व वितरण रजिस्टरों को सहकारिता विभाग के अधिकारियों को सौंपते हुए एडीएम ने आगामी जांच की विधि समझाई। उन्होंने साफ कहा कि जांच रिपोर्ट राशन दुकान संचालक के माध्यम से नहंी बल्कि उपभोक्ताओं से सीधे बातचीत कर तैयार होना चाहिए। उन्होंने जल्द से जल्द जांच रिपोर्ट प्रस्तुत करने के भी निर्देश दिए हैं।

बिना नम्बर और रजिस्ट्रेशन दौड़ रही गाड़ियों पर करें कार्रवाई

-कमिश्नर ने पुलिस व आरटीओ को बैठक में दिए निर्देश 
-डीलरों को कहें, अनरजिस्टर्ड गाड़ी की न करें डिलेवरी 
भोपाल। 
कमिश्नर एसबी सिंह ने बुधवार को पुलिस और आरटीओ अफसरों को निर्देश दिए कि सड़कों पर बिना नंबर या अनरजिस्टर्ड दौड़ रही गाड़ियों पर तत्काल कार्रवाई करें। वाहन दुर्घटना में इनका रेशो अधिक है। 
बीते कुछ माह का रिकार्ड बताता है कि दुर्घटना में सबसे अधिक यहीं गाड़ियां पकड़ी गर्इं हैं। यह चिंता का विषय है। उन्होंने आरटीओ से कहा, शोरूम मालिकों की बैठक बुलाकर हिदायत दें कि वे बिना नंबर की गाड़ी किसी को डिलीवर न करें। ऐसा तब तक करें जब तक आरटीओ से संबंधित वाहन मालिक को नंबर व रजिस्ट्रेशन न मिल जाए। ऐसा नहीं होता है तो डीलर व वाहन मालिक दोनों पर कानूनी कार्यवाही की जाए। 
यह बैठक संभागायुक्त कार्यालय में यातायात व्यवस्था सुधारने को लेकर आयोजित की गई थी। श्री सिंह ने बैठक में कहा, पुराने भोपाल में यातायात की व्यवस्था पर ध्यान दें। नादरा बस स्टेण्ड को टर्मिनल के रूप में उपयोग करने की जरूरत है। यातायात व्यवस्था बिना समन्वित प्रयास के सुधरना मुश्किल है। बैठक में उपस्थित डीआईजी डी श्रीनिवास वर्मा ने सिंगारचोली पर रेलवे ओवर ब्रिज बनाने को अत्यंत आवश्यक बताते हुए कहा कि ओवरब्रिज न होने यहां ट्रेफिक जाम की स्थिति बनती है। शहर में करीब 50 स्थानों पर नई पार्किंग की जरूरत है। इस दिशा में काम करने की जरूरत है। 

-पुराने भोपाल पर दें ध्यान 
श्री सिंह ने कहा कि पुराने शहर में सबसे ज्यादा यातायात सुधार की जरूरत है।  रायल मार्केट से रेल्वे स्टेशन तक सड़क को चौड़ा करने की संभावनाएं खोजी जाएंं। नगर निगम इसके लिए वृहद सर्वे करें। बैरसिया रोड को भी चौड़ा करने की जरूरत है।

-पूछा जाए, कहां है पार्किग स्पेस 
मोतिया तालाब के किनारे बने अस्पतालों के कारण सड़क किनारे वाहन खड़े होते हैं। इससे यातायात अवरूद्ध होता है। श्री सिंह ने कहा कि इस पर चिकित्सालय संचालकों से यह पूछा जाये कि उन्होंने पार्किंग स्पेस कहां रखा है। इस संबंध में नगर निगम आवश्यक कारर्वाई करें।

-देखें लैण्डयूज - बैठक में बेसमेंट और उसकी अनुमति तथा उपयोग पर भी चर्चा की गई। कमिश्नर श्री सिंह ने कहा कि इसमें अनुमति एवं लैण्ड यूज देखा जाये। अनियमितता की स्थिति में नोटिस जारी किए जायें और यह स्पष्ट हो कि अनुमति में किन बातों का उल्लेख किया गया है। इसके आधार पर कायर्वाही तय हो।

-टर्मिनल के रूप में नादरा का हो उपयोग - कमिश्नर ने कहा कि नादरा को एक बेहतर टर्मिनल के रूप में विकसित किया जाये, न कि उसे बस स्टैण्ड बनाए रखा जाये। बसें स्थाई रूप से नादरा में खड़ी नहीं होना चाहिए, इसे टर्मिनल के रूप में इस्तेमाल करना चाहिए।

-कवायद का दिखने लगा असर 
बैठक में पूर्व की बैठकों में लिए गए निणर्यों पर प्रभारी पहल पर भी चर्चा की गई। इस दौरान सामने आया कि इन कवायदों का असर अब दिखने लगा है। पिछली बैठक में कहा गया था कि बसें शहर के अंन्दर न आकर बाहर से ही बायपास का उपयोग करते हुए अपने गंतव्य की ओर जायें। यह स्थिति अब दिखने लगी हैं। आरटीओ ने बताया कि बसों को दी जाने वाली परमिशन पर उनके बस स्टैण्ड और गंतव्य को साफ-साफ स्पष्ट कर दिया गया है। बैठक में बताया गया कि भोपाल से होते हुए अन्य स्थानों की ओर जाने वाले डीजल-पेट्रोल टैंकर और गैस टंकियों से लोड ट्रक भी अब शहर के अन्दर से नहीं गुजरते। केवल वे ही टेंकर शहर में प्रवेश करते हैं जिन्हें शहर में अनलोड किया जाना है। यही नहीं अब बीआरटीएस कॉरीडोर में भी अब अन्य वाहन नहीं घुसते। इससे यात्रा सुगम हुई है।

माननियों के लिए मांगे 50 मिले 17 लाख

-मप्र शासन को लिखा पत्र 
भोपाल। 
जिला प्रशासन ने माननियों के सत्कार यानी प्रोटोकाल फंड के रूप में 50 लाख रुपए मांगे थे। लेकिन 17 लाख रुपए ही मिल पाए। इसके लेकर अब जिला प्रशासन मप्र शासन को पत्र लिखा है। 
इसमें प्रशासन ने पत्र में लिखा है कि वीआईपी के राजधानी में अधिक मूवमेंट होने के चलते सत्कार राशि के खत्म हो चुकी है। इसके अलावा 10 लाख रुपए अतिरिक्त व्यय हो गया है। ऐसे में सत्कार व्यय की नितांत आवश्यकता है। सूत्रों की मानें तो जिला प्रशासन ने विधानसभा चुनाव के पहले भी राज्य शासन से इसके लिए 50 लाख रुपये मांगे थे। लेकिन 17 लाख रुपये इस मद में मिले। यह राशि अब खत्म हो चुकी है। इसकी भरपाई व लोकसभा चुनाव के मद्देनजर 42 लाख रुपए की अतिरिक्त राशि मांगी जा रही है। इस राशि का उपयोग लोकसभा चुनाव में मद्देनजर आने वाले पयर्वेक्षकों व अन्य वीआईपी पर खर्च होगी।

मंगलवार, 28 जनवरी 2014

वास्तविक व व्यवहारिक हो गाइडलाइन

  - जिला स्तरीय मूल्य वृद्धि विरोध समिति ने की मांग
  - वित्त मंत्री जयंत मलैया व पंजीयक महानिरीक्षक को सौंपा ज्ञापन
भोपाल। 
वर्ष 2014 -15 की कलेक्ट्रेट गाइडलाइन में जमीनों के मूल्य निर्धारण में लोकतांत्रिक तरीका अपनाया जाए। जमीनों की कीमतें वास्तविक और व्यवहारिक रखी जानी चाहिए। इसमें तहसीलदार, आरआई व पटवारियों लारा दी गई रिपोर्ट को ही अंतिम नहीं माना जाए, बल्कि क्षेत्रों में चल रहे बाजार मूल्य का ाी आंकलन किया जाए, ताकि आम आदमी भी जमीनों को खरीद सके और अपने घर का सपना पूरा कर सके। इन मांगों को लेकर जिला स्तरीय मूल्य वृद्धि विरोध समिति के प्रतिनिधिमंडल ने वित्त मंत्री जयंत मलैया, पंजीयक महानिरीक्षक दीपाली रस्तोगी व विधायक व जिला मूल्यांकन समिति सदस्य विश्वास सारंग को ज्ञापन सौंप। समिति ने शुक्रवार को महानिरीक्षक पंजीयक व विधायक को ज्ञापन सौंपे।
 समिति के संयोजक अजय अग्रवाल ने बताया कि गत तीन-चार वर्षो से कलेक्टर गाइडलाइन तैयार करने के लिए बंद कमरों में ही निर्णय ले लिये जाते हैं। जिससे क्षेत्रों में मनमानी दरों का ाार आम आदमी पर लाद दिया जाता है। उन्होंने कहा कि शहर में शासकीय कमर्चारियों की सं या सबसे अधिक है, लेकिन शासकीय मूल्य निर्धारण की नीति के कारण ये मकान लेने में असाहय हैं। महानिरीक्षक पंजीयक व विधायक विश्वास सारंग को सौंपे ज्ञापन में मांग की गई है कि समग्र हितों का ध्यान र ाते हुए ही जमीनों की दरों में बढ़ोत्तरी कलेक्टर गाइड लाइन में की जाए। दोनों ने वास्तविक बाजार मूल्य के अनुरूप गाइडलाइन बनाए जाने का आश्वासन भी दिया।

200 में बंजी जंपिंग और 1200 में पैरामोटर का ले सकेंगे लुत्फ

 - 19 जनवरी से भोज एडवेंचर फेस्ट का आगाज
 - एक माह तक चलेंगे गे स
भोपाल। 
हर वर्ष की तरह भोज एडवेंचर फेस्ट-2014 का आगाज 19 जनवरी को होने जा रहा है। एक माह तक चलने वाले इस फेस्ट के तहत विभिन्न गे स का आनंद लेने का मौका शहवासियों को मिलेगा। पूर्व की तरह ही फेस्ट में इस बार भी वाटर स्पोर्टस, बंजी जंपिंग, पैरामोटर, पैरासेलिंग, हॉट-एयर बैलून गे स  शामिल किए गए हैं। इस बार का मु य आकर्षण 55 फ ीट की बंजी जंपिंग होगी। हालांकि सभी गे स में हिस्सा लेने के लिए लोगों को अपनी जेब भी ढीली करनी होगी। बंजी जंपिंग के लिए जहां 200 प्रति व्यक्ति राशि देय करनी होगी, वहीं पैरामोटर के लिए 1200 प्रति व्यक्ति खर्च करने होंगे। यह जानकारी बीटीपीसी के संयुक्त सचिव रितेश शर्मा कुमार ने दी। उन्होंने बताया कि यह गे स एक माह तक प्रतिदिन सुबह 7 से 10.30 बजे तक तथा शाम को 3 से 6 बजे तक होंगे। इसके लिए सभी तैयारियां की जा रही है।

-कलेक्टर ने दिए निर्देश 
कलेक्टर निशांत वरवड़े ने भी फेस्ट-2014 की तैयारियों को लेकर शुक्र वार को संबंधित विभागों के अधिकारियों की बैठक ली। बैठक में अधिकारियों को उनकी जि मेदारियां सौंपी गई। नगर निगम के अधिकारियों को निर्देशित किया गया कि वह पानी, चलित शौचालय आदि की व्यवस्था करें। वहीं सुरक्षा व्यवस्था को ध्यान में रखते हुए होमगार्ड के जवानों के अतिरिक्त सिक्योरिटी एजेंसी के लिए लोगों को रखे जाने का निर्णय गया। कलेक्टर श्री वरवड़े ने एडवेंचर स्पोर्टस में किसी भी अनहोनी घटना से बचने हमेशा सतर्क रहने की बात कहते हुए दुर्घटना होने पर तत्काल उपचार उपलब्ध कराए जाने डॉक्टरों की एक टीम भी मौका स्थल पर उपलब्ध रहे, इसके लिए भी निर्देश दिए।

-विधिवत शुभारंभ 20 को 
फेस्ट का विधिवत शुभारंभ 20 जनवरी को प्रभारी मंत्री गोपाल भार्गव, गृह मंत्री बाबूलाल गौर, ्रउच्च शिक्षा मंत्री उमाशंकर गुप्ता, सांसद कैलाश जोशी महापौर कृष्णा गौर सहित सभी विधायक की मौजूदगी में किया जाएगा। इस फेस्ट का मु य आकर्षण मशहूर गोल्फर ज्योति रंधावा लारा 30 हजार फीट की उंचाई से स्कॉयडायविंग करना होगा। वह राष्ट्रीय ध्वज तिरंगे के साथ यह प्रदर्शन करेंगे। इंस्ट्रक्टर आरएस सेंगर व एसएल सराठे भी यह करतब उनके साथ करते देखे जाएंगे।

-स्पांसर की तलाश जारी 
भोज एडवेंचर स्पोर्टस के लिए जिला प्रशासन को 20 लाख रुपए प्राप्त हो चुके हैं। 15 लाख रुपए की आवश्यकता है। जिसके लिए प्रशासन लगातार प्रयास में हैँ। इधर इन गे स के लिए स्पांसर भी तलाशे जा   रहे हैं।यह तलाश अब तक पूरी नहीं हो सकी है। इसके लिए शाम से प्रयास भी तेज कर दिए गए हैं।

-यहां मिलेंगे पास 
एडवेंचर स्पोर्टस का आनंद लेने के लिए लोगों को लेना होगा। इन पासों को पाने के लिए उन्हें भटकना नहीं पड़ेगा। यह पास कलिया सोत डेम ग्राउण्ड में, पलाश होटल, 7 नंबर स्टॉप स्थित एमपी नगर कार्यालय, तहसील हुजूर के कार्यालय तथा 74 बंगले स्थित पीडब्ल्यूडी कार्यालय में मिल सकेंगे । निर्धारित शुल्क अदा कर कोई भी व्यक्ति पास ले सकता है।

 गे स के लिए यह है दर -
 गे स                     - कीमत
 बंजी जंपिंग (55 फीट)         - 200 रुपए प्रति व्यक्ति
 पैरामोटर                 - 1200 रुपए प्रति व्यक्ति
 हॉट एयर बैलून (टेंडर लाईट)     - 300 रुपए प्रति व्यक्ति
 पैरासेलिंग                 - 300 रुपए प्रति व्यक्ति
 वाटर स्पोर्ट गे स (चार गे स)    - 75 से 300 रुपए प्रति व्यक्ति
 हॉट एयर बैलून             - 7000 रुपए प्रति व्यक्ति
 हॉट एयर बैलून फ्री प्लाईट      - 20,000 तीन व्यक्तियों के लिए

-स्कूल-कॉलेजों के बच्चों के होगा डिस्काउंट 
बीटीपीसी के संयुक्त सचिव रितेश शर्मा कुमार ने कलेक्टर की अध्यक्षता में देर शाम हुई बैठक में निर्णय लिया गया है कि स्कूल-कालेजों के छात्र-छात्राएं यदि 25 से 50 के गु्रप में एडवेंचर स्पोर्टस का आनंद लेने पहुंचने हैं, तो उन्हें टिकट की राशि में डिस्काउंट दिया जाएगा। यह डिस्काउंट कितना दिया जाएगा, यह राशि भी तय होना बाकी है।

‘बिल्डर के अन्य प्रोजेक्टों पर न दें बिजली’

-स्टार होम्स के रहवासी मिले ऊर्जा मंत्री राजेन्द्र शुक्ल से 
भोपाल। 
बावड़ियाकलां स्थित स्टार होम्स के रहवासी व्यक्तिगत (एकल) रूप से बिजली कनेक्शन लगवाए जाने को लेकर ऊर्जा एवं जनसंपर्क मंत्री राजेन्द्र शुक्ल से मिले। इस पर उन्होंने तत्काल विभागीय अधिकारी को बिल्डर के अन्य प्रोजेक्टों पर बिजली न दिए जाने के आदेश दिए। 
दोहपर करीब 1 बजे मुकलाकात के दौरान रहवासियों ने बताया, बिल्डर बिजली कनेक्शन नहीं दे रहा है, जबकि इसके लिए कॉलोनी निर्माण से पूर्व ही प्रति डुप्लेक्स 50 हजार रुपए ले चुका है। इसके अलावा बिल्डर एक एजेंसी के माध्यम से बिजली प्रदाय कर रहा है, जिसका बिल 11 रुपए प्रति यूनिट होता है। यह बात सुन ऊर्जा मंत्री श्री शुक्ल ने सीईई आरके मिश्रा को फोन लगाकर बिल्डर के नवीन चल रहे प्रोजेक्टों पर बिजली कनेक्शन न देने को कहा। साथ ही श्री मिश्रा से कालोनीवासियों को कनेक्शन दिए जाने की प्रोसेस पूरी कर बिजली कनेक्शन दिए जाने के निर्देश दिए। वे बोले यदि बिल्डर ने काम पूरे नहीं किए हैं तो देखें कि क्या कार्रवाई की जा सकती है। उन्होंने अधिकारी से कहा, कॉलोनी में जो एजेंसी बिजली दे रही है, उसे बंद कराकर विद्युत विभाग से बिजली दिया जाना सुनिश्चित करें। कालोनी के आरके शुक्ला, राजेंद्र गर्ग, विनय राय, आलोक जगानी सहित अन्य रहवासियों ने बिल्डर के खिलाफ जांच कराने और अनियमितताओं का 25 पेज की शिकायत दी। इस शिकायत पर एक्शन लेने का आश्वासन मंत्री श्री शुक्ला ने दिया। 

86 दुकानों से मिला 382 करोड़ राजस्व

-4 देशी ठेकों की होगी नीलामी 
-31 तक बुलाए जा सकते हैं टेंडर 
भोपाल। 
जिले की 90 में से 86 देशी-विदेशी शराब दुकानों के लायसेंस नवीनीकरण से मप्र सरकार को 382 करोड़ रुपए का राजस्व मिला है। 4 दुकानों ने लायसेंस नवीनीकृत नहीं कराएं हैं। 
यह चारों देशी ठेका हैं, जिनके लिए 31 जनवरी तक टेंडर बुलाए जाएंगे। बीते तीन साल की तरह   वैट का बोझ लेते हुए शराब व्यापारियों ने एक बार फिर 20 प्रतिशत अधिक राशि देकर शराब को ठेका लिया है। 86 दुकानों के लायसेंस का नवीनीकरण भी कर दिया गया है। 

-रखा लक्ष्य 
जिले में देशी शराब की 46 और विदेशी शराब की 44 दुकानें हैं। इन दुकानों का टेंडर बुलाने के बजाए, आबकारी वि ााग ने वतर्मान में दुकानों का संचालन कर रहे ठेकेदारों को ही 20 प्रतिशत राशि बढ़ा कर दुकान लेने का आॅफर दिया था। इसमें दुकान संचालक ने पहले रुचि नहीं दिखाई। बाद में 86 व्यापारियों ने प्रतिस्पर्धा को देखते हुए 20 प्रतिशत राशि बढ़ा कर प्रस्ताव दिए। आबकारी उपायुक्त एनके चौबे ने बताया, वित्तीय वर्ष 2013-14 में 333 करोड़ के राजस्व का लक्ष्य रखा गया था। यह लगभग पूरा हो गया है। 2014-15 के लिए नीलामी लक्ष्य 406 करोड़ रुपए है। 86 देशी-विदेश दुकानों ठेके से विभाग को 382 करोड़ प्राप्त होंगे। 

-ये हैं दुकानें 
शहर के हमीदिया रोड, रत्नागिरीतिराहे, अयोध्या नगर व गोविंदपुरा क्षेत्र की दुकानें हैं जिनकी निलामी होगी। इनके ठेकेदारों ने लायसेंस नवीनीकरण नहीं कराया था। नहीं कराया है। 31 जनवरी तक टेंडर बुलाए जाएंगे। 

सेवानिवृत्त कराएंगे लोकसभा चुनाव

-जिला निर्वाचन भेजेगा मुख्य चुनाव आयोग को प्रस्ताव 
भोपाल। 
लोकसभा चुनाव में इस बार सेवानिवृत्त अधिकारी-कर्मचारियों की सेवाएं ली जा सकती हैं। जिला निर्वाचन ने जिले में स्टॉफ की कमी का हवाला देते हुए इनकी सेवाएं लिए जाने का प्रस्ताव मुख्य चुनाव आयोग को भेजने जा रहा है। 
विधानसभा चुनाव में ऐसी परेशानियों को देखते हुए जिला निर्वाचन अधिकारी एवं कलेक्टर निशांत वरवड़े के माध्यम से यह पत्र लिखा जाएगा। उप जिला निर्वाचन अधिकारी अक्षय सिंह ने बताया, इसके लिए जल्द ही चुनाव आयोग को प्रस्ताव बनाकर भेजेगा। उन्होंने बताया, जिला निर्वाचन आयोग ऐसे ही सेवानिवृत्त कर्मचारियों को चुनावी ड्यूटी पर लेगा, जो पूर्व में चुनाव के दौरान ड्यूटी कर चुके हैं अथवा उन्हें चुनाव के कार्य का अनुभव है। अब यदि आयोग से सेवाएं लिए जाने की अनुमति मिल जाती है तो कलेक्टर को बड़ी राहत मिलेगी। खास तौर पर ऐसे अधिकारी-कर्मचारियों से जो चुनाव ड्यूटी के दौरान किन्हीं कारणों का हवाला दे छुट्टी पर जाते हैं। चुनाव के दौरान बड़ी फोर्स कलेक्टर को मिल जाएगी, जिसका वे बूथ वाइस उपयोग करेंगे। वहीं विधानसभा चुनाव के दौरान विभिन्न विभागों के काम प्रभावित होने पर यह बात सामने आई थी कि पूरा फोर्स चुनाव ड्यूटी लगा हुआ था। सेवानिवृत्त हाथों से काम लिए जाने से इस दिक्कत से जिला प्रशासन को निजात मिलेगी। 

सुरभि होम्स ने की 45 लाख की टैक्स चोरी , भोपाल

सर्विस टैक्स विभाग ने शुक्रवार को एमपी नगर जोन-2 स्थित सुरभि होम्स प्राइवेट लिमिटेड के कार्यालय पर छापामार कार्रवाई की। इसमें 45 लाख की टैक्स चोरी सामने आई। 
दोपहर बाद भोपाल की टीम ने यह दबिश दी। टीम ने पहुंचते ही टैक्स और अकाउंट संबंधित दस्तावेज मांगे। दस्तावेजों की पड़ताल में सामने आया कि बिल्डर ने कर के रूप में 45 लाख रुपए की टैक्स चोरी की है। यह बात सुरभि होम्स प्रबंधन को बताई, जिसके उन्होंने स्वीकार किया। प्रबंधन ने टैक्स चोरी के 40 लाख रुपए जमा कर दिए। पड़ताल में सामने आया कि सुरभि होम्स ने रजिस्ट्रेशन नहीं कराया था। वहीं सर्विस टैक्स के कंपनी एक्ट के तहत विभिन्न तरीकों से कर चोरी की थी। 

रितु को फिर एमपी नगर की कमान , भोपाल

विधानसभा निर्वाचन के दौरान एमपी नगर वृत्त के एसडीएम पद से हटाई गर्इं रितु चौहान को दोबारा यही प्रभार सौंप दिया गया है। कलेक्टर निशांत वरवड़े ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिए हैं। 
आदेश के तहत एमपी नगर वृत्त की एसडीएम माया अवस्थी को कलेक्ट्रेट कार्यालय में सेवाएं देंगी। सुश्री चौहान शनिवार को यह जिम्मेदारी संभालेंगी। आदेश में दोनों डिप्टी कलेक्टर सुरभि तिवारी और माया अवस्थी के बीच विभागों के बंटवारा भी कर दिए गए हैं। बंटवारे से श्रीमती तिवारी के पास का भार थोड़ा कम होगा। ध्यान दें, विधानसभा निर्वाचन के दौरान सुश्री चौहान को गोविंदपुरा विधानसभा का आरओ बनाया गया था। इसी बीच एक व्यक्ति ने मुख्य निर्वाचन आयोग में शिकायत दर्ज कराई थी, कि वह मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की भांजी हैं। ऐसे में चुनाव प्रभावित हो सकते हैं। शिकायत को लेकर निर्वाचन आयोग ने सुश्री चौहान को लोक शिक्षण संचालनालय में उप संचालक के पद पर पदस्थ कर दिया था। सामान्य प्रशासन ने उन्हें फिर भोपाल में पदस्थ करने के आदेश दिए। इसके बाद कलेक्टर ने उनके साथ दोनों डिप्टी कलेक्टरों के प्रभार बांटे। 

नंदिता खजुराहो से हो सकती हैं भाजपा की प्रत्याशी

-अनौपचारिक चर्चा में कहा, संगठन ने जिम्मेदारी दी तो लड़ूंगी 
भोपाल। 
राष्ट्रीयऋषि नानाजी देशमुख की दत्तक पुत्री नंदिता पाठक भाजपा के टिकट पर खजुराहो से लोकसभा चुनाव लड़ सकती हैं। यह बात उन्होंने राजधानी में अनौपचारिक चर्चा के दौरान कही, लेकिन ये भी कहा-संगठन और पार्टी का निर्णय मान्य होगा। 
यदि जिम्मेदारी मिलती है तो लड़ंूगी। क्या इसके लिए तैयार हैं? इस सवाल पर उन्होंने कहा, बीते 20 सालों से समाज सेवा के क्षेत्र में हूं। बेशक राजनीति क्षेत्र नया है, लेकिन जनता के लिए वहां से काम करने की इच्छा है। संगठन दायित्व सौंपेगी, तो उसके निर्वहन के लिए तैयार हूं। प्रदेश की 29 लोकसभा सीटों में खजुराहो बड़ा क्षेत्र है। इस दृष्टीकोण से जनसंपर्क में लगना होगा। टिकट मिल जाता है तो कैसे काम करेंगी? इस पर श्रीमती पाठक ने कहा, मेरे पति डॉ. भरत पाठक चिकित्सा क्षेत्र में होने के चलते इलाके में अच्छा संपर्क रखते हैं। वहीं चित्रकूट और खजुराहो में सामाजिक कार्याकर्ता के तौर पर मुझे भी दो दशक से लोग जानते हैं। उल्लेखनीय है कि नंदिता पाठक अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से भी जुड़ी हुई हैं। इसके साथ ही अटल बिहारी वाजपेयी विश्वविद्यालय की प्रबंध समिति समेत अन्य वैज्ञानिका, शैक्षणिक संस्थाओं की सक्रीय सदस्य हैं। 

सत्य धर्म में निहित है प्रकृति की सुरक्षा : जयंत पोतदार

पंच साधन मार्ग है अग्निहोत्र का सच्चा और सार्थक प्रचार तंत्र 
माधव आश्रम में तीन दिवसीय जनसेवक सभा का समापन
भोपाल। 
सत्य सनातन धर्म का पालन और नित्य अग्निहोत्र का आचरण आज ाी पर्यावरण सुरक्षा और मानव रक्षा का प्रमु ा साधन है। प्रकृति को प्रदूषण से मुक्त र ाने के लिए जिस तरह सनातन काल में ऋषि-मुनियों लारा यज्ञ-हवन और तप साधना की जाती थी, उसी तरह आधुनिक समय में नित्य अग्निहोत्र प्रकृति का सुरक्षा कवच सिद्ध हुआ है। ये विचार सीहोर रोड स्थित माधव आश्रम में आयोजित तीन दिवसीय वार्षिक जनसेवक स मेलन में आश्रम प्रमु ा प्रचारक जयंत पोतदार ने व्यक्त किये। उन्होंने कहा कि यह विशुद्ध तौर पर ईश्वर कार्य है और ईश्वर के प्रति हमें समर्पित होना होगा। अगर आप ईश्वर के प्रति समर्पित हैं तो आपकी हर छोटी-बड़ी समस्या का निदान स्वत: हो जाएगा। इस अवसर पर आश्रम की संचालिका नलिनी माधवजी पोतदार ने कहा कि साहब लारा यज्ञ, दान, तन, कर्म और स्वाध्याय ये पंच साधन ही जीवन की सार्थकता के प्रतीक है और यही नित्य अग्निहोत्र का सच्चा और सार्थक प्रचार तंत्र है। इस अवसर पर नन्हें प्रचारक विनय पोतदार और वरुण पोतदार ने अपनी मासूम आवाज में संगीतमय ाजनों की प्रस्तुति देकर स ाी को मंत्रमुग्ध कर दिया। प्रचार स ाा का संचालन करते हुए विजया पोतदार ने प्रचार तंत्र को और सुदृढ़ बनाने पर जोर दिया। इसी तरह डॉ. विवेक पोतदार के अलावा कानपुर से आए कृषि वैज्ञानिक प्रो. रामाश्रय मिश्र, जयपुर के कैलाश गंगवाल, मुंबई से आईं नीला किरकिरे, ललितपुर के श्री जायसवाल तथा राम िालावन यादव, मदुरै से आए दीपक परमार सहित रमेश तोलंबिया, जीपी मालवीय, प्रदीप ाांजोड़े, सरोज ाांजोड़े, अलका कुशवाह, डॉ. हर्षद परमार, हर ाजन मीना अग्निहोत्री, बीएल मारण, रामनारायण मीणा, और अन्य प्रचारकों ने अपने विचार व्यक्त किये। स मेलन में बदनसिंह ठाकुर, हरीराम रैकवार, वृंदावन मीना अग्निहोत्री, गीता राजपूत, कैलाशी मीना और पुणे, जयपुर, विदिशा, होशंगाबाद, रायसेन, रतलाम, मंदसौर, कानपुर, जबलपुर सहित उड़ीसा, महाराष्ट्र, उप्र, राजस्थान सहित   देश ार के वि िान्न प्रांतों से आये महिला-पुरुष प्रचारक शामिल हुए।
विधायक ने की सहयोग की पेशकश : स मेलन में तीसरे दिन मंगलवार को विशेष रूप से शामिल हुए बैरसिया विधायक विष्णु ात्री ने पर्यावरण सुरक्षा के लिए नित्य अग्निहोत्र आचरण को महत्वपूर्ण बताते हुए दुनिया ार में इसके प्रचार का आह्वान किया। उन्होंने मानवधर्म संदेष्टा माधव आश्रम में आवश्यक संसाधन जुटाने के लिए हरसं ाव सहयोग की पेशकश की | 

700 रुपए काट रहे, पर जाने कहां जा रहे

-जनसुनवाई में जेपी अस्पताल के सफाई कर्मचारियों ने की शिकायत
-82 शिकायती आवेदन आए जनसुनवाई में 
भोपाल। 
कलेक्टर कार्यालय में जनसुनवाई में मंगलवार को 82 शिकायती आवेदन आए। इसमें जेपी अस्पताल के सफाई कर्मचारियों ने एक शिकायत देते हुए बताया कि बीते पांच साल से वे सफाई का काम कर रहे हैं। उनके वेतन से 700 रुपए काटा जा रहा है, लेकिन यह कहां कहा जमा किया जा रहा है। इस बारे में कोई बताने को तैयार नहीं। 
पहले कहा जाता था कि यह पीएफ फंड में जमा किया जा रहा है, लेकिन जब पीएफ फंडा का नंबर मांगा तो बताने से इंकार कर दिया। जाने यह राशि आखिर कहां जा रही है। अस्पताल के आधा दर्जन सफाई कर्मचारियों ने यह राशि दिलाने की गुहार लगाई। मामले की सुनवाई डिप्टी कलेक्टर अविनाश तिवारी कर रहे थे। श्री तिवारी ने सीएमएचओ को जांच के निर्देश दिए। जनसुनवाई में विभा शर्मा पति गजेंद्र शर्मा निवासी विवेकानंद कॉलोनी अवधपुरी ने आवेदन देते हुए कहा, 2009 में अयोध्या नगर स्थित लवकुश गृह निर्माण सहकारी संस्था से लवकुश नगर में 15 बाई 30 का एक प्लाट खरीदा था। जिसकी रजिस्ट्री संस्था के तत्कालीन अध्यक्ष सरबजीत सिंह ने 7/9/2009 को करा दी। इसके बाद जब कब्जा लेने पहुंचे तो पता चला कि संस्था लारा टाउन एंड कंट्री प्लान में से पास कराए गए ले-आउट में 2-ए आकार का 15 बाई30 वर्गफिट का प्लाट ही नहीं है। तहसीलदार कोर्ट में सीमांकन का आवेदन लगाकर सीमांकन कराया तो पता चला कि जिस जगह की रजिस्ट्री हुई है वहां कॉलोनी का सामूहिक सेप्टिक टैंक है। मामला सामने आने के बाद उपायुक्त सहकारिता को शिकायती आवेदन दिए। आदेश हुए कि कॉलोनी में दूसरा प्लाट 15बाई 30 आकार का दिया जाए। साथ ही तत्कालीन अध्यक्ष के खिलाफ थाने में एफआईआर कराई जाए। पर अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई। 

जिले में थोक बंद आरआई इधर से उधर

-कुछ ने बताया कलेक्टर का अविवेक पूर्ण निर्णय, लोकसभा चुनाव पर पड़ेगा असर 
भोपाल। 
जिले की सातों सर्किलों में पदस्थ राजस्व निरीक्षकों को इधर से उधर कर दिया गया है। कलेक्टर निशांत वरवड़े ने यह थोक बंद तबादले सोमवार देर रात किए। तबादले में मप्र राजस्व निरीक्षक संघ के अध्यक्ष फिरोज अली और जिला राजस्व निरीक्षक संघ के अध्यक्ष देवेन्द्र शुक्ला भी शामिल हैं। 
कलेक्टर के थोक में तबादले को दो अनुविभागीय अधिकारी व दो सर्किलों के तहसीलदारों ने इसे अविवेक पूर्ण निर्णय बताया। नाम न देने की शर्त पर एक पूर्व तहसीलदार ने कहा, इन तबादलों से निश्चित तौर पर लोकसभा चुनाव में परेशानियां सामने आएंगी। ऐसा इसलिए क्योंकि निर्वाचन आयोग के आदेशानुसार इन्होंने प्रशिक्षण लिया। इनके हाथ के नीचे 8 से 10 बूथ लेवल आॅफिसर हैं, जिन्हें पूर्ण रूप से इन्हें ही गाइड करना है। दूसरी ओर संघ के पदाधिकारियों का कहना है, इस बदलाव से पूर्व कलेक्टर श्री वरवड़े को आरआई की व्यक्तिगत परेशानियों को ध्यान में रखना था। ऐसे में अब वह परेशान होंगे। कइयों के सर्किल दूर हो गए हैं तो अधिकांश को निर्वाचन के दौरान परेशानियों का सामना करना पड़ेगा। तबादला सूची देखें तो अब तक भू-अभिलेख शाखा में पदस्थ दो आरआईयों को को भी फील्ड में तैनाती की गई है। इधर संघ एक दो दिन में बड़ी बैठक आयोजित करने का मन बना रहा है। 

नाम                     पहले             अब 
शैलेन्द्र सिंह                 गोविन्दपुरा         बैरसिया
शिवनारायण मंडलोई            हुजूर             बैरसिया 
विनोद पाठक                 एमपी नगर         बैरसिया 
मुजीब उद्दीन                शहर भोपाल         बैरसिया 
पीएस   वेदी                एमपी नगर         शहर भोपाल 
राकेश पिप्पल                बैरागढ़             गोविन्दपुरा 
सतेन्द्र चतुर्वेदी                बैरागढ़             एमपी नगर 
मुमताज अली                एमपी नगर         गोविन्दपुरा 
कमलेश मिश्रा                 शहर भोपाल         हुजूर 
फिरोज अली                शहर भोपाल        बैरागढ़
देवेन्द्र शुक्ला                टीटी नगर         भोपाल
प्रयास सिंह                 गोविन्दपुरा        शहर भोपाल 
राकेश सिंह                 बैरागढ़            शहर भोपाल 
रामप्रसाद नागर                 भू-अ.शा            हुजूर 
अनीस कुरैशी                 भू-अ.शा            एमपी नगर 
राजेश राम                गोविन्दपुरा        बैरागढ़ 
शरदवल्लभ गोस्वामी             बैरसिया             टीटी नगर 
रणधीर सिंह मीणा                 बैरसिया             गोविन्दपुरा 
हरीशचंद गिलवैया                बैरसिया             बैरागढ़ 

वर्जन 
यह तबादले लोकसभा निर्वाचन से ठीक पहले किए गए हैं, जिससे आरआई के साथ वरिष्ठ अफसरों को भी अपने क्षेत्र में दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा। 
फिरोज अली, अध्यक्ष, प्रांतीय राजस्व निरीक्षक संघ 

हम अवगत कराएंगे 
कलेक्टर को पूर्ण अधिकार हैं तबादले के लेकिन जिले के कई आरआई ऐसे हैं जिनकी अपनी व्यक्तिगत परेशानियां हैं। इन्हें ध्यान में रखा जाना चाहिए था। हम कलेक्टर को इस बारे में अवगत कराएंगे। 
देवेन्द्र शुक्ला, अध्यक्ष, जिला राजस्व निरीक्षक संघ