-स्टार होम्स के रहवासी ने बताई अपनी व्यथा
भोपाल।
बावड़ियाकलां स्थित स्टार होम्स के रहवासियों ने मप्र शासन ने मांग की कि वह मे. स्टार रियलटी, संचालक अनिल खिलवानी और सार्इंनाथ कालोनाइजर, सुमित चंडोक को कॉलोनी निर्माण की अनुमति न दें। इनका कॉलोनाइजर लायसेंस भी निरस्त किया जाए। रविवार रविवार से पत्रकारों से मुखातिब थे।
कॉलोनीवासियों ने कहा, यह मांग इसलिए है क्योंकि कालोनाइजर अनिल खिलवानी और सुमित चंडोक ने स्टार होम्स निर्माण के दौरान वाद तो बड़े-बड़े किए, लेकिन काम नहीं किया। इसी में से एक व्यक्तिगत रूप से बिजली के कनेक्शन न दिया जाना भी है। रहवासियों ने बताया, बिल्डर बिजली कनेक्शन नहीं दे रहा है, जबकि इसके लिए कॉलोनी निर्माण से पूर्व ही प्रति डुप्लेक्स 50 हजार रुपए ले चुका है। इसके अलावा बिल्डर एक एजेंसी के माध्यम से बिजली प्रदाय कर रहा है, जिसका बिल 11 रुपए प्रति यूनिट होता है।
कॉलोनी के निवासी आरबी शुक्ला, राजेन्द्र गर्ग ने बताया, कॉलोनाइजर ने यह कॉलोनी 99 डुप्लेक्स की बनाई है। बिजली कनेक्शन को लेकर एक शिकायती पत्र ऊर्जा एवं जनसंपर्क मंत्री राजेन्द्र शुक्ल से मिल चुके हैं। वहीं नगर निगम, जिला प्रशासन और मुख्य सचिव को शिकायत दे चुके हैं, लेकिन अब तक कोई एक्शन नहीं लिया गया।
श्री शुक्ला ने बताया, यह प्रोजेक्ट 2008 में शुरू किया था। उस समय सभी से ये वादा किया कि सब बताए अनुसार ही किया जाएगा। कॉलोनी के बीचों-बीच सीवेज ट्रीटमेंट प्लॉन्ट लगाया है, जो सप्ताह भर में ओवरफ्लो हो जाता है। इसका पानी आसपास के घरों में भरता है। वहीं किचन और टॉयलेट का गंदा पानी निकासी की ठीक व्यवस्था नहीं है। इसके चलते कॉलानी बदबू बनी रहती है। फर्श से टाइल्स और दीवारों से रेत खिर रही है।
रहवासियों ने कहा, प्रदेश सरकार यदि बिल्डर का लायसेंस और प्रोजेक्टों पर रोक नहीं लगवाती है और कॉलोनीवासियों को व्यक्तिगत बिजली कनेक्शन नहीं दिए जाते हैं तो अनशन और प्रदर्शन किया जाएगा।
भोपाल।
बावड़ियाकलां स्थित स्टार होम्स के रहवासियों ने मप्र शासन ने मांग की कि वह मे. स्टार रियलटी, संचालक अनिल खिलवानी और सार्इंनाथ कालोनाइजर, सुमित चंडोक को कॉलोनी निर्माण की अनुमति न दें। इनका कॉलोनाइजर लायसेंस भी निरस्त किया जाए। रविवार रविवार से पत्रकारों से मुखातिब थे।
कॉलोनीवासियों ने कहा, यह मांग इसलिए है क्योंकि कालोनाइजर अनिल खिलवानी और सुमित चंडोक ने स्टार होम्स निर्माण के दौरान वाद तो बड़े-बड़े किए, लेकिन काम नहीं किया। इसी में से एक व्यक्तिगत रूप से बिजली के कनेक्शन न दिया जाना भी है। रहवासियों ने बताया, बिल्डर बिजली कनेक्शन नहीं दे रहा है, जबकि इसके लिए कॉलोनी निर्माण से पूर्व ही प्रति डुप्लेक्स 50 हजार रुपए ले चुका है। इसके अलावा बिल्डर एक एजेंसी के माध्यम से बिजली प्रदाय कर रहा है, जिसका बिल 11 रुपए प्रति यूनिट होता है।
कॉलोनी के निवासी आरबी शुक्ला, राजेन्द्र गर्ग ने बताया, कॉलोनाइजर ने यह कॉलोनी 99 डुप्लेक्स की बनाई है। बिजली कनेक्शन को लेकर एक शिकायती पत्र ऊर्जा एवं जनसंपर्क मंत्री राजेन्द्र शुक्ल से मिल चुके हैं। वहीं नगर निगम, जिला प्रशासन और मुख्य सचिव को शिकायत दे चुके हैं, लेकिन अब तक कोई एक्शन नहीं लिया गया।
श्री शुक्ला ने बताया, यह प्रोजेक्ट 2008 में शुरू किया था। उस समय सभी से ये वादा किया कि सब बताए अनुसार ही किया जाएगा। कॉलोनी के बीचों-बीच सीवेज ट्रीटमेंट प्लॉन्ट लगाया है, जो सप्ताह भर में ओवरफ्लो हो जाता है। इसका पानी आसपास के घरों में भरता है। वहीं किचन और टॉयलेट का गंदा पानी निकासी की ठीक व्यवस्था नहीं है। इसके चलते कॉलानी बदबू बनी रहती है। फर्श से टाइल्स और दीवारों से रेत खिर रही है।
रहवासियों ने कहा, प्रदेश सरकार यदि बिल्डर का लायसेंस और प्रोजेक्टों पर रोक नहीं लगवाती है और कॉलोनीवासियों को व्यक्तिगत बिजली कनेक्शन नहीं दिए जाते हैं तो अनशन और प्रदर्शन किया जाएगा।
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