शुक्रवार, 17 जनवरी 2014

सीएपीटी को अलाट रास्ता अब नहीं बनेगा ‘दीवार’

-कलेक्टर ने किया मौका मुआयना, वापस ली जाएगी रास्ते की जमीन 
भोपाल। 
सेंट्रल अकादमी आॅफ पुलिस ट्रेनिंग (सीएपीटी) तथा इंडियन तिब्बत पुलिस (आईटीबीपी) को संयुक्त रूप से ग्राम कान्हासैया में आवंटित 425 एकड़ भूमि में से रहवासी कॉलोनी की ओर जाने वाला रास्ते की भूमि जिला प्रशासन वापस लेगा। कलेक्टर निशांत वरवड़े ने गुरुवार को मौका मुआयना कर तहसीलदार आकाश श्रीवास्तव को इस संबंध में प्रस्ताव तैयार करे को कहा। 
दरअसल, ग्रामीणों ने शिकायत की थी कि जिस जमीन पर दीवार तानी जा रही है। वह शासकीय रास्ता है, जो गांव में जाने के साथ घोड़ा पछाड़ डेम का भी रास्ता है। राजस्व रिकार्ड में यह चरोखर के नाम से दर्ज है। कलेक्टर ने मौका निरीक्षण कर स्थिति को देखा तो पाया कि ग्रामीणजनों की बात सही है। यदि सीएपीटी व आईटीबीपी को गांव में जाने के मुख्य रास्ते की जमीन दे दी गई है। यहां दीवार खड़ी होती है तो ग्रामीणों का निकलना बंद हो जाएगा। कलेक्टर के निर्देश पर तहसीलदार आकाश श्रीवास्तव ने रास्ते को नपती कर ली है। अब वह प्रस्ताव तैयार कर रहे हैं। 

-मामला एक नजर में 
राज्य सरकार ने वर्ष 2009 में सीएपीटी को 400 तथा आईटीबीपी को 25 एकड़ भूमि पुलिस ट्रेनिंग सेंटर तथा रहवासी कॉलोनी बनाने के लिए ग्राम कान्हासैया में जमीन आवंटित की थी। जमीन मिलने के बाद जब यहां सीएपीटी ने दीवार निर्माण शुरू किया। इस दौरान पता चला कई गांवों और घोड़ा पछाड़ डेम का रास्ता भी यहीं से है, जो बंद हो जाएगा। ग्रामीण कलेक्टर की जनसुनवाई में पहुंचे। यहां कोई हल नहीं निकला। एक बार फिर कलेक्टर से भेंट की। इस पर कलेक्टर निशांत वरवड़े ने तहसीलदार आकाश श्रीवास्तव को निर्माण कार्य रुकवाने के आदेश दिए। यह शिकायत पूर्व सरपंच प्रेमनारायण पाल, फरहान एहमद खान सहित दर्जनों किसानों ने की थी। 

-चर्चा के बाद निकला निराकरण
इधर सूत्र बताते हैं कि कलेक्टर निशांत वरवड़े ने इस मामले में ग्रामीणजनों के साथ साथ दोनों विभागों के अधिकारियों से चर्चा की और मौका निरीक्षण भी किया। जब स्थिति साफ हुई कि इस दीवार से मु य रास्ता प्रभावित होगा तो उन्होंने दोनों विभागों के अधिकारियों को समझाया और   केवल मु य रास्ते की जमीन को वापस लिए जाने को सहमति कर लिया।

-नल-जल योजना के लिए भेजे प्रस्ताव 
कलेक्टर ने ग्रामवासियों से मुलाकात कर क्षेत्र की समस्याएं भी सुनी। मु य समस्या पानी की समाने आने पर श्री वरवड़े ने पटवारी व ग्राम सचिव को इन गांव को नल-जल योजना में शामिल किए जाने का प्रस्ताव भेजा जाए, ताकि इस समस्या से गांव को मुक्ति मिल सके।

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