-कलेक्टर ने माया अवस्थी को दिया एसडीएम हुजूर का प्रभार
भोपाल।
एसडीएम हुजूर सुनील दुबे को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की न-फरमानी भारी पड़ गई। कलेक्टर निशांत वरवड़े ने उनका प्रभार बदलते हुए कलेक्टर कार्यालय में अटैच कर दिया।
उनके स्थान माया अवस्थी को एसडीएम हुजूर की जिम्मेदारी सौंपी हैं। 17 जनवरी को श्रीमती अवस्थी को एसडीएम एमपी से हटाकर कलेक्टर कार्यालय में अटैच किया गया था। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 10 जनवरी को शहर का औचक निरीक्षण किया था। इस दौरान वह कोलार नगर पालिका पहुंचे। यहां सीएमओ राजेश श्रीवास्तव की काम में लापरवाही की शिकायतें मिलने पर उन्हें हटाने के निर्देश दिए थे। कलेक्टर श्री वरवड़े ने यह आदेश सोमवार देर रात जारी किए, जिसमें सीएमओ कोलार को भी तत्काल प्रभाव से सस्पेंड कर दिया। उन्हें डायरेक्टेट स्थानांतरित किया गया था। फिर भी वह पालिका में काम कर रहे थे। इतना ही नहीं हुजूर विधायक रामेश्वर शर्मा के बीते दिनों दौरे के दौरान वे साथ में थे। दौरे में श्री श्रीवास्तव के साथ होने की बात सामने आने पर शासन ने सोमवार रात को ही जिला प्रशासन के आला अधिकारियों को तलब किया था। इसके बाद आनन-फानन में जिला प्रशासन ने रातों-रात ही सीएमओ को निलंबित कर दिया। कलेक्टर के आदेश पर मंगलवार को ही माया अवस्थी ने बतौर हुजूर एसडीएम के रूप में काम संभाल लिया।
उल्लेखनीय है कि दस जनवरी को मु यमंत्री ने राजधानी में छापामार कारर्वाई करते हुए तीन सरकारी द तरों में औचक पहुंचकर यहां के अधिकारी-कमर्चारियों को हक्का-बक्का कर दिया था। मु यमंत्री को कहीं कामकाज में लापरवाही दिखी थी तो किसी को उन्होंने सिगरेट फूंकते हुए पकड़ा था। इस औचक निरीक्षक के बाद शासन ने इनमें से दो अधिकारियों को सस्पेंड, दो के तबादले, एक को नौकरी से बर्खास्त और एक को नोटिस जारी करने के निर्देश दिए थे। इसमें कोलार सीएमओ राजेश श्रीवास्तव भी शामिल थे। उनका तबादला कर दिया गया था। इसके बावजूद भी एसडीएम सुनील दुबे ने उन्हें रिलीव नहीं किया था। सूत्रों की माने तो इस कारर्वाई की जानकारी सुनील दुबे को मंगलवार को लग गई है, वह वतर्मान में हैदराबाद में किसी काम से गए हुए हैं।
-दुबे ने बनाए थे बहाने
कलेक्टर श्री वरवड़े ने सीएमओ को रिलीव न किए जाने के बारे में जब हुजूर एसडीएम श्री दुबे से पूछा तो उन्होंने बहाने बनाना शुरू कर दिया। वे बोले उन्हें इस संबंध में आदेश नहीं मिल पाया, जिसके चलते ऐसा हुआ। कलेक्टर ने इसे गंभीरता से लिया और तत्काल एसडीएम पद से हटाते हुए कलेक्टर कार्यालय में अटैच कर दिया।
-सिंह ने की थी शिकायत
कोलार नगर पालिका में समय सीमा निकलने के बाद भी भवन अनुज्ञा जारी न करने की शिकायत प्रेमनारायण सिंह घोषी ने मुख्यमंत्री से की थी। सीएम ने स्वयं निरीक्षण किया तो शिकायत सही मिली। इसके चलते भवन अनुज्ञा जारी करने वाले सभी अधिकारी-कर्मचारियों को इसका जिम्मेदार ठहराया। इसके चलते एक उपयंत्री व एक मानचित्रकार को तौर पर दोषी मानते हुए निलंबित करने एवं एक दैनिक वेतन भोगी को बर्खास्त करने के निर्देश दिए। वहीं नपा सीएमओ का ट्रांसफर डायरेक्ट्रेट कर दिया गया था।
-रीडरों को भी बदला
इन बदलावों के बीच एसडीएम व तहसीलदार के रीडरों के भी तबादले कर दिए गए। कलेक्टर द्वारा जारी किए गए आदेशानुसार हुजूर तहसीलदार के पास पदस्थ रीडर विनोद मेहरा को टीटीनगर एसडीएम का रीडर बना दिया गया है, जबकि एसडीएम टीटी नगर के रीडर मुकेश श्रीवास्तव को तहसीलदार हुजूर का रीडर बना दिया गया है।
भोपाल।
एसडीएम हुजूर सुनील दुबे को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की न-फरमानी भारी पड़ गई। कलेक्टर निशांत वरवड़े ने उनका प्रभार बदलते हुए कलेक्टर कार्यालय में अटैच कर दिया।
उनके स्थान माया अवस्थी को एसडीएम हुजूर की जिम्मेदारी सौंपी हैं। 17 जनवरी को श्रीमती अवस्थी को एसडीएम एमपी से हटाकर कलेक्टर कार्यालय में अटैच किया गया था। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 10 जनवरी को शहर का औचक निरीक्षण किया था। इस दौरान वह कोलार नगर पालिका पहुंचे। यहां सीएमओ राजेश श्रीवास्तव की काम में लापरवाही की शिकायतें मिलने पर उन्हें हटाने के निर्देश दिए थे। कलेक्टर श्री वरवड़े ने यह आदेश सोमवार देर रात जारी किए, जिसमें सीएमओ कोलार को भी तत्काल प्रभाव से सस्पेंड कर दिया। उन्हें डायरेक्टेट स्थानांतरित किया गया था। फिर भी वह पालिका में काम कर रहे थे। इतना ही नहीं हुजूर विधायक रामेश्वर शर्मा के बीते दिनों दौरे के दौरान वे साथ में थे। दौरे में श्री श्रीवास्तव के साथ होने की बात सामने आने पर शासन ने सोमवार रात को ही जिला प्रशासन के आला अधिकारियों को तलब किया था। इसके बाद आनन-फानन में जिला प्रशासन ने रातों-रात ही सीएमओ को निलंबित कर दिया। कलेक्टर के आदेश पर मंगलवार को ही माया अवस्थी ने बतौर हुजूर एसडीएम के रूप में काम संभाल लिया।
उल्लेखनीय है कि दस जनवरी को मु यमंत्री ने राजधानी में छापामार कारर्वाई करते हुए तीन सरकारी द तरों में औचक पहुंचकर यहां के अधिकारी-कमर्चारियों को हक्का-बक्का कर दिया था। मु यमंत्री को कहीं कामकाज में लापरवाही दिखी थी तो किसी को उन्होंने सिगरेट फूंकते हुए पकड़ा था। इस औचक निरीक्षक के बाद शासन ने इनमें से दो अधिकारियों को सस्पेंड, दो के तबादले, एक को नौकरी से बर्खास्त और एक को नोटिस जारी करने के निर्देश दिए थे। इसमें कोलार सीएमओ राजेश श्रीवास्तव भी शामिल थे। उनका तबादला कर दिया गया था। इसके बावजूद भी एसडीएम सुनील दुबे ने उन्हें रिलीव नहीं किया था। सूत्रों की माने तो इस कारर्वाई की जानकारी सुनील दुबे को मंगलवार को लग गई है, वह वतर्मान में हैदराबाद में किसी काम से गए हुए हैं।
-दुबे ने बनाए थे बहाने
कलेक्टर श्री वरवड़े ने सीएमओ को रिलीव न किए जाने के बारे में जब हुजूर एसडीएम श्री दुबे से पूछा तो उन्होंने बहाने बनाना शुरू कर दिया। वे बोले उन्हें इस संबंध में आदेश नहीं मिल पाया, जिसके चलते ऐसा हुआ। कलेक्टर ने इसे गंभीरता से लिया और तत्काल एसडीएम पद से हटाते हुए कलेक्टर कार्यालय में अटैच कर दिया।
-सिंह ने की थी शिकायत
कोलार नगर पालिका में समय सीमा निकलने के बाद भी भवन अनुज्ञा जारी न करने की शिकायत प्रेमनारायण सिंह घोषी ने मुख्यमंत्री से की थी। सीएम ने स्वयं निरीक्षण किया तो शिकायत सही मिली। इसके चलते भवन अनुज्ञा जारी करने वाले सभी अधिकारी-कर्मचारियों को इसका जिम्मेदार ठहराया। इसके चलते एक उपयंत्री व एक मानचित्रकार को तौर पर दोषी मानते हुए निलंबित करने एवं एक दैनिक वेतन भोगी को बर्खास्त करने के निर्देश दिए। वहीं नपा सीएमओ का ट्रांसफर डायरेक्ट्रेट कर दिया गया था।
-रीडरों को भी बदला
इन बदलावों के बीच एसडीएम व तहसीलदार के रीडरों के भी तबादले कर दिए गए। कलेक्टर द्वारा जारी किए गए आदेशानुसार हुजूर तहसीलदार के पास पदस्थ रीडर विनोद मेहरा को टीटीनगर एसडीएम का रीडर बना दिया गया है, जबकि एसडीएम टीटी नगर के रीडर मुकेश श्रीवास्तव को तहसीलदार हुजूर का रीडर बना दिया गया है।
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