बीपीएल सर्वे के काम में लापरवाही बरतने पर कलेक्टर निशांत वरवड़े ने कोलार नगर पालिका में पदस्थ मुकेश मारन को बर्खास्त करने के निर्देश दिए हैं। बीते दिनों कलेक्टर निरीक्षण किया था।
निरीक्षण के दौरान श्री वरवड़े ने गरीबी रेखा के नीचे सूची में नाम शामिल करने के आवेदनों की जांच की। जांच में एक ऐसा आवेदन मिला जो बीते दो साल से सर्वे न होने के कारण लंबित था। कोलार निवासी चन्द्रकांता पाटिल के इस आवेदन का सर्वे करने का दायित्व कोलार नगर पालिका के दैनिक वेतनभोगी कमर्चारी मुकेश मारन को सौंपा गया था। इसके चलते मुकेश मारन को जिम्मेदार माना और उसे सेवा से पृथक करने के निर्देश दिए। कलेक्टर ने इस संबंध में बताया, जनकल्याणकारी योजनाओं में दिए गए आवेदनों में कोई कर्मचारी-अधिकारी अपनी जिम्मेदारी से बच नहीं सकता। लापरवाही और जानबूझकर की गई गलती के लिए सख्त सजा मिलेगी। तहसीलदार हुजूर ने कहा, कलेक्टर ने आदेश दिए थे, 24 घंटे के भीतर चन्द्रकांता का सर्वे किया गया और नाम बीपीएल सूची में जोड़ दिया गया है। जल्द ही कार्ड जारी किया जाएगा।
निरीक्षण के दौरान श्री वरवड़े ने गरीबी रेखा के नीचे सूची में नाम शामिल करने के आवेदनों की जांच की। जांच में एक ऐसा आवेदन मिला जो बीते दो साल से सर्वे न होने के कारण लंबित था। कोलार निवासी चन्द्रकांता पाटिल के इस आवेदन का सर्वे करने का दायित्व कोलार नगर पालिका के दैनिक वेतनभोगी कमर्चारी मुकेश मारन को सौंपा गया था। इसके चलते मुकेश मारन को जिम्मेदार माना और उसे सेवा से पृथक करने के निर्देश दिए। कलेक्टर ने इस संबंध में बताया, जनकल्याणकारी योजनाओं में दिए गए आवेदनों में कोई कर्मचारी-अधिकारी अपनी जिम्मेदारी से बच नहीं सकता। लापरवाही और जानबूझकर की गई गलती के लिए सख्त सजा मिलेगी। तहसीलदार हुजूर ने कहा, कलेक्टर ने आदेश दिए थे, 24 घंटे के भीतर चन्द्रकांता का सर्वे किया गया और नाम बीपीएल सूची में जोड़ दिया गया है। जल्द ही कार्ड जारी किया जाएगा।
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