शुक्रवार, 31 जनवरी 2014

कोलार में बिना परमीशन चल रहे धंधे

-आशीर्वाद टेंट और केटर्स इसके उदाहरण 
कोलार। 
कोलार को उपनगर बने काफी समय हो गया। बावजूद इसके यहां सडक़,पानी, बिजली की मूलभूत सुविधाओं से आमजन को रोज परेशानी उठानी पड़ती है। पिछले एक साल से नगर पालिका भंग होने के बावजूद यहां पर साफ सफाई और महत्वपूर्ण कार्यों पर विराम सा लग गया है। 
एक तरफ तो कोलार प्रशासन की कमान प्रभारी एसडीएम के हाथों में है। हाल ही में मुख्यमंत्री के दौरे के दौरान उनके आदेशों की अवहेलना के कारण प्रभारी एसडीएम और सीएमओ को हटा दिया गया। अभी नये प्रभारी एसडीएम और सीएमओ ने पदभार ग्रहण किया है। 
जारी व्यवसायिक गतिविधियां
कोलार नगर पालिका की कायर्शैली हमेशा से सुखिर्यों में रही है। चाहे मामला बिल्डिंग परमिशन का हो या अवैध निर्माण का। कोलार के राजहर्ष कालोनी में मां निमर्ला देवी मार्ग से संचालित आशीर्वाद टेंट और केटर्स की दुकान जरूर है। लेकिन वह समीप ही घर से टेंट का व्यवसाय कर रहा है। जबकि वह रहवासी इलाका है। इस बारे में टेंट के संचालक श्री यादव से कई बार कहा गया कि इन गतिविधियों को घर से संचालित न करें। लेकिन अपनी दबंगता के कारण उनके कानों पर जूं तक नही रेंगी। अब कालोनी के रहवासियों ने इस बारे में नगर पालिका सीएमओ और प्रभारी एसडीएम से शिकायत करने की ठान ली है।
नाबालिग कर रहे काम
आशीर्वाद टेंट में काम करने वाले सभी नाबिलग है । यही रोजाना लोडिंग गाड़ी को बेरोक टोक सडक़ों पर दौड़ाते हैं। इसके कारण अगर कोई हादसा होगा तो इसकी जिम्मेदारी कौन लेगा।
अशांति में बदला माहौल
कालोनीवासियों ने बताया कि घर से संचालित हो रही इस अवैध गतिविधियों के कारण कालोनी का माहौल अशांत हो गया है। रोजाना गालियों और टेंट के सामान की आवाज से रहवासियों को जीना दूभर हो गया है। 
यादव के लडक़े की दंबगता
श्री यादव के लडक़े देवेंद्र यादव अपनी गालियां देने की प्रवृत्ति रखता है। जब कालोनीवासियों ने उसे   ऐसा न करने को कहा तो उसने देख लेने की धमकी दी। अपनी दबंग प्रवृति के कारण उसका रोजाना रहवासियों से झगड़ा होता रहता है।
खाली प्लाट पर जमाया कब्जा
श्री यादव ने घर के सामने खाली पड़े प्लाट पर कब्जा जमा लिया है। प्लाट पर लोहे का सामना जमा करके रखा है। वहीं केटरिंग का खाना घर पर ही बनाया जाता है। घर के आंगन में रोजाना भट्टियों पर खाना बनाने का काम सुबह से शुरू होता है और रात तक चलता है। रहवासियों का कहना है सुबह उठते ही शुरू हुआ शोरगुल रात भर तक चलता है। 
यह तो सिर्फ एक उदाहरण मात्र ही है। आशीर्वाद टेंट और केटर्स की तरह ने जाने कितने एक संचालक है जो नगरपालिका से बिना परमिशन के अपना धंधा संचालित कर रहे हैं। अब देखना होगा कि नपा ऐसे अवैध धंधा संचालित करने वालों पर किस तरह की कारर्वाई करता है ताकि उन्हें बंद कर उनसे राजस्व की वसूली की जा सके।

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